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बीजेपी सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव पर रणनीति बनाने के लिए बैठक कर रही है. पार्टी के मुखिया नितिन गडकरी की अगुवाई में पार्टी के सभी ऑफिस बेयर्स् की बैठक बुलाई गई जिसमें राष्ट्रपति चुनाव पर माथापच्ची होगी.
पीए संगमा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर समर्थन के ऐलान के बाद बीजेपी के लिए संगमा के पक्ष में पार्टी और एनडीए के वोट को इकट्ठा रखना एक चुनौती बनी हुई है.
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उसके बाद पिछले साढ़े चार वर्षों में मोदी सरकार ने कई ऐसी पहलें की जिनकी जनता के बीच खूब चर्चा रही। स्वच्छता भारत अभियान भी ऐसी ही पहलों में से एक हैं। सरकार ने जागरुकता अभियान के तहत लोगों को सफाई के लिए प्रेरित करने की दिशा में कदम उठाए। देश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए भी अभियान के तहत प्रचार किया। साथ ही देश भर में शौचालयों का निर्माण भी कराया गया। सरकार ने देश में साफ सफाई के खर्च को बढ़ाने के लिए स्वच्छ भारत चुंगी (सेस) की भी शुरुआत की। स्वच्छ भारत मिशन का प्रतीक गांधी जी का चश्मा रखा गया और साथ में एक 'एक कदम स्वच्छता की ओर' टैग लाइन भी रखी गई। स्वच्छ भारत अभियान के सफल कार्यान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। इस अभियान का उद्देश्य पाँच वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है ताकि बापू की 150वीं जयन्ती को इस लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में मनाया जा सके। स्वच्छ भारत अभियान सफाई करने की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने मृदुला सिन्हा, सचिन तेंदुलकर, बाबा रामदेव, शशि थरूर, अनिल अम्बानी, कमल हसन, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा और तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम जैसी नौ नामचीन हस्तियों को आमंत्रित किया कि वे भी स्वच्छ भारत अभियान में अपना सहयोग प्रदान करें। लोगों से कहा गया कि वे सफाई अभियानों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें और अन्य नौ लोगों को भी अपने साथ जोड़ें ताकि यह एक शृंखला बन जाए। आम जनता को भी सोशल मीडिया पर हैश टैग #MyCleanIndia लिखकर अपने सहयोग को साझा करने के लिए कहा गया। एक कदम स्वच्छता की ओर : मोदी सरकार ने एक ऐसा रचनात्मक और सहयोगात्मक मंच प्रदान किया है जो राष्ट्रव्यापी आन्दोलन की सफलता सुनिश्चित करता है। यह मंच प्रौद्योगिकी के माध्यम से नागरिकों और संगठनों के अभियान संबंधी प्रयासों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। कोई भी व्यक्ति, सरकारी संस्था या निजी संगठन अभियान में भाग ले सकते हैं। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को उनके दैनिक कार्यों में से कुछ घण्टे निकालकर भारत में स्वच्छता सम्बन्धी कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है। स्वच्छता ही सेवा : प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 15 सितम्बर 2018 को 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान आरम्भ किया और जन-मानस को इससे जुड़ने का आग्रह किया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 150 जयन्ती वर्ष के औपचारिक शुरुआत से पहले 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले मोदी ने समाज के विभिन्न वर्गों के करीब 2,000 लोगों को पत्र लिख कर इस सफाई अभियान का हिस्सा बनने के लिए आमन्त्रित किया, ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। भारतीय सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने एवं उनका विस्तार करने के लिये मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार ने रक्षा पर खर्च को बढ़ा दिया है। सन 2015 में रक्षा बजट 11% बढ़ा दिया गया। सितम्बर 2015 में उनकी सरकार ने समान रैंक समान पेंशन (वन रैंक वन पेन्शन) की बहुत लम्बे समय से की जा रही माँग को स्वीकार कर लिया।
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आक्रामक बल्लेबाज रोस टेलर को न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का नया कप्तान नियुक्त किया गया है। वह डेनियल विटोरी की जगह कप्तानी की जिम्मेदारी संभालेंगे जिन्होंने इस साल विश्व कप के बाद यह पद छोड़ दिया था। टेलर को विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेंडन मैककुलम पर तहजीह देते हुए कप्तान का पद सौंपा गया। न्यूजीलैंड के क्रिकेट मामलों के निदेशक जॉन बुकानन, राष्ट्रीय कोच जॉन राइट और कार्यवाहक राष्ट्रीय चयन प्रबंधक मार्क ग्रेटबैच ने टेलर को कप्तान बनाने की सिफारिश की जिसे न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने मंजूरी दे दी। मुख्य कार्यकारी जस्टिन वॉन ने कहा कि टेलर ने उपकप्तान के रूप में विटोरी का अच्छा साथ निभाया है और उनमें नेतृत्व की क्षमता है। सत्ताइस वर्षीय टेलर का 30 टेस्ट में 40 और 107 वनडे मैच में 36.8 का औसत है। टेलर ने कहा, विटोरी के नेतृत्व में मैंने काफी कुछ सीखा है और न्यूजीलैंड के इस सबसे सम्मानजनक पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए मैं तैयार हूं। गौरतलब है कि आलराउंडर विटोरी ने विश्व कप से पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह इस खेल महाकुंभ के बाद टेस्ट की कप्तानी से संन्यास लेंगे और वनडे तथा ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
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संपत्ति के स्वामी की मृत्यु के उपरांत, उसके द्वारा किसी दानपत्र (हिब्बा) या वसीयतनामा न संपादित करने की स्थिति में, उसकी संतान या संबंधी द्वारा स्वामित्व अधिकार प्राप्त कर स्थानापन्न होना ही उत्तराधिकार है। आंग्ल भाषा में इसे "सेक्सेशन" (Succession) कहते हैं जिसके समकक्ष अंग्रेजी शब्द "इन्हेरिटेन्स' (Inheritance) (जन्म ग्रहण करने के साथ-साथ पैतृक संपत्ति पर उत्तराधिकार प्राप्त करना) इसी उत्तराधिकार शब्द का पर्यायवाची शब्द है।
परिचय
अतीत काल से भारत में हिंदू एवं मुसलमान आदि धर्मावलंबियों का उत्तराधिकार नियम व कानून इन धर्मों का अपनी विशेष व्यवस्था से शासित होता रहा। ब्रिटिश शासन ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम सन् १८६५ ई. एवं आज लागू वही अधिनियम सन् १९२५ ई. में पारित करके संपूर्ण भारत में, कुछ विशेष आवश्यक एवं प्रमुख मुद्दों पर सभी धर्मावलंबियों, जैसे हिंदू, मुसलमान, ईसाई आदि को एक समान एवं सरल कानून से शासित कर दिया जिसके अंतर्गत वसीयतनामा, उत्तराधिकार सर्टिफिकेट, शासनपत्र आदि अन्यान्य व्यवस्थाओ का विशद प्रावधान है। परंतु इस अधिनियम के बाहर के सभी उत्तराधिकार संबंधी प्रश्न हर धर्म की अपनी-अपनी व्यवस्था से शासित होते रहे हैं।
वेद, शास्त्र पर आधारित हिंदू कानून में संयुक्त अविभक्त हिंदू परिवार की मूर्तिमान् व्यवस्था, जो संपत्ति स्वामित्व के साथ-साथ भोजन एवं पूजा पाठ को भी संयुक्त एवं अविभक्त रूप में स्वीकार करती है, हिंदू कानून का अविचल सोपान है जिसकी समयांतर पर जीमूतवाहन ने मात्र बंगाल के लिए दायभाग नियम एवं विज्ञानेश्वर ने शेष भारत के लिए मिताक्षरा नियमों में वर्गीकृत कर दिया। अटल रूढ़ियों से व्याप्त इस संयुक्त अविभक्त हिंदू परिवार के दुरूह नियमों को सन् १९३७ ई. के हिंदू-नारी-संपत्ति-अधिकार अधिनियम ने जड़ से हिला दिया एवं हिंदू नारी को उसके पति की मृत्यु के बाद स्वामित्व अधिकार पर स्थानापन्न कर दिया। परिणामस्वरूप जागरूकता की धारा प्रवाहित हुई एवं समीचीन हिंदू कोड की माँग की। इसी से प्रेरित राव-कमेटी ने सन् १९४४ ई. में हिंदू कोड का बृहद् मसविदा भारत सरकार को समर्पित किया। इसी मसविदे से भारतीय संसद् ने कई चरणों एवं भागों में कई अधिनियम पारित किए। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (२५, सन् १९५६ ई.) ने संपूर्ण भारत में अन्यान्य हिंदू जाति को एक समान एवं सरल प्रावधान द्वारा उत्तराधिकर का पूर्ण कानून प्रदान किया है। यह अधिनियम दिनांक १७ जून सन् १९५६ से लागू होकर कई महत्वपूर्ण एवं आधुनिकतम प्रावधान सशक्त रूप से सामने रखता है। अब समानता एवं एकरूपता की धारा उत्तराधिकार में प्रवाहित है। पैतृक या स्वगृहीत संपत्ति में लड़का, लड़की, विधवा तथा माँ का अधिकार एवं भाग समान हो गया है। स्त्री के संपत्ति संबंधी सीमित अधिकार को पूर्ण एवं असीमित रूप प्रदान कर दिया गया है।
परंतु कृषि योग्य भूमि की बाबत हर प्रदेश में अलग-अलग भूमिसुधार एवं काश्तकारी अधिनियम संपूर्ण भारत में लागू हैं जिनमें कृषि योग्य भूमि आदि के उत्तराधिकार का विशेष प्रावधान प्रदत्त है। परिणामस्वरूप कृषि योग्य भूमि इन प्रदेशीय भूमि सुधार एवं काश्तकारी अधिनियमों में प्रदत्त उत्तराधिकार प्रावधानों से ही शासित होती है। इस विषय में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, १९५६, लागू नहीं होता है। कृषि योग्य भूमि संबंधी इन अधिनियमों में धर्म, जाति या वर्ग का कोई स्थान न होकर हर भारतीय नागरिक का समान उत्तराधिकार प्रावधान प्रदत्त है।
इन्हें भी देखें
इच्छापत्र (वसीयत)
हिंदू उत्तराधिकार , 1956
बाहरी कड़ियाँ
जानिए उत्तराधिकार और वसीयत के कानून (नया इण्डिया)
विधि
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बॉलीवुड के मशहूर एक्टर धर्मेंद्र पूरी तरह स्वस्थ हैं. कंधे में दर्द एवं कमजोरी के चलते वो अपना एमआरआई कराने ब्रीच कैंडी अस्पताल गए थे. धर्मेंद्र अब ठीक हैं और वह अपनी एक फिल्म की डबिंग कर रहे हैं. यह जानकारी गुरुवार को धर्मेंद्र के ऑफिस से दी गई.
सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों पहले
धर्मेंद्र
फिल्म 'सेकंडहैंड हस्बैंड' की शूटिंग कर रहे थे जिसके दौरान उनके कंधे में चोट लग गई थी. इसके बाद वह कंधे में दर्द महसूस कर रहे थे और इससे वह परेशान भी थे. डॉक्टर की सलाह पर वह बुधवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल गए थे और वहां उन्होंने एमआरआई करवाया. पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि धर्मेंद्र अब ठीक हैं.
79 वर्षीय धर्मेंद्र 14वीं लोकसभा में
बीकानेर से सांसद
भी रहे थे और वर्ष 2012 में उन्हें प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा गया था.
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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आम लोगों के लिए राजभवन के द्वार खोलने का निर्णय लिया है. अब आम नागरिक अपने परिवार के साथ राजभवन का भ्रमण कर सकते हैं. सप्ताह में 2 दिन मंगलवार और गुरुवार शाम 4 से 6 बजे तक राजभवन आम जनता के लिए खुला रहेगा. स्कूल मैनेजमेंट स्टूडेंट्स के साथ पहले सूचना देकर सोमवार से शनिवार सुबह 9 से शाम 5 बजे तक राजभवन देखने आ सकते हैं. भ्रमण पर आने वाले लोगों के लिए अपना फोटोयुक्त पहचान पत्र लाना जरूरी होगा.
बता दें कि मध्य प्रदेश की पूर्व गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद का कार्यभार संभाल लिया है. पूर्व राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. नवनियुक्त राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को लखनऊ के राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने शपथ दिलाई.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 20 जुलाई को बड़ा फेरबदल करते हुए आनंदीबेन पटेल को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त दिया था. यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, बिहार और नगालैंड में भी नए राज्यपाल की नियुक्ति की गई थी. मध्य प्रदेश में आनंदीबेन पटेल की जगह लाल जी टंडन को गवर्नर बनाया गया है जो इससे पहले बिहार के राज्यपाल थे.
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यह एक लेख है: राष्ट्रपति चुनाव पर बढ़ते सियासी पारे के बीच विपक्षी दलों की इस मसले पर बुधवार को बैठक होने जा रही है. सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने पहले ही तय किया है कि इस मसले पर छोटी कोर समिति बनाए जाए जो सर्वसम्मत उम्मीदवार को खोजने की दिशा में आगे बढ़े. इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी तीन सदस्यीय मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया है. इसका एजेंडा भी विभिन्न दलों के साथ संपर्क कर सर्वसम्मत उम्मीदवार की तलाश और उस पर सहमति बनाना ही है.टिप्पणियां
यहीं से बड़ा सवाल यह उठता है कि संख्याबल के लिहाज से बीजेपी के पास अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनने का पहली दफा मौका है. सूत्रों के मुताबिक संघ और बीजेपी के भीतर यह आवाज भी उठ रही है कि इस मौके का लाभ उठाते हुए पार्टी की विचारधारा से जुड़े किसी शख्स को ही प्रत्याशी उतारा जाना चाहिए? इसी बात से दूसरा सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसे किसी प्रत्याशी के नाम पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष सहमत होगा?
यह भी सही है कि कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष के पास संख्याबल का अपेक्षित आंकड़ा नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या इस खेमे के तरफ से पेश किसी उम्मीदवार पर सत्तारूढ़ खेमा राजी होगा? इन परिस्थितियों में भले ही भले ही सत्तापढ़ और विपक्ष सर्वसम्मत उम्मीदवार का राग अलापते रहें लेकिन किसी भी तरफ से पेश किसी नाम पर आम सहमति बन पाना मुश्किल प्रतीत होता है. इतिहास भी गवाह है कि अब तक के 13 राष्ट्रपति चुनावों में केवल एक बार ऐसी आम सहमति बनी है. इसी आधार पर 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे.
यहीं से बड़ा सवाल यह उठता है कि संख्याबल के लिहाज से बीजेपी के पास अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनने का पहली दफा मौका है. सूत्रों के मुताबिक संघ और बीजेपी के भीतर यह आवाज भी उठ रही है कि इस मौके का लाभ उठाते हुए पार्टी की विचारधारा से जुड़े किसी शख्स को ही प्रत्याशी उतारा जाना चाहिए? इसी बात से दूसरा सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसे किसी प्रत्याशी के नाम पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष सहमत होगा?
यह भी सही है कि कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष के पास संख्याबल का अपेक्षित आंकड़ा नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या इस खेमे के तरफ से पेश किसी उम्मीदवार पर सत्तारूढ़ खेमा राजी होगा? इन परिस्थितियों में भले ही भले ही सत्तापढ़ और विपक्ष सर्वसम्मत उम्मीदवार का राग अलापते रहें लेकिन किसी भी तरफ से पेश किसी नाम पर आम सहमति बन पाना मुश्किल प्रतीत होता है. इतिहास भी गवाह है कि अब तक के 13 राष्ट्रपति चुनावों में केवल एक बार ऐसी आम सहमति बनी है. इसी आधार पर 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे.
यह भी सही है कि कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष के पास संख्याबल का अपेक्षित आंकड़ा नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि क्या इस खेमे के तरफ से पेश किसी उम्मीदवार पर सत्तारूढ़ खेमा राजी होगा? इन परिस्थितियों में भले ही भले ही सत्तापढ़ और विपक्ष सर्वसम्मत उम्मीदवार का राग अलापते रहें लेकिन किसी भी तरफ से पेश किसी नाम पर आम सहमति बन पाना मुश्किल प्रतीत होता है. इतिहास भी गवाह है कि अब तक के 13 राष्ट्रपति चुनावों में केवल एक बार ऐसी आम सहमति बनी है. इसी आधार पर 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे.
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कॉमेडियन सिद्धार्थ सागर पिछले 4 महीनों से लापता हैं. उनकी एक दोस्त ने अपने फेसबुक पर यह बात बताई थी. हालांकि अब सिद्धार्थ खुद सामने आए हैं. उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वो कह रहे हैं कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है और वो दो दिनों में मीडिया के सामने आकर सब बातें बताएंगे.
उन्होंने वीडियो में कहा- मुझे मीडिया से बहुत सारे कॉल आए हैं. मेरे दोस्त भी कॉल कर रहे हैं यह जानने के लिए मैं कहां हूं, कैसा हूं. मैं अभी बहुत परेशानी से गुजरा हूं. मेरी फैमिली के खिलाफ मैंने एनसी की थी. जिसके बाद उन्होंने मेरे लिए बहुत सी प्रॉबल्म्स क्रिएट की थी. मुझे मानसिक प्रताड़ना हुई है. मैं अभी परेशानी से निकला हूं. अभी मैं जिस जगह पर हूं, वहां लोगों ने मेरी बहुत मदद की है. मैं मीडिया के सामने दो-तीन दिन में आऊंगा और बताऊंगा कि मेरे साथ क्या हुआ है. आप लोगों की चिंता देखते हुए मैंने ये वीडियो बनाने का फैसला लिया.
द कपिल शर्मा शो का ये कॉमेडियन 4 महीने से लापता, दोस्त ने FB पर मांगी मदद
right now im in safe hands ...will update you guys in 2-3days
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Sidharth Sagar
(@sidharthsagar.official) on
Mar 29, 2018 at 3:10pm PDT
'द कपिल शर्मा शो' में नजर आ चुके कॉमेडियन सिद्धार्थ सागर का पिछले 4 महीनों से कुछ पता नहीं चल रहा था. सिद्धार्थ के बारे में कोई जानकारी न मिलता देख उनकी दोस्त सोमी सक्सेना ने अपने फेसबुक पेज पर उनके मिसिंग होने की जानकारी दी. उन्होंने लिखा- आप लोगों को याद है सिद्धार्थ सागर उर्फ सेल्फी मौसी उर्फ नसीर. ये शख्स पिछले 4 महीनों से लापता है. ये अंतिम बार 18 नवंबर 2017 को दिखा था. कोई नहीं जानता वो कहां हैं. वो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं. प्लीज उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश करिए. इस खबर को जितना हो सके, उतना फैलाइए.
हालांकि सोमी ने बाद में ये पोस्ट डिलीट कर दिया था.
नहीं बदले कपिल शर्मा! टाइगर के बाद रानी मुखर्जी का शूट किया कैंसिल
SpotboyE से बात करते हुए सोमी ने कहा- मैं सिद्धार्थ के पेरेंट्स पर दवाब बनाना चाहती थी. मैं चाहती थी कि सिद्धार्थ की मम्मी एक बार मेरी उससे बात करवा दे. इसलिए मैंने फेसबुक का सहारा लिया, लेकिन पिछली रात सिद्धार्थ ने मुझसे बात की. उसने कहा कि वो ठीक है और दो दिन में मुझसे मिलेगा. इसके बाद मैंने वो पोस्ट डिलीट कर दिया.
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सिलचर-तिरुवनंतपुम सुपरफास्ट एक्सप्रेस की तीन बोगियों में रविवार सुबह आग लग गई. यह ट्रेन सिलचर से प्रस्थान करने वाली थी और उससे पहले पिट लाइन (जहां कोच की सफाई होती है) पर खड़ी थी. आग लगने के बाद ट्रेन से धुएं का गुबार उठता देखा गया जिससे आसपास के यात्रियों में दहशत फैल गई. इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
चश्मदीद लोगों के मुताबिक पहले एक बोगी से आग की लपटें उठती देखी गई लेकिन बाद में इसने कई बोगियों को चपेट में ले लिया. आग की लपट काफी ऊंची थी जिसे देखकर यात्री इधर उधर भागते देखे गए. आग लगने का कारण क्या है, इसके बारे में स्टेशन प्रशासन ने शुरू में कुछ भी बताने से इनकार किया है.
इस घटना के तुरंत बाद सिलचर फायर सर्विस और राज्य आपदा नियंत्रयण बल (एसडीआरएफ) का दस्ता घटनास्थल पर पहुंच गया और आग पर काबू पाने की कोशिश जारी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आगू बूझने के बाद ही मामले की विस्तृत जांच शुरू हो पाएगी. अब तक इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
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वायुसेना प्रमुख अरुप राहा ने शनिवार को कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे के समय जिस तरह से लद्दाख में चीन की घुसपैठ हुई, वह ‘रहस्य’ है. राहा ने कहा कि भारतीय सुरक्षा बल सीमा पर डटे हुए हैं और जमीन का कोई टुकड़ा नहीं छोड़ने वाले हैं.
8 अक्तूबर को भारतीय वायुसेना की 82वीं वषर्गांठ से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘जिस तरीके से विभिन्न दौरों के समय घुसपैठ होती है, वह हमेशा से रहस्य रहा है. इसमें कुछ भी नया नहीं है, लेकिन यह हम सब के लिए रहस्य बना हुआ है.’ उन्होंने कहा, ‘आप सभी जानते हैं कि कूटनीति में काफी कुछ सांकेतिक होता है, खासकर हमारे उत्तरी पड़ोसी के साथ. यह मेरे दिमाग में किसी संकेत का हिस्सा हो सकता है, लेकिन मैं इस पर कोई कयास लगाने नहीं जा रहा हूं कि वास्तव में इसका मतलब क्या है.’
बहरहाल उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ‘जमीन का कोई टुकड़ा नहीं छोड़ने वाला है.’ राहा ने भारत और चीन की सेना के बार-बार आमने-सामने होने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास दोनों देशों की वास्तविक स्थिति को लेकर अलग-अलग विचार होने को जिम्मेदार बताया.
उन्होंने कहा, ‘एलएसी कहां है इसे लेकर अलग-अलग विचार हैं. इस कारण सेनाएं आमने-सामने आ जाती हैं. बहरहाल हमारे सुरक्षा बल नीतियों का अनुपालन कर रहे हैं. हम किसी को भी जमीन नहीं दे रहे हैं.’ चीन के साथ लगती सीमा के पास सैन्य ढांचों के निर्माण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए राहा ने कहा कि लद्दाख के न्योमा में लड़ाकू विमानों का बेस बनाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि परियोजना को पूरा होने में पांच वर्ष लगेंगे.
उन्होंने कहा कि कारगिल में एक अन्य बेस बनेगा और इसके लिए जल्द ही धनराशि जारी की जाएगी. राहा ने कहा, ‘ये बेस रणनीतिक रूप से हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और हमारी क्षमताओं में बढ़ोतरी करेंगे.’ उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर में 6 और वायु सेना अड्डों का अपग्रेडेशन किया जा रहा है और यह काम 2015 के अंत तक पूरा हो जाएगा.
राहा ने कहा कि इससे वायुसेना वहां से सुरक्षा बलों की तुरंत आवाजाही के लिए फिक्सड विंग विमानों का संचालन कर सकेगी.
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यह लेख है: एयर इंडिया (एआई) के कर्मचारियों ने विनिवेश के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सोशल मीडिया को हथियार बनाया है. विनिवेश से नौकरी जाने के संभावित खतरों को भांपते हुए एआई के 11 कर्मचारी संगठन ट्विटर, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर सरकार की हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. ये कर्मचारी संगठन 10,000 से अधिक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर 'सेव एयर इंडिया' नारे के साथ संदेश और तस्वीरें पोस्ट की जा रही हैं. यही नहीं विनिवेश के खिलाफ आवाज उठाने के लिए व्हाट्सएप संदेशों के जरिए भी लोगों से आग्रह किया जा रहा है.
एयर इंडिया को फिर से खड़ा करने के लिए सरकार ने इसकी 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है और प्रबंधन अधिकार निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है. इसके बाद से एयर इंडिया प्रबंधन और कर्मचारी संगठन कर्मचारियों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.टिप्पणियां
इसके चलते 11 एयर इंडिया कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच ने हिस्सेदारी बिक्री प्रस्ताव को लेकर अपनी चिंता को बड़े पैमाने पर जनता, नीति निर्माताओं और चुने गए प्रतिनिधियों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
मंच के एक सदस्य ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के परंपरागत तरीकों के अलावा अधिक से अधिक कर्मचारियों तक पहुंचने और उनका समर्थन हासिल करने के लिए ट्विटर , यूट्यूब , फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग करना शुरू कर दिया गया है. कर्मचारियों को ब्लॉग लिखने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
एयर इंडिया को फिर से खड़ा करने के लिए सरकार ने इसकी 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है और प्रबंधन अधिकार निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है. इसके बाद से एयर इंडिया प्रबंधन और कर्मचारी संगठन कर्मचारियों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.टिप्पणियां
इसके चलते 11 एयर इंडिया कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच ने हिस्सेदारी बिक्री प्रस्ताव को लेकर अपनी चिंता को बड़े पैमाने पर जनता, नीति निर्माताओं और चुने गए प्रतिनिधियों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
मंच के एक सदस्य ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के परंपरागत तरीकों के अलावा अधिक से अधिक कर्मचारियों तक पहुंचने और उनका समर्थन हासिल करने के लिए ट्विटर , यूट्यूब , फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग करना शुरू कर दिया गया है. कर्मचारियों को ब्लॉग लिखने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
इसके चलते 11 एयर इंडिया कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मंच ने हिस्सेदारी बिक्री प्रस्ताव को लेकर अपनी चिंता को बड़े पैमाने पर जनता, नीति निर्माताओं और चुने गए प्रतिनिधियों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
मंच के एक सदस्य ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के परंपरागत तरीकों के अलावा अधिक से अधिक कर्मचारियों तक पहुंचने और उनका समर्थन हासिल करने के लिए ट्विटर , यूट्यूब , फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग करना शुरू कर दिया गया है. कर्मचारियों को ब्लॉग लिखने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
मंच के एक सदस्य ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के परंपरागत तरीकों के अलावा अधिक से अधिक कर्मचारियों तक पहुंचने और उनका समर्थन हासिल करने के लिए ट्विटर , यूट्यूब , फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग करना शुरू कर दिया गया है. कर्मचारियों को ब्लॉग लिखने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
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पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने से उपजे तनाव के बीच भारत ने अगले हफ्ते पाकिस्तान के साथ होने वाली समुद्री सुरक्षा वार्ता को रद्द कर दिया है. पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली के दौरे पर 16-19 अप्रैल के बीच मछुआरे, खोज और बचाव अभियान से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आने वाला था.टिप्पणियां
तटरक्षक बल के सूत्र ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने प्रतिनिधिमंडल के दौरे को मंजूरी नहीं दी. भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत की ओर से मौत की सजा सुनाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के बाद यह नया घटनाक्रम है. भारत यह बात पहले कह चुका है कि अगर जाधव को फांसी की सजा दी जाती है तो वह इसे पूर्वनियोजित हत्या के रूप में देखेगा.
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है जिसके बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है. भारत में अब यह मुद्दा संसद से लेकर सड़कों तक गूंज रहा है. यहां तक कि जाधव से भारतीय उच्चायोग के संपर्क को लेकर भारत के 14वें प्रयास को भी पाकिस्तान ने शुक्रवार को खारिज कर दिया था. वहीं, पाकिस्तान के विदेश नीति प्रमुख सरताज अजीज ने कहा कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान के अहम प्रतिष्ठानों पर आईईडी हमला और शियाओं पर हमले सहित सात आरोप लगाए गए.
तटरक्षक बल के सूत्र ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने प्रतिनिधिमंडल के दौरे को मंजूरी नहीं दी. भारत के पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत की ओर से मौत की सजा सुनाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के बाद यह नया घटनाक्रम है. भारत यह बात पहले कह चुका है कि अगर जाधव को फांसी की सजा दी जाती है तो वह इसे पूर्वनियोजित हत्या के रूप में देखेगा.
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है जिसके बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है. भारत में अब यह मुद्दा संसद से लेकर सड़कों तक गूंज रहा है. यहां तक कि जाधव से भारतीय उच्चायोग के संपर्क को लेकर भारत के 14वें प्रयास को भी पाकिस्तान ने शुक्रवार को खारिज कर दिया था. वहीं, पाकिस्तान के विदेश नीति प्रमुख सरताज अजीज ने कहा कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान के अहम प्रतिष्ठानों पर आईईडी हमला और शियाओं पर हमले सहित सात आरोप लगाए गए.
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है जिसके बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है. भारत में अब यह मुद्दा संसद से लेकर सड़कों तक गूंज रहा है. यहां तक कि जाधव से भारतीय उच्चायोग के संपर्क को लेकर भारत के 14वें प्रयास को भी पाकिस्तान ने शुक्रवार को खारिज कर दिया था. वहीं, पाकिस्तान के विदेश नीति प्रमुख सरताज अजीज ने कहा कि कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान के अहम प्रतिष्ठानों पर आईईडी हमला और शियाओं पर हमले सहित सात आरोप लगाए गए.
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लेख: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इन आरोपों को खारिज किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बिहार में खरीद-फरोख्त को 'बढ़ावा' दे रही है और कहा कि जेडीयू नेता नीतीश कुमार तथा आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव दल-बदल कराने के 'उस्ताद' हैं।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को उनके पद से हटाने करने के लिए 'नाटक कर रहे हैं'। संकट में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है।
गिरिराज ने संवाददताओं से कहा, नीतीश और लालू दूसरे दलों से दल-बदल कराने की कला में उस्ताद हैं। इस मामले में उनका मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। कुमार ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार में खरीद फरोख्त को 'बढ़ावा देने' का आरोप लगाया था और यह भी आरोप लगाया था कि केंद्र मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए लंबा समय देने की खातिर राज्यपाल पर दबाव बना रहा है, ताकि विधायकों को लुभाया जा सके।
गिरिराज ने कहा, क्योंकि नीतीश खुद सत्ता के इच्छुक हैं और इसके बिना लंबे समय तक नहीं रह सकते, इसलिए वह मांझी को अपदस्थ करने के लिए नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश ने राज्य का नेतृत्व करने के लिए ‘महादलित’ को लाने का नाटक कर मांझी को खुद बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था।
उन्होंने दावा किया, बिहार के लोग नीतीश कुमार और लालू प्रसाद का खेल समझते हैं तथा अगले विधानसभा चुनाव में निश्चित तौर पर उन्हें सबक सिखाएंगे।
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रेल मंत्री द्वारा ट्विटर के जरिये रेल यात्रियों को मदद पहुंचाने की खबरें लगातार चर्चा में हैं. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यात्रियों की कई समस्याओं को ट्वीट से हल किया है. चलती ट्रेन में बच्ची को दूध पहुंचाने का मामला हो, बुजुर्ग के लिए इलाज का इंतजाम या मनचलों की हरकतों पर लगाम लगाना. एक ट्वीट पर मदद पहुंच जाती है.
ऐसा ही एक मामला सोमवार को जबलपुर से मुंबई के लिए रवाना गरीब रथ में सामने आया. नरसिंहपुर के पास जी-7 कोच की 22 नंबर बर्थ पर यात्री रतन कुमार शराब पी रहा था. एक यात्री ने इसकी शिकायत तत्काल रेल मंत्री के
ट्विटर एकाउंट
पर कर दी. शिकायत करने के बाद एक्शन लेने में 30 मिनट से भी कम का समय लगा और उसे ट्रेन से उतार दिया.
जानकारी मुताबिक पैसेंजर ने 8.40 पर शिकायत को लेकर ट्वीट किया.
रेलवे
बोर्ड से जबलपुर मंडल के कंट्रोल रूम पर खबर पहुंचते ही इसकी जानकारी ट्रेन में घूम रही आरपीएफ को मिली. रात तकरीबन 9.10 पर आरपीएफ स्क्वॉड शराबी यात्री के पास जा पहुंची. स्क्वॉड जब यात्री के पास पहुंची तो वो शराब पी रहा था. जवानों से उसे हिदायत दी, लेकिन जब वो नहीं माना तो आरपीएफ ने उसे ट्रेन से उतार पिपरिया आरपीएफ थाने के हवाले कर दिया.
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हम सबको पता है कि अंडे प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है. अंडे के सफेद हिस्से में प्रोटीन और एलबुमिन की प्रचुर मात्रा होती है जिससे स्किन टोनिंग होती है. इन गुणों की वजह से झुर्रियों से मुक्त त्वचा भी मिलती है. सूरज की रोशनी, प्रदूषण, स्मोकिंग, एल्कोहल, मोटापा, खानपान की आदतें, कैमिकल भरे स्किन प्रोडक्ट, डिहाइड्रेशन की वजह से त्वचा का इलैसटिन और कोलेजन नष्ट हो जाता है. इससे त्वचा पर पिंपल्स, झुर्रियां और उम्र के निशान नजर आने लगते हैं. एग व्हाइट फेस मास्क से स्किन टाइट होती है और यह त्वचा का सारा तेल सोख लेता है. यही नहीं, इसमें पाए जाने वाले विटामिन्स और मिनरल्स त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं. घर में बने इस मास्क के इस्तेमाल से आपको स्मूथ और चमकती हुई त्वचा मिलेगी.
स्किन टाइटनिंग-
एग व्हाइट्स में ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा के पोरों को छोटा कर स्किन टाइट बनाने में मदद करते हैं. आप एग व्हाइट मास्क बनाकर उसमें नींबू में डाल सकती हैं. इसे अपने चेहरे पर लगाएं. कुछ मिनट तक इंतजार करें. इसके बाद गुनगुने पानी से धुल लें. आप सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल कर सकती हैं.
ऑयली स्किन के लिए शानदार-
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महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर. आर. पाटील ने बुधवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ बहुत से अपराध उनके अपने ही घरों में होते हैं और हर घर पर पुलिस की तैनाती के बाद भी रेप जैसी वारदात को रोकना संभव नहीं है. इस बयान पर विपक्ष ने पाटील की कड़ी आलोचना की है.
विधानसभा में बुधवार को महिलाओं के खिलाफ अपराध और दलितों पर अत्याचार पर चली चर्चा का उत्तर देते हुए पाटील ने कहा, 'महिलाओं के खिलाफ कई अपराध तो उनके अपने ही घरों में होते हैं. क्या हर घर पर पुलिस को तैनात करना संभव है?'
अपनी बात को साबित करने के लिए पाटील ने कुछ आंकड़े पेश किए. उन्होंने कहा कि 42 प्रतिशत रेप पीड़िता से परिचितों द्वारा किए जाते हैं, 6.34 प्रतिशत तो भाई या पिता जैसे रिश्तेदारों द्वारा, 6.65 निकटवर्ती रिश्तेदारों और 40 प्रतिशत शादी का झांसा देकर रेप करते हैं.
उन्होंने कहा कि रेप जैसे गंभीर अपराध समाज में 'नैतिक मूल्यों में गिरावट' के कारण हो रहे हैं, फिर भी अन्य राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में ऐसी घटनाएं कम होती हैं.
पाटील के पेश नजरिए से असहमति जताते हुए विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सदस्य और नेता प्रतिपक्ष विनोद तावड़े ने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने में पूरी तरह विफल रहने के लिए लताड़ा.
तावड़े ने कहा, 'हर घर के आगे पुलिस तैनात करने की कहां जरूरत है. गृह मंत्री को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि एक पुलिसकर्मी 10,000 लोगों को संभालने में सक्षम हो. राज्य पुलिस के पास किसी समय ऐसी क्षमता थी, लेकिन मौजूदा मंत्री के सत्ता में आने के समय से यह नहीं है.'
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: भारतीय गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने प्लेऑफ में इटली के फ्रांसेस्को मोलिनारी को हराकर स्काटिश ओपन खिताब जीतने के साथ ही अगले हफ्ते रॉयल लेथाम और सेंट एन्स में होने वाले ब्रिटिश ओपन में जगह बना ली है।
जीव ने रविवार को बिना बोगी के पांच अंडर-67 का कार्ड बनाया और वह संयुक्त रूप से बढ़त में शामिल हो गये जिससे उन्हें मोलिनारी के साथ प्ले ऑफ खेलना पड़ा।
उन्होंने खिताब जीतने के बाद कहा, यह शानदार जीत है। मैंने प्ले आफ जानने के लिये एक घंटे से ज्यादा का इंतजार किया। मार्क वारेन और मोलिनारी अच्छा खेल रहे थे। मुझे खुशी है कि मैं खिताब जीतने में सफल रहा। इस यूरोपीय टूर्नामेंट में जीव की चौथी जीत है। इससे पहले उन्होंने 2006 में वोल्वो चाइना, 2006 में वोल्वो मास्टर्स आफ यूरोप और 2008 में आस्टियन ओपन जीता था।टिप्पणियां
पहले प्ले ऑफ होल में जीव ने 15 फीट से बर्डी लगायी जबकि इटली के मोलिनारी 25 फीट से इसे चूक गए।जिससे इस भारतीय ने 2008 के बाद से अपनी पहली जीत दर्ज की और इसके साथ ही ब्रिटिश ओपन में भी जगह बनाने में सफल रहे।
अन्य भारतीयों में एसएसपी चौरसिया 72 के कार्ड से संयुक्त 11वें स्थान पर रहे और 2010 में अवंता मास्टर्स में जीत के बाद यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
जीव ने रविवार को बिना बोगी के पांच अंडर-67 का कार्ड बनाया और वह संयुक्त रूप से बढ़त में शामिल हो गये जिससे उन्हें मोलिनारी के साथ प्ले ऑफ खेलना पड़ा।
उन्होंने खिताब जीतने के बाद कहा, यह शानदार जीत है। मैंने प्ले आफ जानने के लिये एक घंटे से ज्यादा का इंतजार किया। मार्क वारेन और मोलिनारी अच्छा खेल रहे थे। मुझे खुशी है कि मैं खिताब जीतने में सफल रहा। इस यूरोपीय टूर्नामेंट में जीव की चौथी जीत है। इससे पहले उन्होंने 2006 में वोल्वो चाइना, 2006 में वोल्वो मास्टर्स आफ यूरोप और 2008 में आस्टियन ओपन जीता था।टिप्पणियां
पहले प्ले ऑफ होल में जीव ने 15 फीट से बर्डी लगायी जबकि इटली के मोलिनारी 25 फीट से इसे चूक गए।जिससे इस भारतीय ने 2008 के बाद से अपनी पहली जीत दर्ज की और इसके साथ ही ब्रिटिश ओपन में भी जगह बनाने में सफल रहे।
अन्य भारतीयों में एसएसपी चौरसिया 72 के कार्ड से संयुक्त 11वें स्थान पर रहे और 2010 में अवंता मास्टर्स में जीत के बाद यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
उन्होंने खिताब जीतने के बाद कहा, यह शानदार जीत है। मैंने प्ले आफ जानने के लिये एक घंटे से ज्यादा का इंतजार किया। मार्क वारेन और मोलिनारी अच्छा खेल रहे थे। मुझे खुशी है कि मैं खिताब जीतने में सफल रहा। इस यूरोपीय टूर्नामेंट में जीव की चौथी जीत है। इससे पहले उन्होंने 2006 में वोल्वो चाइना, 2006 में वोल्वो मास्टर्स आफ यूरोप और 2008 में आस्टियन ओपन जीता था।टिप्पणियां
पहले प्ले ऑफ होल में जीव ने 15 फीट से बर्डी लगायी जबकि इटली के मोलिनारी 25 फीट से इसे चूक गए।जिससे इस भारतीय ने 2008 के बाद से अपनी पहली जीत दर्ज की और इसके साथ ही ब्रिटिश ओपन में भी जगह बनाने में सफल रहे।
अन्य भारतीयों में एसएसपी चौरसिया 72 के कार्ड से संयुक्त 11वें स्थान पर रहे और 2010 में अवंता मास्टर्स में जीत के बाद यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
पहले प्ले ऑफ होल में जीव ने 15 फीट से बर्डी लगायी जबकि इटली के मोलिनारी 25 फीट से इसे चूक गए।जिससे इस भारतीय ने 2008 के बाद से अपनी पहली जीत दर्ज की और इसके साथ ही ब्रिटिश ओपन में भी जगह बनाने में सफल रहे।
अन्य भारतीयों में एसएसपी चौरसिया 72 के कार्ड से संयुक्त 11वें स्थान पर रहे और 2010 में अवंता मास्टर्स में जीत के बाद यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
अन्य भारतीयों में एसएसपी चौरसिया 72 के कार्ड से संयुक्त 11वें स्थान पर रहे और 2010 में अवंता मास्टर्स में जीत के बाद यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
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लग्जरी बजट टास्क खत्म होने के बाद, बिग बॉस घर के सदस्यों से बेस्ट परफॉर्मर चुनने के लिए कहते हैं. उन्हें गौहर और संग्राम के बीच में से चुनना होता है, जिन्होंने बॉक्स में लगभग 12 घंटे गुजारे होते हैं. कप्तान और टीम की सहमति के बाद,
गौहर को विजेता घोषित किया जाता है
. शाम को घोषणा की जाती है कि उन्हें इस जीत का ईनाम जल्द मिलेगा.
गौहर
से बोनस रूम में अकेले जाने के लिए कहा जाता है, जहां उनका ईनाम रखा होता है. गौहर उस समय हैरान रह जाती हैं जब दरवाजे से उनकी मम्मी अंदर आती हैं. उन्हें देखते ही गौहर अपने आंसू नहीं रोक पाती हैं. दोनों मां-बेटी एक साथ बैठती हैं और डिनर पर बातचीत करती हैं. गौहर की मम्मी कहती हैं कि वे अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और बाहर सब उनकी तारीफ कर रहे हैं.
वे गौहर को किसी तरह की लड़ाई से दूर रहने की भी सलाह देती हैं. उन्हें भरोसा है कि वे गेम में काफी आगे तक जाएंगी. फिर बिग बॉस घोषणा करते हैं कि अब समय खत्म हो गया है. वे भीगी आंखों से अपनी मम्मी को विदा करती हैं.
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जब प्रतिष्ठा विकृत ढंग से जान से प्यारी हो जाए तो जान खतरनाक ढंग से सस्ती हो सकती है. भारत के विशाल ग्रामीण क्षेत्र में हर वर्ष एक हजार से ज्यादा युवा अपने ही लोगों के हाथों मार डाले जाते हैं. इनमें से 900 तो अकेले अन्न उगाने वाले पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मारे जाते हैं.
इन हत्याओं को 'ऑनर किलिंग' (इज्जत के लिए कत्ल) कहा जाता है, और ऐसी हर हत्या के लिए प्रत्यक्ष तौर पर जाति या धर्म की पवित्रता की रह्ना का बहाना बनाया जाता है. ये सारी हत्याएं शादियों से जुड़ी होती हैं, और इनका स्त्रोत होता है, हर समुदाय के अपने-अपने अजीबोगरीब नियमों का ढांचा जो जातियों की परतों में बंटे समाज में विजातीय विवाह के ढांचे पर सवार होता है.
जिस देश में प्रेम विवाह को एक विशेष प्रकरण माना जाता है, अपने जीवनसाथी का चुनाव करने की सजा आम तौर पर उन लोगों का परिवार ही तय कर देता है, जो ऐसा करने की हिमाकत करते हैं. कुख्यात खाप पंचायत जैसे परंपरागत जातिगत संगठनों से समर्थन प्राप्त, जिसमें हरियाणा में एक पूर्व मुख्यमंत्री तक शामिल हैं, यह अपराध करने वाले अपने आपको सामाजिक व्यवस्था का रक्षक समझते हैं.
18 वर्ष की आशा और 24 साल के संजय कुमार का मामला देखिए, जो पिछले वर्ष फरवरी में शादी करने के बाद से ''नरक में रह रहे हैं.'' इनका अपराध? ये दोनों हरियाणा के भिवानी जिले के एक ही गांव के रहने वाले हैं और इस लिहाज से भाई-बहन माने जाते हैं. सामाजिक तौर पर जाति से निष्कासित और लगातार भागते फिर रहे इन दोनों को इस दौरान धमकी भरे फोन भी मिले. अब पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट के आदेश पर इन्हें पुलिस सुरक्षा मिली है.
या देखिए 32 साल के हरदेव सिंह का मामला, जो पंजाब के मोगा में टैक्सी ड्राइवर हैं और जिन्होंने 25 वर्षीया अमनदीप कौर से प्रेमविवाह किया. कौर के पिता, जो एक संपन्न किसान हैं, इस पर इतने नाराज हुए कि नवविवाहितों को पुलिस की शरण लेनी पड़ी. जान बचा कर भागते जोड़ों के ऐसे आवेदनों से पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट लबालब हो चुका है. कुछ लोग इसे एक सकारात्मक घटनाक्रम के तौर पर देखते हैं.
वकील अनुपम गुप्ता कहते हैं, ''यह महिलाओं की मुक्ति का वास्तविक आंदोलन है, जो चल रहा है.'' लेकिन उस इलाके में, जहां राज्य सरकार को इलाके की सबसे बड़ी अदालत से इस बात के लिए जबरदस्त आलोचना सुननी पड़ी हो कि वह ''ऑनर किलिंग की घटनाओं को चेन झ्पटने की घटनाओं की तरह ले रही है'', इस आंदोलन के सामने आगे का रास्ता कठिन और रक्तरंजित है.
देश के बाकी हिस्से भी अछूते नहीं बचे हैं. जुलाई में मदुरै उस समय सुर्खियों में आ गया था, जब कुट्टीकुलम गांव की थेवर जाति की 20 वर्षीया मेगला को उनके माता-पिता ने इस बात के लिए लगभग मार ही डाला था कि वे उनसे उम्र में 15 साल बड़े पुरुष के साथ शादी किए जाने के कुछ दिन बाद ही अपने दलित प्रेमी के साथ भाग क्यों गई थीं. लगातार पीछे पड़कर, पकड़ कर और फिर गांव वापस लौटने के लिए फुसलाए जाने के बाद मेगला और उसके मर्द को तीखे नुकीले हथियारों से 'सजा' दी गई थी. कुट्टीकुलम गांव के लोग कहते हैं कि गांव अब ''शुद्ध'' है, लेकिन मेगला अभी भी यह नहीं समझ् पा रही हैं कि उन्होंने तो ''अपने दिल की बात ही सुनी थी'', उस पर उन्हीं के परिवारवालों ने उसके साथ यह सलूक क्यों किया.
और मामला सिर्फ गांवों का नहीं है. 2006 में पुलिस के संरक्षण में शादी करने वाले कुलदीप सिंह और मोनिका का मामला देखिए. क्रमशः राजपूत और गुज्जर जाति के इन दो प्रेमियों की जून में हत्या कर दी गई. हत्या के तीन आरोपितों को तब जाकर गिरफ्तार किया जा सका, जब पुलिस ने इसके लिए 50,000 रु. का इनाम घोषित किया. इन आरोपितों में से एक मोनिका का सगा भाई और दूसरा चचेरा भाई है. एक मुस्लिम युवक से प्रेम करने के कारण मोनिका की बहन की भी हत्या कर दी गई थी. तीसरी बहन खुशबू लापता है, जिसे विजातीय नृत्य शिक्षक के साथ प्रेम हो गया था.
या निरुपमा पाठक और प्रियभांशु रंजन का मामला देखिए, ब्राह्मण जाति की पाठक और कायस्थ प्रियभांशु शादी करना चाहते थे, लेकिन पाठक के परिवार को यह मंजूर नहीं था. पाठक की मां के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की जांच चल रही है.
दोमुंही बातें भी खूब होती हैं. अखिल भारतीय जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह कहते हैं, ''हम एक ही गोत्र में विवाह की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन अंतरजातीय विवाह पर हमें कोई एतराज नहीं है.'' लेकिन एक गैर सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी द्वारा हाल में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल में 'ऑनर' से जुड़े 326 अपराधों में से 72 प्रतिशत तो अंतरजातीय विवाहों से संबंधित थे. चंडीगढ़ स्थित विशेषज्ञ रंजीत मल्होत्रा कहते हैं, ''इज्जत के लिए मारी जाने वाली महिलाएं अगर पारिवारिक सहमति या बलात विवाह से इनकार कर देती हैं, हिंसा पर उतारू पति से तलाक मांगती हैं या अपने माता-पिता की इच्छा के विपरीत शादी करने की कोशिश करती हैं, तो उनको निशाना बनाया जाता है.''
सरकार अब ऑनर किलिंग के खिलाफ नया कानून लाने पर काम कर रही है. गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने यह कहते हुए कि ''ऑनर किलिंग में कोई ऑनर नहीं है'', लोकसभा को बताया कि इस विषय पर एक विधेयक संसद के वर्तमान सत्र में पेश किया जाएगा. उस देश में ऐसा करना कतई जल्दबाजी नहीं है, जहां प्रेम को मारे-मारे भागना पड़ रहा है.
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रामपुर (Rampur) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
विवरण
रामपुर मुरादाबाद एवं बरेली के बीच में पड़ता है। रामपुर नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है तथा कोसी के बाएँ किनारे पर स्थित है। रामपुर नगर में उत्तरी रेलवे का स्टेशन भी है। रामपुर का चाकू उद्योग प्रसिद्ध है। चीनी, वस्त्र तथा चीनी मिट्टी के बरतन के उद्योग भी नगर में हैं। रामपुर नगर में अरबी भाषा का एक महाविद्यालय है। रामपुर क़िला, रामपुर रज़ा पुस्तकालय और कोठी ख़ास बाग़ रामपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। रामपुर जगह का कुल क्षेत्रफल 2367 वर्ग किलोमीटर है। रामपुर शहर की स्थापना नवाब फैजुल्लाह खान ने की थी। उन्होंने 1774-1794 तक यहाँ शासन किया। रामपुर इस्लामी दर्शन का महत्वपुर्ण केन्द्र है| 1986 में रवि प्रकाश ने "रामपुर के रत्न "पुस्तक लिखी जिसमें स्वतंत्रता संग्राम ,साहित्य और समाज से जुड़ी हुई 14 महान विभूतियों का इंटरव्यू लेकर उनका जीवन परिचय लिखा गया है।
इन्हें भी देखें
रामपुर ज़िला
सन्दर्भ
उत्तर प्रदेश के नगर
रामपुर ज़िला
रामपुर ज़िले के नगर
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गांधीवादी अन्ना हज़ारे ने बुधवार को संसद की स्थायी समिति से अनुरोध किया कि वह सरकार से लोकपाल विधेयक को वापस लेने और आम आदमी को भ्रष्टाचार से होने वाली दिक्कतें दूर करने के प्रावधानों के साथ नया विधेयक तैयार करने की सिफारिश करे। हज़ारे ने समिति के समक्ष अपने विचार जाहिर करने के बाद संवाददाताओं से कहा, हमारी बैठक अच्छी रही और हमने समिति से विधेयक वापस लेने की सरकार से सिफारिश करने का अनुरोध किया। हमें उम्मीद की एक किरण दिखायी दी है। समिति ने हमसे कहा कि आप अपना बिल :समाज के सदस्यों का जनलोकपाल विधेयक: भी दें और हम दोनों विधेयकों पर गौर करेंगे। हमने समिति को बताया कि सरकार ने जो विधेयक पेश किया है, वह गरीबों के साथ न्याय करने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर समिति 16 अगस्त तक विधेयक को लौटाने की सिफारिश करने का फैसला नहीं करती है तो वह अनशन करेंगे। हज़ारे ने कहा, हमारा अनशन संसद के विरोध में नहीं, बल्कि सरकार के विरोध में होगा क्योंकि उसने कमजोर और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला विधेयक पेश किया है। लोकपाल विधेयक चार अगस्त को लोकसभा में पेश हुआ था और इसे आठ अगस्त को राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी की अध्यक्षता वाली कार्मिक, जन शिकायत और विधि तथा न्याय मामलों की स्थायी समिति के पास भेज दिया था। इस समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिये तीन महीने का वक्त दिया गया है। लोकपाल विधेयक पर स्थायी समिति की आज हुई पहली बैठक में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण दिया और फिर समाज के सदस्यों के रूप में हज़ारे, अरविंद केजरीवाल, शांति भूषण, प्रशांत भूषण और किरण बेदी ने अपने विचार रखे। हज़ारे पक्ष की समिति के साथ बैठक करीब डेढ़ घंटे चली।
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अब आपको ‘कुत्तों से सावधान’ होने की जरूरत नहीं है. दरअसल, एक नए अध्ययन में बड़ी ही रोचक बात सामने आई है कि जिन परिवारों में कुत्ते पाले जाते हैं, उनके बच्चे दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी चपल और क्रियाशील होते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि शारीरिक गतिविधियां अधिक होने के चलते ऐसे बच्चे मोटापे से ग्रस्त नहीं होते.
लंदन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि जिन घरों में कुत्ते पाले जाते हैं उन घरों के बच्चों की शारीरिक गतिविधियां दूसरे घरों के बच्चो की तुलना में ग्यारह मिनट अधिक होती हैं. इसके लिए शोधकर्ताओं ने नौ से 10 साल की उम्र के 2065 बच्चों पर सात दिनों तक अध्ययन किया और उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर बनाए रखी . अध्ययन में लंदन, बर्बिंघम और लीसेस्टर के 78 स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया. इन बच्चों में से 202 बच्चों ने कुत्ते पाल रखे थे .
शोधकर्ताओं के सामने जो परिणाम आए वह काफी चौकानें वाले रहे. जिन बच्चों के घरों में कुत्ते नहीं थे उन बच्चों के मुकाबले अध्ययन में कुत्ते पालने वाले घरों के बच्चों की शारीरिक गतिविधियां 11 अधिक पाई गई .
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भरोस () एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे IIT मद्रास द्वारा डिजाइन किया गया है। यह सरकार और सार्वजनिक प्रणालियों में उपयोग के लिए एक मुक्त और ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) विकसित करने के लिए एक भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना है। इंडियन एक्सप्रेस ने कहा कि यह एंड्रॉइड का एक फोर्क्ड संस्करण प्रतीत होता है। चूँकि "BharOS अधिकांश ऐप्स चला सकता है" यह संभवतः एंड्रॉइड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट पर आधारित है।
इतिहास
गूगल को अपने एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम से संबंधित प्रथाओं के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय ऐप स्टोर की आवश्यकता के लिए कई मांगें की गई हैं जो बिक्री के लिए अत्यधिक शुल्क नहीं लेती हैं। भरोस परियोजना का उद्देश्य स्मार्टफोन में विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता को कम करना और स्थानीय रूप से विकसित तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसे JandK ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड (JandKops) द्वारा विकसित किया गया था, जिसे IIT मद्रास में इनक्यूबेट किया गया था। दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ऑपरेटिंग सिस्टम का शुभारंभ किया।
विशेषताएं
भरोस सुरक्षा के प्रति जागरूक समूहों को निशाना बनाता है। भरोस किसी प्रीइंस्टॉल्ड सर्विस या ऐप के साथ नहीं आता है। यह दृष्टिकोण उपयोगकर्ता को उन अनुमतियों पर अधिक स्वतंत्रता और नियंत्रण देता है जो उनके डिवाइस पर ऐप्स के लिए उपलब्ध हैं। उपयोगकर्ता केवल उन ऐप्स को अनुमति देना चुन सकते हैं जिनकी उन्हें अपने डिवाइस पर कुछ सुविधाओं या डेटा तक पहुंच की आवश्यकता होती है। कंपनी ने एक बयान में कहा, सॉफ्टवेयर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हैंडसेट पर स्थापित किया जा सकता है, जो उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है। नया ऑपरेटिंग सिस्टम संगठन-विशिष्ट निजी ऐप स्टोर सेवाओं (पास) के माध्यम से विश्वसनीय ऐप्स तक पहुंच प्रदान करेगा, जो सुरक्षा और गोपनीयता मानकों को पूरा करने वाले क्यूरेटेड ऐप्स की एक सूची है। सुरक्षा अपडेट और बग फिक्स स्वचालित रूप से इंस्टॉल हो जाएंगे, बजाय इसके कि उपयोगकर्ताओं को मैन्युअल रूप से अपडेट की जांच करनी पड़े और उन्हें इंस्टॉल करना पड़े।
सन्दर्भ
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छेड़छाड़ का विरोध करने पर आरोपी युवक ने ब्लेड से छात्रा पर हमला कर दिया. इस घटना में छात्रा लहुलुहान हो गई. आसपास के लोगों ने भाग रहे आरोपी युवक को पकड़ लिया. इसके बाद जमकर पिटाई के बाद पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, राजधानी के पेपेर मिल कॉलोनी में रहने वाली 17 वर्षीया छात्रा बुधवार शाम गाजीपुर थाना क्षेत्र के पास से अपने कॉलेज से घर लौट रही थी. इसी दौरान वहां सलमान नाम का युवक पहुंचा और छात्रा से छेड़छाड़ करने लगा. छात्रा ने इस बात का विरोध किया तो आरोपी युवक ने उसकी पिटाई कर दी.
बताया जा रहै कि इसके बाद आरोपी ने छात्रा पर ब्लेड से कई वार कर दिए जिससे वह लहुलुहान हो गई. बीच सड़क पर हुई इस घटना के बाद लोग इकठ्ठा हो गए और मौके से भाग रहे आरोपी को दबोच लिया. सूचना मिलने पर पहुंची
पुलिस
के हवाले कर दिया. आरोपी के खिलाफ
केस दर्ज
करके गिरफ्तार कर लिया गया.
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आरसीए ने WEAF और वाशिंगटन सिस्टर स्टेशन WCAP को खरीदने के लिए $1 मिलियन खर्च किए, बाद वाले स्टेशन को बंद कर दिया, और अपनी सुविधाओं को जीवित स्टेशन WRC के साथ विलय कर दिया; 1926 के अंत में, इसने एक नए प्रभाग के निर्माण की घोषणा की जिसे नेशनल ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के नाम से जाना जाता है। डिवीजन का स्वामित्व आरसीए (50% पर बहुमत भागीदार), इसके संस्थापक कॉर्पोरेट मूल जनरल इलेक्ट्रिक (जिसके पास 30% का स्वामित्व था) और वेस्टिंगहाउस (जिसके पास शेष 20% का स्वामित्व था) के बीच विभाजित किया गया था। एनबीसी ने आधिकारिक तौर पर 15 नवंबर, 1926 को प्रसारण शुरू किया।
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डीआरआई ने जेएनपीटी पोर्ट पर 7.12 मीट्रिक टन लाल चन्दन पकड़ा है। बाजार में इसकी कीमत 2.8 करोड़ रुपये बताई जा रही है। डीआरआई ने इस मामले में 2 चन्दन तस्कर राजेंद्र शिंदे और शैख़ तौसीफ को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ में पता चला है कि उनका सरगना चेन्नई में रहने वाला जगदीश उर्फ़ सिंघम है।टिप्पणियां
डीआरआई सूत्रों के मुताबिक गुप्त सूचना के आधार पर 17 अगस्त को मिडिल ईस्ट जाने वाले कंटेनर की तलाशी लेने पर इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तस्करी का चन्दन आंध्र प्रदेश से आया था। दोनों सिंघम के इशारे पर अब तक 40 कंटेनर विदेश भेज चुके हैं। पता चला है कि तस्करो का यह गिरोह एजेंटों के जरिए फल और सब्जी निर्यात के जाली दस्तावेज बनवाकर इस काम को अंजाम देता आ रहा था। पकड़े गए गिरोह के तार दुबई और सिंगापुर से जुड़े बताए जा रहे हैं।
डीआरआई सूत्रों के मुताबिक गुप्त सूचना के आधार पर 17 अगस्त को मिडिल ईस्ट जाने वाले कंटेनर की तलाशी लेने पर इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तस्करी का चन्दन आंध्र प्रदेश से आया था। दोनों सिंघम के इशारे पर अब तक 40 कंटेनर विदेश भेज चुके हैं। पता चला है कि तस्करो का यह गिरोह एजेंटों के जरिए फल और सब्जी निर्यात के जाली दस्तावेज बनवाकर इस काम को अंजाम देता आ रहा था। पकड़े गए गिरोह के तार दुबई और सिंगापुर से जुड़े बताए जा रहे हैं।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तस्करी का चन्दन आंध्र प्रदेश से आया था। दोनों सिंघम के इशारे पर अब तक 40 कंटेनर विदेश भेज चुके हैं। पता चला है कि तस्करो का यह गिरोह एजेंटों के जरिए फल और सब्जी निर्यात के जाली दस्तावेज बनवाकर इस काम को अंजाम देता आ रहा था। पकड़े गए गिरोह के तार दुबई और सिंगापुर से जुड़े बताए जा रहे हैं।
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अपनी एक्टिंग से लोगों को खूब हंसाने वाले बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव फिलहाल मुश्किलों में घिर गए हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें 10 दिन न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. राजपाल पर 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है.
राजपाल यादव ने एक फिल्म 'अता पता लापता' बनाई थी, जिसके लिए दिल्ली के बिजनेसमैन से 5 करोड़ रुपये का उधार लिया था. फिल्म रिलीज भी हो गई, लेकिन राजपाल यादव ने उधारी की रकम वापस नहीं की. इस मामले में उन्हें कई समन भेजे गए लेकिन वो कोर्ट में नहीं पहुंचे. इतना ही नहीं उनके वकील ने कोर्ट गलत हलफनामा भी दिया. इस पूरे मामले पर अदालत काफी नाराज थी.
जस्टिस एस.मुरलीधर ने राजपाल की पत्नी को कोर्टय की कार्यवाही खत्म होने तक रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर में मौजूद रहने के आदेश दिए हैं. जज ने दोनों के दो वकीलों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया है, क्योंकि उन्होंने राजपाल यादव और उनकी पत्नी का नकली हस्ताक्षर सहित हलफनामा सोमवार को दायर किया था.
कोर्ट राजपाल यादप और उनकी पत्नी के व्यवहार तथा 2 दिसंबर को यह तथ्य छिपाए जाने से नाराज था कि राजपाल की पत्नी राधा गाजियाबाद में है और वह न्यायालय पहुंचेगी. उन्हें सोमवार को न्यायालय में उपस्थित होना था. राजपाल वहां कुछ समय के लिए थे. राधा मुंबई थीं, लेकिन राजपाल के वकील ने बताया कि वह गाजियाबाद में हैं.
कोर्ट ने मामला मंगलवार को सुनाई के लिए रखा और दोनों से उपस्थित होने की मांग की है. यह दंपत्ति मंगलवार को कोर्ट में उपस्थित हुआ जहां राजपाल को जेल भेज दिया गया जबकि पत्नी को रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर भेजा गया.
कोर्ट ने कहा कि इसने पत्नी के लिए नरम रुख अख्तियार किया है, क्योंकि उसके साथ छोटा बच्चा है.
जस्टिस मुरलीधर ने कहा, 'जहां तक राधा का सवाल है, कोर्ट नरम रुख अख्तियार करता है क्योंकि उसके साथ छोटा बच्चा है. वह कोर्ट की कार्यवाही समाप्त होने तक रजिस्ट्रार जनरल के कक्ष में रहेंगी.'
राजपाल को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद कोर्ट ने कहा, 'कोर्ट ने राजपाल को 10 दिन के सामान्य कारावास में भेजते हुए पुलिस को उन्हें हिरासत में ले जाने के निर्देश दिए हैं.'
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मुंबई में बारिश का कहर जारी है. लगातार हो रही बारिश की वजह से बिजली के तारों से भी आम आदमी की जान जोखिम में है. बारिश में करंट लगने की वजह से हुई मौत के मामले सामने आते रहे हैं. मुंबई में दो अलग-अलग जगहों पर करंट लगने की वजह से 3 लोगों की मौत हो गई.
गोरेगांव स्थित महाकाली गुफा के पास करंट लगने की वजह से एक ही परिवार के 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिनमें से 2 की मौत हो गई है. वहीं 2 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.
इस मामले में पुलिस का कहना है कि जैसे ही घटना की सूचना मिली पुलिस ने पीड़ितों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल पहुंचने के बाद दो व्यक्तियों को पुलिस ने मृत घोषित कर दिया, वहीं दो की हालत अभी भी खतरे से बाहर नहीं है.
इस हादसे में मारे गए मृतकों की पहचान 60 वर्षीय राजेंद्र यादव और 24 वर्षीय संजय यादव के तौर पर हुई है. हादसे में घायल आशा यादव और दीपू यादव का इलाज चल रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
दूसरी घटना अंधेरी पश्चिम स्थित आरटीओ ऑफिस के पास हुई, जहां एक 60 वर्षीय महिला की मौत करंट लगने से हो गई. महिला का नाम कशिमा उदियार बताया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
दादर में गिरी दीवार, 3 जख्मी
लगातार हो रही बारिश की वजह से दादर के सेनापति बापट रोड के नजदीक कामदार मैदान में एक दीवार के गिर जाने की वजह से तीन लोग गंभीर जख्मी हो गए हैं. उन्हें पास के केईएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बचाव दल मौके पर पहुंचा है. घायलों की हालत स्थिर बनी हुई है. घायलों की पहचान चंद्रकांत दिनकर, विजय नागर और चेतन दिलीप के तौर पर हुई है.
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जालंधर के
बिशप
फ्रैंको मुलक्कल पर
नन
की ओर से लगाए गए रेप के आरोपों के बाद
केरल
के विधायक का विवादास्पद बयान सामने आया है. इस बयान में उन्होंने कार्रवाई की मांग कर रही
नन
को वेश्या करार दिया है.
केरल से निर्दलीय विधायक पीसी जार्ज ने कहा, 'किसी को शक नहीं है कि नन एक वेश्या है. 12 बार उसने इसका आनंद लिया और तेरहवीं बार ये रेप हो गया? उसने पहली बार में ही इस बात की शिकायत क्यों नहीं की?'
No one has doubt that the nun is a prostitute. 12 times she enjoyed it and the 13th time it is rape? Why didn't she complain the first time?: PC George, Kerala MLA (Independent) on the nun who levelled rape allegations against Jalandhar Bishop Franco Mulackal.
pic.twitter.com/Br2sxyhVgX
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
बता दें कि पंजाब के जालंधर में जुलाई महीने में नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ रेप और शारीरिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. आरोपों के मुताबिक, आरोपी बिशप का काम के सिलसिले में अक्सर
केरल
आना होता था. इस दौरान उसने कई बार नन के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया.
मीडिया द्वारा इस मामला को जोर-शोर से उठाए जाने के बाद लोगों ने इसे लेकर दबाव बनाए जाने से केस की जांच शुरू की गई. पिछले महीने केरल से जांच टीम जालंधर गई और आरोपी बिशप के बयान दर्ज किए गए. पूछताछ के बाद वापस लौटी केरल पुलिस का कहना था कि वे शिकायतकर्ता नन के बयान में और स्पष्टता चाहते हैं.
हालांकि, उनके लौटने के तीन हफ्तों के बाद अब भी नन के ताजा बयान दर्ज नहीं कराए जा सके हैं. इसी के खिलाफ नन ने आरोपी बिशप की गिरफ्तारी की मांग करने केरल की कोर्ट में जाने का फैसला किया.
शनिवार को ज्वांइट क्रिश्चियन काउंसिल समेत ननों के एक समूह ने आरोपी बिशप के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया.
केरल हाईकोर्ट के बाहर इंसाफ पाने प्रदर्शन करने वाली ननों में से पांच नन कुराविलांगद के कॉन्वेंट से हैं. प्रदर्शनकारी ननों के मुताबिक, मामले में राज्य सरकार और
चर्च
का रवैया निराशाजनक रहा है.
मामले पर रविवार को सीपीएम पोलित ब्यूरों की सदस्या सुभाषिनी अली ने विधायक जार्ज के बयान की निंदा की है. सुभाषिनी ने कहा कि एक संगठन के प्रमुख के खिलाफ ननों ने इस तरह के आरोप लगाकर साहस दिखाया है. इन हालात में लोगों से जुड़े किसी शख्स का इस तरह का बयान भयावह है.
Nuns showed courage in making such allegations against someone who is head of the organisation(Bishop). In such a situation for somebody who is a public figure to make this comment is horrible: Subhashini Ali,CPM on Kerala Independent MLA PC George calling victim nun a prostitute
pic.twitter.com/PsrKkcSTWd
— ANI (@ANI)
September 9, 2018
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यह लेख है: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि बिहार में बने खादी वस्त्रों की ब्रांडिंग होगी और प्रदेश में खादी को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाने का निर्देश उद्योग विभाग को दिया गया है.
पटना स्थित अधिवेशन भवन पटना में राष्ट्रीय चरखा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि खादी उद्योग को बढ़ावा देने की हमारी पूरी मंशा है और इसके लिए भवन बना रहे हैं. शो रुम बनाया जा रहा है. बाजार को देखते हुए खादी वस्त्रों की बारकोड की सुविधा दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वस्त्रों के तरफ नई पीढ़ी को आकर्षित किया जाए. इसके लिए खादी वस्त्रों का नया डिजाइन बनाना होगा. खादी वस्त्रों के नए डिजाइन के संदर्भ में उद्योग विभाग द्वारा पटना स्थित एनआईएफटी से समझौता किया गया है. निफ्ट खादी वस्त्रों का नया डिजाइन बनाएगा. खादी वस्त्रों की ब्रांडिंग होगी, इससे खादी वस्त्रों की मांग बढ़ेगी, खादी से जुड़े लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.टिप्पणियां
नीतीश ने कहा कि हम पूरी मन से मदद करना चाहते हैं. खादी वस्त्रों में शुद्धता एवं गुणवत्ता रहनी चाहिए. चम्पारण सत्याग्रह के सौवें साल पर खादी को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयत्नशील है. सरकार हरसंभव मदद करने को तैयार है. खादी से जुड़े संस्थानों को अपना मनोबल ऊंचा रखना चाहिए. हम खादी उद्योग को विकसित एवं स्वावलंबी करना चाहते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पटना स्थित अधिवेशन भवन पटना में राष्ट्रीय चरखा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि खादी उद्योग को बढ़ावा देने की हमारी पूरी मंशा है और इसके लिए भवन बना रहे हैं. शो रुम बनाया जा रहा है. बाजार को देखते हुए खादी वस्त्रों की बारकोड की सुविधा दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वस्त्रों के तरफ नई पीढ़ी को आकर्षित किया जाए. इसके लिए खादी वस्त्रों का नया डिजाइन बनाना होगा. खादी वस्त्रों के नए डिजाइन के संदर्भ में उद्योग विभाग द्वारा पटना स्थित एनआईएफटी से समझौता किया गया है. निफ्ट खादी वस्त्रों का नया डिजाइन बनाएगा. खादी वस्त्रों की ब्रांडिंग होगी, इससे खादी वस्त्रों की मांग बढ़ेगी, खादी से जुड़े लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.टिप्पणियां
नीतीश ने कहा कि हम पूरी मन से मदद करना चाहते हैं. खादी वस्त्रों में शुद्धता एवं गुणवत्ता रहनी चाहिए. चम्पारण सत्याग्रह के सौवें साल पर खादी को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयत्नशील है. सरकार हरसंभव मदद करने को तैयार है. खादी से जुड़े संस्थानों को अपना मनोबल ऊंचा रखना चाहिए. हम खादी उद्योग को विकसित एवं स्वावलंबी करना चाहते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वस्त्रों के तरफ नई पीढ़ी को आकर्षित किया जाए. इसके लिए खादी वस्त्रों का नया डिजाइन बनाना होगा. खादी वस्त्रों के नए डिजाइन के संदर्भ में उद्योग विभाग द्वारा पटना स्थित एनआईएफटी से समझौता किया गया है. निफ्ट खादी वस्त्रों का नया डिजाइन बनाएगा. खादी वस्त्रों की ब्रांडिंग होगी, इससे खादी वस्त्रों की मांग बढ़ेगी, खादी से जुड़े लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.टिप्पणियां
नीतीश ने कहा कि हम पूरी मन से मदद करना चाहते हैं. खादी वस्त्रों में शुद्धता एवं गुणवत्ता रहनी चाहिए. चम्पारण सत्याग्रह के सौवें साल पर खादी को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयत्नशील है. सरकार हरसंभव मदद करने को तैयार है. खादी से जुड़े संस्थानों को अपना मनोबल ऊंचा रखना चाहिए. हम खादी उद्योग को विकसित एवं स्वावलंबी करना चाहते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नीतीश ने कहा कि हम पूरी मन से मदद करना चाहते हैं. खादी वस्त्रों में शुद्धता एवं गुणवत्ता रहनी चाहिए. चम्पारण सत्याग्रह के सौवें साल पर खादी को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयत्नशील है. सरकार हरसंभव मदद करने को तैयार है. खादी से जुड़े संस्थानों को अपना मनोबल ऊंचा रखना चाहिए. हम खादी उद्योग को विकसित एवं स्वावलंबी करना चाहते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अयोध्या में कारसेवकपुरम से हनुमानगढ़ी जाने वाली सड़क पर थोड़ी दूर चलने पर रामघाट चौराहे पर हरे रंग का भवन पुलिस की छावनी में तब्दील हो गया है. यह तपस्वी छावनी है, जो रामनगरी की प्राचीनतम पीठ में से एक है. अयोध्या के सिद्घ संतों में शामिल महंत मणिरामदास और महंत रघुनाथ दास तपस्वी छावनी परंपरा से ही जुड़े थे. इसे महात्यागियों की आचार्य पीठ भी कहा जाता है. अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में खामोश रहने वाली यह तपस्वी छावनी अचानक चर्चा में तब आई जब यहां के महंत परमहंस दास ने राम मंदिर निर्माण के लिए अन्न-जल त्यागकर अनशन शुरू कर दिया.
तपस्वी छावनी परिसर में अशोक के पेड़ के नीचे 1 अक्तूबर की सुबह साढ़े पांच बजे से महंत परमहंस दास के अनशन पर बैठते ही अयोध्या का माहौल गरमा गया. यह तपस्वी छावनी की साख का परिणाम ही था कि महंत के अनशन शुरू करते ही अयोध्या के सभी शीर्ष मंदिरों के महंत, संत उनके समर्थन में आ गए. अनशन स्थल पर संतों की भीड़ तेजी से बढऩे लगी. "मोदी तुझको आना होगा, मंदिर यहीं बनाना होगा'' जैसे नारे लगाकर संतों ने अपने आक्रामक तेवर जाहिर कर दिए.
महंत को मिल रहे समर्थन से प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार दबाव महसूस करने लगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय सांसद लल्लू सिंह, अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता समेत कई नेता महंत को मनाने पहुंचे पर सफल न हो सके. जैसे-जैसे दिन बीत रहे थे, संत की सेहत भी गिरती जा रही थी. शरीर में यूरिया का स्तर लगातार बढ़ रहा था. 7 अक्तूबर को महंत परमहंस दास को मनाने जिले के प्रभारी मंत्री सतीश महाना भी पहुंचे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया. अंततरू देर रात अधिकारियों ने महंत को जबरन अनशन स्थल से उठाकर लखनऊ के संजय गांधी चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती करा दिया.
श्रीराम जन्मभूमि न्यास, अयोध्या के अध्यक्ष महंत राम नृत्य गोपाल दास कहते हैं, "केंद्र और राज्य में भी भाजपा की सरकार होने के बावजूद मंदिर निर्माण में हो रही देरी से संतों में आक्रोश है. इंतजार से संतों का धैर्य जवाब दे रहा है.'' सुप्रीम कोर्ट 29 अक्तूबर से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई शुरू कर रहा है. कोर्ट के नतीजे का इंतजार किए बगैर पिछले वर्ष तपस्वी छावनी के महंत की गद्दी पर बैठने वाले परमहंस दास और अन्य नए लोगों ने जिस तरह से इस मुद्दे को तूल देना शुरू किया है (देखें बॉक्स) उससे कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. अयोध्या के प्रतिष्ठित साकेत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य वी.एन. अरोड़ा कहते हैं, "राम मंदिर आंदोलन में किसी तरह की भागीदारी न दिखाने वाले लोग अब इस मुद्दे का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं. राम मंदिर निर्माण की अपनी मांग पर ध्यान बटोरने के लिए अनशन, प्रदर्शन, रैली जैसे तरीके अपनाए जा रहे हैं.''
दांव पर विहिप की साख
सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी से अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू होने के साथ ही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर मुद्दे को धार देना शुरू कर दिया. जैसे-जैसे मामला लटकता गया, राम मंदिर निर्माण में हो रही देरी से नाराज साधु-संतों से विहिप के नेता भी दबाव में आ गए. नई दिल्ली में 5 अक्तूबर को विहिप की उच्चाधिकार बैठक में संतों के बीच पनप रहे गुस्से को शांत करने के लिए ही एक विस्तृत कार्य योजना बनाई गई. विहिप के झंडे तले संतों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिला और संसद से कानून बनाकर मंदिर निर्माण की राह खोलने का अनुरोध किया. विहिप के अयोध्या में मीडिया प्रभारी शरद शर्मा बताते हैं, "हर प्रांत के प्रतिनिधि कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग का प्रस्ताव हर प्रांत से राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को भेजेंगे.'' नवंबर में हर संसदीय क्षेत्र में विशाल जनसभा और 18 दिसंबर से एक हफ्ते तक देश के हर पूजा स्थान में राम मंदिर निर्माण के लिए धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा. वी.एन. अरोड़ा कहते हैं, "राम मंदिर मसले पर अब विहिप की साख भी दांव पर है.
अगर सुप्रीम कोर्ट 29 अक्तूबर से अयोध्या मसले की दिन-प्रति दिन सुनवाई नहीं करता है तो केंद्र सरकार पर कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग करने के लिए अगले वर्ष कुंभ में होने वाली धर्म संसद में विश्व हिंदू परिषद किसी बड़े आंदोलन की घोषणा भी कर सकती है.'' विहिप मंदिर निर्माण के लिए कितनी तैयार है? इसका अंदाजा कारसेवकपुरम में श्रीराम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला से लगाया जा सकता है. 2006 तक इस कार्यशाला में पत्थर तराशी का 50 फीसदी कार्य पूरा हो गया था और अगले 12 वर्षों में 15 प्रतिशत के करीब ही पत्थर तराशे गए हैं. राम मंदिर के गर्भगृह से भूतल के लिए तैयार पत्थरों पर काई जम गई है जिसे छुड़ाना ही सबसे बड़ी चुनौती है. कार्यशाला की निगरानी कर रहे गिरीश भाई सोमपुरा कहते हैं, "कोर्ट से मंदिर निर्माण का निर्णय होने पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर समय पर कार्यशाला का काम पूरा कर लिया जाएगा.''
संतों में दो फाड़
अयोध्या के एक महंत बताते हैं, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के संतों में दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास और श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को ही महत्व दिया है. मुख्यमंत्री की उपेक्षा से दूसरे संत नाराज हैं और इसने संतों के बीच गुटबाजी को बढ़ावा दिया है.'' इसकी बानगी दिखी 7 अक्तूबर की देर शाम अयोध्या में अनशनकारी महंत परमहंस दास को प्रशासन ने जबरन उठाकर लखनऊ में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती करा दिया. इसके बाद राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास समेत कई महंत योगी आदित्यनाथ के विरोध में आ खड़े हुए. सरयू तट पर संत करपात्री महाराज ने रामचरित मानस का पाठ करते हुए 24 घंटे का उपवास शुरू किया. अयोध्या से भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता कहते हैं, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं संत हैं.
उनको अयोध्या के सभी संतों का समर्थन है. कुछ लोग अयोध्या का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.'' सरकार की असली चुनौती 23 अक्तूबर को विहिप के पूर्व नेता और अब अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगडिय़ा की प्रस्तावित रैली को लेकर है. इस रैली में तोगडिय़ा मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे. तोगडिय़ा बताते हैं, "मैं एक शहर में दो रातें नहीं गुजारता और यही मेरी 32 वर्ष की साधना है. इसी के जरिए मैंने देश के एक लाख से अधिक गांवों से अपना सीधा संपर्क बनाया है.'' तोगडिय़ा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के तत्वावधान में अयोध्या समेत यूपी के कई शहरों में बैठक कर चुके हैं. परिषद के 552 पूर्णकालिक स्वयंसेवकों को दायित्व सौंप कर तोगडिय़ा विहिप के नेताओं को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी कहते हैं, "कोर्ट में मुकदमा लंबित होने के बावजूद सरकार अयोध्या में हिंदूवादी नेताओं की अतिसक्रियता पर रोक नहीं लगा रही है. इससे अयोध्या में माहौल खराब होने का खतरा है.''
टूटेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड!
अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और संतों की बढ़ती गतिविधियों के बीच प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पिछले वर्ष की तरह इस बार भी रामनगरी में अपनी धमक दिखाने में जुट गई है. प्रदेश सरकार ने 4 से 6 नवंबर के बीच अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम का खाका खींचा है. पिछले वर्ष अयोध्या के घाटों पर दो लाख दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली सरकार इस बार तीन लाख दीप जलाकर पिछला रिकॉर्ड तोडऩे की कोशिश में है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी छोटी दीपावली पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच मुख्यमंत्री और राज्यपाल हेलिकॉप्टर से उतरने वाले राम-सीता-लक्ष्मण की अगवानी के साथ आरती करते दिखेंगे.
फैजाबाद के जिलाधिकारी अनिल पाठक कहते हैं, "इस बार अयोध्या में दीपोत्सव का खास आकर्षण वाटर शो होगा.'' राम की पैड़ी पर होने वाले इस अनोखे कार्यक्रम में पानी पर भगवान राम के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को दर्शाया जाएगा. दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए रामकथा संग्रहालय में राम बाजार लगाने की योजना है जिसमें राम और रामायण से जुड़ी वस्तुओं के स्टॉल लगाए जाएंगे. इस बार अयोध्या में इंडोनेशिया, लाओस, रूस, त्रिनिदाद, टोबैगो, कंबोडिया, श्रीलंका और मलेशिया के सांस्कृतिक दल रामलीला का मंचन करेंगे. अयोध्या के सामाजिक कार्यकर्ता नीशेंद्र मोहन बताते हैं, "अयोध्या में दीपोत्सव के जरिए भाजपा सरकार मंदिर मुद्दे के कोर्ट में लंबित होने के बावजूद इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करना चाहती है.'' अयोध्या में सबसे ज्यादा चर्चा श्रीराम की 151 मीटर ऊंची तांबे की प्रतिमा को लेकर है. सरयू नदी के किनारे यह प्रतिमा गोरखपुर-लखनऊ हाइवे और रेलवे ब्रिज के बीच में लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी बताते हैं, "मूर्ति के निर्माण में सरकारी पैसे का उपयोग नहीं होगा. इसे आम लोगों और औद्योगिक घरानों से चंदा लेकर तैयार किया जाएगा.''
लोकसभा चुनाव आते ही एक बार फिर अयोध्या में राजनैतिक फसल काटने की तैयारी शुरू हो गई है.
सियासी अखाड़ा बनी राम की नगरी
-अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के तत्वावधान में 21 अक्तूबर को मंदिर समर्थक लखनऊ के रमाबाई रैली स्थल पर एकत्र होकर यहां से अयोध्या के लिए कूच करेंगे. समर्थकों का यह जत्था 23 अक्तूबर तक अयोध्या में रहेगा और उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.
-श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास, जानकी घाट अयोध्या के अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण का अयोध्या आने का निमंत्रण शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्वीकार कर लिया है. दशहरा के बाद शिवसैनिकों के साथ अयोध्या कूच कर ठाकरे राम मंदिर की ईंट रखेंगे.
-पूर्व सांसद रामविलास दास वेदांती की अध्यक्षता में 22 से 24 अक्तूबर तक अयोध्या में तीन दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के आयोजन से राम मंदिर के निर्माण को लेकर जोश भरने की तैयारी है. इस आयोजन में अयोध्या के कई बड़े संतों को शामिल करने की योजना है.
-डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की मदद से 16 दिसंबर को अयोध्या में समरसता कुंभ का आयोजन किया जाएगा. इसमें अयोध्या के संत-महात्मा समेत दो हजार से अधिक लोग शिरकत करेंगे. इसमें संत राम मंदिर मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाएंगे.
-धर्म सेना ने राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 4 नवंबर को फैजाबाद-अयोध्या मार्ग पर एक बड़ी रैली करने की घोषणा की है. इस रैली में देश भर से 25,000 लोगों के शामिल होने का दावा किया गया है. रैली में एससी-एसटी ऐक्ट के खिलाफ भी रणनीति बनाई जाएगी.
-राम मंदिर निर्माण के लिए अभयदाता हनुमान मंदिर में 15 जुलाई से 108 दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत हुई है. दीपावली पर मंदिर से जुड़े सभी सामाजिक संगठन मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे. राम मंदिर पर जनप्रतिनिधियों से सहमति पत्र लेकर उसे प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा.
-हिंदू समाज पार्टी के कार्यकर्ता मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 24 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या आगमन के दौरान ही प्रदर्शन करने लगे. कार्यकर्ताओं ने निषेधाज्ञा को तोड़कर राम जन्मभूमि परिसर में घुसने का प्रयास भी किया.
-जानकीघाट में पिछले 18 वर्षों से मानस प्रवचन कर रही साध्वी पूनम रामायण ने राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या की महिला संतों के बीच जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है. साध्वी का दावा है कि मंदिर न बनने पर महिला संत सरयू में कूदने जैसा निर्णय भी ले सकती हैं.
-रामदास आश्रम द्वारा महाशिवरात्रि 4 मार्च, 2019 को तमिलनाडु के रामेश्वरम से रामराज्य रथयात्रा की शुरुआत होगी. करीब 9,000 किलोमीटर चलकर और 10 राज्यों से गुजरने वाली यह रथयात्रा रामनवमी के दिन 14 अप्रैल को अयोध्या पहुंचेगी.
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देश में अब तक अमूमन हर योजना और हर तरह के कार्यालय से छोटे-बड़े घोटाले की खबर आ चुकी है. लेकिन घोटालों की लंबी होती फेहरिस्त में नया कमाल उत्तर प्रदेश ने किया है. यहां चंद सिक्कों की खनक के लिए 'मां की कोख' का ही घोटाला हो गया. जननी सुरक्षा योजना का लाभ पाने के लिए यहां कागजों पर अधिकारियों ने एक ही महिला को चार महीने में तीन बार 'गर्भवती' बना दिया है.
एक ताजा ऑडिट इस बाबत कई खुलासे हुए हैं. जननी सुरक्षा
योजना
के तहत मां बनने पर महिला को सरकार की तरफ से अच्छा और पौष्टिक भोजन करने के लिए कुछ राशि दी जाती है. लेकिन इस देश में अधिकारियों और कर्मचारियों के पेट को पौष्टिक आहार मिले शायद यह ज्यादा जरूरी हो जाता है. ऑडिट के बाद जो जानकारी निकलकर आई है, उसमें गड़बड़झाले का आलम यह है कि यहां एक ऐसी महिला को योजना के तहत 1400 रुपये का भुगतान कर दिया, जो बीते 12 वर्षों से मां नहीं बनी है.
मातृत्व का मजाक
डिजिटल इंडिया के सपने और खोखली होती योजनाओं की असलियत की बानगी यह है कि स्वास्थ्य विभाग बहराइच में एक 60 साल की महिला को पांच महीने में 10 बार गर्भवती करार देता है. हालांकि मामले में अब जांच शुरू हो गई है और यह ढूंढ़ा जा रहा है कि
योजना को लागू
करने के लिए पहली जिम्मेदारी किसकी बनती है.
जांच से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि यूपी में इस ओर बहुत बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है. शुरुआती जांच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी संदेह की जद में हैं. यही कर्मचारी गांव में मां बनने वाली औरतों को योजना के तहत 1400 रुपये का भुगतान करते हैं. समझा जा रहा है कि कागजों पर लंबी फेहरिस्त तैयार कर कर्मचारी इनमें दर्ज औरतों को थोड़ी राशि देकर बाकी खुद गटक जाते हैं.
पांच कर्मचारी निलंबित
जानकारी में मुताबिक, अकेले बहराइच जिल के बाउंदी स्वस्थ्य केंद्र में ऐसे 200 मामलों का खुलासा हुआ है. मामले में जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और
जांच के आदेश
दिए गए हैं.
गौरतलबत है कि जननी सुरक्षा योजना 2005 में शुरू की गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. सुबोध शर्मा ने कहा, 'मैंने रिकॉर्ड्स की जांच की है और बैंक के रिपोर्ट का इंतजार है. रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'
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यह एक लेख है: सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के शानदार शतक और मुरली विजय के साथ उनकी पहले विकेट की 239 रन की अटूट साझेदारी से भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र क्रिकेट टेस्ट के बारिश से प्रभावित पहले दिन बिना विकेट खोए 239 रन बनाए।
सिडनी टेस्ट में शतक जड़ने वाले लोकेश राहुल के बीमार होने से मिले मौके का पूरा फायदा उठाते हुए धवन ने शुरुआत से ही दबदबा बनाते हुए 158 गेंद में 21 चौकों की मदद से नाबाद 150 रन की पारी खेली।
सलामी बल्लेबाज विजय ने धवन का अच्छा साथ निभाते हुए विपरीत अंदाज में 178 गेंद में नाबाद 89 रन बनाए। आज हुए 56 ओवर के खेल में भारतीय सलामी बल्लेबाजों का अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा, जिससे कप्तान विराट कोहली का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही साबित हुआ।
धवन और विजय ने टेस्ट क्रिकेट में दूसरी बार 200 रन से अधिक की साझेदारी की है। इससे पहले इन दोनों ने 2013 में मोहाली में 289 रन की साझेदारी की थी। दोनों बल्लेबाजों ने शुरू से ही सकारात्मक गेंदबाजी की और मेजबान टीम के गेंदबाजों के खिलाफ आसानी से रन जुटाए।
धीमी और सपाट पिच पर बांग्लादेश की स्पिनरों की चौकड़ी को परेशानी का सामना करना पड़ा। साकिब अल हसन (नौ ओवर में बिना विकेट के 34 रन), तैजुल इस्लाम (12 ओवर में बिना विकेट के 55 रन), शुवागता होम (13 ओवर में बिना विकेट के 47 रन) और जुबेर हुसैन (सात ओवर में बिना विकेट के 41 रन) भारतीय गेंदबाजों को स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी करने से रोकने में नाकाम रहे।
धवन को हालांकि पारी के 24वें ओवर में बारिश के खलल से पहले जीवनदान मिला, जब बाएं हाथ के स्पिनर तैजुल की गेंद पर शुवागता ने शॉर्ट मिड विकेट पर उनका आसान कैच टपका दिया। बाएं हाथ के बल्लेबाज धवन उस वक्त 73 रन बनकार खेल रहे थे। बारिश के कारण लगभग चार घंटे तक खेल रुका रहा। खेल दोबारा शुरू होने पर एक बार फिर दोनों बल्लेबाज लय में दिखे। विजय ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शाहिद पर चौके के साथ अर्धशतक पूरा किया।
धवन ने तैजुल पर चौके के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। इसके बाद धवन कुछ धीमे पड़ गए, लेकिन जुबेर पर चौके साथ उन्होंने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।
दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
सिडनी टेस्ट में शतक जड़ने वाले लोकेश राहुल के बीमार होने से मिले मौके का पूरा फायदा उठाते हुए धवन ने शुरुआत से ही दबदबा बनाते हुए 158 गेंद में 21 चौकों की मदद से नाबाद 150 रन की पारी खेली।
सलामी बल्लेबाज विजय ने धवन का अच्छा साथ निभाते हुए विपरीत अंदाज में 178 गेंद में नाबाद 89 रन बनाए। आज हुए 56 ओवर के खेल में भारतीय सलामी बल्लेबाजों का अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा, जिससे कप्तान विराट कोहली का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही साबित हुआ।
धवन और विजय ने टेस्ट क्रिकेट में दूसरी बार 200 रन से अधिक की साझेदारी की है। इससे पहले इन दोनों ने 2013 में मोहाली में 289 रन की साझेदारी की थी। दोनों बल्लेबाजों ने शुरू से ही सकारात्मक गेंदबाजी की और मेजबान टीम के गेंदबाजों के खिलाफ आसानी से रन जुटाए।
धीमी और सपाट पिच पर बांग्लादेश की स्पिनरों की चौकड़ी को परेशानी का सामना करना पड़ा। साकिब अल हसन (नौ ओवर में बिना विकेट के 34 रन), तैजुल इस्लाम (12 ओवर में बिना विकेट के 55 रन), शुवागता होम (13 ओवर में बिना विकेट के 47 रन) और जुबेर हुसैन (सात ओवर में बिना विकेट के 41 रन) भारतीय गेंदबाजों को स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी करने से रोकने में नाकाम रहे।
धवन को हालांकि पारी के 24वें ओवर में बारिश के खलल से पहले जीवनदान मिला, जब बाएं हाथ के स्पिनर तैजुल की गेंद पर शुवागता ने शॉर्ट मिड विकेट पर उनका आसान कैच टपका दिया। बाएं हाथ के बल्लेबाज धवन उस वक्त 73 रन बनकार खेल रहे थे। बारिश के कारण लगभग चार घंटे तक खेल रुका रहा। खेल दोबारा शुरू होने पर एक बार फिर दोनों बल्लेबाज लय में दिखे। विजय ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शाहिद पर चौके के साथ अर्धशतक पूरा किया।
धवन ने तैजुल पर चौके के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। इसके बाद धवन कुछ धीमे पड़ गए, लेकिन जुबेर पर चौके साथ उन्होंने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।
दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
सलामी बल्लेबाज विजय ने धवन का अच्छा साथ निभाते हुए विपरीत अंदाज में 178 गेंद में नाबाद 89 रन बनाए। आज हुए 56 ओवर के खेल में भारतीय सलामी बल्लेबाजों का अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा, जिससे कप्तान विराट कोहली का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही साबित हुआ।
धवन और विजय ने टेस्ट क्रिकेट में दूसरी बार 200 रन से अधिक की साझेदारी की है। इससे पहले इन दोनों ने 2013 में मोहाली में 289 रन की साझेदारी की थी। दोनों बल्लेबाजों ने शुरू से ही सकारात्मक गेंदबाजी की और मेजबान टीम के गेंदबाजों के खिलाफ आसानी से रन जुटाए।
धीमी और सपाट पिच पर बांग्लादेश की स्पिनरों की चौकड़ी को परेशानी का सामना करना पड़ा। साकिब अल हसन (नौ ओवर में बिना विकेट के 34 रन), तैजुल इस्लाम (12 ओवर में बिना विकेट के 55 रन), शुवागता होम (13 ओवर में बिना विकेट के 47 रन) और जुबेर हुसैन (सात ओवर में बिना विकेट के 41 रन) भारतीय गेंदबाजों को स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी करने से रोकने में नाकाम रहे।
धवन को हालांकि पारी के 24वें ओवर में बारिश के खलल से पहले जीवनदान मिला, जब बाएं हाथ के स्पिनर तैजुल की गेंद पर शुवागता ने शॉर्ट मिड विकेट पर उनका आसान कैच टपका दिया। बाएं हाथ के बल्लेबाज धवन उस वक्त 73 रन बनकार खेल रहे थे। बारिश के कारण लगभग चार घंटे तक खेल रुका रहा। खेल दोबारा शुरू होने पर एक बार फिर दोनों बल्लेबाज लय में दिखे। विजय ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शाहिद पर चौके के साथ अर्धशतक पूरा किया।
धवन ने तैजुल पर चौके के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। इसके बाद धवन कुछ धीमे पड़ गए, लेकिन जुबेर पर चौके साथ उन्होंने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।
दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
धवन और विजय ने टेस्ट क्रिकेट में दूसरी बार 200 रन से अधिक की साझेदारी की है। इससे पहले इन दोनों ने 2013 में मोहाली में 289 रन की साझेदारी की थी। दोनों बल्लेबाजों ने शुरू से ही सकारात्मक गेंदबाजी की और मेजबान टीम के गेंदबाजों के खिलाफ आसानी से रन जुटाए।
धीमी और सपाट पिच पर बांग्लादेश की स्पिनरों की चौकड़ी को परेशानी का सामना करना पड़ा। साकिब अल हसन (नौ ओवर में बिना विकेट के 34 रन), तैजुल इस्लाम (12 ओवर में बिना विकेट के 55 रन), शुवागता होम (13 ओवर में बिना विकेट के 47 रन) और जुबेर हुसैन (सात ओवर में बिना विकेट के 41 रन) भारतीय गेंदबाजों को स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी करने से रोकने में नाकाम रहे।
धवन को हालांकि पारी के 24वें ओवर में बारिश के खलल से पहले जीवनदान मिला, जब बाएं हाथ के स्पिनर तैजुल की गेंद पर शुवागता ने शॉर्ट मिड विकेट पर उनका आसान कैच टपका दिया। बाएं हाथ के बल्लेबाज धवन उस वक्त 73 रन बनकार खेल रहे थे। बारिश के कारण लगभग चार घंटे तक खेल रुका रहा। खेल दोबारा शुरू होने पर एक बार फिर दोनों बल्लेबाज लय में दिखे। विजय ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शाहिद पर चौके के साथ अर्धशतक पूरा किया।
धवन ने तैजुल पर चौके के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। इसके बाद धवन कुछ धीमे पड़ गए, लेकिन जुबेर पर चौके साथ उन्होंने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।
दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
धीमी और सपाट पिच पर बांग्लादेश की स्पिनरों की चौकड़ी को परेशानी का सामना करना पड़ा। साकिब अल हसन (नौ ओवर में बिना विकेट के 34 रन), तैजुल इस्लाम (12 ओवर में बिना विकेट के 55 रन), शुवागता होम (13 ओवर में बिना विकेट के 47 रन) और जुबेर हुसैन (सात ओवर में बिना विकेट के 41 रन) भारतीय गेंदबाजों को स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी करने से रोकने में नाकाम रहे।
धवन को हालांकि पारी के 24वें ओवर में बारिश के खलल से पहले जीवनदान मिला, जब बाएं हाथ के स्पिनर तैजुल की गेंद पर शुवागता ने शॉर्ट मिड विकेट पर उनका आसान कैच टपका दिया। बाएं हाथ के बल्लेबाज धवन उस वक्त 73 रन बनकार खेल रहे थे। बारिश के कारण लगभग चार घंटे तक खेल रुका रहा। खेल दोबारा शुरू होने पर एक बार फिर दोनों बल्लेबाज लय में दिखे। विजय ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शाहिद पर चौके के साथ अर्धशतक पूरा किया।
धवन ने तैजुल पर चौके के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। इसके बाद धवन कुछ धीमे पड़ गए, लेकिन जुबेर पर चौके साथ उन्होंने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।
दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
धवन को हालांकि पारी के 24वें ओवर में बारिश के खलल से पहले जीवनदान मिला, जब बाएं हाथ के स्पिनर तैजुल की गेंद पर शुवागता ने शॉर्ट मिड विकेट पर उनका आसान कैच टपका दिया। बाएं हाथ के बल्लेबाज धवन उस वक्त 73 रन बनकार खेल रहे थे। बारिश के कारण लगभग चार घंटे तक खेल रुका रहा। खेल दोबारा शुरू होने पर एक बार फिर दोनों बल्लेबाज लय में दिखे। विजय ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शाहिद पर चौके के साथ अर्धशतक पूरा किया।
धवन ने तैजुल पर चौके के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। इसके बाद धवन कुछ धीमे पड़ गए, लेकिन जुबेर पर चौके साथ उन्होंने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।
दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
धवन ने तैजुल पर चौके के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। इसके बाद धवन कुछ धीमे पड़ गए, लेकिन जुबेर पर चौके साथ उन्होंने अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।
दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
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दूसरी तरफ विजय ने धीमी शुरुआत की। धवन ने शुवागता पर चौके के साथ जब सिर्फ 47 गेंद में अर्धशतक पूरा किया तब वह सिर्फ 11 रन बनाकर खेल रहे थे। वह हालांकि दिन का खेल आगे बढ़ने के साथ लय में आ गए और उन्होंने कुछ आकषर्क शाट लगाए।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
मेजबान टीम का चार विशेषज्ञ स्पिनरों और एकमात्र तेज गेंदबाज के साथ उतरने का फैसला गलत साबित हुआ और धवन को रन बटोरने में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने शाहिद की शार्ट गेंदों को आसानी से पुल किया जब स्पिनरों पर भी आसानी से रन बटोरे।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
धवन ने पारी के चौथे ओवर में सौम्य सरकार की गेंद को कवर ड्राइव से चार रन के लिए भेजकर पारी का पहला चौका जड़ा। उन्होंने इसके बाद शाहिद की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए। दिल्ली के बायें हाथ के बल्लेबाज धवन ने शुवागता का स्वागत लगातार दो चौकों के साथ किया।टिप्पणियां
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
विजय ने हालांकि स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी और एक छोर संभाले रखा। धवन ने जब शुवागता की गेंद पर लेट कट से चौका जड़कर अर्धशतक पूरा किया तो कप्तान कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने भी तालियां बजाकर उनके प्रदर्शन की सराहना की। बांग्लादेश के मुख्य स्पिनर साकिब पहले स्पैल के दौरान प्रभावी नहीं दिखे और उन्होंने कई ढीली गेंद फेंकी। उनकी फुलटॉस को विजय ने चार रन के लिए भी भेजा।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
अपने सबसे तेज गेंदबाज रूबेल हुसैन को बाहर बैठाने का फैसला बांग्लादेश पर भारी पड़ा क्योंकि अंतिम एकादश में शामिल एकमात्र तेज गेंदबाज शाहिद (बिना विकेट के 52 रन) के पास भारतीय सलामी जोड़ी को परेशान करने के लिए विविधता और गति नहीं थी।
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इन विच एनी गिव्स इट दोज़ वंज़ १९८९ की भारतीय अंग्रेजी भाषा की टीवी फिल्म है, जो अरुंधति रॉय द्वारा लिखित और प्रदीप कृष्ण द्वारा निर्देशित है। इसमें अर्जुन रैना शीर्षक चरित्र के रूप में हैं, रोशन सेठ और अरुंधति रॉय मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म में शाहरुख खान और मनोज बाजपेयी भी हैं, जो दिल्ली थिएटर सर्किट में संघर्षरत अभिनेता थे, छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिकाओं में। यह फिल्म १९८९ में दो राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्राप्तकर्ता थी इसे बनाए जाने के बाद के वर्षों में इसने एक पंथ का दर्जा हासिल कर लिया। फिल्म का मूल प्रिंट खो गया है और प्रचलन में फिल्म की केवल वही प्रतियां हैं जो वीडियो कैसेट रिकॉर्डर पर रिकॉर्ड की गई थीं जब फिल्म को दूरदर्शन पर प्रदर्शित किया गया था।
१९७० के दशक में स्थित इन विच एनी गिव्स इट दोज़ वंज़ एक कॉमेडी है जो कॉलेज के अपने अंतिम वर्ष में एक समूह आर्किटेक्चर छात्रों का अनुसरण करती है।
फिल्म का हिस्सा आत्मकथात्मक था जिसमें रॉय ने भारत में एक प्रमुख वास्तुकला संस्थान, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली में अध्ययन के अपने अनुभवों को बताया।
कथानक
आनंद ग्रोवर, जिन्हें एनी के नाम से जाना जाता है, सालों पहले अपने प्रिंसिपल, वाईडी बिलिमोरिया (यमदूत या नरक के दूत के रूप में जाने जाते हैं) का मज़ाक उड़ाने के लिए पीड़ित हैं। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली में, एनी चौथी बार अपना पांचवां वर्ष दोहरा रही है। वह छात्रावास में अपने घंटे बिताता है जो उसके जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा है, 'उसे दे कर' — सामाजिक उत्थान के दिवास्वप्नों में लिप्त। उनका नवीनतम विचार रेलवे पटरियों के दोनों ओर फलों के पेड़ लगाने का है, जहाँ ग्रामीण भारत प्रतिदिन शौच करता है। मल पदार्थ पेड़ों के लिए आवश्यक खाद प्रदान करेगा, जबकि ट्रेन, स्प्रिंकलर के साथ, स्वचालित रूप से पौधों को पानी देगी।
एनी अपने कमरे में दो मुर्गियाँ रखती है और अपने अंडे बेचकर एक मामूली राशि कमाती है, जब तक कि एक दिन उसका दोस्त, मैनकाइंड और उसका युगांडा के रूममेट, कासोज़ी, उनमें से भुना हुआ भोजन नहीं बनाते। जल्द ही, हालांकि, अर्जुन और उसकी प्रेमिका राधा — एक गैर-अनुरूपतावादी छात्र जो यमदूत से सिगरेट चुराता है और शिक्षकों से वापस बात करता है — एनी को एक खरगोश के साथ पेश करता है।
कई रोमांच बाद में, थीसिस जमा करने का दिन निकट आ गया। एनी, अपने दोस्तों से आग्रह करती है, यमदूत से माफ़ी मांगती है। न्यायाधीशों का एक पैनल छात्रों को उनके अंतिम साक्षात्कार के लिए एक-एक करके बुलाता है और तनाव बढ़ जाता है। राधा एक साड़ी पहनकर जाती है लेकिन अपने शांत पोशाक से अलग होने के लिए एक आदमी की टोपी पहनती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि एनी को शत्रुतापूर्ण पैनल से सहानुभूतिपूर्ण सुनवाई मिले, राधा और अर्जुन एक योजना पर काम करते हैं। जैसे ही एनी को बुलाया जाता है, यमदूत को उसकी दबंग गहरी आवाज वाली मां का फोन आता है, (जो वास्तव में मानव जाति है)। चाल काम करती है और थका हुआ पैनल एनी को एक अच्छा ग्रेड देता है।
ग्रेजुएशन समारोह के बाद पार्टी में, एनी अपनी बांह के नीचे भारी किताबें लेकर आती है, उसके बाल मुंडवा दिए जाते हैं और उसके सिर पर एक तितली पेंट कर दी जाती है। वह अपने दोस्तों को सूचित करता है कि उसने कानून का अध्ययन करने और फिर यमदूत पर मुकदमा करने का फैसला किया है। लेकिन बाद में यमदूत के रिटायरमेंट के एक साल बाद एनी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर में डिजाइन की एसोसिएट प्रोफेसर बन गईं।
ढालना
आनंद ग्रोवर उर्फ "एनी" के रूप में अर्जुन रैना
राधा सिंह के रूप में अरुंधति रॉय
अर्जुन कामत के रूप में ऋतुराज सिंह
वाई डी बिलिमोरिया (यमदूत) के रूप में रोशन सेठ
मैनकाइंड के रूप में आईसाक थॉमस
झील के रूप में दिव्या सेठ
पपी के रूप में इदरीस मलिक
मूसा उबोह कासोज़ी के रूप में
मेडू के रूप में जगन शाह
बिजली के रूप में हिमानी शिवपुरी
सीनियर के रूप में शाहरुख खान
कैंटीन बॉय के रूप में नीरज शाह
अलाउद्दीन के रूप में शांतनु नागपाल
कैंटीन बॉय के रूप में धनिया जी
एक छात्र के रूप में मनोज बाजपेयी
ईव टीज़र के रूप में रघुवीर यादव
पुलिस अधिकारी के रूप में सीताराम पांचाल
पुरस्कार
संदर्भ
बाहरी संबंध
भारतीय कॉमेडी फ़िल्में
1970 के दशक में सेट की गई फिल्में
1989 की फ़िल्में
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बाबरी विध्वंस केस में गुरुवार को नया मोड़ आया है. दरअसल, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ ही बीजेपी-वीएचपी के अन्य नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का केस खत्म करने खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने खुद को अलग कर लिया है.
जस्टिस अरुण मिश्रा के साथ इस मामले की
सुनवाई करने वाले और बेंच के प्रमुख
गोपाल गौड़ा ने बिना कोई कारण बताए खुद को इस मामले से अलग कर लिया और कहा कि चीफ जस्टिस अब इसे नई बेंच को सौंपेंगे. मामले में हाजी महबूब अहमद और सीबीआई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अलग-अलग याचिका दी है.
दोनों याचिकाओं में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 20 मई 2010 के फैसले के द्वारा 18 लोगों पर से आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) हटाए जाने को चुनौती दी गई है. हाई कोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले को ही बरकरार रखा था.
हम स्वतंत्र तौर पर फैसला लेते हैं: सीबीआई
पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह स्वतंत्र तौर पर फैसले लेती है और उसके ऊपर किसी का प्रभाव नहीं है. जांच एजेंसी ने अपने हलफनामे में कहा था कि कोई निकाय, संस्था या व्यक्ति फैसले लेने की उसकी प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकता और न ही यह तय कर सकता है कि वह किसी मुकदमे में अदालत में कैसे आगे बढ़ेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं से मांगा था जवाब
इससे पहले अहमद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने
आडवाणी, जोशी, उमा भारती
और 16 अन्य लोगों का जवाब मांगा था. शिवसेना के संस्थापक प्रमुख बाल ठाकरे, अशोक सिंघल और वीएचपी के नेता गिरिराज किशोर की अब मौत हो चुकी है. इसके अलावा जिन लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के केस हटाए गए थे उनमें विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया, सतीश प्रधान, सी आर बसंल, साध्वी ऋतंभरा, महंत अवैद्यनाथ, आर वी वेदांती, परमहंस रामचंद्र दास, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा, नृत्य गोपालदास, धर्म दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे शामिल हैं.
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कहते हैं कि देवभूमि उत्तराखंड आने वाले शख्स ने अगर यहां के फलों का स्वाद नहीं लिया, तो उसकी यात्रा अधूरी है. ऐसे ही फलों में एक बेहद लोकप्रिय नाम है- काफल. एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है. काफल एक जंगली फल है. इसे कहीं उगाया नहीं जाता, बल्कि अपने आप उगता है और हमें मीठे फल का तोहफा देता है. गर्मी के मौसम में किसी बस स्टैंड से लेकर प्रमुख बाजारों तक में ग्रामीण काफल बेचते हुए दिखाई देते हैं.
काफल को समझते हैं देवताओं के योग्य
कहते हैं कि काफल को अपने ऊपर बेहद नाज भी है और वह खुद को
देवताओं
के खाने योग्य समझता है. कुमाऊंनी भाषा के एक लोक गीत में तो काफल अपना दर्द बयान करते हुए कहते हैं, 'खाणा लायक इंद्र का, हम छियां भूलोक आई पणां. इसका अर्थ है कि हम स्वर्ग लोक में इंद्र देवता के खाने योग्य थे और अब भू लोक में आ गए.'
काफल के पीछ है एक मार्मिक कहानी
हालांकि इन लाल-लाल काफलों से जुड़ी एक
मार्मिक कहानी
बहुत कम ही लोगों को पता होगी. कहा जाता है कि उत्तराखंड के एक गांव में एक गरीब महिला रहती थी, जिसकी एक छोटी सी बेटी थी. दोनों एक दूसरे का सहारा थे. आमदनी के लिए उस महिला के पास थोड़ी-सी जमीन के अलावा कुछ नहीं था, जिससे बमुश्किल उनका गुजारा चलता था.
गर्मियों में जैसे ही काफल पक जाते, महिला बेहद खुश हो जाती थी. उसे घर चलाने के लिए एक आय का जरिया मिल जाता था. इसलिए वह जंगल से काफल तोड़कर उन्हें बाजार में बेचती, जिससे परिवार की मुश्किलें कुछ कम होतीं. एक बार महिला जंगल से एक टोकरी भरकर काफल तोड़ कर लाई.
उस वक्त सुबह का समय था और उसे जानवरों के लिए चारा लेने जाना था. इसलिए उसने इसके बाद शाम को काफल बाजार में बेचने का मन बनाया और अपनी मासूम बेटी को बुलाकर कहा, 'मैं जंगल से चारा काट कर आ रही हूं. तब तक तू इन काफलों की पहरेदारी करना. मैं जंगल से आकर तुझे भी काफल खाने को दूंगी, पर तब तक इन्हें मत खाना.'
मां की बात मानकर मासूम बच्ची उन काफलों की पहरेदारी करती रही. इस दौरान कई बार उन रसीले काफलों को देख कर उसके मन में लालच आया, पर मां की बात मानकर वह खुद पर काबू कर बैठे रही. इसके बाद दोपहर में जब उसकी मां घर आई तो उसने देखा कि काफल की टोकरी का एक तिहाई भाग कम था. मां ने देखा कि पास में ही उसकी बेटी सो रही है.
सुबह से ही काम पर लगी मां को ये देखकर बेहद गुस्सा आ गया. उसे लगा कि मना करने के बावजूद उसकी बेटी ने काफल खा लिए हैं. इससे गुस्से में उसने घास का गट्ठर एक ओर फेंका और सोती हुई बेटी की पीठ पर मुट्ठी से जोरदार प्रहार किया. नींद में होने के कारण छोटी बच्ची अचेत अवस्था में थी और मां का प्रहार उस पर इतना तेज लगा कि वह बेसुध हो गई.
बेटी की हालत बिगड़ते देख मां ने उसे खूब हिलाया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. मां अपनी औलाद की इस तरह मौत पर वहीं बैठकर रोती रही. उधर, शाम होते-होते काफल की टोकरी फिर से पूरी भर गई. जब महिला की नजर टोकरी पर पड़ी तो उसे समझ में आया कि दिन की चटक धूप और गर्मी के कारण काफल मुरझा जाते हैं और शाम को ठंडी हवा लगते ही वह फिर ताजे हो गए. अब मां को अपनी गलती पर बेहद पछतावा हुआ और वह भी उसी पल सदमे से गुजर गई.
चैत के महीने में चिड़िया कहती है-काफल पाको मैं नि चाख्यो
कहा जाता है कि उस दिन के बाद से एक चिड़िया चैत के महीने में 'काफल पाको मैं नि चाख्यो' कहती है, जिसका अर्थ है कि काफल पक गए, मैंने नहीं चखे.. फिर एक दूसरी चिड़िया गाते हुए उड़ती है 'पूरे हैं बेटी, पूरे हैं'..
ये कहानी जितनी मार्मिक है, उतनी ही उत्तरखंड में काफल की अहमियत को भी बयान करती है. आज भी गर्मी के मौसम में कई परिवार इसे जंगल से तोड़कर बेचने के बाद अपनी रोजी-रोटी की व्यवस्था करते हैं.
छोटा गुठली युक्त बेरी जैसा ये फल गुच्छों में आता है और पकने पर बेहद लाल हो जाता है, तभी इसे खाया जाता है. वहीं ये पेड़ अनेक प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर है. इसकी छाल जहां विभिन्न औषधियों में प्रयोग होती है.
काफल से होता है कई चीजों का इलाज
आयुर्वेद में काफल
को भूख की अचूक दवा बताया गया है. साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए भी यह रामबाण बताया गया है. आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. के.एस. सोनी ने आईपीएन को बताया कि इसके साथ ही विभिन्न शोध इसके फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के होने की पुष्टि करते हैं, जिनसे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और दिल सहित कैंसर एवं स्ट्रोक के होने की संभावना कम हो जाती है.
खास बात है कि इतनी उपयोगिता के बावजूद काफल बाहर के लोगों को खाने के लिए नहीं मिल पाता. दरअसल, काफल ज्यादा देर तक रखने पर खाने योग्य नहीं रहता. यही वजह है उत्तराखंड के अन्य फल जहां आसानी से दूसरे राज्यों में भेजे जाते हैं, वहीं काफल खाने के लिए लोगों को देवभूमि ही आना पड़ता है.
बीते वर्षो में
काफल की बागवानी
के उपाय हुए हैं. अगर इसे व्यापक और सफलतापूर्वक किया जाए, तो न सिर्फ लोगों को ये पौष्टिक फल आसानी से खाने को मिलेगा, बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसकी उपयोगिता लोगों की आय का बड़ा जरिया भी बन सकती है.
इनपुट- IANS
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पहले चुनाव में निर्दल ने हासिल की थी जीत
इनेलो का उम्मीदवार पाला बदल बीजेपी में
हरियाणा की एक सीट इन दिनों चर्चा में है. चर्चा की वजह है एक उम्मीदवार का मतदान से पहले दल-बदल लेना. वह सीट है
महेंद्रगढ़
जिले की नारनौल विधानसभा सीट. जहां से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के उम्मीदवार राजेश सिहार ने मैदान छोड़कर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया था.
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के ओम प्रकाश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी इनेलो के कमलेश को चार हजार से अधिक वोट के अंतर से मात दी थी. भाजपा ने यादव बाहुल्य इस सीट से एक बार फिर ओम प्रकाश यादव को ही उम्मीदवार बनाया है. तब कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी.
कांग्रेस
ने इस बार भी तीसरे स्थान पर रहे नरेंद्र सिंह पर ही दांव लगाया है. राजेश सिहार के मैदान छोड़ने के बाद नारनौल सीट से कुल आठ उम्मीदवार चुनावी रणभूमि में ताल ठोक रहे हैं.
1987 के बाद पहली बार खिला था कमल
सन् 1987 के बाद 2014 में महज दूसरा ही मौका था, जब नारनौल सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की. यह दूसरा ही अवसर था जब
नारनौल
में कमल खिला था. ओम प्रकाश से पहले कैलाश चंद्र शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में 1987 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. अब ओम प्रकाश के सामने 2019 में भी कमल खिलाए रखने की चुनौती है.
क्या है चुनावी अतीत?
नारनौल सीट से आजादी के बाद 1951 और 1954 के चुनाव में कांग्रेस के रामशरण चंद्र मित्तल विधायक चुने गए थे. 1957 में जनसंघ के देवकीनंदन ने मित्तल को पराजित कर उनका विजय रथ रोक दिया था. 1962 में मित्तल फिर निर्वाचित हुए. 1967 में
जनसंघ
के बनवारी लाल छक्कड़ विधायक चुने गए थे. 1968 में मित्तल विधायक चुने गए. 1977 में अयोध्या प्रसाद ने नारनौल में समाजवाद का परचम लहराया. 1982 और 1987 में कांग्रेस के फूसाराम विधायक निर्वाचित हुए.
1996 में निर्दलीय ने चखा जीत का स्वाद
सन् 1996 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कैलाश चंद्र शर्मा ने जीत का स्वाद चखा. 2000 की
चुनावी जंग
भी निर्दलीय बनाम निर्दलीय रही और निर्दलीय उम्मीदवार मूलाराम ने निकटतम प्रतिद्वंदी राधेश्याम को पराजित किया. 2005 में भी निर्दलीय राधेश्याम ने सीट बरकरार रखी. 2009 के चुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह विजयी रहे थे.
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तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले के वचाती में वर्ष 1992 के जनजातीय महिलाओं के साथ बलात्कार और मारपीट मामले में वन एवं राजस्व विभाग के सभी 269 कर्मचारियों को जिला अदालत ने दोषी करार दिया। इनमें से 17 आरोपियों को 18 महिलाओं के साथ बलात्कार करने का दोषी करार दिया गया है। कुल 269 आरोपियों में से 54 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई।
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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ ने कहा है कि पुणे टेस्ट की जीत को हमारे खिलाड़ी बीती बात समझकर भुला चुके हैं और हमारी टीम बेंगलुरू में कल से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कमर कस चुकी है. स्मिथ ने शुक्रवार को कहा कि उनकी टीम दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच नये सिरे से शुरुआत करेगी. ऑस्ट्रेलिया टीम ने सीरीज में अंडरडॉग के रूप में शुरुआत की और पुणे में 333 रन से जीत दर्ज करके चार टेस्ट की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल की. इसके बावजूद स्मिथ ने कहा कि जो कुछ हुआ वे उस पर नहीं इतरा सकते हैं.बेंगलुरू टेस्ट नया मैच है और हम पुणे के प्रदर्शन को अब पीछे छोड़ चुके हैं.टिप्पणियां
उन्होंने चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पिछले सप्ताह हमने जिस तरह का खेल दिखाया, उससे हमारा काफी मनोबल बढ़ा है. परिस्थितियां काफी मुश्किल थी और हमारे खिलाड़ियों ने जिस तरह से उन्हें अपनाया वह काबिलेतारीफ है. लेकिन यह नया मैच है और हमें नए सिरे से शुरूआत करनी होगी. हमें पहली गेंद से नई शुरुआत करनी पड़ेगी. ’ स्मिथ ने अपने खिलाड़ियों को आत्ममुग्धता से बचने की नसीहत दी. उन्होंने कहा,‘हम जानते हैं कि भारत दमदार वापसी करने की कोशिश करेगा. इसमें कोई संदेह नहीं है. वे अपनी सरजमीं पर अच्छा खेलते हैं. ’उन्होंने उम्मीद जताई कि बेंगलुरू की पिच पुणे की तुलना में भिन्न होगी और आगामी टेस्ट में पहली पारी में बल्लेबाजी प्रदर्शन से उनकी टीम की राह तय होगी. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, ‘वह (पुणे) मुश्किल विकेट था और हमने उन्हें दिखाया कि हम इस तरह की परिस्थितियों में जीत सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने खुद को यह दिखाया.’स्मिथ ने कहा कि उनका रवैया सीध होगा- लंबे समय तक बल्लेबाजी करना और बड़ी साझेदारी करके पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाना.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यहां का विकेट वैसा ही होगा जैसा कि इंग्लैंड मैच के लिये तैयार किया गया था. पहली पारी का स्कोर महत्वपूर्ण होगा. हमें लंबी पारियां खेलने और पहली पारी में बड़ा स्कोर करने की जरूरत होगी. ’ स्मिथ ने कहा, ‘पिछले मैच के विकेट पर हमने सोचा था कि 250 का स्कोर अच्छा होगा लेकिन यहां मेरा मानना है कि हमें पहली पारी उससे कहीं अधिक रन बनाने होंगे. विकेट को देखते हुए पहली पारी में बड़ा स्कोर अहम साबित होगा. ’ स्मिथ का मानना है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम का विकेट खेल आगे बढ़ने के समय टूटने लगेगा और मैच में बाद में स्पिनर भी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हमने इंग्लैंड के खिलाफ भारत की आखिरी सीरीज के मैच देखे थे. इन मैचों में पहली पारी में बड़े स्कोर बने लेकिन बाद में पिच टूट गई और स्पिनरों ने बाद में अहम भूमिका निभाई. ’ पुणे की पिच की आईसीसी सहित कई ने आलोचना की लेकिन स्मिथ को उससे कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि दुनियाभर में क्यूरेटर अपनी भूमिका निभाते हैं और मेरी विकेट को लेकर कोई शिकायत नहीं रहती क्योंकि दोनों टीमें उसी पर खेलती है. यह 22 गज की दुनिया है जिसमें दोनों टीमों को प्रदर्शन करना होगा. इसलिए मेरे लिए यह कोई मसला नहीं है.’ स्मिथ ने दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम में किसी तरह की बदलाव की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वह पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हम उसी टीम के साथ उतरेंगे. यह दो तेज गेंदबाजों, एक आलराउंडर और दो अच्छे स्पिनरों का अच्छा मिश्रण है.’ (भाषा से इनपुट)
उन्होंने चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पिछले सप्ताह हमने जिस तरह का खेल दिखाया, उससे हमारा काफी मनोबल बढ़ा है. परिस्थितियां काफी मुश्किल थी और हमारे खिलाड़ियों ने जिस तरह से उन्हें अपनाया वह काबिलेतारीफ है. लेकिन यह नया मैच है और हमें नए सिरे से शुरूआत करनी होगी. हमें पहली गेंद से नई शुरुआत करनी पड़ेगी. ’ स्मिथ ने अपने खिलाड़ियों को आत्ममुग्धता से बचने की नसीहत दी. उन्होंने कहा,‘हम जानते हैं कि भारत दमदार वापसी करने की कोशिश करेगा. इसमें कोई संदेह नहीं है. वे अपनी सरजमीं पर अच्छा खेलते हैं. ’उन्होंने उम्मीद जताई कि बेंगलुरू की पिच पुणे की तुलना में भिन्न होगी और आगामी टेस्ट में पहली पारी में बल्लेबाजी प्रदर्शन से उनकी टीम की राह तय होगी. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, ‘वह (पुणे) मुश्किल विकेट था और हमने उन्हें दिखाया कि हम इस तरह की परिस्थितियों में जीत सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने खुद को यह दिखाया.’स्मिथ ने कहा कि उनका रवैया सीध होगा- लंबे समय तक बल्लेबाजी करना और बड़ी साझेदारी करके पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाना.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यहां का विकेट वैसा ही होगा जैसा कि इंग्लैंड मैच के लिये तैयार किया गया था. पहली पारी का स्कोर महत्वपूर्ण होगा. हमें लंबी पारियां खेलने और पहली पारी में बड़ा स्कोर करने की जरूरत होगी. ’ स्मिथ ने कहा, ‘पिछले मैच के विकेट पर हमने सोचा था कि 250 का स्कोर अच्छा होगा लेकिन यहां मेरा मानना है कि हमें पहली पारी उससे कहीं अधिक रन बनाने होंगे. विकेट को देखते हुए पहली पारी में बड़ा स्कोर अहम साबित होगा. ’ स्मिथ का मानना है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम का विकेट खेल आगे बढ़ने के समय टूटने लगेगा और मैच में बाद में स्पिनर भी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हमने इंग्लैंड के खिलाफ भारत की आखिरी सीरीज के मैच देखे थे. इन मैचों में पहली पारी में बड़े स्कोर बने लेकिन बाद में पिच टूट गई और स्पिनरों ने बाद में अहम भूमिका निभाई. ’ पुणे की पिच की आईसीसी सहित कई ने आलोचना की लेकिन स्मिथ को उससे कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि दुनियाभर में क्यूरेटर अपनी भूमिका निभाते हैं और मेरी विकेट को लेकर कोई शिकायत नहीं रहती क्योंकि दोनों टीमें उसी पर खेलती है. यह 22 गज की दुनिया है जिसमें दोनों टीमों को प्रदर्शन करना होगा. इसलिए मेरे लिए यह कोई मसला नहीं है.’ स्मिथ ने दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम में किसी तरह की बदलाव की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वह पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हम उसी टीम के साथ उतरेंगे. यह दो तेज गेंदबाजों, एक आलराउंडर और दो अच्छे स्पिनरों का अच्छा मिश्रण है.’ (भाषा से इनपुट)
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यहां का विकेट वैसा ही होगा जैसा कि इंग्लैंड मैच के लिये तैयार किया गया था. पहली पारी का स्कोर महत्वपूर्ण होगा. हमें लंबी पारियां खेलने और पहली पारी में बड़ा स्कोर करने की जरूरत होगी. ’ स्मिथ ने कहा, ‘पिछले मैच के विकेट पर हमने सोचा था कि 250 का स्कोर अच्छा होगा लेकिन यहां मेरा मानना है कि हमें पहली पारी उससे कहीं अधिक रन बनाने होंगे. विकेट को देखते हुए पहली पारी में बड़ा स्कोर अहम साबित होगा. ’ स्मिथ का मानना है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम का विकेट खेल आगे बढ़ने के समय टूटने लगेगा और मैच में बाद में स्पिनर भी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हमने इंग्लैंड के खिलाफ भारत की आखिरी सीरीज के मैच देखे थे. इन मैचों में पहली पारी में बड़े स्कोर बने लेकिन बाद में पिच टूट गई और स्पिनरों ने बाद में अहम भूमिका निभाई. ’ पुणे की पिच की आईसीसी सहित कई ने आलोचना की लेकिन स्मिथ को उससे कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि दुनियाभर में क्यूरेटर अपनी भूमिका निभाते हैं और मेरी विकेट को लेकर कोई शिकायत नहीं रहती क्योंकि दोनों टीमें उसी पर खेलती है. यह 22 गज की दुनिया है जिसमें दोनों टीमों को प्रदर्शन करना होगा. इसलिए मेरे लिए यह कोई मसला नहीं है.’ स्मिथ ने दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम में किसी तरह की बदलाव की संभावना से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वह पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हम उसी टीम के साथ उतरेंगे. यह दो तेज गेंदबाजों, एक आलराउंडर और दो अच्छे स्पिनरों का अच्छा मिश्रण है.’ (भाषा से इनपुट)
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साल 2002 से 2006 के बीच गुजरात में हुए 22 एनकाउंटरों को फर्जी बताने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने गुजरात सरकार के विरोध के बावजूद जस्टिस एचएस बेदी पैनल की जांच रिपोर्ट याचिकाकर्ता जावेद अख्तर और बीजी वर्गीस को देने के निर्देश दिए हैं.
गुजरात सरकार की इस दलील को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया कि रिपोर्ट को गोपनीय बनाए रखा जाना चाहिए क्योंकि याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण इसे मुद्दा बना देंगे. हालांकि चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है. पहले याचिकाकर्ता और गुजरात सरकार चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति दर्ज कराए, इसके बाद कोर्ट तय करेगा कि रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं.
नरेंद्र मोदी के सीएम रहने के दौरान गुजरात के कथित 22 फर्जी मुठभेड़ मामलों की याचिका की सुनवाई के लिए 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था. कोर्ट ने गुजरात सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त निगरानी समिति की अंतिम रिपोर्ट का एक सप्ताह के भीतर जवाब दे.
बता दें कि इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार बीजी वर्गिस और गीतकार जावेद अख्तर ने याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा है कि 22 मुठभेड़ों से संबंधित इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जानी चाहिए. इसके बाद अब अदालत ने याचिका की सुनवाई के लिए हामी भरते हुए गुजरात सरकार को जवाब देने के लिए कहा है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि 22 फर्जी मुठभेड़ों पर जस्टिस बेदी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए. पूरे मामले की जिम्मेदारी के साथ निपटारा होना चाहिए.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी. पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने जांच समिति नियुक्त करते हुए रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था.
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महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस भी 'भारत माता की जय' बोलने या ना बोलने के विवाद में शामिल हो गए हैं. फड़नवीस ने कहा कि भारत माता की जय नहीं बोलने वालों को इस देश में रहने का अधिकार नहीं है.
फड़नवीस
ने कहा, मैं कहना चाहूंगा की इस देश के करोड़ों लोगों का मत है की भारत माता की जय बोलना ही पड़ेगा, और जो लोग नहीं बोलेंगे उन्हें इस देश में रहने का अधिकार नहीं है. भारत माता की जय किसी धर्म का नारा नहीं है.'
दारुल उलूम ने जारी किया फतवा
'भारत माता की जय' बोलने या ना बोलने को लेकर पिछले कुछ दिनों से जमकर बहस छिड़ी हुई है. दारुल उलूम ने भारत माता की जय बोलने के मसले पर गुरुवार को फतवा जारी किया. दारुल उलूम ने कहा कि जिस तरह वंदे मातरम नहीं बोल सकते इसी तरह भारत माता की जय भी नहीं बोल सकते. इसके बाद से विवाद और तेज हो गया है.
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जाकिर नाईक ने NIA के आरोपों को गलत बताया
मलेशिया में बैठा जाकिर बोला- यहीं पूछताछ करे NIA
विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक ने एक बयान जारी कर फिर से अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठ साबित करने की कोशिश की है. जाकिर नाईक ने कहा है कि भारत की जांच संस्था NIA बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है. भारत आने से इनकार करते हुए जाकिर नाईक ने कहा कि अगर एनआईए के आईजी उससे पूछताछ करना चाहते हैं तो वे मलेशिया आएं, वो यहां पर अपनी सफाई रखेगा. जाकिर नाईक ने कहा कि ये एनआईए को उसका खुला निमंत्रण है.
BJP पर निकाली भड़ास
भारत की जांच एजेंसियों से भागकर मलेशिया में बैठे जाकिर नाईक ने बीजेपी पर भड़ास निकाली. जाकिर नाईक ने कहा कि एनआईए को बीजेपी से निर्देश नहीं लेना चाहिए. नाईक ने कहा कि एनआईए को बीजेपी का राजनीतिक हथियार नहीं बनना चाहिए.
मेरे विचार से नहीं प्रभावित हुए 127 लोग: नाईक
जाकिर नाईक ने दावा किया कि एनआईए
ने कहा है कि उसने 127 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है जो उसके विचारों से प्रभावित होकर भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देते थे. जाकिर ने कहा कि एनआईए का ये दावा बिना सबूतों के आधार पर है. जाकिर नाईक ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी को फॉलो मात्र कर लेने से कोई आतंकी नहीं बन जाता है. बल्कि कंटेट की वजह से एक शख्स आतंकी बनता है. नाईक ने कहा कि एनआईए के पास ऐसा एक भी कंटेट नहीं है.
20 करोड़ लोगों तक पहुंचता है संदेश
मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया पर अपनी पहुंच की शेखी बघारते हुए जाकिर ने कहा कि उसका संदेश 20 करोड़ लोगों तक पहुंचता है, और पीस टीवी 150 देशों में देखी जा रही है. जाकिर नाईक ने कहा कि फेसबुक पर उसके 17 मिलियन फॉलोअर हैं. जाकिर नाईक ने अपने ऊपर लगे धर्मांतरण के आरोपों को भी गलत कहा. उसने कहा कि उसने किसी को भी जबरन इस्लाम की शिक्षा नहीं दी है.
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आम आदमी पार्टी
पिछले कुछ दिनों से लागातर सुर्खियों में है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत ने पार्टी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाया, लेकिन इसके ठीक बाद आंतरिक कलह की खबरें आईं और फिर बिखराव शुरू हुआ. इस बीच अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब हुई और अब एक के बाद एक स्टिंग सामने आ रहे हैं. एक दिन पहले राजेश गर्ग के स्टिंग ने दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल मचाया, वहीं गुरुवार को कांग्रेस नेता आसिफ मोहम्मद खान ने भी एक स्टिंग का दावा किया है.
जाहिर तौर पर दिल्ली की सियासत में इन दो किरदारों ने कोहराम मचाने का काम किया है. राजेश गर्ग आम आदमी पार्टी के ही पूर्व विधायक हैं तो आसिफ मुहम्मद कांग्रेस के पूर्व एमएलए. राजेश गर्ग और केजरीवाल की बातचीत की ऑडियो का स्टिंग जारी हो चुका है तो आसिफ मुहम्मद आम आदमी पार्टी की सत्ता और सिंहासन के प्रति लालच पर एक नई स्टिंग जारी करने की बात कह रहे हैं. गौर करने वाली बात यह भी है कि किसी समय स्टिंग को भ्रष्टाचार के खिलाफ हथियार बनाने वाली पार्टी आज खुद स्टिंग के कठघरे में है. जाहिर तौर पर इस कारण उन हजारों कार्यकर्ताओं और लाखों मतदाताओं का दिल दुखा है, जिनके मन में बदलाव की आस जगी थी.
आसिफ ने भी अरविंद केजरीवाल की 'आदर्शवादी राजनीति' पर जोड़तोड़ का आरोप लगाया है. यही नहीं, उन्होंने हॉर्स ट्रेडिंग यानी खरीद-फरोख्त की भी बात की है. उनका कहना है कि AAP नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया ने उनसे कई बार संपर्क किया. आसिफ ने कहा कि अगर संजय सिंह इस बात से इनकार करेंगे तो स्टिंग की सच्चाई सामने ला दूंगा.
दूसरी ओर, 'आप' नेता संजय सिंह ने भी यह स्वीकार किया है कि उन्होंने मो. आसिफ से मुलाकात की. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पैसे लेने की कोई बात नहीं हुई. सिंह ने कहा कि अगर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप साबित होते हैं तो वह राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लेंगे.
बुधवार को स्टिंग बम फूटने के बाद AAP से नाता तोड़ने वाली अंजलि दमानिया ने 48 घंटों में ऑडियो टेप की जांच करवाने की बात की है. अंजलि ने कहा है कि पार्टी नेताओं को कार्यकर्ताओं से माफी मांगनी चाहिए.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
'आप' नेता कुमार विश्वास ने पूर्व विधायक राजेश गर्ग के आरोपों का जवाब आरोपों से दिया है. उन्होंने कहा कि स्टिंग के जरिए गर्ग ने टिकट हासिल करने की कोशिश की थी. विश्वास ने गर्ग पर ब्लैकमेलिंग का भी आरोप लगाया है.
इस पूरे घटनाक्रम पर AAP नेता आशीष खेतान का कहना है कि अगर स्टिंग के सही होने की बात मान भी ली जाए तो इससे पैसे के लेनदेन जैसी बात साबित नहीं होती है. उन्होंने कहा, 'राजनीतिक समझौते पहले भी होते रहे हैं और इसमें कोई नई बात नहीं है.'
आम आदमी पार्टी के दिल्ली चुनाव प्रभारी रहे आशुतोष ने कांग्रेस नेता मोहम्मद आसिफ को सीधी चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि अगर आसिफ के पास कोई स्टिंग है तो उसे दिखाना चाहिए.
'आदर्शवादी राजनीति' की पपड़ी उधरते देख कांग्रेस ने भी मौके पर चौका मारा है. दिल्ली चुनाव में पार्टी का चेहरा और अब दिल्ली की कमान संभाल रहे अजय माकन ने कहा कि 'आप' का खेल बेनकाब हुआ है. उन्होंने कहा, 'हमें पता था कि आप कांग्रेस को तोड़ना चाहती थी, लेकिन अब साफ है कि इसमें केजरीवाल भी शामिल थे.'
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लेख: उत्तर प्रदेश शासन ने मुजफ्फरनगर दंगे में विधायक संगीत सोम पर लगाए गए रासुका को हटाने की मांग को लेकर हुई महापंचायत में हिंसा की घटना को गंभीरता से लेते हुए मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार को हटा दिया।टिप्पणियां
गृह विभाग के अनुसार बलिया के एसएसपी ओंकार सिंह को मेरठ का नया एसएसपी बनाया गया है।
मेरठ से हटाए गए एसएसपी दीपक कुमार को पुलिस मुख्यालय पर लखनऊ से संबद्ध किया गया है जबकि राजू बाबू सिंह को बलिया का नया एसएसपी बनाया गया है।
गृह विभाग के अनुसार बलिया के एसएसपी ओंकार सिंह को मेरठ का नया एसएसपी बनाया गया है।
मेरठ से हटाए गए एसएसपी दीपक कुमार को पुलिस मुख्यालय पर लखनऊ से संबद्ध किया गया है जबकि राजू बाबू सिंह को बलिया का नया एसएसपी बनाया गया है।
मेरठ से हटाए गए एसएसपी दीपक कुमार को पुलिस मुख्यालय पर लखनऊ से संबद्ध किया गया है जबकि राजू बाबू सिंह को बलिया का नया एसएसपी बनाया गया है।
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म्यांमार में मूसलाधार बारिश से बाढ़ के मद्देनजर छह लोगों की मौत हो गई, जबकि देशव्यापी स्तर पर 420,000 लोग प्रभावित हैं. सामाजिक कल्याण, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय के मुताबिक, बागो, अयेयावाडी और यांगोन क्षेत्रों में बाढ़ का कहर जारी है.
हालांकि काचिन स्टेट, सागेंग, मांडलेय और माग्वे जैसे कुछ क्षेत्रों में जलस्तर घटने से राहत शिविर बंद कर दिए गए हैं. बागो क्षेत्र में नौ उपनगरों, अयेयावाडी में 12 और यांगोन में तीन क्षेत्रों में बाढ़ का कहर जारी है.टिप्पणियां
म्यांमार के पश्चिमी और पश्चिमोत्तर क्षेत्रों चिन और राखिने को भी संभावित बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनजर अलर्ट कर दिया गया है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि काचिन स्टेट, सागेंग, मांडलेय और माग्वे जैसे कुछ क्षेत्रों में जलस्तर घटने से राहत शिविर बंद कर दिए गए हैं. बागो क्षेत्र में नौ उपनगरों, अयेयावाडी में 12 और यांगोन में तीन क्षेत्रों में बाढ़ का कहर जारी है.टिप्पणियां
म्यांमार के पश्चिमी और पश्चिमोत्तर क्षेत्रों चिन और राखिने को भी संभावित बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनजर अलर्ट कर दिया गया है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
म्यांमार के पश्चिमी और पश्चिमोत्तर क्षेत्रों चिन और राखिने को भी संभावित बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनजर अलर्ट कर दिया गया है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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भारत ने कैंसिल की RCEP की डील
भारत को नहीं था कई मसलों पर भरोसा
बाजार में बढ़ सकता था चीन का व्यापार
भारत ने 16 देशों के RCEP व्यापार समझौते का हिस्सा नहीं बनने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले की सत्ता पक्ष तो तारीफ कर ही रहा है, वहीं विपक्ष भी इसे अपनी जीत बता रहा है. हालांकि, पीएम मोदी ने इस समझौते में शामिल न होने के पीछे भारत के हितों को बताया है.
पीएम मोदी ने कहा है, 'RCEP समझौते का मौजूदा स्वरूप बुनियादी भावना और मान्य मार्गदर्शक सिद्धांतों को पूरी तरह जाहिर नहीं करता है. यह मौजूदा परिस्थिति में भारत के दीर्घकालिक मुद्दों और चिंताओं का संतोषजनक रूप से समाधान भी पेश नहीं करता है.' ऐसे में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि भारत को RCEP समझौते में शामिल होने से क्या नुकसान होने वाले थे.
इन कारणों से बाहर भारत ने खींचे हाथ
बताया जा रहा है कि RCEP पर चर्चा में कई मसलों पर भारत को भरोसा नहीं मिल पाया. इनमें आयात में बढ़ोतरी से होने वाले अपर्याप्त संरक्षण, RCEP सदस्य देशों के साथ 105 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा, बाजार पहुंच पर भरोसे की कमी, नॉन-टैरिफ प्रतिबंधों पर असहमति और नियमों के संभावित उल्लंघन शामिल हैं. चीन इसमें सबसे बड़ी वजह है.
-दरअसल, इस समझौते से बाहर होने का सबसे बड़ा कारण चीन से आयात बताया जा रहा है. अगर भारत RCEP समझौता करता तो भारतीय बाजार में सस्ते चाइनीज सामान की बाढ़ आ जाती.
-RCEP यानी क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में 10 आसियान देशों के अलावा 6 अन्य देश ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया भी शामिल हैं. समझौता करने वाले देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा मिलता है. लिहाजा, भारत के समझौते में शामिल होने से चीन को भारतीय बाजार में पैर पसारने का अच्छा मौका मिल जाता.
-RCEP में शामिल देशों के साथ भारत का निर्यात से ज्यादा आयात होता है. समझौते के तहत ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे अगर आयात बढ़ता है तो उसे नियंत्रित किया जा सके. यानी चीन या किसी दूसरे देश के सामान को भारतीय बाजार में पर्याप्त अनुपात में अनुमति देने पर स्थिति स्पष्ट नहीं थी.
-इस समझौते में शामिल देशों को एक-दूसरे को व्यापार में टैक्स कटौती समेत तमाम आर्थिक छूट देनी होगी. लेकिन समझौते में नॉन-टैरिफ प्रतिबंधों को लेकर कोई भरोसेमंद वादा शामिल नहीं है.
-RCEP में जो देश शामिल हैं, उनके साथ भारत का व्यापार भी फायदेमंद नहीं रहा है. पिछले एक साल का वित्तीय घाटा 105 बिलियन डॉलर का रहा है. यानी इस लिहाज से भी भारत के लिए यह समझौता मुफीद नहीं था.
इन तमाम वजहों से ही भारत में RCEP का विरोध किया जा रहा था. विपक्षी कांग्रेस से लेकर मजदूर संगठन भी इसकी मुखालफत कर रहे थे, जिसके बाद मोदी सरकार ने आंतरिक हितों का हवाला देते हुए खुद RCEP से बाहर कर लिया.
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किसान को खेतीबारी के बारे में सलाह देने के लिए स्थापित किए गए नि:शुल्क किसान कॉल सेंटर (केसीसी) की ख्याती किसानों में दिनोदिन बढ़ती जा रही है. वर्ष 2004 में शुरु की गई इस सेवा से अबतक ( अक्तूबर 2010) 55-57 लाख किसानों ने संपर्क किया है. केसीसी से फोन नंबर 1551 या 1800 -180-1551 पर संपर्क किया जा सकता है.
अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देशभर में केसीसी के 25 केंद्र है. केसीसी को कृषि मंत्रालय के कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2004 में शुरु किया गया था.
केसीसी किसानों को उनकी ही भाषा में सलाह और समाधान सुझाता है. हैदराबाद स्थित प्रशासनिक कर्मचारी कॉलेज ने अपने वर्ष 2007 के अध्ययन में कहा है कि केसीसी से संपर्क करने वाले किसानों में महिला किसानों की संख्या बहुत कम है.
अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इसके मद्देनजर सरकार वृहद स्तर पर केसीसी योजना और नि:शुल्क फोन नंबर के लिए जागरूकता अभियान चला रही है.
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गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के संप्रग सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ किए गए हमले पर गुजरात कांग्रेस ने कड़ा जवाबी हमला किया.
गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, ‘गुजरात के मुख्यमंत्री अपने कुछ पसंदीदा बड़े उद्योगपतियों के लिए हमेशा ‘जोशपूर्ण’ रहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि, जब चुनाव आता है तो वह जनता के पास जाते हैं और भ्रामक और भड़काऊ भाषण देते हैं.’
गोहिल ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने कैग रिपोर्ट से जुड़े घोटालों की सीबीआई जांच की मांग की है. गुजरात की जनता जानना चाहती है कि वह प्रदेश में हर साल 16,706 करोड़ रुपये के हो रहे भ्रष्टाचार मामलों की ऐसी ही जांच की मांग क्यों नहीं करते.’
कोयला आवंटन मुद्दे पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को उनकी सरकार के खिलाफ हाल में लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों की याद दिलाई.
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस साल 19 जून को कांग्रेस सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सतर्कता आयुक्त से मुलाकात की और उन्हें तकरीबन एक लाख 17 हजार करोड़ रुपये के 17 घोटालों के 750 पेजी दस्तावेज सौंपे. मैं गुजरात के मुख्यमंत्री से यह पूछना चाहता हूं कि क्या वे इन आरापों की एसआईटी जांच के लिए तैयार हैं. क्या यह गुजरात माडल है जिस पर उन्हें घमंड है.
मीडिया ने तिवारी से गुजरात के मुख्यमंत्री के मेहसाणा में दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया पूछी थी जिसमें उन्होंने कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले में प्रधानमंत्री से एसआईटी जांच का सामना करने की भी मांग की और साथ ही आरोप लगाया कि कांग्रेस उन्हें घेरने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है.
मौजूदा आर्थिक हालात के लिए संप्रग सरकार को दोषी ठहराते हुए मोदी ने इससे पहले कहा था कि प्रधानमंत्री को विकास का गुजरात माडल अपनाना चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी गुजरात में चुनाव प्रचार करेंगे जैसा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में किया था, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रत्येक राज्य में चुनाव वहां के स्थानीय मुद्दों के आधार पर लड़े जाते हैं और सभी वरिष्ठ नेता जिन्हें वहां प्रचार की जिम्मेदारी दी गयी है वे वहां प्रचार करेंगे. गुजरात प्रदेश कांग्रेस राज्य में चुनावी मुकाबले के लिए तैयार है.
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छिपकली (Lizard) स्क्वमाटा जीववैज्ञानिक गण के सरीसृप प्राणियों का एक पारवर्गी समूह है, जिसमें अंटार्कटिका के अलावा लगभग विश्व भर के हर बड़े भू-भाग में मिलने वाली लगभग ६००० ज्ञात जातियाँ शामिल हैं। ध्यान दें कि सर्प भी स्क्वमाटा गण के सदस्य होते हैं और छिपकली व सर्प दोनों एक ही पूर्वज के वंशज हैं लेकिन परिभाषिक रूप से सर्पों को छिपकली नहीं समझा जाता।
शरीर
छोटे-छोटे शल्कों से ढँका शरीर सिर-गर्दन, धड़ और पूँछ चार भागों में बँटा होता है। धड़ में चार पैर होते हैं, जिनमें नखयुक्त अंगुलियाँ पाई जाती हैं। धड़ एवं पूँछ के जोड़ के अधरतल पर एक क्लोएका छिद्र होता है।
इन्हें भी देखें
साधारण घरेलू छिपकली
गिरगिट
स्क्वमाटा
पारवर्गी
सन्दर्भ
सरीसृप
छिपकलियाँ
पारवर्गी समूह
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यह एक लेख है: मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल के यात्रियों को सोमवार की शाम परेशानी का सामना करना पड़ा। एक मोटर कोच के पटरी से उतरने से हार्बर लाइन पर अप और डाउन उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा बाधित हो गयी।
एक रेल अधिकारी ने बताया कि घटना शाम छह बजकर 55 मिनट पर हुई जब बांद्रा से आ रही एक अप लोकल ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) के प्लेटफॉर्म संख्या दो पर प्रवेश करते हुए पटरी से उतर गयी।
अधिकारी ने कहा कि चूंकि ट्रेन धीमी गति से चल रही थी इसलिए किसी भी यात्री के घायल होने की खबर नहीं है। सीएसटी एवं वडाला रोड स्टेशन के बीच दोनों अप एवं डाउन की उपनगरीय हार्बर लाइन सेवाएं रोक दी गयीं।टिप्पणियां
हालांकि वडाला रोड से अंधेरी और वडाला रोड से पनवेल के बीच उपनगरीय रेल सेवा अप्रभावित रही।
मध्य रेलवे के प्रवक्ता ए.के. सिंह ने कहा, ‘इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी और जल्द से जल्द सेवाएं बहाल करने की कोशिशें शुरू कर दीं।’ उन्होंने कहा कि हादसे के कारण का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
एक रेल अधिकारी ने बताया कि घटना शाम छह बजकर 55 मिनट पर हुई जब बांद्रा से आ रही एक अप लोकल ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) के प्लेटफॉर्म संख्या दो पर प्रवेश करते हुए पटरी से उतर गयी।
अधिकारी ने कहा कि चूंकि ट्रेन धीमी गति से चल रही थी इसलिए किसी भी यात्री के घायल होने की खबर नहीं है। सीएसटी एवं वडाला रोड स्टेशन के बीच दोनों अप एवं डाउन की उपनगरीय हार्बर लाइन सेवाएं रोक दी गयीं।टिप्पणियां
हालांकि वडाला रोड से अंधेरी और वडाला रोड से पनवेल के बीच उपनगरीय रेल सेवा अप्रभावित रही।
मध्य रेलवे के प्रवक्ता ए.के. सिंह ने कहा, ‘इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी और जल्द से जल्द सेवाएं बहाल करने की कोशिशें शुरू कर दीं।’ उन्होंने कहा कि हादसे के कारण का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि चूंकि ट्रेन धीमी गति से चल रही थी इसलिए किसी भी यात्री के घायल होने की खबर नहीं है। सीएसटी एवं वडाला रोड स्टेशन के बीच दोनों अप एवं डाउन की उपनगरीय हार्बर लाइन सेवाएं रोक दी गयीं।टिप्पणियां
हालांकि वडाला रोड से अंधेरी और वडाला रोड से पनवेल के बीच उपनगरीय रेल सेवा अप्रभावित रही।
मध्य रेलवे के प्रवक्ता ए.के. सिंह ने कहा, ‘इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी और जल्द से जल्द सेवाएं बहाल करने की कोशिशें शुरू कर दीं।’ उन्होंने कहा कि हादसे के कारण का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
हालांकि वडाला रोड से अंधेरी और वडाला रोड से पनवेल के बीच उपनगरीय रेल सेवा अप्रभावित रही।
मध्य रेलवे के प्रवक्ता ए.के. सिंह ने कहा, ‘इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी और जल्द से जल्द सेवाएं बहाल करने की कोशिशें शुरू कर दीं।’ उन्होंने कहा कि हादसे के कारण का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
मध्य रेलवे के प्रवक्ता ए.के. सिंह ने कहा, ‘इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी और जल्द से जल्द सेवाएं बहाल करने की कोशिशें शुरू कर दीं।’ उन्होंने कहा कि हादसे के कारण का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
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हिन्द-यवन राज्य(भारत-यूनान राज्य) भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में स्थित २०० ईसापूर्व से १० ईसवी तक के काल में यूनानी मूल के राजाओं द्वारा प्रशासित राज्य थे। इस दौरान यहाँ ३० से भी अधिक हिन्द-यवन राजा रहे जो आपस में भी लड़ा करते थे। इन राज्यों का सिलसिला तब आरम्भ हुआ जब बैक्ट्रिया के दीमीत्रीयस प्रथम नामक यवन राजा ने १८० ई॰पू॰ में हिन्दू-कुश पर्वत शृंखला पार करके पश्चिमोत्तर भारतीय क्षेत्रों पर धावा बोल दिया। अपने काल में इन शासकों ने भाषा, वेशभूषा, चिह्नों, शासन प्रणाली और रहन-सहन में यूनानी-भारतीय संस्कृतियों में गहरा मिश्रण किया और बहुत से हिन्दू और बौद्ध धर्म के तत्वों को अपनाया। हिन्द-यवनों का राज शक लोगों के आक्रमणों से अंत हुआ, हालांकि १० ई॰ के बाद भी इक्की-दुक्की जगहों पर कुछ देर तक यूनानी समुदाय अपनी पहचान बनाए हुए थे। समय के साथ उनका भारतीय समाज में विलय हो गया।
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निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान (Kafeel Khan) ने शनिवार को मांग की कि उन्हें पूरे सम्मान के साथ बहाल किया जाए और मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. खान ने नयी दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाताओं से कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार को मृतक बच्चों के परिजन से माफी मांगनी चाहिए और उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि डॉक्टर निजी क्लीनिक चलाते थे. जांच में यह आरोप गलत साबित नहीं हुआ है. एक बयान में उन्होंने कहा कि "यह कहना सही नहीं है कि विभागीय जांच में डॉक्टर कफील (Dr. Kafeel Khan) को क्लीनचिट मिल गई है. उन्होंने रिपोर्ट के गलत निष्कर्ष निकाले हैं.'
कफील ने दावा किया, ‘विभागीय जांच में दिखाया गया है कि मैंने कोई चिकित्सकीय लापरवाही नहीं की या मैं भ्रष्टाचार में संलिप्त नहीं था... अब ‘हत्यारा कफील' और कुख्यात डॉक्टर कफील का लगा धब्बा धुल गया है.'उन्होंने कहा, ‘मैं मांग करता हूं कि मुझे पूरे सम्मान के साथ नौकरी पर बहाल किया जाए और मामले की सीबीआई जांच कराई जाए.'गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दस अगस्त 2017 की रात करीब 30 बच्चों की मौत हो गई थी और अगले कुछ दिनों में 34 बच्चे काल के गाल में समा गए थे. यह जानकारी उस वक्त अधिकारियों ने दी थी.
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आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती को 12 अफ्रीकी महिलाओं के खिलाफ नस्ली भेदभाव और गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए दोषी ठहराए जाने के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश को आज दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।
भारती पर दिल्ली सरकार में मंत्री रहने के दौरान दक्षिण दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन इलाके में आधी रात को छापे की कार्रवाई के दौरान अफ्रीकी मूल की महिलाओं के साथ बदसलूकी के आरोप लगे थे।
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने एनएचआरसी की 29 सितंबर की व्यवस्था को रद्द करते हुए आयोग को यह निर्देश भी दिया कि मामले में नए सिरे से सुनवाई की जाए और भारती द्वारा उनके बचाव में रखे गए सबूतों को संज्ञान में लेते हुए विस्तृत आदेश जारी किया जाए।
आप नेता से भी जनवरी में सुनवाई की अगली तारीख पर आयोग के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
हाईकोर्ट ने एनएचआरसी की 29 सितंबर की व्यवस्था के खिलाफ भारती की याचिका खारिज करने के एकल न्यायाधीश के फैसले के विरुद्ध उनकी अपील पर आदेश जारी किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन और केंद्र सरकार के स्थाई वकील जसमीत सिंह ने मामले में भारत सरकार की ओर से पक्ष रखा।
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फिल्म 'ओम शांति ओम' से 2007 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने अपनी पहली ही फिल्म से सफलता का स्वाद चख लिया था और उसके बाद भी उनकी 'रेस 2' 'ये जवानी है दीवानी' और अब 'चेन्नई एक्सप्रेस' बॉक्स ऑफिस पर बेहद कामयाब रही हैं.
हिंदी फिल्म जगत की स्टार अभिनेत्रियों में से एक दीपिका का मानना है कि सफलता सापेक्षिक (Relative) होती है. एक साक्षात्कार के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि यह उनका समय है, दीपिका ने कहा, 'यदि लोगों को लगता है कि यह मेरा समय है, तो यह मेरी फिल्मों पर निर्भर करता है.'
उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि ये बातें 'सापेक्षिक' होती हैं. यह सब सुनकर और पढ़कर काफी अच्छा लगता है, लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं अपने काम के लिए कड़ी मेहनत करती हूं. मैं जानती हूं कि मैंने अपने निजी और पारिवारिक मुद्दों का बलिदान किया है. लेकिन यदि अंत में अच्छे परिणाम मिलते हैं तो अफसोस नहीं होता. मेरा मानना है कि सफलता सापेक्षिक होती है.'
दीपिका ने अपनी हालिया प्रदर्शित फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' में अभिनेता शाहरुख खान के साथ काम किया है, जिनके साथ उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'ओम शांति ओम' में काम किया था. फिल्म पर दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार को प्रदर्शित हुई फिल्म बॉक्स ऑफिस के सारे रिकार्ड तोड़ देगी.
दीपिका कहती हैं कि आप जितने अधिक सफल होते हैं, सफलता को कायम रखना उतना ही मुश्किल होता जाता है. दीपिका उन चुनिंदा सफलतम अभिनेत्रियों में से हैं, जो मॉडलिंग के क्षेत्र से अभिनय के क्षेत्र में आईं और जिनकी सफलता फिल्मों में भी बदस्तूर कायम है.
'चेन्नई एक्स्प्रेस' में दूसरी बार अभिनेता शाहरुख खान के साथ काम करने के अपने अनुभव के बारे में दीपिका ने बताया, 'वह अब भी वैसे ही ख्याल रखने वाले, प्यारे, आकर्षक, सहयोगी स्वभाव के हैं, जैसे पहले थे. मेरे लिए तो 'ओम शांति ओम' के शाहरुख और 'चेन्नई एक्सप्रेस' के शाहरुख में जरा भी फर्क नहीं है.'
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बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी ने एक बयान में कहा कि फिल्म 'मुन्नाभाई' की अगली श्रृंखलाओं में अभिनेता संजय दत्त के बगर वह काम नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 'मुन्नाभाई' श्रृंखला की पूर्व प्रदर्शित दो फिल्मों 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' और 'लगे रहो मुन्नाभाई' में संजय दत्त ने मुन्नाभाई की मुख्य भूमिका निभाई है जबकि वारसी उनके सहयोगी सर्किट के रूप में उनके सहकलाकोर के रूप में दिखाई दिए हैं।
वारसी कहते हैं कि न ही दर्शक और न स्वयं वह फिल्म में मुन्नाभाई की भूमिका में संजय दत्त की जगह किसी और अभिनेता को स्वीकार कर पाएंगे। संजय इस समय 1993 मुम्बई बम धमाकों के कथित भूमिका के लिए जेल की सजा काट रहे हैं।
वारसी ने शुक्रवार को अपनी फिल्म 'जॉली एलएलबी' के डीवीडी लांच पर कहा, "मैं संजय के बिना 'मुन्नाभाई' में काम नहीं कर सकता क्योंकि मुन्नाभाई के किरदार में संजय के अलावा मैं किसी और को सोच भी नहीं सकता। फिल्म में मुन्नाभाई का जो किरदार है, उसकी आदतें, स्वभाव और व्यक्तित्व काफी कुछ संजय के व्यक्तित्व से मेल खाता है।"
उन्होंने कहा, "कहीं न कहीं मुझे यह महसूस होता है कि दर्शकों ने संजय और फिल्म को आपस में इतना अधिक जोड़ दिया है कि वह इसमें परिवर्तन स्वीकार नहीं कर पाएंगे।"टिप्पणियां
निर्देशक राजकुमार हिरानी की 'मुन्नाभाई' श्रृंखला फिल्मों ने संजय और वारसी दोनों को उनके किरदारों में स्थापित कर दिया। निर्माता श्रृंखला की अगली फिल्म के निर्माण की योजना लगभग तय कर चुके थे लेकिन दत्त के जेल जाने के कारण फिलहाल फिल्म का निर्माण स्थगित कर दिया गया है।
गुरुवार को अभिनेता संजय दत्त ने साढ़े तीन साल जेल की सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि 'मुन्नाभाई' श्रृंखला की पूर्व प्रदर्शित दो फिल्मों 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' और 'लगे रहो मुन्नाभाई' में संजय दत्त ने मुन्नाभाई की मुख्य भूमिका निभाई है जबकि वारसी उनके सहयोगी सर्किट के रूप में उनके सहकलाकोर के रूप में दिखाई दिए हैं।
वारसी कहते हैं कि न ही दर्शक और न स्वयं वह फिल्म में मुन्नाभाई की भूमिका में संजय दत्त की जगह किसी और अभिनेता को स्वीकार कर पाएंगे। संजय इस समय 1993 मुम्बई बम धमाकों के कथित भूमिका के लिए जेल की सजा काट रहे हैं।
वारसी ने शुक्रवार को अपनी फिल्म 'जॉली एलएलबी' के डीवीडी लांच पर कहा, "मैं संजय के बिना 'मुन्नाभाई' में काम नहीं कर सकता क्योंकि मुन्नाभाई के किरदार में संजय के अलावा मैं किसी और को सोच भी नहीं सकता। फिल्म में मुन्नाभाई का जो किरदार है, उसकी आदतें, स्वभाव और व्यक्तित्व काफी कुछ संजय के व्यक्तित्व से मेल खाता है।"
उन्होंने कहा, "कहीं न कहीं मुझे यह महसूस होता है कि दर्शकों ने संजय और फिल्म को आपस में इतना अधिक जोड़ दिया है कि वह इसमें परिवर्तन स्वीकार नहीं कर पाएंगे।"टिप्पणियां
निर्देशक राजकुमार हिरानी की 'मुन्नाभाई' श्रृंखला फिल्मों ने संजय और वारसी दोनों को उनके किरदारों में स्थापित कर दिया। निर्माता श्रृंखला की अगली फिल्म के निर्माण की योजना लगभग तय कर चुके थे लेकिन दत्त के जेल जाने के कारण फिलहाल फिल्म का निर्माण स्थगित कर दिया गया है।
गुरुवार को अभिनेता संजय दत्त ने साढ़े तीन साल जेल की सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
वारसी कहते हैं कि न ही दर्शक और न स्वयं वह फिल्म में मुन्नाभाई की भूमिका में संजय दत्त की जगह किसी और अभिनेता को स्वीकार कर पाएंगे। संजय इस समय 1993 मुम्बई बम धमाकों के कथित भूमिका के लिए जेल की सजा काट रहे हैं।
वारसी ने शुक्रवार को अपनी फिल्म 'जॉली एलएलबी' के डीवीडी लांच पर कहा, "मैं संजय के बिना 'मुन्नाभाई' में काम नहीं कर सकता क्योंकि मुन्नाभाई के किरदार में संजय के अलावा मैं किसी और को सोच भी नहीं सकता। फिल्म में मुन्नाभाई का जो किरदार है, उसकी आदतें, स्वभाव और व्यक्तित्व काफी कुछ संजय के व्यक्तित्व से मेल खाता है।"
उन्होंने कहा, "कहीं न कहीं मुझे यह महसूस होता है कि दर्शकों ने संजय और फिल्म को आपस में इतना अधिक जोड़ दिया है कि वह इसमें परिवर्तन स्वीकार नहीं कर पाएंगे।"टिप्पणियां
निर्देशक राजकुमार हिरानी की 'मुन्नाभाई' श्रृंखला फिल्मों ने संजय और वारसी दोनों को उनके किरदारों में स्थापित कर दिया। निर्माता श्रृंखला की अगली फिल्म के निर्माण की योजना लगभग तय कर चुके थे लेकिन दत्त के जेल जाने के कारण फिलहाल फिल्म का निर्माण स्थगित कर दिया गया है।
गुरुवार को अभिनेता संजय दत्त ने साढ़े तीन साल जेल की सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
वारसी ने शुक्रवार को अपनी फिल्म 'जॉली एलएलबी' के डीवीडी लांच पर कहा, "मैं संजय के बिना 'मुन्नाभाई' में काम नहीं कर सकता क्योंकि मुन्नाभाई के किरदार में संजय के अलावा मैं किसी और को सोच भी नहीं सकता। फिल्म में मुन्नाभाई का जो किरदार है, उसकी आदतें, स्वभाव और व्यक्तित्व काफी कुछ संजय के व्यक्तित्व से मेल खाता है।"
उन्होंने कहा, "कहीं न कहीं मुझे यह महसूस होता है कि दर्शकों ने संजय और फिल्म को आपस में इतना अधिक जोड़ दिया है कि वह इसमें परिवर्तन स्वीकार नहीं कर पाएंगे।"टिप्पणियां
निर्देशक राजकुमार हिरानी की 'मुन्नाभाई' श्रृंखला फिल्मों ने संजय और वारसी दोनों को उनके किरदारों में स्थापित कर दिया। निर्माता श्रृंखला की अगली फिल्म के निर्माण की योजना लगभग तय कर चुके थे लेकिन दत्त के जेल जाने के कारण फिलहाल फिल्म का निर्माण स्थगित कर दिया गया है।
गुरुवार को अभिनेता संजय दत्त ने साढ़े तीन साल जेल की सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
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निर्देशक राजकुमार हिरानी की 'मुन्नाभाई' श्रृंखला फिल्मों ने संजय और वारसी दोनों को उनके किरदारों में स्थापित कर दिया। निर्माता श्रृंखला की अगली फिल्म के निर्माण की योजना लगभग तय कर चुके थे लेकिन दत्त के जेल जाने के कारण फिलहाल फिल्म का निर्माण स्थगित कर दिया गया है।
गुरुवार को अभिनेता संजय दत्त ने साढ़े तीन साल जेल की सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
निर्देशक राजकुमार हिरानी की 'मुन्नाभाई' श्रृंखला फिल्मों ने संजय और वारसी दोनों को उनके किरदारों में स्थापित कर दिया। निर्माता श्रृंखला की अगली फिल्म के निर्माण की योजना लगभग तय कर चुके थे लेकिन दत्त के जेल जाने के कारण फिलहाल फिल्म का निर्माण स्थगित कर दिया गया है।
गुरुवार को अभिनेता संजय दत्त ने साढ़े तीन साल जेल की सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
गुरुवार को अभिनेता संजय दत्त ने साढ़े तीन साल जेल की सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है।
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योगी सरकार ने मंगलवार को अपने सौ दिन पूरे कर लिए. इस मौके पर सरकार ने पिछले साल के मुकाबले अपराध के ग्राफ में गिरावट का दावा किया. इन दावों पर दम भरते हुए योगी सरकार पूरे जोश में नजर आई लेकिन सूबे की पुलिस की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार के इन दावों की हकीकत कुछ और ही नजर आई.
सरकार ने किया अपराध दर की गिरावट का दावा
योगी सरकार राज्य में अपराध दर की गिरावट का दावा करते हुए आंकड़े जारी करती है. सरकार के मुताबिक, पिछली सरकार के इन्हीं सौ दिनों और योगीराज के इन सौ दिनों में हत्या में 4.43 फीसदी,
दहेज हत्या
में 6.68 फीसदी, सड़क पर अपराध में 100 फीसदी की गिरावट आई है. इसके अलावा एससीएसटी क्राइम में भी 12.43 फीसदी की गिरावट आई है. दरअसल योगी सरकार लूट, डकैती, फिरौती के लिए अपहरण और रेप जैसे अपराधों के ग्राफ पर रोशनी डालना भूल गई.
राज्य में कई फीसदी बढ़ा क्राइम रेट
यूपी पुलिस ने 15 मार्च से 15 जून के बीच सूबे में हुए अपराध पर जो आंकड़े सामने रखे हैं, उनके मुताबिक, सूबे में हुई संगीन वारदातों की फेहरिस्त में शायद ही कोई कमी आई है. और तो और क्राइम रेट पिछले आंकड़ों को पूरी तरह से पार करते हुए तहस-नहस कर चुका है. यूपी पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 15 मार्च से 15 जून तक इन तीन महीनों में डकैती के मामले 13.85 फीसदी, लूट 20.46 फीसदी, फिरौती के लिए किए गए अपहरण 44.44 फीसदी और बलात्कार के मामलों में 40.83 फीसदी का इजाफा हुआ है.
खुद उलझे हैं सरकार और पुलिस
हां, राज्य में हुई हत्याओं के गिरते ग्राफ पर जरूर योगी सरकार के आंकड़े यूपी पुलिस के साथ मेल खा रहे हैं. मगर बाकी अपराधों पर चुप्पी साध लेना शायद सरकार की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. यही वजह है कि सरकार ने अपने 100 दिनों की उपलब्धियां गिनाते हुए अपराध के इन बढ़ते आंकड़ों पर बात करना बिल्कुल भी मुनासिब न समझा. बहरहाल इन आंकड़ों के फेर को सुलझाने का दावा करते हुए योगी सरकार और उनकी पुलिस खुद काफी उलझे हुए नजर आ रहे हैं.
भयमुक्त शासन का दिया था नारा
गौरतलब है,
भयमुक्त शासन
का नारा देते हुए जब 19 मार्च, 2017 को योगी आदित्यनाथ ने सूबे के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, तब शायद यूपी की जनता को भरोसा हो गया कि अब प्रदेश में अपराध का खात्मा निश्चित रूप से होकर रहेगा. योगी सरकार एक्शन में आई और ताबड़तोड़ फैसले लिए गए. महिला सुरक्षा के दावों पर योगी सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया, लेकिन यह स्क्वॉड अपने काम के तौर-तरीकों को लेकर विवादों में ही घिरा रहा.
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लेख: एक महिला से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के आरोपों को लेकर गिरफ्तार किए गए टेलीविजन अभिनेता करण ओबेरॉय को एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को जमानत देने से इनकार कर दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस बघेले ने अभिनेता की जमानत याचिका ठुकरा दी. टेलीविजन के कुछ धारावाहिकों और विज्ञापनों में काम कर चुके ओबेरॉय (40) के खिलाफ एक महिला ने ओशिवारा थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि शादी के नाम पर उन्होंने कथित तौर पर दुष्कर्म किया. इस मामले के बीच अब टीवी इंडस्ट्री की बोल्ड अदाकारा महिका शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सहमति के साथ संबंध के लिए रेप शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
महिका शर्मा ने इस बारे में बयान जारी करके कहा, ''मुझे समझ नहीं आता कि लोग आपसी सहमति से बने संबंधों को बलात्कार क्यों कहते हैं. दोनों पक्ष अपने रिश्ते के लिए सहमति जताते हैं और बाद में अपने रिश्ते को निभाने में नाकाम रहते हैं तो इसे बलात्कार का नाम देते हैं, ये हास्यास्पद है. एक बलात्कार पीड़िता, जिसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए जबरदस्ती की जाती है, उसका दर्द और स्थिति उन दो लोगों से पूरी तरह अलग होती है, जो परस्पर संबंध में होते हैं.''
महिका शर्मा ने आगे कहा, ''इस तरह के फेक रिश्तों के लिए बलात्कार के बजाए कोई और शब्द इस्तेमाल होना चाहिए. उम्मीद है लोग मेरी इस बात से सहमत होंगे क्योंकि अगर हम इस तरह के केस में बलात्कार जैसा शब्द इस्तेमाल करते हैं तो इसकी गंभीरता कम होती है.''
करन ओबेरॉय के केस को लेकर महिका ने कहा, ''मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकती लेकिन #Metoo मूवमेंट जरूरी चीज नहीं थी, जबकि हमारे समाज में मर्दों के लिए पहले से ही पक्षपात है. मैं सिर्फ उस रिश्ते को बाद में रेप का नाम देने के खिलाफ हूं, जिसमें दोनों पहले अपनी मर्जी से साथ थे.''
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शॉर्टकट के साथ मेनू के साथ हरे प्रकाश डाला और स्मरणोकारी के साथ पीला प्रकाश डाला।
अभिकलन (कम्प्यूटिंग) में, 'कुंजीपटल शॉर्टकट एक या एक से अधिक कुंजी एक परिमित सेट है कि आह्वान एक सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम ऑपरेशन जबद्वारा ट्रिगर उपयोगकर्ता
माय कम्प्यूटर
WINDOWS KEY + E के से आप My Computer खोल सकते हैं।
फाइल कॉपी
कंट्रोल बटन दबाए रखते हुए किसी भी फाइल को माउस से ड्रैग करें। उसकी एक और कॉपी बन जाएगी।
शॉर्टकट बनाएं
Control+Shift को दबाते हुए माउस से किसी भी प्रोग्राम, फाइल, फोल्डर, ड्राइव को ड्रैग करें। इसका शॉर्टकट हाजिर हो जाएगा।
सिस्टम लॉक
काम करते-करते कहीं जाना पड़े तो Windows+L बटन दबाकर सिस्टम को लॉक करके जाएं। यह तभी काम करेगा जब कोई विंडो खुली हो और कम्प्यूटर किसी पासवर्ड से खुलता हो।
परमानेंट डिलीट
डिलीट की हुई फाइलें सिस्टम से पूरी तरह डिलीट नहीं होतीं, बल्कि रिसाइकिल बिन में चली जाती हैं, जहां से उन्हें दोबारा लाया जा सकता है। अगर किसी फाइल को हमेशा के लिए डिलीट करना है तो Shift+Delete कॉम्बीनेशन आजमाएं।
राइट माउस क्लिक
अगर माउस को राइट क्लिक किए बिना उसका काम करना चाहते हैं तो Shift+F10 को आजमाएं।
स्टार्ट मेन्यू
माउस को हाथ लगाए बिना स्टार्ट मेन्यू खोलने के लिए Control+Esc का इस्तेमाल करें।
फाइल री-नेम
किसी फाइल या फोल्डर को री-नेम करने के लिए माउस को राइट क्लिक कर सिर्फ F2 दबाकर देखें।
फाइल सर्च
किसी फाइल को खोजना चाहते हैं, तो F3 को दबाकर सर्च विंडो खोलें।
प्रॉपर्टीज
किसी फाइल, फोल्डर या ड्राइव आदि की प्रॉपर्टीज देखने के लिए Alt+Enter दबाएं।
विंडोज करें मिनिमाइज
डेस्कटॉप पर बहुत सारे प्रोग्राम खुले हों, तो सबको एक साथ मिनिमाइज करने के लिए Windows Key+M यूज करें।
विंडोज करें मैक्सिमाइज
मिनिमाइज किए हुए सभी प्रोग्राम्स और फाइलों को मैक्सिमाइज करने के लिए Windows Key +shift+M को आजमाएं।
विंडोज नेविगेशन
डेस्कटॉप पर खुले कई सारे डॉक्युमेंट्स या प्रोग्राम्स में से किसी एक को सिलेक्ट करने के लिए Alt+Tab को बार-बार दबाकर देखें।
प्रोग्राम बंद करें
किसी भी चल रहे प्रोग्राम को बंद करने के लिए Alt+F4 दबाएं।
मल्टिपल सिलेक्ट
एक से ज्यादा फाइलों को Copy Move करना हो, तो उनकी सूची में पहली फाइल पर जाने के बाद Shift दबाएं और अब Arrow बटन दबाकर ऊपर-नीचे बढ़ते जाएं। किसी डॉक्युमेंट में एक से ज्यादा लाइनों को सिलेक्ट करने के लिए भी Shift+Arrow की मदद लें।
एड्रेस बार की सूची
माय कम्प्यूटर या इंटरनेट एक्सप्लोरर में एड्रेस बार में मौजूद दस्तावेजों या वेब यूआरएल की सूची को खोलने के लिए F4 दबाएं।
पेज रिफ्रेश
अगर My Computer या Desktop या Internet Explorer को Refresh करना चाहते हैं तो F5 दबाएं।
टास्क बंद करें
किसी भी सॉफ्टवेयर में काम करते समय खुलने वाले डायलॉग बॉक्स (जैसे क्या आप वाकई यह फाइल डिलीट करना चाहते हैं?) को बंद करने और उसे कैंसल करने के लिए Escape बटन दबाने से भी काम चल जाता है। इसी तरह, ‘हां’ के लिए Enter दबाना काफी है।
मेन्यू खोलें
किसी भी सॉफ्टवेयर के मेन्यू में Alt दबाने के बाद अंडरलाइन किए हुए अक्षरों (जैसे फाइल में एफ और एडिट में ई) पर क्लिक करने से वह मेन्यू खुल जाएगा। उसके बाद सब-मेन्यू में दिए गए बटन भी इसी तरह खोले जा सकते हैं।
कंप्यूटर सर्च
अगर आप अपने नेटवर्क में मौजूद किसी खास कंप्यूटर को खोजना चाहते हैं, तो Control+Windows Logo+F का इस्तेमाल करें।
प्रिंटआउट
ज्यादातर सॉफ्टवेयर्स में Control+P कीज दबाने पर प्रिंट आउट डायलॉग बॉक्स खुल जाता है।
इन्हें भी देखें
: Quit
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: Italicize text
: Underline text
: Open
: Print
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: Save
: Find
: Undo (resembles the action of striking out a mistake)
: Cut (resembles scissors)
: Copy
: Paste (resembles an arrow pointing downward "into" the document, or a brush used for applying paste)
: Bold text
: N'ew Document
: User interrupt (Full stop)
: Help (? signifies a question or confusion)
Also, keyboard short cuts are used in Windows too, such as: (These are the current ones in Windows 7, some are for Microsoft Document,Presentation,Organizer and Microsoft Excel.)
Help. (A separate window will come up.)
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कुंजीपटल शॉर्टकट
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जब भी कभी आप रेलवे स्टेशन किसी को लेने या छोड़ने जाते हैं तो प्लेटफॉर्म टिकट जरूर लेते होंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा भी स्टेशन है, जहां एक साल में सिर्फ 27 प्लेटफॉर्म टिकटों की
बिक्री हुई
है. ये स्टेशन है छत्तीसगढ़ का जगदलपुर रेलवे स्टेशन.
छत्तीसगढ़ के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से लंबी दूरी की तीन एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं- समलेश्वरी, हीराखंड, जगदलपुर एक्सप्रेस और वन-टू वी पैसेंजर ट्रेन, लेकिन यहां के
रेलवे स्टेशन
पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री नहीं के बराबर है. पिछले महीने 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तवर्ष 2014-15 के ब्यौरे के मुताबिक, जगदलपुर स्टेशन पर सिर्फ 27 प्लेटफॉर्म टिकटों की ही बिक्री हुई है.
अधिकारी बताते हैं कि यहां हर माह औसतन दो प्लेटफार्म टिकटें ही बिकती हैं. ऐसा नहीं है कि लोग यात्रियों को छोड़ने स्टेशन नहीं आते. रोज दो सौ से तीन सौ यात्री जगदलपुर स्टेशन पर ट्रेनों में चढ़ते और उतरते हैं और यात्रियों को ट्रेन में विदा या रिसीव करने रोजाना 25-50 लोग स्टेशन पहुंचते हैं, पर इनमें से कोई भी प्लेटफॉर्म
टिकट नहीं खरीदता
. दरअसल, प्लेटफॉर्म टिकट खरीदने की किसी को जरूरत ही महसूस नहीं होती.
25-30 प्लेटफॉर्म टिकटें ही बिक पाती हैं
जगदलपुर के स्टेशन अधीक्षक जॉन कुजूर कहते हैं कि साल में 25-30 प्लेटफार्म टिकटें ही बिक पाती हैं. लोग स्टेशन में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की बात करते हैं, पर जब
प्लेटफॉर्म टिकटों की खरीदी
आदि मुद्दों पर रेलवे का सहयोग की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं. लोगों को आदत बदलनी होगी और रेलवे के प्रति सहयोगात्मक रवैया भी दिखाना होगा.
बताया गया कि बाहर से आने वाला व्यक्ति, जिसे जगदलपुर स्टेशन के बारे में जानकारी नहीं होती है और वह किसी काम से ट्रेन छूटने के समय स्टेशन पहुंच जाता है तो सिर्फ वही लोग कभी-कभार प्लेटफॉर्म टिकट खरीद लेते हैं. एक रेल अधिकारी ने बताया कि टिकटों की चेकिंग की व्यवस्था नहीं है. हो भी कैसे, जब प्लेटफॉर्म से स्टेशन के बाहर निकलने के लिए एक दर्जन से ज्यादा रास्ते हों. खुला स्थान होने के कारण बिना टिकट यात्री आसानी से बाहर निकल जाते हैं.
इनपुट IANS
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यह एक लेख है: सिरी फोर्ट के कोर्ट पर जूझती हुई सुपर साइना की जीत करोड़ों भारतीय फ़ैन्स के लिए एक शानदार खबर है। उन फ़ैन्स के लिए भी जो दिल्ली से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर मुंबई में टीम इंडिया की हार के बाद मायूसी से भर गए थे।
इंडिया ओपन सुपर सीरीज़ में दक्षिण कोरिया की आठवीं रैंकिंग वाली सुंग जी ह्यून ने छठी वर्ल्ड रैंकिंग वाली साइना नेहवाल से पहला गेम 21-19 से जीत लिया। दूसरा गेम साइना ने 21-14 से अपने पक्ष में किया।टिप्पणियां
तीसरे गेम में साइना की शुरुआत अच्छी नहीं रही। मैच के आखिर में भी साइना कई बार पिछड़ती दिखीं। यहां तक कि साइना की मां उषा नेहवाल स्टैंड्स से परेशान नजर आईं। लगा कि वे साइना की गलतियों के बारे में भी बता रही हैं।
आखिरकार साइना नेहवाल ने 21-19, 14-21, 21-19 से मैच जीता और सेमीफाइनल में जगह बना ली। साइना ने मैच जीतने में एक घंटा 23 मिनट का वक्त लिया। सेमीफाइनल में साइना की टक्कर लंदन ओलिंपिक चैंपियन और वर्ल्ड नंबर 2ली ज़ुएरेई से होगी।
इंडिया ओपन सुपर सीरीज़ में दक्षिण कोरिया की आठवीं रैंकिंग वाली सुंग जी ह्यून ने छठी वर्ल्ड रैंकिंग वाली साइना नेहवाल से पहला गेम 21-19 से जीत लिया। दूसरा गेम साइना ने 21-14 से अपने पक्ष में किया।टिप्पणियां
तीसरे गेम में साइना की शुरुआत अच्छी नहीं रही। मैच के आखिर में भी साइना कई बार पिछड़ती दिखीं। यहां तक कि साइना की मां उषा नेहवाल स्टैंड्स से परेशान नजर आईं। लगा कि वे साइना की गलतियों के बारे में भी बता रही हैं।
आखिरकार साइना नेहवाल ने 21-19, 14-21, 21-19 से मैच जीता और सेमीफाइनल में जगह बना ली। साइना ने मैच जीतने में एक घंटा 23 मिनट का वक्त लिया। सेमीफाइनल में साइना की टक्कर लंदन ओलिंपिक चैंपियन और वर्ल्ड नंबर 2ली ज़ुएरेई से होगी।
तीसरे गेम में साइना की शुरुआत अच्छी नहीं रही। मैच के आखिर में भी साइना कई बार पिछड़ती दिखीं। यहां तक कि साइना की मां उषा नेहवाल स्टैंड्स से परेशान नजर आईं। लगा कि वे साइना की गलतियों के बारे में भी बता रही हैं।
आखिरकार साइना नेहवाल ने 21-19, 14-21, 21-19 से मैच जीता और सेमीफाइनल में जगह बना ली। साइना ने मैच जीतने में एक घंटा 23 मिनट का वक्त लिया। सेमीफाइनल में साइना की टक्कर लंदन ओलिंपिक चैंपियन और वर्ल्ड नंबर 2ली ज़ुएरेई से होगी।
आखिरकार साइना नेहवाल ने 21-19, 14-21, 21-19 से मैच जीता और सेमीफाइनल में जगह बना ली। साइना ने मैच जीतने में एक घंटा 23 मिनट का वक्त लिया। सेमीफाइनल में साइना की टक्कर लंदन ओलिंपिक चैंपियन और वर्ल्ड नंबर 2ली ज़ुएरेई से होगी।
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बजट 2019 का असर सबसे पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में दिखने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल पर 2-2 रुपये सेस लगाने का ऐलान किया है जिससे यह साफ हो गया कि अब पेट्रोल और डीजल दोनों ही महंगा हो जाएगा. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते ही आम आदमी को महंगाई का झटका लगने वाला है.
बजट में ऐलान के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है. सेस में इजाफे के बाद पेट्रोल 2.50 रुपये प्रति लीटर महंगा हो जाएगा. जबकि डीजल की कीमत में भी 2.30 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो जाएगी.
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शुक्रवार को 2019-20 के लिए संसद में आम बजट पेश किया. जहां उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर 1-1 रुपये अतिरिक्त सेस लगाने का ऐलान किया. वित्त मंत्री ने अपने 2 घंटे से ज्यादा के भाषण के अंत में पेट्रोल और डीजल पर रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाने का ऐलान किया.
अभी पेट्रोल पर 17.98 रुपये और डीजल पर 13.83 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी है, इसमें एक रुपये की बढ़ोतरी की गई है. जबकि इसी तरह रोड और कंस्ट्रक्शन सेस में भी 1 रुपये प्रति लीटर ईजाफा किया गया है.
पेट्रोल और डीजल पर केंद्र के अलावा राज्य सरकारें भी टैक्स लगाती हैं, जिसे कीमतें काफी बढ़ जाती हैं. बेस प्राइज पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगाने के बाद लोकल सेल्स टैक्स और वैल्यू ऐडेड टैक्स में भी बढ़ोतरी हुई है जिससे पेट्रोल की कीमत में 2.50 रुपये प्रति लीटर का ईजाफा हो जाएगा, जबकि डीजल में 2.30 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होगी.
फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.51 रुपये प्रति लीटर है. जबकि एक लीटर डीजल दिल्ली में 64.33 रुपये के हिसाब से मिल रही है.
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हम अगर भावों से भरे हों तभी हमारी जिंदगी में स्पंदन रहता है. मगर ये भाव हमें कहां ले जाते हैं, कभी सोचा है? दरअसल इनके साथ हम अपने आमाज़गाह तक की यात्रा करते हैं. आमाज़गाह एक फारसी शब्द है जिसका मतलब होता है लक्ष्य स्थान (परमधाम). आमाज़गाह में तीन मार्मिक कहानियां हैं. मनोज रूपड़ा की इन कहानियों को समझना इतना आसान भी नहीं है. इसके लिए आपको लेखक की शैली, भाषा, किरदार और उनके हालात के साथ ही उनके भावों की गहराई में भी उतरना होगा. पहली कहानी 'आमाजग़ाह' मौजूदा दौर और बीते वक्त के बीच बहती है. इसमें हसरत और मकसद हैं. ये सब जुड़े हैं संगीत के तारों से. जब आपकी रूह आपको किसी मकसद के लिए पुकारती है और उसके करीब पहुंचकर भी अगर परिस्थितियां आपके विपरीत हो जाएं तो आपको आमाज़गाह मिलेगा? इस अवस्था को बताने के लिए कहानी की यह पंक्ति ही काफी है, ''हम किसी आरामगाह की तरफ नहीं, बल्कि एक ऐसी आमाज़गाह की तरफ जा रहे हैं जिसके बारे में हमें कुछ भी अंदाजा नहीं है.''
दूसरी कहानी 'लाइफ लाइन' में संवादहीनता और घुटन से उपजने वाले अवसाद को लेखक ने तीन पात्रों के जरिए जीवंत किया है. इस कहानी के किरदार इतने जीवंत हैं कि कई जगहों पर आपको पात्रों के लिए घबराहट होने लगती है. संघर्ष कर दो बेटियों को बड़ा करने वाली मां पहले इसकी शिकार बनती है. फिर प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ उन दोनों बेटियों को ऐसा तोड़ती है कि उनमें जिंदगी शेष नहीं बचती. हमें अक्सर मानसिक संतुलन खोए लोग नजर आते हैं, जिनको हम पागल कह कर नजर उठाकर देखना तक पसंद नहीं करते.
आखिरी कहानी 'आग और राख के बीच' में ऐसे ही एक विक्षिप्त के क्रियाकलापों और उसके इस हश्र तक पहुंचने की कहानी है. इसमें आपको कभी मुख्य पात्र का मर्म महसूस होगा तो कभी उसके काम देखकर नफरत और खीज उठेगी. इसी के साथ कई उलझे शब्दों और भावों के बीच आपको इतनी गहराई में उतरने के लिए मनोज की तारीफ भी करनी होगी. लेकिन ऐसा कर वही सकेंगे जो इन उतार-चढ़ावों को समझने का धैर्य रखते होंगे क्योंकि यह जिंदगी का साहित्य है, इसमें डूबने वाला ही तरेगा.
आमाज़गाह
लेखक: मनोज रूपड़ा
प्रकाशक: आधार प्रकाशन
कीमत: 80 रु.
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सुहानी सिंह की बातचीत, पेश हैं खास अंशः
मैं पिछले 50 वर्षों से
योग
का अभ्यास करता आ रहा हूं. जब मैं पांचवीं कक्षा का विद्यार्थी था तब पहली बार योग से मेरा परिचय हुआ था. उस समय योग व्यायाम के रूप में इतना लोकप्रिय नहीं हुआ करता था. इसे मानसिक शक्ति बढ़ाने वाला व्यायाम ही समझा जाता था.
मैंने कभी भी दंड बैठक या बहुत अधिक शारीरिक मेहनत वाली कसरत नहीं की हैं. उस समय योग सिखाने वाले लोकप्रिय गुरुओं की कमी थी. मुझे किताबों ने बड़ी सहायता की.
किताबें पढ़कर मैंने योग अभ्यास सीखा. योग से केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही ठीक नहीं रहता, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखने में सहायता करता है. यह आपको प्रखर, बुद्धिमान और लक्ष्य के प्रति केंद्रित बनाए रखने में मददगार सिद्ध होता है.
मैंने दर्शनशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. उसमें मैं टॉपर रहा हूं और उसके लिए मुझे गोल्ड मेडल भी मिला है. दर्शनशास्त्र ने मुझे जीवन के बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए योग के महत्व से परिचित कराने और ईश्वर के निकट लाने में बड़ी भूमिका निभाई है.
योग की मेरी अपनी एक दिनचर्या है जो मैंने जीवन की जरूरतों के अनुसार बनाई है. मैं सूक्ष्म व्यायाम, सूर्य नमस्कार और भुजंगासन नियमित रूप से करता हूं. अपने योग अभ्यास और आसन आदि के लिए प्रति दिन 20 से 30 मिनट का समय जरूर निकाल लेता हूं.
हां, कई बार परिस्थितियां ऐसी भी रही हैं कि चाहकर भी अपने व्यायाम के लिए समय नहीं निकाल पाया. जिस दिन मुझे पता होता है कि आज की दिनचर्या बहुत अधिक व्यस्त रहने वाली है, उस दिन मैं सुबह में अपने आसन आदि अभ्यास अच्छे से पूरे करता हूं.
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यह लेख है: बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 367.36 अंकों की तेजी के साथ 34563.30 पर, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 108.95 अंकों की मजबूती के साथ 10,607.20 पर खुला. टिप्पणियां
बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 6 और 7 फरवरी को बैठक तयशुदा है. देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मौद्रिक नीति की समीक्षा आज पेश कर सकता है. क्या बैंक इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव करेगा, इस पर विशलेषकों की अलग अलग राय है. ज्यादातर जानकारों का मानना है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि, तेल के दाम में तेजी और सरकार की फसल का समर्थन मूल्य बढ़ाने की योजना को देखते हुए मानक नीतिगत दर में कटौती से परहेज कर सकता है. यदि बैंक ब्याज दरों में कटौती का ऐलान करता है तो लोन की दरें कम होंगी और इसके चलते आपको होमलोन व अन्य प्रकार के लोन पर आपकी ईएमआई में कटौती होगी.
इनपुट : आईएएनएस, भाषा
टिप्पणियां
बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 6 और 7 फरवरी को बैठक तयशुदा है. देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मौद्रिक नीति की समीक्षा आज पेश कर सकता है. क्या बैंक इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव करेगा, इस पर विशलेषकों की अलग अलग राय है. ज्यादातर जानकारों का मानना है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि, तेल के दाम में तेजी और सरकार की फसल का समर्थन मूल्य बढ़ाने की योजना को देखते हुए मानक नीतिगत दर में कटौती से परहेज कर सकता है. यदि बैंक ब्याज दरों में कटौती का ऐलान करता है तो लोन की दरें कम होंगी और इसके चलते आपको होमलोन व अन्य प्रकार के लोन पर आपकी ईएमआई में कटौती होगी.
इनपुट : आईएएनएस, भाषा
बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 6 और 7 फरवरी को बैठक तयशुदा है. देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मौद्रिक नीति की समीक्षा आज पेश कर सकता है. क्या बैंक इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव करेगा, इस पर विशलेषकों की अलग अलग राय है. ज्यादातर जानकारों का मानना है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि, तेल के दाम में तेजी और सरकार की फसल का समर्थन मूल्य बढ़ाने की योजना को देखते हुए मानक नीतिगत दर में कटौती से परहेज कर सकता है. यदि बैंक ब्याज दरों में कटौती का ऐलान करता है तो लोन की दरें कम होंगी और इसके चलते आपको होमलोन व अन्य प्रकार के लोन पर आपकी ईएमआई में कटौती होगी.
इनपुट : आईएएनएस, भाषा
इनपुट : आईएएनएस, भाषा
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चीन की धौंस से न डरते हुए भारतीय सैनिकों ने अरुणाचल में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया. अब तक चीन हमारे सैनिकों को ऐसा करने से रोकता था, लेकिन इस बार भारतीय सैनिकों ने अपना सामर्थ्य दिखाया. यह खबर एक अंग्रेजी दैनिक ने दी है.
पत्र ने बताया कि हाल ही में चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने असफिला क्षेत्र में सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया, लेकिन भारतीय जवान डट गए और उन्होंने चीनियों को ऐसा करने नहीं दिया.
बताया जाता है कि चीनी सेना कुछ समय से इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा रही है. यह इलाका 100 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और थोड़ा सुनसान है. इस पर चीन अपना अधिकार जमाता रहता है.
बताया जाता है कि चीनी सेना वाहनों और अन्य उपकरणों से लैस होकर वहां पहुंची. उन्होंने प्वाइंट 245 पर एक सड़क बनानी शुरू कर दी. हमारे सैनिक फौरन वहां पहुंच गए और उन्होंने सारा काम रुकवा दिया. चीन के सैनिक पोस्ट वहां से 40 किलोमीटर दूर हैं. वहां दोनों पक्षों में तनाव बना रहता है.
पिछले 23 अक्टूबर को सीमा पर ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों की बैठक हुई थी जिसमें तनाव दूर करने पर बातचीत हुई.
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गुजरात में एकाएक आतंक का साया मड़राने लगा है. सूबे में सीरियल बम धमाके की साज़िश की आहट मिली है. ख़ुफिया एजेंसी और गुजरात पुलिस के सूत्रों से ये सनसनीखेज़ जानकारी मिली है.
पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने रसूल खान पार्टी नाम के आतंकवादी को सीरियल ब्लास्ट का ज़िम्मा सौंपा है. रसूल पार्टी गुजरात के अक्षरधाम हमले समेत कई आतंकी वारदातों में वॉन्टेड है. सूत्रों के मुताबिक रसूल पार्टी ने आईएसआई की मेहरबानी से पाकिस्तान में पनाह ले रखी है.
सीरियल ब्लास्ट की साज़िश में रसूल पार्टी के साथ लश्कर ए तैयबा और इंडियन मुजाहिदीन का आमिर रज़ा भी शामिल है.
आमिर रज़ा के ज़रिए दक्षिण भारत के एक लोकल मॉड्यूल को काम पर लगाया गया है. साज़िश को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल ने अमोनियम नाइट्रेट का भी इंतज़ाम कर लिया है.
बताया जा रहा है कि अर्धसरकारी संगठनों से चोरी करके अमोनियम नाइट्रेट इकठ्ठा किया गया है.
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अमेरिका के बर्खास्त FBI डायरेक्टर जेम्स कोमी ने पिछले साल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित दखल मामले पर कांग्रेस के खुले सत्र में सीनेट की खुफिया समिति के समक्ष बयान देंगे. इससे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सीनेट सलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलीजेंस के चेयरमैन रिचार्ड बर्र ने कहा कि मेमोरियल डे के बाद इस खुली सुनवाई की तिथि तय की जाएगी.
सीनेटर रिचर्ड बर्र ने कहा कि कमेटी साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर खुफिया एजेंसी के आकलन में कोमी की भूमिका जानना चाहती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोमी को एफबीआई प्रमुख के पद से अचानक बर्खास्त करके सबको हैरान कर दिया था, जिसके बाद से राजनीतिक बवाल पैदा हो गया था.
मामले से नाराज विपक्ष ने पिछले साल के आम चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप की जांच के लिए एक विशेष अभियोजक की नियुक्ति की अपील की है. बर्र ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि मीडिया में आ रही हालिया खबरों पर वह अमेरिकी लोगों के समक्ष स्पष्टीकरण देंगे. कमेटी के रैंकिंग सदस्य सीनेटर मार्क वार्नर ने उम्मीद जताई कि कोमी के बयान से ट्रंप द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद उठ रहे कुछ सवाल के जवाब पाने में मदद मिलेगी. कोमी को अमेरिकी जनता को अपनी दास्तां सुनाने का अधिकार है.
ट्रंप ने FBI प्रमुख को बर्खास्त करने की शेखी बघारी
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रंप ने पिछले हफ्ते रूसी विदेश मंत्री और राजदूत से FBI जेम्स कोमी को हटाने की शेखी बघारी थी. अमेरिकी अखबार ने कहा कि ट्रंप ने रूस से कहा कि कोमी को हटाने से मामले की जांच का दबाव कम हुआ है. रूस मामले के चलते वह ज्यादा दबाव में थे. व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी सीन स्पाइसर ने भी इस बात से इनकार नहीं किया है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि कोमी के रूसी मामले की जांच का राजनीतिकरण करने की वजह से अमेरिकी प्रशासन को दिक्कत हो रही थी. रूस के साथ संबंध को लेकर परेशानी बढ़ रही थी, जिसके चलते उनको बर्खास्त किया गया. वहीं, जेम्स कोमी का मानना है कि ट्रंप उन पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे थे. सीनेट कमेटी ने न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर से जुड़े दस्तावेज भी मांगे हैं.
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रोम के सेंट्रल रोम स्क्वेयर पर ड्यूटी पर तैनात दो सैनिकों ने एक गर्भवती महिला को बच्चे को जन्म देने में मदद की. वह पैदल ही नजदीकी अस्पताल पहुंचने की कोशिश कर रही थी, तभी उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई.
दोनों सैनिक जब रोम के तिबेरिन द्वीप स्थित सेंट्रल रोम स्क्वेयर पर पियाजा सैन बारटोलोमियो में एक यहूदी आराधनालय की रखवाली कर रहे थे, तो उन्होंने मंगलवार रात लगभग 10.45 बजे एक महिला के रोने की आवाज सुनी.
दोनों फौरन उस महिला के पास बच्ची को जन्म देने में सहायता करने और गर्भनाल काटने के लिए पहुंचे. तब तक आपातकालीन सेवा की गाड़ी भी पहुंच गई.
समाचार पत्र ला रिपब्लिका फ्रैंसेस्को मैनका के हवाले से बताया, 'मुझे नहीं पता मैंने यह कैसे किया, मेरे तो बच्चे भी नहीं हैं'.टिप्पणियां
जब महिला (33) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, उस समय वह नजदकी मोंटेरोटोंडो कस्बे से रोम के लिए बस लेकर तिबेरिन द्वीप स्थित रोम के फेटबेन फ्रैटेली अस्पताल जा रही थी. महिला और उसकी बच्ची को रोम के प्रसिद्ध प्रसूति अस्पतालों में से एक फेटबेन फ्रैटेली में भर्ती कराया गया. महिला के दो बच्चे पहले से हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनों सैनिक जब रोम के तिबेरिन द्वीप स्थित सेंट्रल रोम स्क्वेयर पर पियाजा सैन बारटोलोमियो में एक यहूदी आराधनालय की रखवाली कर रहे थे, तो उन्होंने मंगलवार रात लगभग 10.45 बजे एक महिला के रोने की आवाज सुनी.
दोनों फौरन उस महिला के पास बच्ची को जन्म देने में सहायता करने और गर्भनाल काटने के लिए पहुंचे. तब तक आपातकालीन सेवा की गाड़ी भी पहुंच गई.
समाचार पत्र ला रिपब्लिका फ्रैंसेस्को मैनका के हवाले से बताया, 'मुझे नहीं पता मैंने यह कैसे किया, मेरे तो बच्चे भी नहीं हैं'.टिप्पणियां
जब महिला (33) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, उस समय वह नजदकी मोंटेरोटोंडो कस्बे से रोम के लिए बस लेकर तिबेरिन द्वीप स्थित रोम के फेटबेन फ्रैटेली अस्पताल जा रही थी. महिला और उसकी बच्ची को रोम के प्रसिद्ध प्रसूति अस्पतालों में से एक फेटबेन फ्रैटेली में भर्ती कराया गया. महिला के दो बच्चे पहले से हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनों फौरन उस महिला के पास बच्ची को जन्म देने में सहायता करने और गर्भनाल काटने के लिए पहुंचे. तब तक आपातकालीन सेवा की गाड़ी भी पहुंच गई.
समाचार पत्र ला रिपब्लिका फ्रैंसेस्को मैनका के हवाले से बताया, 'मुझे नहीं पता मैंने यह कैसे किया, मेरे तो बच्चे भी नहीं हैं'.टिप्पणियां
जब महिला (33) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, उस समय वह नजदकी मोंटेरोटोंडो कस्बे से रोम के लिए बस लेकर तिबेरिन द्वीप स्थित रोम के फेटबेन फ्रैटेली अस्पताल जा रही थी. महिला और उसकी बच्ची को रोम के प्रसिद्ध प्रसूति अस्पतालों में से एक फेटबेन फ्रैटेली में भर्ती कराया गया. महिला के दो बच्चे पहले से हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समाचार पत्र ला रिपब्लिका फ्रैंसेस्को मैनका के हवाले से बताया, 'मुझे नहीं पता मैंने यह कैसे किया, मेरे तो बच्चे भी नहीं हैं'.टिप्पणियां
जब महिला (33) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, उस समय वह नजदकी मोंटेरोटोंडो कस्बे से रोम के लिए बस लेकर तिबेरिन द्वीप स्थित रोम के फेटबेन फ्रैटेली अस्पताल जा रही थी. महिला और उसकी बच्ची को रोम के प्रसिद्ध प्रसूति अस्पतालों में से एक फेटबेन फ्रैटेली में भर्ती कराया गया. महिला के दो बच्चे पहले से हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जब महिला (33) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, उस समय वह नजदकी मोंटेरोटोंडो कस्बे से रोम के लिए बस लेकर तिबेरिन द्वीप स्थित रोम के फेटबेन फ्रैटेली अस्पताल जा रही थी. महिला और उसकी बच्ची को रोम के प्रसिद्ध प्रसूति अस्पतालों में से एक फेटबेन फ्रैटेली में भर्ती कराया गया. महिला के दो बच्चे पहले से हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने साफ कर दिया है कि वह अपने फ्यूचर्स टूर प्रोग्राम (एफटीपी) में बेहद लोकप्रिय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए आधिकारिक तौर पर कोई जगह नहीं बनाएगा।
आईसीसी के निवर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारून लोगार्ट ने बुधवार को यह स्थिति साफ की। लोगार्ट ने कहा कि आईपीएल के लिए जगह बनाने का यह मतलब होगा कि आने वाले समय में दूसरी लीगों के लिए भी जगह बनाने की समस्या आएगी।
लोगार्ट ने कहा, "अगर हम आईपीएल के लिए अलग से जगह बनाएंगे तो फिर बिग बैश लीग का क्या होगा। यही नहीं, दूसरी अन्य लीगों का क्या होगा। श्रीलंका में एक ऐसी ही लीग की शुरुआत होने जा रही है और बांग्लादेश में लीग शुरू हो चुका है।"
"मैं जानता हूं कि लोग यह कहेंगे कि आईपीएल प्रमुख लीग है और इस लिहाज से इसे एफटीपी में जगह मिलनी चाहिए लेकिन अगर हम किसी एक सदस्य देश द्वारा आयोजित एक लीग को जगह देंगे तो फिर दूसरी लीगों का क्या होगा। हम घरेलू लीगों को एफटीपी में जगह देने के कभी भी पक्षधर नहीं रहे हैं। ऐसे में आईपीएल को लेकर हमारी राय बिल्कुल स्पष्ट है।"
वर्ष 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से ही विदेशी टीमों का कार्यक्रम आईपीएल के लिए अड़चन बना हुआ है। इस साल भी वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया तथा इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली गई श्रृंखला के कारण कई प्रमुख खिलाड़ी अपनी टीमों के लिए सभी आईपीएल मैच नहीं खेल सके।
ऐसे में खिलाड़ियों ने इस जबरदस्त कमाई वाली लीग में खेलने का एक रास्ता निकाला है। उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की बजाय आईपीएल में खेलने को तरजीह दी। कई खिलाड़ियों ने आईपीएल में खेलने के लिए टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया।टिप्पणियां
खिलाड़ियों के इस कदम के कारण आईसीसी पर आईपीएल के लिए अलग से विंडो तैयार करने का दबाव बना लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह एफटीपी में आईपीएल के लिए दो महीने का वक्त नहीं निकाल सकता।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
आईसीसी के निवर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारून लोगार्ट ने बुधवार को यह स्थिति साफ की। लोगार्ट ने कहा कि आईपीएल के लिए जगह बनाने का यह मतलब होगा कि आने वाले समय में दूसरी लीगों के लिए भी जगह बनाने की समस्या आएगी।
लोगार्ट ने कहा, "अगर हम आईपीएल के लिए अलग से जगह बनाएंगे तो फिर बिग बैश लीग का क्या होगा। यही नहीं, दूसरी अन्य लीगों का क्या होगा। श्रीलंका में एक ऐसी ही लीग की शुरुआत होने जा रही है और बांग्लादेश में लीग शुरू हो चुका है।"
"मैं जानता हूं कि लोग यह कहेंगे कि आईपीएल प्रमुख लीग है और इस लिहाज से इसे एफटीपी में जगह मिलनी चाहिए लेकिन अगर हम किसी एक सदस्य देश द्वारा आयोजित एक लीग को जगह देंगे तो फिर दूसरी लीगों का क्या होगा। हम घरेलू लीगों को एफटीपी में जगह देने के कभी भी पक्षधर नहीं रहे हैं। ऐसे में आईपीएल को लेकर हमारी राय बिल्कुल स्पष्ट है।"
वर्ष 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से ही विदेशी टीमों का कार्यक्रम आईपीएल के लिए अड़चन बना हुआ है। इस साल भी वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया तथा इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली गई श्रृंखला के कारण कई प्रमुख खिलाड़ी अपनी टीमों के लिए सभी आईपीएल मैच नहीं खेल सके।
ऐसे में खिलाड़ियों ने इस जबरदस्त कमाई वाली लीग में खेलने का एक रास्ता निकाला है। उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की बजाय आईपीएल में खेलने को तरजीह दी। कई खिलाड़ियों ने आईपीएल में खेलने के लिए टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया।टिप्पणियां
खिलाड़ियों के इस कदम के कारण आईसीसी पर आईपीएल के लिए अलग से विंडो तैयार करने का दबाव बना लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह एफटीपी में आईपीएल के लिए दो महीने का वक्त नहीं निकाल सकता।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
लोगार्ट ने कहा, "अगर हम आईपीएल के लिए अलग से जगह बनाएंगे तो फिर बिग बैश लीग का क्या होगा। यही नहीं, दूसरी अन्य लीगों का क्या होगा। श्रीलंका में एक ऐसी ही लीग की शुरुआत होने जा रही है और बांग्लादेश में लीग शुरू हो चुका है।"
"मैं जानता हूं कि लोग यह कहेंगे कि आईपीएल प्रमुख लीग है और इस लिहाज से इसे एफटीपी में जगह मिलनी चाहिए लेकिन अगर हम किसी एक सदस्य देश द्वारा आयोजित एक लीग को जगह देंगे तो फिर दूसरी लीगों का क्या होगा। हम घरेलू लीगों को एफटीपी में जगह देने के कभी भी पक्षधर नहीं रहे हैं। ऐसे में आईपीएल को लेकर हमारी राय बिल्कुल स्पष्ट है।"
वर्ष 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से ही विदेशी टीमों का कार्यक्रम आईपीएल के लिए अड़चन बना हुआ है। इस साल भी वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया तथा इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली गई श्रृंखला के कारण कई प्रमुख खिलाड़ी अपनी टीमों के लिए सभी आईपीएल मैच नहीं खेल सके।
ऐसे में खिलाड़ियों ने इस जबरदस्त कमाई वाली लीग में खेलने का एक रास्ता निकाला है। उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की बजाय आईपीएल में खेलने को तरजीह दी। कई खिलाड़ियों ने आईपीएल में खेलने के लिए टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया।टिप्पणियां
खिलाड़ियों के इस कदम के कारण आईसीसी पर आईपीएल के लिए अलग से विंडो तैयार करने का दबाव बना लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह एफटीपी में आईपीएल के लिए दो महीने का वक्त नहीं निकाल सकता।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
"मैं जानता हूं कि लोग यह कहेंगे कि आईपीएल प्रमुख लीग है और इस लिहाज से इसे एफटीपी में जगह मिलनी चाहिए लेकिन अगर हम किसी एक सदस्य देश द्वारा आयोजित एक लीग को जगह देंगे तो फिर दूसरी लीगों का क्या होगा। हम घरेलू लीगों को एफटीपी में जगह देने के कभी भी पक्षधर नहीं रहे हैं। ऐसे में आईपीएल को लेकर हमारी राय बिल्कुल स्पष्ट है।"
वर्ष 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से ही विदेशी टीमों का कार्यक्रम आईपीएल के लिए अड़चन बना हुआ है। इस साल भी वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया तथा इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली गई श्रृंखला के कारण कई प्रमुख खिलाड़ी अपनी टीमों के लिए सभी आईपीएल मैच नहीं खेल सके।
ऐसे में खिलाड़ियों ने इस जबरदस्त कमाई वाली लीग में खेलने का एक रास्ता निकाला है। उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की बजाय आईपीएल में खेलने को तरजीह दी। कई खिलाड़ियों ने आईपीएल में खेलने के लिए टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया।टिप्पणियां
खिलाड़ियों के इस कदम के कारण आईसीसी पर आईपीएल के लिए अलग से विंडो तैयार करने का दबाव बना लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह एफटीपी में आईपीएल के लिए दो महीने का वक्त नहीं निकाल सकता।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
वर्ष 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से ही विदेशी टीमों का कार्यक्रम आईपीएल के लिए अड़चन बना हुआ है। इस साल भी वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया तथा इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली गई श्रृंखला के कारण कई प्रमुख खिलाड़ी अपनी टीमों के लिए सभी आईपीएल मैच नहीं खेल सके।
ऐसे में खिलाड़ियों ने इस जबरदस्त कमाई वाली लीग में खेलने का एक रास्ता निकाला है। उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की बजाय आईपीएल में खेलने को तरजीह दी। कई खिलाड़ियों ने आईपीएल में खेलने के लिए टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया।टिप्पणियां
खिलाड़ियों के इस कदम के कारण आईसीसी पर आईपीएल के लिए अलग से विंडो तैयार करने का दबाव बना लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह एफटीपी में आईपीएल के लिए दो महीने का वक्त नहीं निकाल सकता।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
ऐसे में खिलाड़ियों ने इस जबरदस्त कमाई वाली लीग में खेलने का एक रास्ता निकाला है। उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की बजाय आईपीएल में खेलने को तरजीह दी। कई खिलाड़ियों ने आईपीएल में खेलने के लिए टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया।टिप्पणियां
खिलाड़ियों के इस कदम के कारण आईसीसी पर आईपीएल के लिए अलग से विंडो तैयार करने का दबाव बना लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह एफटीपी में आईपीएल के लिए दो महीने का वक्त नहीं निकाल सकता।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
खिलाड़ियों के इस कदम के कारण आईसीसी पर आईपीएल के लिए अलग से विंडो तैयार करने का दबाव बना लेकिन आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह एफटीपी में आईपीएल के लिए दो महीने का वक्त नहीं निकाल सकता।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
खिलाड़ियों को आईपीएल जैसी लीगों में खेलने देने के सम्बंध में क्रिकेट आस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि इस सम्बंध में बोर्ड अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं।
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देश के शेयर बाजारों में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आलोच्य अवधि में 1.86 फीसदी या 319.25 अंकों की गिरावट के साथ 16,839.19 पर बंद हुआ। सेंसेक्स पिछले शुक्रवार को भी गिरावट के साथ 17,158.44 पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य अवधि में 2.02 फीसदी या 105.25 अंकों की गिरावट के साथ 5,099.85 पर बंद हुआ। इससे पिछले सप्ताह शुक्रवार को निफ्टी गिरावट के साथ 5,205.10 पर बंद हुआ था।
आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी साढ़े चार फीसदी से अधिक की गिरावट हुई। मिडकैप 4.80 फीसदी या 296.60 अंकों की गिरावट के साथ 5887.50 पर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप 4.76 फीसदी या 317.75 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे हिंदुस्तान युनिलीवर (4.23 फीसदी), सन फार्मा (0.85 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (0.61 फीसदी), आईटीसी (0.59 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (0.24 फीसदी)।
सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (9.06 फीसदी), भेल (9.00 फीसदी), विप्रो (7.97 फीसदी), जिंदल स्टील (7.49 फीसदी) और एलएंडटी (5.04 फीसदी)।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.82 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य अवधि में 2.02 फीसदी या 105.25 अंकों की गिरावट के साथ 5,099.85 पर बंद हुआ। इससे पिछले सप्ताह शुक्रवार को निफ्टी गिरावट के साथ 5,205.10 पर बंद हुआ था।
आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी साढ़े चार फीसदी से अधिक की गिरावट हुई। मिडकैप 4.80 फीसदी या 296.60 अंकों की गिरावट के साथ 5887.50 पर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप 4.76 फीसदी या 317.75 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे हिंदुस्तान युनिलीवर (4.23 फीसदी), सन फार्मा (0.85 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (0.61 फीसदी), आईटीसी (0.59 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (0.24 फीसदी)।
सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (9.06 फीसदी), भेल (9.00 फीसदी), विप्रो (7.97 फीसदी), जिंदल स्टील (7.49 फीसदी) और एलएंडटी (5.04 फीसदी)।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.82 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी साढ़े चार फीसदी से अधिक की गिरावट हुई। मिडकैप 4.80 फीसदी या 296.60 अंकों की गिरावट के साथ 5887.50 पर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप 4.76 फीसदी या 317.75 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे हिंदुस्तान युनिलीवर (4.23 फीसदी), सन फार्मा (0.85 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (0.61 फीसदी), आईटीसी (0.59 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (0.24 फीसदी)।
सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (9.06 फीसदी), भेल (9.00 फीसदी), विप्रो (7.97 फीसदी), जिंदल स्टील (7.49 फीसदी) और एलएंडटी (5.04 फीसदी)।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.82 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे हिंदुस्तान युनिलीवर (4.23 फीसदी), सन फार्मा (0.85 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (0.61 फीसदी), आईटीसी (0.59 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (0.24 फीसदी)।
सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (9.06 फीसदी), भेल (9.00 फीसदी), विप्रो (7.97 फीसदी), जिंदल स्टील (7.49 फीसदी) और एलएंडटी (5.04 फीसदी)।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.82 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (9.06 फीसदी), भेल (9.00 फीसदी), विप्रो (7.97 फीसदी), जिंदल स्टील (7.49 फीसदी) और एलएंडटी (5.04 फीसदी)।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.82 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.82 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"टिप्पणियां
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।
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उत्तर प्रदेश के राजनीतिक रण को जीतने के लिए कांग्रेस ने अपने आखिरी ब्राह्मस्त्र को भी सियासत में उतार दिया है. प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी महासचिव बनाते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता कहते दिख रहे हैं कि प्रियंका के पार्टी में आने से कार्यकर्ता उत्साह से लबरेज हैं, लेकिन सवाल है कि उनकी राजनीतिक दस्तक 2019 के लोकसभा चुनाव में वेंटिलेटर पर पड़ी कांग्रेस को संजीवनी दे पाएंगी या फिर बीजेपी की राह मुश्किल होगी?
बता दें कि देश की सियासत में एक बात ये कही जाती है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है तो उसके पीछे देश का राजनीतिक इतिहास भी है. यूपी ने अब तक सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए हैं. प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हैं. यानी केंद्र में सरकार बनाने के लिए जितनी सीटें चाहिए उसकी करीब एक तिहाई.
प्रियंका के उतरने से यूपी की जंग दिलचस्प
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने सूबे की 73 सीटें जीती थीं, तभी उसका मिशन 272 प्लस कामयाब हो पाया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए इसी रास्ते को बंद करने के कोशिश के तहते सपा-बसपा ने हाथ मिलाया है. वहीं, अब प्रियंका ने भी सक्रिय राजनीति में उतरकर और यूपी की जिम्मेदारी मिलने के बाद सियासी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
राजनीतिक विश्लेषक काशी प्रसाद यादव कहते हैं, 'प्रियंका गांधी के आने के बाद प्रदेश का राजनीतिक समीकरण में बदलाव दिखेगा खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में जहां की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है. कांग्रेस का सवर्ण वोटबैंक मौजूदा समय में बीजेपी में शिफ्ट हो चुका है, प्रियंका जिसे वापस लाने की कवायद करेंगी. इससे सीधा नुकसान बीजेपी को होगा.'
सपा-बसपा गठबंधन का गणित भी बिगड़ेगा
काशी यादव कहते हैं प्रियंका को लाकर कांग्रेस बीजेपी के साथ-साथ सपा-बसपा गठबंधन को भी नुकसान कर सकती है. प्रियंका की लोकप्रियता के चलते कांग्रेस की रैलियों में भीड़ जुटेगी, जिसमें पार्टी अभी तक सफल नहीं हो पा रही थी. इसके अलावा सूबे में नारे, भाषण और जज्बात में आकर सिर्फ मुस्लिम समुदाय ही वोट करता हैं, ऐसे में प्रियंका इस समुदाय को भी प्रभावित कर सकती है. एक दौर में ये कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक रहा है प्रियंका वापस लाने में सफल रहती हैं तो फिर सपा-बसपा को भी नुकसान उठाना पड़ा सकता है.
बीजेपी के सवर्ण वोटों में सेंध
वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु मिश्रा कहते हैं, 'कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को लाकर अगड़ी जातियों को एक विकल्प दे दिया है. हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में अगड़ी जातियों की नाराजगी के चलते बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा है, जिसे 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण देकर मानकर चल रही थी कि वो पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे और ओबीसी वोटबैंक को साधने में जुटी थी. ऐसे में कांग्रेस ने प्रियंका का दांव चलकर बीजेपी को तगड़ा झटका दिया है.'
मिश्रा कहते हैं कि प्रियंका को पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं, जहां की राजनीति धुरी ब्राह्मण और राजपूत हैं. हालांकि राजनीतिक तौर पर दोनों समुदाय एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ब्राह्मण को वो तवज्जो नहीं मिल सकी, जिसकी वो उम्मीद लगाए हुए थे. ऐसे में ब्राह्मणों को एक विकल्प दे सकती है.
कई फैक्टर देखेगा वोटर
वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मो. सज्जाद कहते हैं कि भारतीय राजनीति में जाति एक बड़ा फैक्टर है. कांग्रेस और बीजेपी का पारंपरिक तौर पर वोटबैंक सवर्ण समुदाय रहा है. लेकिन पिछले कुछ दशकों से यह तबका कांग्रेस के साथ नहीं है. सवर्ण बीजेपी के साथ रहकर अपनी पहचान बनाए हुए है. प्रियंका के आने से जरूरी नहीं है कि ये कांग्रेस में वापस आए. हालांकि, ये तभी वापस आएगा जब उन्हें लगेगा कि 2019 में बनने वाली सरकार में कांग्रेस एक बड़ी भूमिका अदा करेगी.
दरअसल, पूर्वांचल बीजेपी का मजबूत गढ़ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय पूर्वी उत्तर प्रदेश से प्रतिनिधित्व करते हैं. हालांकि, कभी ये इलाका कांग्रेस का मजबूत दुर्ग हुआ करता था. कमलापति त्रिपाठी, कल्पनाथ राय से लेकर वीर बहादुर सिंह जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं. प्रियंका के सामने कांग्रेस की जड़ों को दोबारा से इस इलाके में मजबूत करने की बड़ी चुनौती है?
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दिल्ली में खुद को क्राइम ब्रांच से बताने वाले कुछ शातिरों ने कालेधन के नाम पर एक व्यापारी को डराकर उससे लाखों रुपये के नए नोट और 1000 से ज्यादा यूएस डॉलर्स की जबरन उगाही कर ली. व्यापारी को चार लोगों ने एक ऑफिस में बुलाया. वहां तीन लोगों ने व्यापारी को बताया कि वे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से हैं और फिर उसे लूट लिया.
दरअसल, बीती दस दिसंबर को आरोपियों ने करोल बाग में मोबाइल का कारोबार करने वाले संदीप खुराना को ब्लैकमनी केस में फंसाने की धमकी दी. उसे थप्पड़ मारे. उसकी जेबों में रखे करीब 4.25 लाख रुपये के नए नोट और 1015 यूएस डॉलर निकाल लिए. फिर उसे वहां से भगा दिया. साथ ही ये भी कहा कि अगर उसका पैसा ब्लैकमनी नहीं निकला तो उसे वापस मिल जाएगा.
आरोपी
क्राइम ब्रांच
वालों के साथ पीड़ित ट्रेडर संदीप खुराना का परिचित एक अकाउंटेंट वीके मंगला भी था. इस घटना के बाद व्यापारी ने अपना पैसा वापस दिलाने के लिए उस अकाउंटेंट को कई बार संपर्क किया. लेकिन उसने पुलिस में अपनी 'ऊंची पहुंच' का हवाला देकर व्यापारी को टरका दिया.
बाद में परेशान होकर संदीप खुराना ने इस मामले की शिकायत देशबंधु गुप्ता रोड पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई. पुलिस ने जबरन धन वसूली का केस दर्ज कर लिया है. अभी तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. इस केस में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जबरन वसूली के पीछे कहीं सच में क्राइम ब्रांच के लोगों का हाथ तो नहीं है.
दूसरी आशंका यह है कि इस वारदात के लिए क्राइम ब्रांच के नाम का इस्तेमाल हुआ है, ताकि ट्रेडर संदीप खुराना को डराया जा सके. डीसीपी (सेंट्रल) एमएस रंधावा ने मामले में किसी पुलिसकर्मी का हाथ होने से साफ इनकार किया है. उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में आरोपियों का क्राइम ब्रांच से कोई लिंक नहीं निकला है. केस की तफ्तीश की जा रही है.
संदीप खुराना को थप्पड़ मारने वाले का नाम रवींद्र राणा बताया गया है. घटना के दौरान वहां मौजूद अकाउंटेंट ने संदीप से कहा था कि उसका पैसा वापस मिल जाएगा. मगर ऐसा नहीं हुआ. अब वो भी पुलिस के रडार पर है.
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खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी में बढ़ोतरी से ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड जैसे खनिज संसाधन से भरपूर राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लौह अयस्क और बॉक्साइट सहित अन्य खनिजों पर रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस बहुप्रतीक्षित निर्णय से खनिज से मालामाल राज्यों को मिलने वाली रॉयल्टी 41 प्रतिशत बढ़कर 13,274 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है, जो 2011-12 में 9,406 करोड़ रुपये थी. इन राज्यों के मुख्यमंत्री लंबे समय से रॉयल्टी दरें बढ़ाये जाने की मांग कर रहे थे. बयान के अनुसार, ‘सबसे फायदे में रहने वाले वे राज्य हैं, जहां जनजातीय आबादी अधिक है. इस फैसले से जहां झारखंड को मिलने वाली रॉयल्टी 645.91 करोड़ रुपये से बढ़कर 944.38 करोड़ रुपये हो जाएगी, वहीं छत्तीसगढ़ का राजस्व बढ़कर 1,976 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है, जो पहले 1,346.31 करोड़ रुपये था.’
चार्ट में देखें, किस राज्य को होगा कितना फायदा...
ओडिशा की रॉयल्टी 3,249.54 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,880 करोड़ रुपये, जबकि जम्मू-कश्मीर का राजस्व 1.59 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.97 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. वहीं महाराष्ट्र का राजस्व 136.38 करोड़ रुपये से बढ़कर 177.29 करोड़ रुपये हो जाएगा. बयान में कहा गया है, ‘1987 से रॉयल्टी की संशोधित दरों का लाभ पश्चिम बंगाल को नहीं मिल रहा था, क्योंकि वह खनिज संपदा वाली जमीन पर उपकर लगाता है और मामला विभिन्न अदालतों में चल रहा है. हालांकि अध्ययन समूह ने संशोधित दरें सभी राज्यों (पश्चिम बंगाल), केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू करने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मान लिया.
खनिज रॉयल्टी दरों में वृद्धि पर राज्यों की प्रतिक्रियाएं
खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी की दरें बढ़ाए जाने का जहां छत्तीसगढ़ ने स्वागत किया है. वहीं झारखंड ने कहा कि रायल्टी दरों में वृद्धि बहुत कम की गई है. दूसरी तरफ गोवा सरकार ने हल्की गुणवत्ता वाले लौह अयस्क की रायल्टी दरों में वृद्धि को वापस लेने की मांग की है.
खनिजों की रॉयल्टी बढ़ाने को लेकर लिए गए इस फैसले का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. छत्तीसगढ़ के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने लौह अयस्क की रायल्टी दरों को विक्रय मूल्य के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क सहित विभिन्न प्रकार के खनिजों से मिलने वाले वाषिर्क राजस्व में भारी वृद्घि होने की संभावना है.
केन्द्र के इस फैसले का लाभ देश के अन्य लौह अयस्क उत्पादक राज्यों को भी मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कहा कि लौह अयस्क और कुछ अन्य खनिजों पर रायल्टी में पांच प्रतिशत वृद्धि 'ऊंट के मुंह में जीरा' जैसी है. उन्होंने कोयले की रॉयल्टी में भी वृद्धि की मांग करते हुए कहा कि राज्य में सबसे अधिक कोयले का खनन होता है.
झारखंड के मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा लौह अयस्क व क्रोमाइट की रॉयल्टी पांच प्रतिशत बढ़ाकर 15 प्रतिशत किए जाने को बहुत कम बताया और कहा कि इनकी रॉयल्टी में और बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी. साथ ही हेमंत ने कहा कि झारखंड में देश का सर्वाधिक कोयला उत्पादन होता है, लिहाजा केन्द्र सरकार को सबसे पहले कोयले की रॉयल्टी में वृद्धि करनी चाहिए थी.
इस बीच, गोवा सरकार ने हल्की गुणवत्ता वाले लौह अयस्क पर बढ़ायी गयी रॉयल्टी दरों को वापस लेने की मांग करने का निर्णय किया है. मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने विधानसभा में कहा कि हल्की गुणवत्ता वाले लौह अयस्क (58 प्रतिशत से कम एफई) पर रॉयल्टी दर 10 प्रतिशत तथा उच्च ग्रेड वाले लौह अयस्क पर 15 प्रतिशत होनी चाहिए.
राज्यों को लिखी गई केंद्र की चिट्ठी
इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस बहु-प्रतीक्षित निर्णय से ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड जैसे खनिज से मालामाल राज्यों को मिलने वाली रॉयल्टी 41 प्रतिशत बढ़कर 13,274 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है जो 2011-12 में 9,406 करोड़ रुपये थी.
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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के इस दावे का कि उन्होंने बीजेपी नीत एनडीए में एनसीपी का प्रवेश रोक दिया था, को मंगलवार को एनसीपी प्रमुख एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने 'वर्ष का सबसे बड़ा चुटकुला' बताया.
एनसीपी ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे बयान पर कहा, 'मैं समझता हूं कि यह इस वर्ष का सबसे बड़ा चुटकुला है. यह हताशा में कहा गया है.'पवार ने कहा कि वे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को जानते हैं.
अपनी तीखी प्रतिक्रिया में पवार ने कहा, 'वे परिपक्व व्यक्ति हैं. मुझे खेद है कि जिसने पार्टी की जिम्मेदारी ली है वह इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहा है. उनके सोचने का यही स्तर है, जिससे पार्टी दिन-ब-दिन रसातल में जा रही है.'
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता और इसीलिए उन्हें गंभीरता से लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
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बेड़ खुर्द राजस्थान में पाली जिले की जैतारण तहसील का एक गाँव है। यह गांव बेड़ कलां पंचायत के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय पाली से उत्तर की ओर 85 KM दूर स्थित है। जैतारण से 14 कि.मी. । यह उप-जिला मुख्यालय जैतारण (तहसीलदार कार्यालय) से 15 किमी और जिला मुख्यालय पाली से 108 किमी दूर स्थित है। 2009 के आंकड़ों के अनुसार, बेड़ खुर्द गांव भी एक ग्राम पंचायत है। इस गांव में ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैं। वे मूंग, ज्वार, तिलहन, बाजरा, कपास, गेंहू आदि फसलें उगाते हैं।
सन्दर्भ
पाली ज़िले के गाँव
जैतारण तहसील में गांव
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फोरेंसिक ऑडियो वृद्धि वैज्ञानिक विश्लेषण और ऑडियो स्पष्टता के सुधार, आम तौर पर बोधगम्यता में सुधार करना है।
प्रक्रिया
वृद्धि को पूरा करने के लिए, सबसे आम प्रक्रिया इन चरणों का पालन करने के लिए है:
मज़बूती से एक कंप्यूटर सिस्टम पर ऑडियो रिकॉर्डिंग डिजिटाइज़ आम तौर पर डब्लूएवी (दोषरहित) या एमपी ३ (हानिपूर्ण) स्वरूपों में हो।
फुफकार बाहर फिल्टर, क्लिक करें और पॉप लगता है। समय के साथ डाटा भी ख़त्म होने लगता है।
बाहर ब्लॉक या चुप पर्वतमाला और विशिष्ट आवृत्तियों।
अवांछित लगातार टन या पैटर्न और फिर पूरी रिकॉर्डिंग भर से उन वस्तुओं को हटाया जाता है।
जब रिकॉर्डिंग स्टीरियो में है, एक दूसरे के लिए चैनलों को संदर्भित दिशात्मक शोर रद्द किया जाता है।
आवाजों को सामान्य ताकि प्रत्येक व्यक्ति श्रव्य बराबर मात्रा में सुना जाता है।
सुना ऑडियो और शब्दों की एक प्रतिलिपि तैयार किये जाते हैं।
वृद्धि किया और ऑडियो और शब्दों को सुना बारे में अदालत में गवाही देने मे मदद करते हैं। \
सन्दर्भ
न्यायालयिक विज्ञान
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ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद
वेनेजुएला के दिवंगत राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज
के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं.
समाचार एजेंसी एकेआई के मुताबिक, अहमदीनेजाद ने अपनी सरकार के साथ हुई बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे शावेज के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए वेनेजुएला जा सकते हैं.
महमूद अहमदीनेजाद ने शावेज को ईरान का अजीज दोस्त, लैटिन अमेरिका के क्रांतिकारी व बहादुर सिपाहियों का प्रतीक और गैर-साम्राज्यवादी नेता के रूप में याद किया.
शावेज पिछले करीब एक साल से कैंसर से पीड़ित थे. उनका मंगलवार को 58 वर्ष की उम्र में काराकास के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया. वह 14 वर्षो तक वेनेजुएला के राष्ट्रपति रहे.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि लगभग 2500 करोड़ रुपये की लागत से वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट (जल पुनर्गठन परियोजना) का दूसरा चरण 2013 से शुरू किया जाएगा. यह परियोजना विश्व बैंक पोषित है.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बताया कि यह परियोजना पांच या छह वर्ष में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के कार्यो और जल प्रबंधन में स्थानीय किसानों की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी और कृषि सघनीकरण एवं विविधीकरण कार्य भी कराए जाएंगे.
परियोजना के अनुसार बाराबंकी, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, रायबरेली में हैदरगढ़ शाखा नहर प्रणाली, बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर में रोहणी, जामनी, सजनम बांध नहर प्रणाली और एटा, इटावा, फिरोजाबाद, कांशीराम नगर, फरुखाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर एवं कौशाम्बी जिलों में लोवर गंगा नहर प्रणाली का पुनरुद्धार व आधुनिकीकरण सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे
उस्मानी ने कहा कि विश्व बैंक पोषित इस परियोजना से प्रदेश के विकास के साथ-साथ किसान भी लाभान्वित हो सकेंगे.
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अयोध्या भूमि विवाद मामले के मुख्य वादी इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की योजना से रविवार को दूरी बना ली है. बता दें, नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही अंसारी ने कहा था कि वह फैसले पर पुनर्विचार की मांग नहीं करेंगे. वहीं AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का रविवार को फैसला किया. इसके कुछ ही समय बाद ही अंसारी ने कहा, ‘पुनर्विचार की मांग करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि नतीजा यही रहेगा. यह कदम सौहार्दपूर्ण वातावरण को भी बिगाड़ेगा.'
उन्होंने कहा, ‘मेरी राय बोर्ड के विचारों से अलग है और मैं इसी समय मंदिर-मस्जिद मुद्दे को समाप्त करना चाहता हूं.' बोर्ड ने रविवार को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला करते हुए कहा कि वह मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन लेने के खिलाफ है. AIMPLB के सचिव जफरयाब जिलानी ने लखनऊ में बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मस्जिद अल्लाह की है और शरिया के तहत इसे किसी और को नहीं दिया जा सकता.'
उन्होंने कहा, ‘बोर्ड ने साफ कहा है कि वह मस्जिद की जगह अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने के खिलाफ है. बोर्ड की राय है कि मस्जिद का कोई विकल्प नहीं हो सकता.' बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले में अपने फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ विवादित जमीन राम लला को सौंपी जानी चाहिए, जो तीन वादियों में से एक हैं. इसके साथ ही पांच न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र सरकार को यह निर्देश भी दिया था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन दी जाए.
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सनी लियोन के कई रूप हैं. ज्यादातर भारतीय दर्शकों के लिए वह इंडियन ऑरिजिन की एक अडल्ट फिल्म स्टार हैं, जो वाया बिग बॉस फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमाने की कोशिश कर रही हैं. खुद सनी के शब्दों में वह एक बहुत केयरिंग पत्नी और बहन हैं. सनी का एक छोटा भाई है और चूंकि उनके माता पिता गुजर चुके हैं, इसलिए वही अपने भाई का ख्याल रखती हैं. इसके अलावा सनी लियोन का एक और रूप भी है. डॉग लवर का, जिन्हें वह माई बेबीज यानी मेरे बच्चे कहती हैं. इनके नाम हैं लीलू और चॉपर.
अब पॉर्न फिल्मों में काम नहीं करती मैं
सनी अकसर लीलू और चॉपर के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करती रहती थीं. उनसे कई फैंस ने इनके वीडियो का आग्रह किया. इसे देखते हुए सनी लियोन ने पिछले दिनों अपनी साइट पर यह वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह लीलू नाम की बिच को किस करती नजर आ रही हैं. मगर लीलू सोफे पर अनमनाई सी पसरी रहती है.
सनी लियोन के बेबी लीलू और चॉपर का वीडियो
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यह एक लेख है: बिहार के सीएम नीतीश कुमार को एक और कार्यकाल के लिए जद(यू) का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है. उनकी पार्टी ने रविवार को यह घोषणा की. जनता दल यूनाइटेड (जद यू)) के राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी अनिल हेगड़े ने बताया कि इस पद के लिए नीतीश एकमात्र उम्मीदवार थे और रविवार को नामांकन वापस लेने का समय समाप्त होने के बाद उन्हें पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया. सीएम नीतीश कुमार की ओर से पार्टी के नेताओं के समूहों ने नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किए थे.
बता दें कि ऐसे वक्त में जब भाजपा के साथ जद (यू) का गठबंधन असहज दौर से गुजर रहा है, पार्टी के अविवादित नेता के तौर पर नीतीश राज्य में 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनावों और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जद (यू) का नेतृत्व करेंगे. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित भाजपा के कई नेताओं ने राज्य में, खासतौर पर पटना में आई हालिया बाढ़ से निपटने में सरकार की अक्षमता सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर उनके नेतृत्व की आलोचना है. इसके अलावा भाजपा के एक अन्य नेता एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) संजय पासवान ने यह मांग की है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के लिए अब भगवा पार्टी के किसी नेता का मार्ग प्रशस्त करें.
वहीं राजनीतिक विश्लेषक इस हालिया घटनाक्रम को भारी जनादेश के साथ केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा द्वारा राजग के अन्य घटक दलों पर अपनी सर्वोच्चता स्थापित करने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं. दूसरी ओर जद (यू) का मानना है कि नीतीश कुमार राजग के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता बने हुए हैं और वह भाजपा के लिए कोई गुंजाइश छोड़ने को इच्छुक नहीं हैं.
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सौरव गांगुली की टीम भले ही कोलकाता नाइट राइडर्स से बहुचर्चित आईपीएल मुकाबला हार गई हो, लेकिन इंटरनेट पर लोकप्रियता के मुकाबले में पुणे वारियर्स ने शाहरुख खान की टीम को हरा दिया। गूगल ने यह सर्वे पश्चिम बंगाल के क्रिकेट प्रेमियों के बीच कराया था। इसमें वारियर्स ने केकेआर को 81-44 से हराया।टिप्पणियां
गूगल इंडिया का सर्वे सबसे ज्यादा हिट पर आधारित था। इसमें आईपीएल की अंकतालिका में नीचे से दूसरे स्थान पर काबिज पुणे वारियर्स दूसरे स्थान पर रही। मुंबई इंडियन्स टीम गूगल पर सबसे लोकप्रिय रही, जबकि केकेआर सबसे नीचे।
पिछले महीने कराए गए सर्वे में मुंबई इंडियन्स ने बाजी मारी। पुणे वारियर्स दूसरे और दिल्ली डेयरडेविल्स तीसरे नंबर पर रही। चेन्नई सुपर किंग्स चौथे स्थान पर रही। गूगल इंडिया के एक प्रतिनिधि ने बताया सौ की स्केल पर पुणे वारियर्स ने 31 हिट हासिल किए, जबकि मुंबई को 39 हिट मिले। केकेआर को 13 हिट मिले। दिल्ली क्षेत्र में भी वारियर्स ने 27-13 से बाजी मारी।
गूगल इंडिया का सर्वे सबसे ज्यादा हिट पर आधारित था। इसमें आईपीएल की अंकतालिका में नीचे से दूसरे स्थान पर काबिज पुणे वारियर्स दूसरे स्थान पर रही। मुंबई इंडियन्स टीम गूगल पर सबसे लोकप्रिय रही, जबकि केकेआर सबसे नीचे।
पिछले महीने कराए गए सर्वे में मुंबई इंडियन्स ने बाजी मारी। पुणे वारियर्स दूसरे और दिल्ली डेयरडेविल्स तीसरे नंबर पर रही। चेन्नई सुपर किंग्स चौथे स्थान पर रही। गूगल इंडिया के एक प्रतिनिधि ने बताया सौ की स्केल पर पुणे वारियर्स ने 31 हिट हासिल किए, जबकि मुंबई को 39 हिट मिले। केकेआर को 13 हिट मिले। दिल्ली क्षेत्र में भी वारियर्स ने 27-13 से बाजी मारी।
पिछले महीने कराए गए सर्वे में मुंबई इंडियन्स ने बाजी मारी। पुणे वारियर्स दूसरे और दिल्ली डेयरडेविल्स तीसरे नंबर पर रही। चेन्नई सुपर किंग्स चौथे स्थान पर रही। गूगल इंडिया के एक प्रतिनिधि ने बताया सौ की स्केल पर पुणे वारियर्स ने 31 हिट हासिल किए, जबकि मुंबई को 39 हिट मिले। केकेआर को 13 हिट मिले। दिल्ली क्षेत्र में भी वारियर्स ने 27-13 से बाजी मारी।
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यह पूरी तरह बेमतलब, एकतरफा और संरक्षणवादी गतिविधियां हैं. चीन पुरजोर तरीके से इसकी निंदा और विरोध करता है. (इनपुट भाषा से)
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यह एक लेख है: अमेरिकी रक्षा एवं एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बुधवार को भारत के लिए नया लड़ाकू विमान एफ-21 प्रदर्शित किया जिसका विनिर्माण स्थानीय स्तर पर होगा. कंपनी की नजर अरबों डॉलर के सैन्य ऑर्डर पर है. कंपनी ने यहां एयर शो ‘एयरो-इंडिया 2019' के पहले दिन योजना की घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया एफ-21 विमान ‘मेक इन इंडिया' पहल के तहत ‘‘बेजोड़'' अवसर उपलब्ध कराता है और अत्याधुनिक वायु शक्ति भविष्य की दिशा में भारत के कदमों को मजबूत करती है.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि भारत के लिए लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा एफ-21 का विनिर्माण भारत में किया जाएगा. अमेरिकी रक्षा एवं एयरोस्पेस कंपनी ने पूर्व में भारत को एफ-16 लड़ाकू विमान देने की पेशकश की थी. कंपनी ने कहा कि एफ-21 भारतीय वायुसेना की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करता है और भारत को विश्व के सबसे बड़े लड़ाकू विमान तंत्र से जोड़ता है.
लॉकहीड मार्टिन एयरोनॉटिक्स के ‘स्ट्रेटेजी एंड बिजनेस डवलपमेंट' विभाग के उपाध्यक्ष डॉ. विवेक लाल ने कहा कि एफ-21 बिल्कुल भिन्न है. उन्होंने कहा, ‘नया (एफ-21) विमान भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक और व्यापक गुणों से युक्त लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. यह बेमिसाल औद्योगिक अवसर भी उपलब्ध कराता है और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिका सहयोग की घनिष्ठता को मजबूत करता है.'
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राष्ट्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान केन्द्र (रा.कृ.वा.अनु.के.) झांसी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषिवानिकी कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 1988 में स्थापित किया गया। यह केन्द्र उत्तर प्रदेश के झांसी नगर रेलवे स्टेशन से करीब 10 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है और ‘‘कृषिवानिकी’’ के नाम से जाना जाता है।
अधिदेश
भारत में विभिन्न कृषि जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए खेती योग्य जमीन, कम उपजाऊ जमीन और बंजर जमीन पर चिरस्थाई कृषिवानिकी पद्धतियों पर आधारित प्रौद्योगिकी विकसित करने और किसानों के लिए मौलिक और उपयुक्त अनुसंधान कार्य करना।
उन प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिए एस ए यू, आई सी ए आर संस्थानों, अन्य संबद्ध अनुसंधान संस्थानों के अनुसंधान कार्य में तालमेल बिठाना जिन्हें एक क्षेत्रा से दूसरे क्षेत्रा में अंतरित किया जा सकता है।
अनुसंधान कार्य प्रणालियों और विभिन्न स्तरों पर विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रयोग के संबंध में प्रशिक्षण देना।
विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए कृषिवानिकी पद्धतियों पर आधारित प्रौद्योगिकी विकसित करना ताकि उसका खेती योग्य जमीन और बंजर जमीनों पर प्रयोग किया जा सके।
कृषिवानिकी सम्बन्धित जानकारी के भंडार के रूप में कार्य करना।
उक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संगत राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सियों का सहयोग लेना@तथा देना।
कृषिवानिकी सम्बंधी परामर्श देना।
बाहरी कड़ियाँ
राष्ट्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान केन्द्र का जालघर (हिन्दी ; कृतिदेव फॉण्ट में)
राष्ट्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान केन्द्र का जालघर (अंग्रेजी)
भारत में अनुसंधान संस्थाएँ
कृषिवानिकी
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यह एक लेख है: रैपर यो यो हनी सिंह, जिनके गाने भारतीय युवाओं के बीच हिट हैं, 71 वर्षीय अमिताभ बच्चन की ऊर्जा से विस्मित हैं। हनी सिंह ने हाल ही में अमिताभ के साथ एक गाने की शूटिंग की है। उनका कहना है कि बच्चन साहब में 22 साल के युवा जैसी ऊर्जा है।
हनी सिंह बिग बी की तारीफें करते नहीं थकते।
इसी महीने 31 साल के हुए हनी सिंह ने बताया, "बिग बी के साथ शूटिंग से मुझे खुद को बहुत पुराना और न्यून होने का एहसास हुआ। यहां तक कि मुझे लगा मैं ऐसे व्यक्ति के साथ हूं जो मुझसे भी युवा है।"
उन्होंने कहा, "जब वह सेट पर आते थे, हर बार ऊर्जा का स्तर कई गुना बढ़ जाता था। उनका ऊर्जा स्तर 22 साल के युवा जितना है।"
हनी सिंह ने बिग बी वाली फिल्म 'भूतनाथ रिटर्न्स' के एक गाने के लिए उनके साथ शूटिंग की है।
हनी सिंह ने बताया कि बिग बी के लिए सही शब्दों के चयन को लेकर उन्हें काफी सावधानी रखनी पड़ी। उन्होंने कहा, "मुझे बहुत सतर्क रहना पड़ा। युवा कलाकारों के लिए अनौपचारिक चलन के शब्दों का प्रयोग ठीक है। लेकिन बिग बी सितारों के सितारे हैं।"
उन्होंने कहा, "हमारे गाने में बहुत मस्ती है। बच्चन साहब को युवाओं के साथ मस्ती करना पसंद है। लेकिन पहली बार के लिए मुझे आत्म-सेंसरशिप का अभ्यास करना पड़ा क्योंकि यह बच्चन साहब और बच्चों की फिल्म के लिए था।"
गाने की शूटिंग दो दिन में पूरी हुई और शूटिंग खत्म होने के बाद हनी सिंग और उनके टीम ने सेट पर पार्टी की।
हनी सिंह ने बताया, "हमने बड़ा सा केक मंगाया जिस पर लिखा था 'थैंक यू, मिस्टर अमिताभ बच्चन (श्री अमिताभ बच्चन आप का शुक्रिया)' और गाने के अंत में हमने अच्छी पार्टी की। जो उनके साथ एक बार काम करता है, वह फिर से ऐसा चाहता है। हां, मेरी बिग बी के साथ और गाने करने की योजनाएं हैं।"
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बारे में देश को झकझोर देने वाले आजतक-इंडिया टुडे के स्टिंग के बाद अब केरल पुलिस का दावा है कि इसके 6 कार्यकर्ता आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में भर्ती हो चुके हैं. इनमें एक महिला भी है. आजतक के स्टिंग के बाद केरल की स्वयंसेवी संस्था पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया NIA की जांच के घेरे में है.
पीएफआई पर आरोप है कि वह हिंदू महिलाओं का ब्रेनवाश कर उनकी मुस्लिमों से शादी और धर्मांतरण कर रहा है. हालांकि संगठन इस बात से इनकार कर रहा है. पीएफआई पर यह भी आरोप है कि वह हवाला फंडिंग और कालिताना हमले में भी शामिल रहा है और संगठन के संपर्क इस्लामिक स्टेट से हैं.
आजतक-इंडिया टुडे के 'ऑपरेशन कन्वर्जन फैक्टरी' से यह खुलासा हुआ था कि
इस संगठन के
शीर्ष पदाधिकारियों ने साफतौर से यह स्वीकार किया था कि वे बड़े पैमाने पर धर्मांतरण, अवैध फाइनेंसिंग करते हैं और उनका अंतिम लक्ष्य भारत को एक इस्लामी देश बनाना है.
अब केरल पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने कन्नूर जिले के 6 ऐसे PFI कार्यकर्ताओं का पता लगाया है, जो इस्लामिक स्टेट में शामिल हो चुके हैं. कन्नूर के डिप्टी एसपी ने बताया कि सभी 6 लोग राज्य में पीएफआई के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. पुलिस का कहना है कि ये सभी लोग फर्जी पासपोर्ट के सहारे भारत के बाहर संभवत: सीरिया पहुंच चुके हैं. इन 6 व्यक्तियों के नाम अब्दुल गयूम, अब्दुल मनफ, शबीर, सुहेल, सुहेल की पत्नी रिजवाना और सफवान हैं.
आजतक के ऑरपेशन के बाद केंद्रीय मंत्री
रविशंकर प्रसाद ने
कहा था कि को बैन कर देना चाहिए और स्टिंग में उजागर हो चुके इसके पदाधिकारियों को सजा देनी चाहिए.
केरल पुलिस द्वारा पता लगाए गए कार्यकर्ताओं का विवरण इस प्रकार है:
1. अब्दुल कयूम
यह कन्नूर जिले के कुट्टियाटूर का निवासी है.
8 अप्रैल, 2017 को सीरिया जा चुका है.
2. अब्दुल मनफ पीपी
यह कन्नूर जिले के वेलापत्तनम का निवासी है.
फर्जी पासपोर्ट के सहारे सीरिया जा चुका है. यह शाहजहां के संपर्क में आया और इंस्ताबुल में शाहजहां ग्रुप के सदस्यों से मिला.
3. शबीर
यह भी वेलापत्तनम का निवासी है.
4. सुहेल
यह भी वेलापत्तनम का निवासी है और शबीर का रिश्तेदार है.
5. सफवान
कन्नूर जिले के पप्पिनिसेरी का निवासी है.
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महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में गोवा-मुंबई हाइवे पर सावित्री नदी पर बना पुल के भारी बारिश में बहने की खबर पर बुधवार को लोकसभा में सवाल उठाया गया. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार इस आपदा से निपटने के लिए राज्य को हरसंभव मदद कर रही है. गृह मंत्रालय के मुताबिक आपदा में करीब 20 लोग लापता हैं. वहीं दो के शव बरामद किए गए हैं.
शिवसेना सांसद ने लोकसभा में उठाया मुद्दा
जानकारी के मुताबिक मुंबई से तकरीबन 175 किलोमीटर दूर
गोवा-मुंबई हाईवे
पर सावित्री नदी पर बना पुल पानी में बह गया. बहे पुल के साथ स्टेट ट्रांसपोर्ट की दो बस, दो चार पहिया और एक दोपहिया वाहन लापता है. इन्हें खोजने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी है. लोकसभा में शिवसेना सांसद विनायत राउत ने इस मुद्दे को उठाया और सरकार की ओर से किए जा रहे राहत और बचाव कार्य की जानकारी मांगी.
पुल बहने के बाद हरकत में आई सरकार
मामले पर
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने
सदन में जवाब दिया कि सावित्री नदी पर बना पुल के बह जाने की घटना गंभीर है. बीती रात म्यहर कस्बे के पास नदी की तेज धारा में यह पुल बह गया. इसमें दो यात्री बसें भी बह गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घटना के बाद राहत और बचाव की दिशा में कुछ प्रभावी कदम उठाए हैं.
केंद्र कर रहा है हरसंभव मदद
उन्होंने कहा कि हमने एनडीआरएफ की चार टीमें भेजी है. इनमें 150 सदस्य हैं. इसके साथ चार नाव और गहरे पानी के तैराक भी शामिल हैं. इसके साथ दो हेलीकाप्टरों को भी मौके पर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी भी
घटना स्थल पर
पहुंच चुके हैं.
एनडीआरएफ ने शुरू किया बचाव अभियान
इधर, एनडीआरएफ के डीजी ओ पी शर्मा ने कहा कि मौके पर इस समय रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. एनडीआरएफ की टीम वहां पर मौजूद है. सावित्री नदी उफान पर है. हमारे गोताखोर वहां पर मौजूद हैं. वो गहरे पानी में जाकर बस और दूसरी गाड़ियों के साथ जो लोग लापता हैं, उन्हें ढूंढ रहे हैं.
गाजियाबाद से गई गोताखोरों की नई टीम
उन्होंने बताया कि गाजियाबाद से भी अलग से गोताखोरों (डाइवर्स) की एक टीम
केंद्र सरकार की तरफ से
भेजा जा रहा है. बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में थोड़ी मुश्किल आ रही है. पर इस मुहिम को बड़े स्तर पर चला जा रहा है.
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दक्षिण भारत के सुपर स्टार डॉक्टर श्रीनिवासन को धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दिल्ली की ब्लू कोस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने श्रीनिवासन की शिकायत की थी. शिकायत है कि श्रीनिवासन ने 1000 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर पांच करोड़ रुपये का चूना लगा डाला.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक श्रीनिवासन ने करीब दर्जन भर लोगों के साथ ठगी की और इस दौरान 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा की आर्थिक अपराध इकाई) हरेंद्र के सिंह ने बताया कि 52 वर्षीय एस श्रीनिवासन को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने चेन्नई से गिरफ्तार किया.
पावर स्टार नाम से लोकप्रिय श्रीनिवासन अभिनेता, निर्देशक और निर्माता हैं. उन्होंने करीब एक दर्जन फिल्मों में अभिनय किया है. पुलिस के अनुसार श्रीनिवासन ने साल 2010 में कंसलटेंट के रूप में शिकायतकर्ता की कंपनी ब्लू कोस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड से संपर्क किया था और 1000 करोड़ रुपये का ऋण दिलाने में मदद का वादा किया था.
व्यापारी को श्रीनिवासन से मिलने के लिए चेन्नई ले जाया गया. एक हजार करोड़ रुपये लोन के लिए व्यापारी से पांच करोड़ रुपये मांगे गए.
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव (Ram Madhav) ने परोक्ष रूप से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तारीफ की. राम माधव का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि राहुल गांधी ने हालिया चुनाव में अपनी चुनावी ताकत आज़माई, और कांग्रेस पार्टी को कुछ जीत दिलाई है." इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी ने नेतृत्व में कांग्रेस कैसा प्रदर्शन कर रही है? उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी कांग्रेस के नेता हैं... यह वे (कांग्रेस सदस्य) तय करें कि उनके (राहुल गांधी के) नेतृत्व से लाभ हो रहा है या नहीं... उनके द्वारा कांग्रेस का नेतृत्व करने पर हम टिप्पणी कैसे कर सकते हैं...?
Ram Madhav,BJP: Rahul Gandhi is leader of Congress. It's for them to decide if his leadership is beneficial to them or not. How can we comment on his leadership for Congress?He tried his electoral mettle in recent polls&brought some victories to Congress,there's no doubt about it pic.twitter.com/CJTIQdgmwB
इसके अलावा राम मंदिर के मुद्दे पर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा, "अध्यादेश का विकल्प हमेशा रहा है, लेकिन फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है, और सुप्रीम कोर्ट ने अगली बेंच के लिए 4 जनवरी की तारीख दी है... हमें उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट फास्ट-ट्रैक तरीके से इस पर कार्यवाही करेगी, और जल्द ही निपटारा कर देगी... अगर ऐसा नहीं होता है, तो अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे..."
राम माधव ने कहा है, "गठबंधन की राजनीति सभी को साथ लेकर चलने और समझौते करने पर आधारित होती है, और BJP उसके लिए तैयार है... यह सच है कि कुशवाहा जैसे कुछ छोटे दलों ने हमारा साथ छोड़ देने का फैसला किया है, लेकिन हम कुछ नए सहयोगियों को साथ लाने की दिशा में काम कर रहे हैं, विशेष रूप से दक्षिणी तथा पूर्वी भारत में..."
वहीं, ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव का कहना है, "लैंगिक समानता तथा न्याय का मुद्दा उठाने के लिए यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का ऐतिहासिक फैसला है... मुस्लिमों सहित नागरिक समाज के बड़े हिस्से ने इसका स्वागत किया है, यह मुस्लिम महिलाओं के लिए वरदान है... मामला संसद के समक्ष है, मुझे पूरा भरोसा है कि अर्थपूर्ण बहस होगी..."
राम माधव ने कहा , "यदि राहुल गांधी हालिया जीतों की वजह से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी हो सकते होते, तो महागठबंधन की ज़रूरत ही नहीं होती... आज भी कोई नेता, (DMK प्रमुख) स्टालिन को छोड़कर, महागठबंधन के नेता के नाम की पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं है... प्रधानमंत्री पद की दौड़ में छह लोग मौजूद हैं..."
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भारत के शूटरों का आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप निशानेबाजी में शानदार प्रदर्शन जारी है. सिडनी में चल रही प्रतियोगिता में बुधवार को मुस्कान ने भारत को 9वां गोल्ड मेडल दिलाया. उन्होंने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में यह स्वर्ण पदक हासिल किया. टीम वर्ग में भी मुस्कान, मनु भाकेर ओर देवयांशी राणा को स्वर्ण पदक मिला. रजत भी भारत की गौर, महिमा अग्रवाल और तनु रावल को मिला.
Muskan Muskan's first international medal is also India's fourth individual gold in Sydney. 🇮🇳
https://t.co/zU1VofTPL9
#ISSFJWC
pic.twitter.com/1Abvh1WXe4
— ISSF (@ISSF_Shooting)
March 28, 2018
इसके साथ ही भारत पदक तालिका में टॉप पर पहुंच गया है. उसके खाते में अब तक 9 गोल्ड, 4 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मेडल आ चुके हैं. जबकि चीन 8 गोल्ड, इतने ही सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज के साथ दूसरे स्थान पर है.
17 साल की मुस्कान ने फाइनल में 35 अंक हासिल किए, जबकि चीन की किन सिहांग 34 अंक के साथ दूसरे और थाईलैंड की कानयाकॉर्न 26 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. भारत की ही मनु भाकेर (18 अंक) चौथे स्थान पर रहीं. मुस्कान का पदक भारत का चौथा व्यक्तिगत पदक था. पिछले साल वह इस चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रही थीं. मुस्कान का यह पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है. यह प्रतियोगिता 29 मार्च तक चलेगी.
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लेख: रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ भले ही पर्दे पर और असल जीवन में दोनों ही जगह एक साथ शानदार दिखते हों, लेकिन कैटरीना को अपने कथित प्रेमी रणबीर के साथ काम करना मुश्किल लगता है। क्योंकि उनका मानना है कि कोई भी इंसान जो आपको बहुत अच्छे से जानता है उसके सामने अभिनय करना असहज होता है।
32 साल की अभिनेत्री रणबीर के साथ अनुराग बासु की आगामी फिल्म 'जग्गा जासूस' में काम रह रही हैं। दोनों इससे पहले 'अजब प्रेम की गजब कहानी' और 'राजनीति' जैसी हिट फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं।
रणबीर के साथ काम करने के बारे में सवाल पूछे जाने पर कैटरीना ने कहा, 'मुझे लगता है कि आप जिन लोगों को बहुत अच्छे से जानते हैं, उनके साथ काम करना मुश्किल होता है। मेरा मानना है कि अनजान लोगों के सामने अभिनय करना आसान है।'टिप्पणियां
उन्होंने कहा, 'जब कोई आपको बहुत अच्छे से जानता है और आप उसके सामने अभिनय कर रहे हों तो आप को लगता है कि ऐसा थोपा गया है, आपको लगता है कि आप अभिनय कर रहे हैं, क्योंकि सामने वाले को पता होता है कि आप झूठ बोल रहे हैं।' कैटरीना पहली बार अनुराग बासु के साथ काम कर रही हैं।
कैटरीना ने कहा, 'मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे दादा (बासु) के साथ काम करने का मौका मिला। उनके साथ हर कोई काम करना चाहता है। उनके काम करने का तरीका थोड़ा थकाउ और मुश्किल होता है, क्योंकि वह अपनी खुद की रफ्तार से काम करते हैं।' फिल्म एक कॉमेडी-ड्रॉमा है और एक जासूस की कहानी है जो अपने लापता पिता की तलाश कर रहा है। फिल्म अगले साल जून में रिलीज होगी।
32 साल की अभिनेत्री रणबीर के साथ अनुराग बासु की आगामी फिल्म 'जग्गा जासूस' में काम रह रही हैं। दोनों इससे पहले 'अजब प्रेम की गजब कहानी' और 'राजनीति' जैसी हिट फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं।
रणबीर के साथ काम करने के बारे में सवाल पूछे जाने पर कैटरीना ने कहा, 'मुझे लगता है कि आप जिन लोगों को बहुत अच्छे से जानते हैं, उनके साथ काम करना मुश्किल होता है। मेरा मानना है कि अनजान लोगों के सामने अभिनय करना आसान है।'टिप्पणियां
उन्होंने कहा, 'जब कोई आपको बहुत अच्छे से जानता है और आप उसके सामने अभिनय कर रहे हों तो आप को लगता है कि ऐसा थोपा गया है, आपको लगता है कि आप अभिनय कर रहे हैं, क्योंकि सामने वाले को पता होता है कि आप झूठ बोल रहे हैं।' कैटरीना पहली बार अनुराग बासु के साथ काम कर रही हैं।
कैटरीना ने कहा, 'मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे दादा (बासु) के साथ काम करने का मौका मिला। उनके साथ हर कोई काम करना चाहता है। उनके काम करने का तरीका थोड़ा थकाउ और मुश्किल होता है, क्योंकि वह अपनी खुद की रफ्तार से काम करते हैं।' फिल्म एक कॉमेडी-ड्रॉमा है और एक जासूस की कहानी है जो अपने लापता पिता की तलाश कर रहा है। फिल्म अगले साल जून में रिलीज होगी।
रणबीर के साथ काम करने के बारे में सवाल पूछे जाने पर कैटरीना ने कहा, 'मुझे लगता है कि आप जिन लोगों को बहुत अच्छे से जानते हैं, उनके साथ काम करना मुश्किल होता है। मेरा मानना है कि अनजान लोगों के सामने अभिनय करना आसान है।'टिप्पणियां
उन्होंने कहा, 'जब कोई आपको बहुत अच्छे से जानता है और आप उसके सामने अभिनय कर रहे हों तो आप को लगता है कि ऐसा थोपा गया है, आपको लगता है कि आप अभिनय कर रहे हैं, क्योंकि सामने वाले को पता होता है कि आप झूठ बोल रहे हैं।' कैटरीना पहली बार अनुराग बासु के साथ काम कर रही हैं।
कैटरीना ने कहा, 'मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे दादा (बासु) के साथ काम करने का मौका मिला। उनके साथ हर कोई काम करना चाहता है। उनके काम करने का तरीका थोड़ा थकाउ और मुश्किल होता है, क्योंकि वह अपनी खुद की रफ्तार से काम करते हैं।' फिल्म एक कॉमेडी-ड्रॉमा है और एक जासूस की कहानी है जो अपने लापता पिता की तलाश कर रहा है। फिल्म अगले साल जून में रिलीज होगी।
उन्होंने कहा, 'जब कोई आपको बहुत अच्छे से जानता है और आप उसके सामने अभिनय कर रहे हों तो आप को लगता है कि ऐसा थोपा गया है, आपको लगता है कि आप अभिनय कर रहे हैं, क्योंकि सामने वाले को पता होता है कि आप झूठ बोल रहे हैं।' कैटरीना पहली बार अनुराग बासु के साथ काम कर रही हैं।
कैटरीना ने कहा, 'मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे दादा (बासु) के साथ काम करने का मौका मिला। उनके साथ हर कोई काम करना चाहता है। उनके काम करने का तरीका थोड़ा थकाउ और मुश्किल होता है, क्योंकि वह अपनी खुद की रफ्तार से काम करते हैं।' फिल्म एक कॉमेडी-ड्रॉमा है और एक जासूस की कहानी है जो अपने लापता पिता की तलाश कर रहा है। फिल्म अगले साल जून में रिलीज होगी।
कैटरीना ने कहा, 'मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे दादा (बासु) के साथ काम करने का मौका मिला। उनके साथ हर कोई काम करना चाहता है। उनके काम करने का तरीका थोड़ा थकाउ और मुश्किल होता है, क्योंकि वह अपनी खुद की रफ्तार से काम करते हैं।' फिल्म एक कॉमेडी-ड्रॉमा है और एक जासूस की कहानी है जो अपने लापता पिता की तलाश कर रहा है। फिल्म अगले साल जून में रिलीज होगी।
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दुनिया के सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने आठ साल पूरे कर लिए हैं. 84.5 करोड़ सक्रिय सदस्यों के साथ इस सोशल नेटवर्किंग साइट का बढना जारी है. चार फरवरी 2004 से शुरू हुए फेसबुक के उपयोगकर्ताओं की संख्या इस साल अगस्त तक एक अरब होने की संभावना है.
कंपनी के सीईओ मार्क जुकैरबर्ग दुनिया भर में फेसबुक के चेहरे के तौर पर प्रख्यात हैं लेकिन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में उनके साथ छात्र रहे तीन अन्य- एदोआडरे सैवरिन, डस्टिन मॉस्कोवित्ज और क्रिस ह्यूग्स शामिल हैं.
चारों ने शुरूआत में हार्वर्ड छात्रों के लिए यह सेवा शुरू की लेकिन जल्द ही यह दूसरे कॉलेजों में फैल गया और जुकैरबर्ग ने अपने डोमेन नेम को बदल कर ‘फेसबुक’ कर डाला. फेसबुक ने मार्क जुकैरबर्ग को दुनिया के सबसे युवा अरबपतियों की सूची में शीर्ष पर पहुंचा दिया. इसने अन्य कंपनियों को भी बढने, लोगों से संवाद करने और बिक्री बढाने का मौका दिया.
सोशल मीडिया टुडे के मुताबिक, अमेरिकी आबादी का 41 फीसदी हिस्से के पास फेसबुक एकाउंट है. भारत में इस साल फेसबुक ने 132 फीसदी वृद्धि दर दर्ज की जो किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है. कंपनी ने एक फरवरी 2012 को आईपीओ के लिए आवेदन दिया.
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यह लेख है: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में बुधवार तड़के आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद शोपियां जिले के मीमेन्दर इलाके में खोज एवं तलाशी अभियान चलाया.
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान आतंकवादियों ने उनपर गोलियां चलाईं. जवाबी कार्रवाई के साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गई. मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि मारे गए दोनों आतंकवादी प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे. उन्होंने बताया कि मौके से हथियार और अन्य सामग्री मिली है.
जम्मू एवं कश्मीर के उरी सेक्टर में बुधवार को भारतीय और पाकिस्तानी जवानों के बीच भारी गोलीबारी जारी है. रक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष कमालकोटे इलाके में तड़के से ही एक-दूसरे को निशाना बनाने के लिए मोर्टारों और छोटे हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से गोलीबारी अब भी जारी है.
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों द्वारा एक असैन्य कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर 1,000 किलो का बम गिराने के कुछ घंटों बाद मंगलवार रात से ही पुंछ, राजौरी और जम्मू जिलों समेत 40 स्थानों पर रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जेईएम के आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए हमले में 40 जवानों के शहीद होने के 12 दिनों बाद भारत की ओर से यह कदम उठाया गया.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अब जब यह साफ हो गया है कि तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से काटकर अलग राज्य बनाया जाएगा, तब आंध्र प्रदेश कांग्रेस का एक धड़ा राज्य को बंटने से रोकने के लिए अंतिम प्रयास कर रहा है। इस धड़े में स्वयं मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी शामिल हैं जो कांग्रेस पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिलकर इस संबंध में एक आवेदन दिया है।
सोनिया गांधी को लिखे खत में आंध्र के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को एक रहने दिया जाए। इस खत में आंध्र के कांग्रेस पार्टी प्रमुख और रायलसीमा के साथ तटीय आंध्र के कांग्रेस नेताओं के दस्तखत हैं।
खत में यह भी कहा गया है कि तेलंगाना को अलग करने की प्रक्रिया जब तक आरंभ न की जाए जब तक कि पार्टी द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति अन्य इलाके के लोगों की चिंताओं के बारे में कोई फैसला नहीं ले लेती।
पिछले हफ्ते अपने घरों के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शनों के बाद कांग्रेस के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने पार्टी तक छोड़ने की धमकी दी। इसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनकी चिंताओं पर विचार करने की बात कही थी।
फिलहाल कांग्रेस के पास राज्य से 33 सांसद और उसमें से 19 तटीय आंध्र प्रदेश सऔर रायलसीमा से आते हैं। अब तेलंगाना विरोधी कांग्रेस के नेताओं को वाईएसआर कांग्रेस का भी साथ मिला है। मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी को खत भी वाईएसआर कांग्रेस के उस ऐलान के बाद आया जिसमें वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन का विरोध करने की बात कही। टिप्पणियां
इससे पहले आंध्र प्रदेश की कांग्रेस ने इस बारे में कोई भी बात साफ नहीं कही थी। अब तक वह यह कह रही थी कि इस बारे में निर्णय लेना केंद्र के हाथ में है।
एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।
सोनिया गांधी को लिखे खत में आंध्र के मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को एक रहने दिया जाए। इस खत में आंध्र के कांग्रेस पार्टी प्रमुख और रायलसीमा के साथ तटीय आंध्र के कांग्रेस नेताओं के दस्तखत हैं।
खत में यह भी कहा गया है कि तेलंगाना को अलग करने की प्रक्रिया जब तक आरंभ न की जाए जब तक कि पार्टी द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति अन्य इलाके के लोगों की चिंताओं के बारे में कोई फैसला नहीं ले लेती।
पिछले हफ्ते अपने घरों के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शनों के बाद कांग्रेस के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने पार्टी तक छोड़ने की धमकी दी। इसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनकी चिंताओं पर विचार करने की बात कही थी।
फिलहाल कांग्रेस के पास राज्य से 33 सांसद और उसमें से 19 तटीय आंध्र प्रदेश सऔर रायलसीमा से आते हैं। अब तेलंगाना विरोधी कांग्रेस के नेताओं को वाईएसआर कांग्रेस का भी साथ मिला है। मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी को खत भी वाईएसआर कांग्रेस के उस ऐलान के बाद आया जिसमें वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन का विरोध करने की बात कही। टिप्पणियां
इससे पहले आंध्र प्रदेश की कांग्रेस ने इस बारे में कोई भी बात साफ नहीं कही थी। अब तक वह यह कह रही थी कि इस बारे में निर्णय लेना केंद्र के हाथ में है।
एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।
खत में यह भी कहा गया है कि तेलंगाना को अलग करने की प्रक्रिया जब तक आरंभ न की जाए जब तक कि पार्टी द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति अन्य इलाके के लोगों की चिंताओं के बारे में कोई फैसला नहीं ले लेती।
पिछले हफ्ते अपने घरों के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शनों के बाद कांग्रेस के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने पार्टी तक छोड़ने की धमकी दी। इसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनकी चिंताओं पर विचार करने की बात कही थी।
फिलहाल कांग्रेस के पास राज्य से 33 सांसद और उसमें से 19 तटीय आंध्र प्रदेश सऔर रायलसीमा से आते हैं। अब तेलंगाना विरोधी कांग्रेस के नेताओं को वाईएसआर कांग्रेस का भी साथ मिला है। मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी को खत भी वाईएसआर कांग्रेस के उस ऐलान के बाद आया जिसमें वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन का विरोध करने की बात कही। टिप्पणियां
इससे पहले आंध्र प्रदेश की कांग्रेस ने इस बारे में कोई भी बात साफ नहीं कही थी। अब तक वह यह कह रही थी कि इस बारे में निर्णय लेना केंद्र के हाथ में है।
एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।
पिछले हफ्ते अपने घरों के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शनों के बाद कांग्रेस के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने पार्टी तक छोड़ने की धमकी दी। इसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनकी चिंताओं पर विचार करने की बात कही थी।
फिलहाल कांग्रेस के पास राज्य से 33 सांसद और उसमें से 19 तटीय आंध्र प्रदेश सऔर रायलसीमा से आते हैं। अब तेलंगाना विरोधी कांग्रेस के नेताओं को वाईएसआर कांग्रेस का भी साथ मिला है। मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी को खत भी वाईएसआर कांग्रेस के उस ऐलान के बाद आया जिसमें वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन का विरोध करने की बात कही। टिप्पणियां
इससे पहले आंध्र प्रदेश की कांग्रेस ने इस बारे में कोई भी बात साफ नहीं कही थी। अब तक वह यह कह रही थी कि इस बारे में निर्णय लेना केंद्र के हाथ में है।
एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।
फिलहाल कांग्रेस के पास राज्य से 33 सांसद और उसमें से 19 तटीय आंध्र प्रदेश सऔर रायलसीमा से आते हैं। अब तेलंगाना विरोधी कांग्रेस के नेताओं को वाईएसआर कांग्रेस का भी साथ मिला है। मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी को खत भी वाईएसआर कांग्रेस के उस ऐलान के बाद आया जिसमें वाईएसआर कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन का विरोध करने की बात कही। टिप्पणियां
इससे पहले आंध्र प्रदेश की कांग्रेस ने इस बारे में कोई भी बात साफ नहीं कही थी। अब तक वह यह कह रही थी कि इस बारे में निर्णय लेना केंद्र के हाथ में है।
एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।
इससे पहले आंध्र प्रदेश की कांग्रेस ने इस बारे में कोई भी बात साफ नहीं कही थी। अब तक वह यह कह रही थी कि इस बारे में निर्णय लेना केंद्र के हाथ में है।
एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।
एनडीटीवी से बात करते हुए जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य के लोगों के साथ अन्याय किया है।
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सरकार ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 38 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय भू-भाग चीन के कब्जे में है। पाकिस्तान ने भी पाक अधिकृत कश्मीर के 5,180 वर्ग किलोमीटर भारतीय भू-भाग को गैर-कानूनी रूप से चीन को सौंप रखा है। विदेश राज्य मंत्री ई अहमद ने राज्यसभा को बताया कि चीन अपने और भारत के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा को विवादित मानता है तथा अरुणाचल प्रदेश में लगभग 90 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय भू-भाग पर दावा करता है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में लगभग 38 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय भू-भाग चीन के कब्जे में है। चीन तथा पाकिस्तान के बीच दो मार्च 1963 को हुए सीमा करार के तहत पाकिस्तान ने उसके कब्जे वाले कश्मीर की 5,180 वर्ग किलोमीटर भूमि गैर-कानूनी रूप से चीन को सौंप दी। अहमद ने नरेश चंद्र अग्रवाल के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि चीन पक्ष को इस तथ्य के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित कर दिया गया है कि अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर भारत के अखंड और अविभाज्य भाग हैं। दोनों देशों ने सीमा विवाद के हल के लिये विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किये हैं, जिनकी अब तक 14 बैठकें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात से अवगत है कि चीन तिब्बत और शिनजियांग स्वायत्त क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी संरचना विकसित कर रहा है। इसमें क्विनघाई तिब्बत रेल लाइन शामिल है जिसे शिगाजे और निंगची तक विस्तार दिया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही चीन सड़क तथा हवाई अड्डा सुविधा भी विकसित कर रहा है।
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समलैंगिक संबंधों के एक मामले ने मुंबई पुलिस को काफ़ी परेशान कर डाला. ये घटना पवई इलाक़े की है. यहां रहने आए एक एनआरआई ने फर्जी धमकी भरे मेल कर करके परेशान कर रखा था.
छानबीन में पता चला कि वो समलैंगिक है और उसका पार्टनर किसी और के साथ रहने चला गया था. इसी पर भड़के आरोपी आनंद ने उस शख़्स को आतंकी साबित करने की कोशिश की और उसके नाम से धमकी भरे ई मेल भेजे. पर आख़िर में पुलिस ने सच्चाई का पता लगाया और अब आनंद उसकी गिरफ़्त में है.
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में जब से क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (COA) की इंट्री हुई, तब से ऐसी-ऐसी बातें देखने को मिली हैं, जो पहले कभी देखने को नहीं ही मिलीं. एक असंजस की स्थिति सी है. और कभी भी कुछ भी हो सकता है. कुछ ऐसा ही अब रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के मामले में हो सकता हैं, जी हां. रवि शास्त्री की बतौर कोच फिर से नियुक्ति हो सकती है. और इसके पीछे है ताजा सीएसी की सदस्य शांता रंगास्वामी से जुड़ा विवाद, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
On the auspicious occasion of #Navratri, let us celebrate Maa Durga and all the goodness that she represents. A very happy Navratri to you and your loved ones #happynavratripic.twitter.com/JuqzrZTJ0L
बात यह है कि (बीसीसीआई, BCCI) के एथिक्स ऑफिसर डी.के जैन अगर कपिल देव (Kapil Dev), अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को हितों के टकराव मुद्दे में दोषी पाते हैं तो क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को पुनर्नियुक्ति प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है. एथिक्स ऑफिसर ने शनिवार को सीएसी के तीनों सदस्यों को नोटिस भेजा और उनसे 10 अक्टूबर तक जवाब मांगा जिसके बाद रंगास्वामी ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है. मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने लोढ़ा पैनल के एक आदमी, एक पद के प्रस्ताव के तहत सीएसी पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था.
JUST IN: Sri Lanka to play three-match T20I series against India in January.
More details here - https://t.co/2Dwcyvcrl5#INDvSLpic.twitter.com/DMs5YL0fDu
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, "अगर शास्त्री को नियुक्त करने वाली समिति के सदस्यों में हितों का टकराव पाया जाता है तो शास्त्री की मुख्य कोच की नियुक्ति की प्रक्रिया से एक बार फिर गुजरना होगा. फिर एक नई समिति का गठन किया जाएगा और नए पंजीकृत बीसीसीआई संविधान को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया को दोहराया जाएगा क्योंकि संविधान अब स्पष्ट रूप से कहता है कि केवल एक सीएसी ही भारतीय टीम के मुख्य कोच को नियुक्त कर सकता है"
अधिकारी ने आगे कहा कि महिला क्रिकेट टीम के कोच डब्ल्यू.वी रमन के साथ भी यहीं प्रक्रिया दोहराई जा सकती है क्योंकि उन्हें जिस ऐड-हॉक सीएसी ने चुना था उसमें देव, गायकवाड़ और रंगास्वामी ही शामिल थे. अधिकारी ने कहा, "यह देखने की जरूरत है कि रमन के मामले में जैन का फैसला क्या होता है क्योंकि कोच के रूप में उन्हें चुनने वाली ऐड-हॉक सीएसी में यही तीन व्यक्ति शामिल थे. यहां तक कि कोच के मामले में दो सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) भी विभाजित थी. उस समय विनोद राय, रमन की नियुक्ती के पक्ष में थे जबकि डायना एडुल्जी का कहना था कि लोढ़ा पैनल के प्रस्तावों के तहत बदले गए बीसीसीआई के संविधान में ऐड-हॉक सीएसी की कोई जगह नहीं है"
रवि थोगड़े के सीएसी में शामिल होने के बाद रमन को 2:1 के मत से महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था.
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बैंकाक के माहा छाई रोड़ पर बनी सबसे पुरानी और हाई सिक्योरिटी जेल में बंद कैदी नम्बर 8 का नाम है सैयद मुदस्सर हुसैन. जिसे लेकर पिछले 2 सालों से हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच बैंकाक की क्रिमिनल कोर्ट लट फारो में कानूनी जंग चल रही है.
एक तरफ हिंदुस्तान सैयद मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगाड़ा को अपना नागरिक बता रहा है, तो दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान उसे मोहम्मद सलीम बताते हुए अपना नागरिक होने का दावा कर रहा है. सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या है कि बैंकाक की जेल बंद कैदी नम्बर 8 के लिए दोनों देशों के के बीच जंग छिड़ गई है?
दरअसल, पाकिस्तान की सरकारी खुफिया एजेंसी आईएसआई और ग्लोबल टेररिस्ट करार दिए जा चुके
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम
के बीच गठजोड़ के कई अहम राज मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगाड़ा के सीने में दफ्न हैं. ऐसे में इंडियन एजेंसी और भारत सरकार को लगता है कि मुदस्सर हुसैन को अपनी कस्टडी में लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब किया जा सकता है.
लेकिन पाकिस्तान ने बाकायदा मोहम्मद सलीम के पासपोर्ट के साथ बैंकाक की अदालत और वहां की सरकार के सामने दावा ठोक दिया कि वो मोहम्मद सलीम है, जो साल 2000 में बैंकाक आया था.
यूं तो मुन्ना झिंगाड़ा बैंकाक की जेल में साल 2000 से बंद है लेकिन झिंगाड़ा को भारत लाने की कोशिशें उस वक्त तेज हो गईं जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2016 के नवम्बर माह में बैंकाक गए थे. मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगाड़ा भारत के लिए अहम साबित हो सकता है. लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि आखिर वो है कौन.
कौन है मुदस्सर हुसैन सैयद उर्फ मुन्ना झिंगाड़ा
मुंबई के जोगेश्वरी का रहने वाला झिंगाड़ा एक गैंगस्टर था. वो ड़ॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील का बेहद करीबी है. मुन्ना के खिलाफ मुंबई में 70 से ज्यादा आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. मुन्ना इतना बेखौफ और शार्प शूटर है कि दाऊद ने अपने जानी दुश्मन अरुण गवली को उसी के इलाके में मारने के लिए मुन्ना को भेजा था. साल 1997 में झिंगाड़ा को दाऊद ने नेपाल के रास्ते पाकिस्तान बुलाया और कराची में बिजनेस करवा दिया.
साल 2000 में दाऊद ने अपने जानी दुश्मन छोटा राजन को मारने का टास्क दिया और आईएसआई की मदद से मोहम्मद सलीम के फर्जी पासपोर्ट पर उसे बैंकाक भेजा और बैंकाक में मुन्ना झिंगाड़ा ने छोटा राजन पर हमला भी किया. उस हमले में राजन को गोली तो लगी लेकिन वो बच गया. जबकि राजन का साथी रोहित वर्मा इस शूटआउट में मारा गया. फिर बैंकाक पुलिस ने मुन्ना को वर्ष 2000 में ही
गिरफ्तार
कर लिया था. तभी से वो वहां की जेल में बंद है.
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अमेरिका की ओर से गठित एक आयोग ने कहा है कि साल
2014 में भारत में मोदी सरकार के सत्ता संभालने
के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठनों की ओर से
‘हिंसक हमलों’, जबरन धर्मांतरण और ‘घर वापसी’
अभियानों का सामना करना पड़ा है.
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने ओबामा प्रशासन से यह भी कहा है कि वह भारत सरकार से उन अधिकारियों और धार्मिक नेताओं को फटकार लगाने के लिए दबाव बनाए जो समुदायों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं और इस बहुलतावादी देश में धार्मिक स्वतंत्रता के मानकों को बढ़ावा देने के लिए भी कहे.
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
इस रिपोर्ट पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मामलों के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'यह रिपोर्ट भारत, इसके संविधान और समाज के बारे में सीमित समझदारी पर आधाारित है.' उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी रिपोर्टों पर संज्ञान नहीं लेती.
आयोग ने कहा कि देश की बहुलतावादी दर्जे और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के बावजूद भारत ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने और अपराध होने पर न्याय प्रदान करने में लंबा संघर्ष करना पड़ा है जिससे दंडमुक्ति का माहौल बना. उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि धार्मिक रूप से प्रेरित और सांप्रदायिक हिंसा बीते तीन वर्षों में लगातार बढ़ने की खबर है.
धर्म के आधार पर बांटने वाले कैंपेन बढ़े: रिपोर्ट
आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, कनार्टक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में धार्मिक रूप से प्रेरित हमलों और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सर्वाधिक देखने को मिली हैं. उसने कहा कि साल 2014 के आम चुनाव के प्रचार के दौरान गैर सरकारी संगठनों और मुस्लिम, ईसाई और सिख समुदायों सहित धार्मिक नेताओं ने धार्मिक रूप से विभाजित करने वाले अभियान में शुरुआती इजाफा किया.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चुनाव के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों को सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं की ओर से अपमानजनक टिप्पणियों और आरएसएस व विहिप जैसे हिंदू राष्ट्रवादी समूहों की ओर से हिंसक हमलों और जबरन धर्मांतरण का सामना करना पड़ा है.’ आयोग ने कहा कि दिसंबर, 2014 में उत्तर प्रदेश में ‘घर वापसी’ अभियान के तहत हिंदू समूहों ने क्रिसमस के दिन कम से कम 4,000 ईसाई परिवारों और 1,000 मुस्लिम परिवारों को जबरन हिंदू धर्म में धर्मांतरण कराने की योजना का एलान किया. उसने आगरा में मुस्लिम समुदाय के कई लोगों का कथित तौर पर लालच देकर धर्मांतरण कराए जाने की घटना का भी उल्लेख किया है.
रिपोर्ट में दावा, 'हो रहा धर्मांतरण'
आयोग ने कहा कि सितंबर, 2014 में ‘दलित सेवेंथ-डे एडवेंटिस्ट्स’ ने उत्तर प्रदेश में रिपोर्ट दायर की कि उनके वर्ग के लोगों को जबरन हिंदू बना दिया गया और उनके गिरिजाघर को हिंदू मंदिर में तब्दील कर दिया गया. यह पता नहीं है कि इस मामले में पुलिस जांच की गई या नहीं. आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता पर उनके विचारों का भी उल्लेख किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फरवरी में कैथोलिक संतों को सम्मानित करने के एक समारोह में मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि ‘उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि धर्म की संपूर्ण स्वतंत्रता हो और हर किसी को बिना किसी उत्पीड़न या अनुचित प्रभाव के अपनी इच्छा के अनुसार धर्म में रहने या अपनाने की पूरी स्वतंत्रता हो.’ आयोग ने कहा, ‘यह बयान उन आरोपों के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि गुजरात में 2002 के मुस्लिम विरोधी दंगों में श्री मोदी की संलिप्तता थी.’ गौरतलब है कि 2002 में दंगों के मामलों में किसी भी भारतीय अदालत ने मोदी को कुछ भी गलत करने का दोषी नहीं पाया है.
- इनपुट भाषा
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