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श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के न्यासियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि साईं बाबा के जेहन में कोई उत्तराधिकारी नहीं था और ट्रस्ट का नया अध्यक्ष अगले हफ्ते चुना जा सकता है। उन्होंने एकमत प्रदर्शित करते हुए किसी भी तरह के आपसी मतभेद से इनकार किया। आंध्र प्रदेश की तीर्थ नगरी में साईं बाबा को समाधि दिए जाने के एक दिन बाद न्यासियों ने यह भी कहा कि 86 वर्षीय आध्यात्मिक नेता ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी है और उनका केयरटेकर सत्यजीत ट्रस्ट का महज एक कर्मी था जिसे उन्होंने कुछ व्यक्तिगत कार्य के लिए चुना था और इससे ज्यादा कुछ नहीं। यहां सत्य साईं इंडोर स्टेडियम में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में न्यासियों ने कहा अध्यक्ष का चुनाव अगले हफ्ते हो सकता है जब न्यासियों और प्रबंधन परिषद की बैठक होगी। जहां तक हम जानते हैं बाबा की कोई वसीयत नहीं है और न ही उनके जेहन में कोई उत्तराधिकारी था। न्यासियों ने आश्वस्त किया कि उनका कोई निजी निहित स्वार्थ नहीं है और कहा कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा हमारा कोई निजी निहित स्वार्थ नहीं है। लेकिन कुछ ऐसे निहित स्वार्थ हैं जो ट्रस्ट के नाम इसके कार्यों और न्यासियों की छवि को धूमिल करने के लिए किए जा रहे हैं। न्यासी एवं भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पूर्व अध्यक्ष वेणु श्रीनिवासन ने अपने अन्य ट्रस्ट सहकर्मियों के साथ खचाखच भरे संवाददता सम्मेलन में कहा हम किसी का नाम नहीं लेना चाहते लेकिन हमारी छवि धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। न्यासियों और प्रबंधन परिषद की ओर से श्रीनिवासन ने कहा केंद्र और आंध्र प्रदेश दोनों सरकारों ने आश्वासन दिया है कि वे ट्रस्ट की गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करेंगी। श्रीनिवासन ने उल्लेख किया उन्होंने हमें बताया कि सरकारें न तो ट्रस्ट की गतिविधियों में हस्तक्षेप करना चाहती हैं और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव है। वास्तव में हमने कभी भी किसी भी तरह की सहायता के लिए सरकार से सपंर्क नहीं किया। यह जिक्र करते हुए कि ट्रस्ट संपत्तियों का मूल्य मीडिया ने काफी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है श्रीनिवासन और दूसरे न्यासी नागानंद ने कहा कि मूल्य के बारे में हमेशा लोगों की अलग अलग राय रही है। श्रीनिवासन ने कहा इसके अतिरिक्त सोने कीमती चीजों और यहां तक कि धन के गबन के निराधार गैर जिम्मेदार और झूठे आरोपों के मद्देनजर स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि आरोप पूरी तरह असत्य हैं और माना जाता है कि ये कुछ निहित स्वाथरें की वजह से लगाए गए हैं। उन्होंने कहा ट्रस्ट की संपत्तियां पूरी तरह एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए हैं। ट्रस्ट के मालिकाना हक वाला जमीन का एक-एक टुकड़ा कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए है और यह बिक्री या व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं है। श्रीनिवासन ने कहा कि इसलिए ट्रस्ट पारदर्शी रहेगा और बाबा द्वारा स्थापित मूल्यों को कायम रखेगा। संभवत: यह पहली बार है जब सत्य साईं ट्रस्ट ने औपचारिक रूप से कोई संवाददाता सम्मेलन किया है। श्रीनिवासन ने कहा जब बाबा जीवित थे तो हमें मीडिया से रूबरू होने की कभी जरूरत नहीं पड़ी। इन खबरों पर कि ट्रस्ट ने बाबा के देहांत से 21 दिन पहले पार्थिव शरीर रखने के लिए बेंगलूर की एक कंपनी से शीशे का बॉक्स मंगाने का आदेश दिया था न्यासियों ने कहा हमने ऐसे किसी बॉक्स का ऑर्डर नहीं दिया। उन्होंने कहा शीशे का बॉक्स बाबा के देहांत के बाद ही पहुंचा। यह न तो इससे पहले पहुंचा और न ही हमने इसे कहीं रखा था। हमने पहले ही किसी बॉक्स का आदेश नहीं दिया था। दूसरे न्यासी एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एसएस नागानंद ने कहा कि बाबा द्वारा तैयार किए गए ट्रस्ट के दस्तावेजों में प्रत्येक न्यासी की भूमिका बिल्कुल स्पष्ट की गई है। उन्होंने कहा पिछले साल बाबा ने खुद पांच न्यासियों और प्रबंधन परिषद के चार सदस्यों की नियुक्ति कर ट्रस्ट का विस्तार किया था। न्यासी ट्रस्ट की गतिविधियों की देखभाल ट्रस्ट के दस्तावेजों के अनुरूप करेंगे। यह पूछे जाने पर कि ट्रस्ट में चेक पर हस्ताक्षर करने की शक्ति किसके पास थी न्यासी ने कहा कि यह केवल बाबा के पास थी। बाबा के भतीजे और ट्रस्टी आरजे रत्नाकर ने कहा अब बाबा जीवित नहीं हैं कम से कम दो न्यासियों को चेक पर हस्ताक्षर करने की शक्ति मिलेगी। हम जल्द बैठक करेंगे और इस पर फैसला करेंगे। जाने माने ट्रस्टी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पीएन भगवती ने कहा कि अब सत्य साईं संस्थान के छात्रों को वैश्विक प्रेम का बाबा का संदेश प्रचारित प्रसारित करना है। बाबा की बीमारी के दौरान सामने आए अन्य मुद्दों पर न्यासियों ने उल्लेख किया कि इस बात को मानने का कोई कारण नहीं है कि 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले बाबा के स्वास्थ्य के साथ असामान्य ढंग से कुछ गलत हुआ। उन्होंने कहा कि बाबा ने खुद ही अपने लिए डॉक्टरों और आवश्यक उपचार के तरीके का चुनाव किया था। न्यासियों ने कहा अस्पताल में डॉक्टरों ने बाबा का इलाज अन्य रोगियों की तरह ही किया। डाक्टरों ने उन्हें भगवान समझकर खुद इलाज के लिए यूं ही नही छोड़ दिया। वेणु श्रीनिवासन ने कहा इसमें कोई संदेह नहीं है कि बाबा कमजोर थे लेकिन हमारे लिए इस बात पर यकीन करने का कोई कारण नहीं है कि कुछ असमान्य रूप से गलत हुआ। उन्होंने कहा कि भारतीय कानून के मुताबिक किसी रोगी का अस्पताल का रिकॉर्ड प्रचारित नहीं किया जा सकता और इसीलिए बाबा के मेडिकल रिकॉर्ड का भी खुलासा नहीं किया गया। हालांकि बाबा के स्वास्थ्य की स्थिति और उपचार प्रक्रिया को लेकर दिन में दो बार मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाता था।
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मुगल बादशाह शाहजहां की बेगम और ताजमहल बनने की वजह बनीं मुमताज महल का इंतकाल साल 1631 में 17 जून को हुआ था...
जानिए इस बेगम की खास बातें...
1.
आगरा के परिवार से आने वाली अर्जुमंद बानू बेगम (मुमताज) का निकाह 19 बरस की उम्र में खुर्रम (शाहजहां) के साथ 1612 में हुआ.
2.
1 करोड़ रुपये की मुमताज की निजी मिल्कियत शाहजहां ने अपनी बेटी जहांआरा बेगम को सौंप दी.
3.
इसके बाद शाहजहां ने मुमताज की याद में ताज महल बनाने का फैसला किया, जिसके निर्माण में 22 साल लगे.
4.
19 साल चली शाद में उनके 14 बच्चे हुए, जिनमें से 7 की उम्र में ही मौत हो गई.
5.
14वीं बच्चे (गौहरा बेगम) को जन्म देते वक्त
बुरहानपुर
में मुमताज का इंतकाल हुआ.
6.
मुमताज की मौत ने शाहजहां को गम के अंधेरों में धकेल दिया. साल भर में उनके बाल सफेद हो गए, कमर झुक गई और चेहरे पर झुर्रियां आ गईं.
7.
उल्का पिंड ईरोज में दो गड्ढ़ों के नाम
शाहजहां
और मुमताज के नाम पर रखे गए.
सौजन्य: NEWSFLICKS
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दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 21 जुलाई को अपनी आठवीं कटऑफ जारी कर दी. डीयू में अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए यह कटऑफ जारी की गई हैं.
ज्यादातर कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. साइंस कोर्स के एडमिशन लगभग सभी कॉलेजों में पहले ही खत्म हो चुके हैं. कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी कटऑफ नहीं निकाली हैं. हालांकि डीयू का नया सेशन 21 जुलाई से शुरू हो चुका है. लेकिन अभी भी कई स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए भटक रहें हैं.
आठवीं कटऑफ में एडमिशन प्रक्रिया 22 जुलाई तक होगी. माना जा रहा है कि यह डीयू की आखिरी कटऑफ हो सकती है. अगर आप कटऑफ में क्वालिफाई कर गए हैं तो आप 22 जुलाई को एडमिशन ले सकते हैं.
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जन सामान्य में विज्ञान, तकनीकी तथा नवोन्वेष को बढावा देने के लिये एक समग्र चिन्तन की आवश्यकता होती है। इसके अन्तर्गत बहुत से कार्य निहित हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:
विज्ञान संचार - जनसंचार के माध्यमों में, इन्टरनेट् पर, रेडियो, दूरदर्शन पर
विज्ञान संग्रहालय, औद्योगिक संग्रहालय, एक्वेरिया, तारामण्डल, जन्तु-पार्क, वनस्पति उद्यान आदि
अचल व सचल विज्ञान प्रदर्शनियां
विज्ञान उत्सव
विद्यालयों एवं सामाजिक समूहों में विज्ञान मेले
वयस्कों के लिये विज्ञान-शिक्षा
उपभोक्ता शिक्षा
जनता को अनुसंधान एवं विकास पार्कों का भ्रमण कराना, मैन्युफैक्चरिंग कम्पनियों का भ्रमण कराना
विज्ञान
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1936 शीतकालीन ओलंपिक, आधिकारिक तौर पर IV ओलंपिक शीतकालीन खेलों (फ्रेंच: Les IVes Jeux olympiques d'hiver) (जर्मन: Olympische Winterspiele 1936), के रूप में जाना जाता है, एक शीतकालीन बहु-खेल आयोजन था, जिसे 1936 में गार्मिश शहर में मनाया गया था। जर्मनी ने बर्लिन में उस वर्ष के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की भी मेजबानी की। 1936, आखिरी साल में ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेल दोनों ही एक ही देश में आयोजित किए गए थे (1940 के रद्द किए गए खेल जापान में आयोजित किए गए होते थे, वैसे ही शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन खेलों की मेजबानी कर रहे थे)।
1936 शीतकालीन ओलंपिक कार्ल रित्र वॉन हॉल्ट द्वारा शारीरिक व्यायाम (डीआरएल) के लिए जर्मन लीग ऑफ़ रीच की ओर से आयोजित किया गया था वॉन हॉल्ट को रिचस्पोर्टफुएरर हंस वॉन त्शैमर एंड ओस्टन द्वारा गर्मिश-पार्टेनकिर्चेन में चौथी शीतकालीन ओलंपिक के संगठन के लिए समिति के अध्यक्ष का नाम दिया गया था।
स्पोर्ट्स
4 खेल (8 विषयों) में हुए 17 कार्यक्रमों में पदक प्रदान किए गए थे।
स्केटिंग
स्कीइंग
नॉर्डिक स्कीइंग
प्रदर्शन के खेल
सैन्य गश्ती
आइस स्टॉक खेल
भाग लेने वाले देश
28 देशों ने जर्मनी में प्रतिस्पर्धा करने के लिए एथलीट भेजे। ऑस्ट्रेलिया, बुल्गारिया, ग्रीस, लिकटेंस्टीन, स्पेन और तुर्की ने अपना शीतकालीन ओलंपिक शुरुआत गर्मिश-पाटेन्किचेन, और एस्टोनिया, लाटविया, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड और यूगोस्लाविया में सभी 1932 के शीतकालीन ओलंपिक को याद करने के बाद किया।
पदक गिनती
सन्दर्भ
शीतकालीन ओलम्पिक
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श्रीनगर- जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार की सुबह भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) का एक वाहन हादसे का शिकार हो गया. इस दौरान एक जवान की मौत हो गई जबकि 34 घायल हो गए. यह घटना श्रीनगर जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर खूनी नाला पर हुई है. बताया जा रहा है कि चुनावी ड्यूटी खत्म होने के बाद सुरक्षा बल के जवान कश्मीर के बडगाम से वापस लौट रहे थे. घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है.
घटनास्थल से जो तस्वीरें सामने आई हैं वो भयावह हैं. लेकिन स्थिति को देखते इसमें कई जवानों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है. बहरहाल, घायल जवानों को समीप के अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बस जम्मू जा रहे काफिले का हिस्सा थी जो सुबह लगभग 8 बजकर 45 मिनट पर रामबन जिले में खूनी नाले के पास सड़क से फिसलकर एक खड्ड में गिर गई. अधिकारी ने बताया कि पेड़ों ने बस को खड्ड में और नीचे गिरने से रोक लिया. इसमें लगभग 35 लोग सवार थे.
राहत और बचाव कर्मियों की एक टीम घटनास्थल पर मौजूद है. इस टीम में सेना, पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवी शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि घायल 34 लोगों को बस के मलबे से निकालकर रामबन स्थित जिला अस्पताल ले जाया गया है.
बता दें कि अभी कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर आईटीबीपी जवानों से भरी एक मिनी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में सात जवान घायल हो गए थे. घायलों को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार के बाद सभी को छुट्टी दे दी गई थी.
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यह एक लेख है: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद की संयुक्त बैठक में दिए अपने भाषण में कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर यानी 2022 तक देश के प्रत्येक परिवार का अपना पक्का मकान होगा।
लोकसभा चुनाव के बाद बनी नरेंद्र मोदी सरकार के भावी कार्यक्रमों का खाका दर्शाने वाले राष्ट्रपति के इस अभिभाषण में कहा गया, जब देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा तब प्रत्येक परिवार का अपना पक्का घर होगा, जिसमें पानी का कनेक्शन, शौचालय सुविधाएं और चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति तथा आवागमन की सुविधाएं होंगी।
अभिभाषण में कहा गया, हम ऐसी अपमानजनक स्थिति को सहन नहीं करेंगे, जिसमें घरों में शौचालय नहीं हों और सार्वजनिक स्थान गंदगी से भरे हों। देशभर में स्वास्थ्यकर परिस्थितियां, कचरा प्रबंधन और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ चलाया जाएगा। 'ऐसा करना महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर हमारी श्रद्धांजलि होगी, जो वर्ष 2019 में मनाई जाएगी।
राष्ट्रपति ने कहा, मेरी सरकार इस तथ्य से अवगत है कि हमारी शहरी अवसंरचना अत्यधिक दबाव में है। जल्द ही हमारी जनसंख्या का 50 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में रह रहा होगा। उन्होंने कहा कि शहरीकरण को चुनौती मानने की बजाय अवसर के रूप में लेते हुए सरकार विशिष्ट विषयों पर केन्द्रित और विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस 100 शहर बनाएगी।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता और साफ सफाई पर ध्यान देने के लिए आदर्श नगरों में एकीकृत अवसंरचना तैयार की जाएगी।
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अम्मा एक भारतीय अपराध ड्रामा टेलीविजन श्रृंखला है जिसका प्रीमियर 25 जून 2016 को ज़ी टीवी पर हुआ था। इसे फरहान पी. ज़म्मा ने बनाया था। यह शो मुंबई की महिला अंडरवर्ल्ड डॉन जेनाबाई दारूवाली पर आधारित है।
सार
यह शो पांच दशकों के दौरान अंडरवर्ल्ड की एक महिला हस्ती के जीवन की पड़ताल करता है। इसमें अम्मा की बेटी रेहाना और फैसल की प्रेम कहानी को जोड़ा गया है। फैसल अम्मा के गुंडों में से एक है, शो उनका अनुसरण करता है क्योंकि वे परीक्षणों और कठिनाइयों का सामना करते हैं, ताकि अम्मा उन्हें स्वीकार कर लें और वे शादी कर सकें। एक छोटी सी प्रेम कहानी में रेहाना की बहन सरस्वती का वर्णन किया गया है जो अपने कॉलेज के दोस्त अतुल से प्यार करती है। शो में दिखाया गया है कि जब अम्मा को रोमांस के बारे में पता चलता है तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होती है।
कलाकार
ज़ीनत शेख के रूप में उर्वशी शर्मा
अब्बास शेख के रूप में नासिर खान
शबाना आज़मी बूढ़ी ज़ीनत शेख के रूप में
शेखरन "अन्ना" शेट्टी के रूप में अमन वर्मा ( वरदराजन मुदलियार पर आधारित चरित्र)
नेहा चंद्रा "लक्ष्मी शेट्टी" "अन्ना की पत्नी" के रूप में
निशिगंधा वाड लक्ष्मी शेट्टी के रूप में
फैसल कुरेशी के रूप में अश्मित पटेल
रेहाना शेख के रूप में युविका चौधरी
नवाब शाह (अभिनेता) हैदर अली काज़ी के रूप में ( हाजी मस्तान पर आधारित चरित्र)
जिया सिद्दीकी सरस्वती शेट्टी के रूप में
जाकिर हुसैन पुलिस आयुक्त केएन दयाल के रूप में
मेघना नायडू हनान के रूप में
फ़कीर के रूप में राजू खेर
अज़ाज़ खान अज़हर येदा के रूप में
नईम कुरेशी के रूप में सैयद अशरफ करीम
इंस्पेक्टर पीके प्रजापति के रूप में जीतू वर्मा
एसीपी अतुल सहाय के रूप में सिकंदर खरबंदा
परवेज़ खान के रूप में शावर अली
दीपराज राणा कबीर लाल के रूप में ( करीम लाला पर आधारित चरित्र)
ग़ज़ाला के रूप में सोनल परिहार
राहुल वर्मा राजपूत
शशि किरण
फैसल कुरेशी के भाई तारिक कुरेशी के रूप में जितेंद्र बोहरा
सरला के रूप में कंचन अवस्थी
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
आधिकारिक वेबसाइट
भारतीय अपराध धारावाहिक
ज़ी टीवी के कार्यक्रम
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यह लेख है: नीति आयोग की संचालन परिषद में हिस्सा ले रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र प्रायोजित योजनाओं, आपदा अनुग्रह अनुदान एवं किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए. साथ ही नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की अपनी मांग दोहराई. विशेष राज्य के दर्ज की मांग एक बार फिर रखते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'राज्य सरकार पिछले कई वर्षों से 10 प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर हासिल करने में सफल रही है, जो राष्ट्रीय विकास दर से अधिक है. इसके बावजूद भी राज्य की प्रति व्यक्ति आय अन्य विकसित राज्यों एवं राष्ट्रीय औसत की तुलमा में काफी कम है. इस राज्य को देश के अन्य विकसित राज्यों तथा राष्ट्रीय औसत को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लंबे समय से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग केंद्र सरकार से की जाती रही है. इस संदर्भ में मैं केंद्र सरकार द्वारा गठित रघुराम राजन समिति की अनुशंसाओं की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं, जिसमें राज्यों के लिए समग्र विकास सूचकांक प्रस्तुत किया गया था जिसके अनुसार देश के 10 सबसे पिछड़े राज्यों को चिन्हित किया गया था, जिसमें बिहार भी शामिल है. इस समिति की अनुशंशाओं में यह भी उल्लेख किया गया था कि सर्वाधिक पिछड़े राज्यों में विकास की गति बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार अन्य रूप में केंद्रीय सहायता उपलब्ध करा सकती है.'
अपार्टमेंट, मॉल और उद्योग धंधे से विकास नहीं हो जाता : नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने कहा, 'यदि अंतर-क्षेत्रीय एवं अंतर्राज्यीय विकास के स्तर में भिन्नता से संबंधित आंकड़ों की समीक्षा की जाए तो पाया जाएगा कि कई राज्य विकास के विभिन्न मापदंडों जैसे प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सांस्थिक वित्त एवं मानव विकास के सूचकांकों पर राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे हैं. उदारण के तौर पर बिहार की प्रति व्यक्ति आय 2017-18 में 28485 रुपये थी जो कि भारत की औस प्रतिव्यक्ति आय 86668 रुपये का मात्र 32.86 फीसदी थी. राज्य में वर्ष 2005 में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत मात्र 76 यूनिट थी जो 2017-18 में बढ़ कर 280 यूनिट हो गयी, जबकि राष्ट्रीय औसत 1149 यूनिट था.'
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हमारे एजेंडा से बाहर : 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसी तरह से अगर मानव विकास के सूचकांकों को देखा जाए तो पाया जाएगा कि तेजी से प्रगति के बावजूद अभी भी हमें लंबी दूरी तय करनी है. वर्ष 2005 में राज्य में मातृ मृत्यु दर (प्रति लाख जनसंख्या पर) 312 था जो 2016 में घटकर 165 हो गया है जबकि राष्ट्रीय औसत 130 है. वर्ष 2005 में शिशु मृत्यु दर (प्रति 1000 जनसंख्या पर) 61 थी जो 2016 में घटकर 38 हो गई है पर अभी भी राष्ट्रीय औस जो 34 है, से हम पीछे हैं. इसे अतिरिक्त राज्य का जनसंख्या घनत्व 1106 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर है जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 382 है. इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि हालांकि बिहार ने हाल के वर्षों में अधिकांश क्षेत्र में प्रति की है लेकिन अभी भी विकास के सूचकांकों में वह राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है.'
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर तेजस्वी का तंज, PM नहीं इस जगह संपर्क करें 'नीतीश चाचा'
नीतीश ने कहा, 'तर्कसंगत आर्थिक रणनीति वही होगी जो ऐसे निवेश और हस्तांतरण पद्धति को प्रोत्साहित करे जिससे पिछड़े राज्यों को एक निर्धारित समय सीमा में विकास के राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने में मदद मिले. हमारी विशेष राज्य के दर्जे की मांग इसी पर आधारित है. हमने लगातार केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से जहां एक तरफ केंद्र प्रायोजित योजनाओं कें अंश में वृद्धि होगी जिससे राज्य को अपने संसाधनों का उपयोग अन्य विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में करने का अवसर मिलेगा वहीं दूसरी ओर विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों के अनुरूप ही जीएसटी में अनुमान्य प्रतिपूर्ति मिलने से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, उद्योग स्थापित होंगे, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा.'
...तो इस वजह से बिहार को नहीं दिया जा सकता विशेष राज्य का दर्जा
इसके अलावा नीतीश कुमार ने कहा कि बदलते हुए वैश्विक, आर्थिक, सामाजिक एवं तकनीकी परिवेश में देश के विकास के लिये समावेशी सोच एवं दृष्टि की आवश्यकता है. राष्ट्रपति भवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बिहार से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को बैठक में रखा एवं आशा व्यक्त की कि विकास की रणनीति बनाते समय सभी मुद्दों एवं सुझावों पर सम्यक विचार किया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र प्रायोजित योजनाओं, आपदा अनुग्रह अनुदान एवं किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत गैर रैयत (बटाईदार एवं जोतेदारों) किसानों को भी शामिल करने का सुझाव दिया.
उन्होंने कहा कि बिहार आपदा-प्रवण राज्य है. यहां बाढ़ एवं सुखाड़ जैसी आपदाओं से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं. उन्होंने अनुरोध किया कि अनुग्रह अनुदान उपलब्ध कराने के लिए राज्य आपदा मोचन कोष के 25 प्रतिशत की अधिसीमा को खत्म करते हुए वर्ष 2015 की तरह पूर्व की भांति जरूरत के मुताबिक राज्य को राशि मिलनी चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं को बंद कर प्राथमिकता वाली योजनाओं का क्रियान्वयन सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत कराने का प्रावधान किया जाना चाहिए. राज्य की प्राथमिकता की योजनाओं का कार्यान्वयन राज्य सरकारों को अपने संसाधनों से राज्य स्कीम के तहत करना चाहिए.
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शिह त्ज़ु (अंग्रेज़ी:Shih Tzu) शिह त्ज़ुस तिब्बत के मूल निवासी हैं और मूल रूप से तिब्बती भिक्षुओं के लिए गोद कुत्तों के रूप में पाले गए थे। उन्हें 17वीं शताब्दी में चीन लाया गया, जहां वे शाही दरबार में लोकप्रिय हो गए। 20वीं सदी की शुरुआत में, शिह त्ज़ुस को यूरोप और उत्तरी अमेरिका में लाया गया, जहां वे जल्दी ही घरेलू पालतू जानवरों के रूप में लोकप्रिय हो गए।
दिखावट:
शिह त्ज़ुस लंबे, लहराते बालों वाले छोटे, मजबूत कुत्ते हैं। उनके पास छोटा थूथन, बड़ी गहरी आंखें और फ्लॉपी कान हैं। उनका कोट किसी भी रंग का हो सकता है, लेकिन सबसे आम रंग काला, सफेद और भूरा है।
स्वभाव:
शिह त्ज़ुस स्नेही, चंचल और वफादार कुत्तों के लिए जाने जाते हैं। वे बच्चों और अन्य पालतू जानवरों के साथ अच्छे रहते हैं और उन्हें प्रशिक्षित करना अपेक्षाकृत आसान होता है।
आकार:
शिह त्ज़ुस आमतौर पर कंधे पर 8 से 11 इंच लंबा होता है और इसका वजन 9 से 16 पाउंड के बीच होता है।
जीवनकाल:
शिह त्ज़ुस का औसत जीवनकाल 10 से 16 वर्ष होता है।
संवारना:
शिह त्ज़ुस को अपने कोट को स्वस्थ और मैट से मुक्त रखने के लिए नियमित रूप से संवारने की आवश्यकता होती है। उन्हें दिन में कम से कम एक बार ब्रश करना चाहिए, और उन्हें सप्ताह में एक बार भी नहलाना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य:
शिह त्ज़ुस आम तौर पर स्वस्थ कुत्ते होते हैं, लेकिन वे कुछ स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे आंखों की समस्याएं, दांत की समस्याएं और श्वसन समस्याओं से ग्रस्त होते हैं।
शिह त्ज़ुस के बारे में कुछ अतिरिक्त तथ्य यहां दिए गए हैं:
चीनी भाषा में "शिह त्ज़ु" नाम का अर्थ "शेर कुत्ता" है।
शिह त्ज़ुस को मूल रूप से तिब्बती भिक्षुओं के साथी कुत्तों के रूप में पाला गया था।
शिह त्ज़ुस को 19वीं सदी में ब्रिटिश व्यापारियों द्वारा यूरोप लाया गया था।
शिह त्ज़ुस को पहली बार 1969 में अमेरिकन केनेल क्लब द्वारा मान्यता दी गई थी।
सबसे प्रसिद्ध शिह त्ज़ु संभवतः बू है, जो एक सोशल मीडिया स्टार है जिसके इंस्टाग्राम पर 16 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं।
शिह त्ज़ु की कुछ बुनियादी ज़रूरतें यहां दी गई हैं:
एक उच्च गुणवत्ता वाला आहार जो उनकी उम्र और गतिविधि स्तर के लिए उपयुक्त है।
नियमित व्यायाम, जैसे टहलना या आँगन में खेलना।
उनके कोट को स्वस्थ और मैट से मुक्त रखने के लिए दैनिक संवारना।
दांतों की नियमित देखभाल करें, जैसे सप्ताह में कम से कम तीन बार अपने दाँत ब्रश करना।
किसी भी संभावित समस्या का शीघ्र पता लगाने के लिए आँख और कान की जाँच।
आवश्यकतानुसार पशु चिकित्सा देखभाल।
कुल मिलाकर, शिह त्ज़ुस अद्भुत साथी कुत्ते हैं जो किसी भी परिवार में बढ़िया योगदान देते हैं। वे प्यारे, चंचल और देखभाल करने में अपेक्षाकृत आसान हैं। यदि आप एक छोटे, स्नेही कुत्ते की तलाश में हैं, तो शिह त्ज़ु आपके लिए एकदम सही नस्ल हो सकती है।</ref> Pairs of stone lions or lion dogs located outside guard palace doors, tombs, temples, and public buildings are thought to protect these buildings from harmful individuals and spiritual influences. These stone statues are often called Fu (or Foo) dogs, and it is suggested that these are the lionized form of the Shih Tzu.
सन्दर्भ
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) को सीबीआई वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को सशर्त जमानत दी. पी चिदंबरम बिना निचली अदालत की अनुमति के विदेश नही जा सकते. उन्हें जांच में सहयोग करना होगा. जब भी जांच एजेंसी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगी उन्हें जाना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस फैसले का असर चिदंबरम के खिलाफ चल रहे किसी दूसरे मामले पर नहीं पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने बचाव पक्ष के उस दलील को माना जिसमें उन्होंने कहा था कि पी चिदंबरम दो महीने से जेल में बंद है.
पी चिदंबरम (P Chidambaram) की उम्र 74 साल है, वो उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रसित है. इस मामले में दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सॉलिसिटर जनरल की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि ज़मानत पर रिहा होने के बाद चिदंबरम फ्लाइट रिस्क हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि हम SG की इस दलील से भी सहमत नहीं है कि राष्ट्रीय महत्व के मामलों में आर्थिक अपराधियों की रिहाई फ्लाइट रिस्क साबित हो सकती है. इस मामले में दूसरे आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. ऐसे में चिदम्बरम भी जमानत के हकदार है. बता दें कि सीबीआई से इतर ईडी मामले में पी चिदंबरम हिरासत में हैं.
बताते चले कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बीते शुक्रवार को INX मीडिया मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी. CBI ने चार्जशीट में पी चिदंबरम करीब 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया. CBI ने स्पेशल कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा कि पी चिदंबरम ने 2008 में यह पैसे लिए थे. CBI के अनुसार पी चिदंबरम ने रिश्वत के तौर पर कुल 9.96 लाख रुपये लिए थे.
CBI ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram), उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम और कंपनियों समेत कुल 15 लोगों व निकायों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया. सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच जारी है. उसने बताया कि सिंगापुर एवं मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र (लैटर्स रोगेटरी) पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई थी, जिसके बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी.
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यह लेख है: ओसामा बिन लादेन तक पहुंच बनाने में सीआईए की मदद करने वाले पाकिस्तानी चिकित्सक शकील अफरीदी को 33 साल की सजा सुनाई गई है।
अफरीदी पर आरोप था कि उसने ऐबटाबाद में सीआईए की ओर से फर्जी टीकाकरण अभियान चलाया। ऐबटाबाद के मकान में ओसामा छिपा हुआ था और बीते साल दो मई को अमेरिकी सुरक्षा बलों ने एक अभियान में उसे मार गिराया।
इस चिकित्सक ने टीकाकरण अभियान चलाया ताकि ओसामा के किसी परिजन का डीएनए नमूना लिया जा सके। ऐबटाबाद कार्रवाई को लेकर जांच करने वाले आयोग ने अफरीदी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए कहा था।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पाकिस्तान में अब भी मौजूद कबायली कानून ‘फ्रंटियर क्राइम्स रेगुलेशन’ (एफसीआर) के तहत जेल की सजा दी गई। ब्रिटिश काल के दौरान पाकिस्तान के कबायली इलाकों में एफसीआर लागू था, जो आज भी कायम है।
सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पेशावर की मुख्य जेल में भेजा गया है। सरकार पहले ही उसे सेवा से बख्रास्त कर चुकी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने इसी साल जनवरी में माना था कि अफरीदी ने डीएनए नमूने का संग्रह करने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद की थी। टिप्पणियां
अमेरिका कहता रहा है कि अफरीदी को मुक्त करना चाहिए और उसे अमेरिका में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए। अमेरिकी सांसदों ने एक समूह ने ओबामा प्रशासन से मांग की थी कि अफरीदी को अमेरिका की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था।
अफरीदी पर आरोप था कि उसने ऐबटाबाद में सीआईए की ओर से फर्जी टीकाकरण अभियान चलाया। ऐबटाबाद के मकान में ओसामा छिपा हुआ था और बीते साल दो मई को अमेरिकी सुरक्षा बलों ने एक अभियान में उसे मार गिराया।
इस चिकित्सक ने टीकाकरण अभियान चलाया ताकि ओसामा के किसी परिजन का डीएनए नमूना लिया जा सके। ऐबटाबाद कार्रवाई को लेकर जांच करने वाले आयोग ने अफरीदी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए कहा था।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पाकिस्तान में अब भी मौजूद कबायली कानून ‘फ्रंटियर क्राइम्स रेगुलेशन’ (एफसीआर) के तहत जेल की सजा दी गई। ब्रिटिश काल के दौरान पाकिस्तान के कबायली इलाकों में एफसीआर लागू था, जो आज भी कायम है।
सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पेशावर की मुख्य जेल में भेजा गया है। सरकार पहले ही उसे सेवा से बख्रास्त कर चुकी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने इसी साल जनवरी में माना था कि अफरीदी ने डीएनए नमूने का संग्रह करने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद की थी। टिप्पणियां
अमेरिका कहता रहा है कि अफरीदी को मुक्त करना चाहिए और उसे अमेरिका में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए। अमेरिकी सांसदों ने एक समूह ने ओबामा प्रशासन से मांग की थी कि अफरीदी को अमेरिका की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था।
इस चिकित्सक ने टीकाकरण अभियान चलाया ताकि ओसामा के किसी परिजन का डीएनए नमूना लिया जा सके। ऐबटाबाद कार्रवाई को लेकर जांच करने वाले आयोग ने अफरीदी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए कहा था।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पाकिस्तान में अब भी मौजूद कबायली कानून ‘फ्रंटियर क्राइम्स रेगुलेशन’ (एफसीआर) के तहत जेल की सजा दी गई। ब्रिटिश काल के दौरान पाकिस्तान के कबायली इलाकों में एफसीआर लागू था, जो आज भी कायम है।
सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पेशावर की मुख्य जेल में भेजा गया है। सरकार पहले ही उसे सेवा से बख्रास्त कर चुकी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने इसी साल जनवरी में माना था कि अफरीदी ने डीएनए नमूने का संग्रह करने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद की थी। टिप्पणियां
अमेरिका कहता रहा है कि अफरीदी को मुक्त करना चाहिए और उसे अमेरिका में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए। अमेरिकी सांसदों ने एक समूह ने ओबामा प्रशासन से मांग की थी कि अफरीदी को अमेरिका की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पाकिस्तान में अब भी मौजूद कबायली कानून ‘फ्रंटियर क्राइम्स रेगुलेशन’ (एफसीआर) के तहत जेल की सजा दी गई। ब्रिटिश काल के दौरान पाकिस्तान के कबायली इलाकों में एफसीआर लागू था, जो आज भी कायम है।
सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पेशावर की मुख्य जेल में भेजा गया है। सरकार पहले ही उसे सेवा से बख्रास्त कर चुकी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने इसी साल जनवरी में माना था कि अफरीदी ने डीएनए नमूने का संग्रह करने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद की थी। टिप्पणियां
अमेरिका कहता रहा है कि अफरीदी को मुक्त करना चाहिए और उसे अमेरिका में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए। अमेरिकी सांसदों ने एक समूह ने ओबामा प्रशासन से मांग की थी कि अफरीदी को अमेरिका की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था।
सूत्रों का कहना है कि अफरीदी को पेशावर की मुख्य जेल में भेजा गया है। सरकार पहले ही उसे सेवा से बख्रास्त कर चुकी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने इसी साल जनवरी में माना था कि अफरीदी ने डीएनए नमूने का संग्रह करने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद की थी। टिप्पणियां
अमेरिका कहता रहा है कि अफरीदी को मुक्त करना चाहिए और उसे अमेरिका में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए। अमेरिकी सांसदों ने एक समूह ने ओबामा प्रशासन से मांग की थी कि अफरीदी को अमेरिका की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था।
अमेरिका कहता रहा है कि अफरीदी को मुक्त करना चाहिए और उसे अमेरिका में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए। अमेरिकी सांसदों ने एक समूह ने ओबामा प्रशासन से मांग की थी कि अफरीदी को अमेरिका की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था।
इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ओसामा के ऐबटाबाद वाले ठिकाने से उसके परिवार के किसी सदस्य का डीएनए नमूना लिया गया था।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: - झाग वाला फोमिंग शेव क्रीम से दाढ़ी बनाने पर आपकी त्वचा में जलन हो सकती है, इसलिए लोशन वाले शेविंग क्रीम का इस्तेमाल करें. बढ़िया क्वालिटी की शेविंग क्रीम लगाने से आपकी त्वचा लाल नहीं पड़ेंगी और जलन भी नहीं होगी. शेविंग के बाद अल्कोहल फ्री आफ्टर शेव लगाएं.
- रोजाना दो बार चेहरे को फेसवॉश से धुलें और त्वता को सौम्य रखने के लिए चेहरा धुलने के बाद मॉइश्चराइजर भी लगाएं.
- सन टैन से बचने के लिए तेज धूप में निकलने से पहले एसपीएफ 15 या इससे ज्यादा जैसे एसपीएफ 20, 30 युक्त सनस्क्रीन क्रीम लगाना नहीं भूलें.
- रोजाना दो बार चेहरे को फेसवॉश से धुलें और त्वता को सौम्य रखने के लिए चेहरा धुलने के बाद मॉइश्चराइजर भी लगाएं.
- सन टैन से बचने के लिए तेज धूप में निकलने से पहले एसपीएफ 15 या इससे ज्यादा जैसे एसपीएफ 20, 30 युक्त सनस्क्रीन क्रीम लगाना नहीं भूलें.
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दिल्ली में जिस तेजी से चिकनगुनिया का वायरस फैला, जनता से लेकर सरकार तक में हड़कंप मच गया. राजधानी के अस्पतालों में चिकनगुनिया से हुई 14 मौतों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकनगुनिया के वायरस की जांच और शोध की जिम्मेदारी एम्स और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल को दी थी. शोध के बाद जो बात सामने आई वो काफी चौंकाने वाली है.
10 साल पुराना है ये वायरस
दरअसल चिकनगुनिया का जो वायरस दिल्ली वालों को बीमार कर रहा है वो कोई नया वायरस नहीं है. शोध में ये पाया गया कि इस बार लोगों को बीमार करने वाला वायरस दस साल पुराना यानी कि साल 2006 वाला ही वायरस है. वही वायरस है जिसके चलते 2006 के आउटब्रेक में हजारों लोग बीमार पड़े थे.
दोनों वायरस में 98 फीसदी समानता
रिपोर्ट ये भी कहती है कि इस बार इस के वायरस और साल 2006 के वायरस में 98 फीसदी समानता है. ईस्ट सेंट्रल साउथ अफ्रीकन (ईसीएसए) वायरस से ही
चिकनगुनिया
का संक्रमण फैला है. ये वायरस पहली बार अफ्रीका से फैला था. एम्स के वायरोलॉजी विभाग के इंचार्ज डॉ. ललित दर के मुताबिक, 'चिकनगुनिया वायरस का सिर्फ एक ही स्ट्रेन होता है, लेकिन जेनेटिक संरचना में फर्क होता है. चिकनगुनिया में 3 जीनोटाइप होते हैं लेकिन सिरोटाइप सिर्फ एक ही होता है. इसलिए इस वायरस के अटैक से अगर कोई एक बार बीमार होगा तो फिर उसे दुबारा चिकनगुनिया नहीं हो सकता. लेकिन
डेंगू
में चार सिरोटाइप होते हैं. इसलिए डेंगू 1, डेंगू 2, डेंगू 3 और डेंगू 4 का खतरा लगातार दिल्ली में बना रहता है.'
10 साल पहले भी इस वायरस की चपेट में आए थे लाखों लोग
फिलहाल चिकनगुनिया वायरस पर अपनी फाइनल रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंप दी है. साल 2006 में भी इस वायरस के चलते देशभर में चिकनगुनिया से 14 लाख लोग बीमार हुए थे. साल 2006 में दिल्ली में भी चिकनगुनिया के काफी ज्यादा मामले सामने आए थे. वहीं एमसीडी के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में चिकनगुनिया के 1070 नए मरीज सामने आए जबकि डेंगू के कुल 314 नए मामले सामने आए हैं. राजधानी में अब तक डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 1692 तक पहुंच गया है जबकि चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या 3695 तक जा पहुंची है
जोड़ों का दर्द करता है परेशान
हालांकि एम्स, सफदरजंग, आरएमएल व लोकनायक समेत दिल्ली के 12 अस्पतालों में चिकनगुनिया के 6796 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. एक्सपर्ट के मुताबिक चिकनगुनिया में राहत की बात ये है कि इसमें जान का खतरा नहीं होता है. लेकिन चिकनगुनिया में होने वाला तेज बुखार और जोड़ो में दर्द मरीज को काफी परेशान करता है.
चिकनगुनिया से मरने की आशंका कम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक हजार मरीजों में से सिर्फ एक मरीज के ही मरने की आशंका रहती है. वो भी ऐसे मरीज जो किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित हों या जिनमें रिस्क फैक्टर ज्यादा हो. चिकनगुनिया वायरस का असर अक्टूबर तक रहने की संभावना है. लिहाजा लोगों को सावधान रहने की जरुरत है.
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यह लेख है: मुलायम सिंह यादव की दूसरी बहू अपर्णा यादव के सियासत में आने से समाजवादी परिवार में भूचाल सा आ गया है। पार्टी ने लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से उनके टिकट का ऐलान कर दिया है। अभी तक यही माना जाता था कि मुलायम अपनी दूसरी बीवी के बेटे प्रतीक या उनकी बीवी अपर्णा को सियासत में लाकर अखिलेश यादव के रास्ते में कांटे नहीं बोना चाहते। प्रतीक और अपर्णा से अखिलेश के रिश्ते भी अच्छे नहीं माने जाते हैं (हालांकि ज़ाहिर तौर पर कोई लड़ाई भी नहीं है)। इसलिए सबसे ज़्यादा कयास यह लगाए जा रहे हैं कि मुलायम ने किसके दबाव में अपनी छोटी बहू को सियासत में उतारा है। लेकिन बहरहाल इस तरह वह देश के सबसे बड़े सियासी यादव कुनबे की बीसवीं सदस्य हैं जो सियासत में उतर गई हैं। अभी तक यादव परिवार में 19 लोग सियासत में थे।
मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक हमेशा यही कहते रहे हैं कि सियासत में उनकी बिलकुल दिलचस्पी नहीं है, वह सिर्फ बिज़नेस करना चाहते हैं। लेकिन उनकी पत्नी अपर्णा अपना बहुत ज़्यादा प्रचार करती हैं। आए दिन किसी न किसी मौके पर शहर में उनकी तमाम होर्डिंग्स लगी रहती हैं। उन्हें बहुत महत्वाकांक्षी भी माना जाता है। उनके कामकाज और बयान भी अक्सर विवाद पैदा करते रहे हैं। मिसाल के लिए बीजेपी एमपी योगी आदित्यनाथ का यादव परिवार से छत्तीस का आंकड़ा है। यूपी में हुए उप चुनावों में बीजेपी ने योगी को अपना स्टार कैम्पेनर बनाया। अपने कैंपेन में उन्होंने मुलायम और अखिलेश के खिलाफ जमकर ज़हर उगला लेकिन मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव गोरखपुर में योगी के आश्रम गईं और उन्होंने उनके चरण छुए। पीएम मोदी की सियासत से मुलायम अखिलेश का चाहे जितना बैर हो लेकिन अपर्णा लखनऊ में मोदी के कार्यक्रम में शामिल हुईं। वहां उन्हें पहली वीआईपी लाइन में बिठाया गया। अपर्णा लखनऊ में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ चैनल का पुतला भी फूंक चुकी हैं। वह बीबीसी से "डॉटर ऑफ इंडिया" डाक्यूमेंट्री दिखाने से नाराज़ थीं। मुलायम की बहू की यह हरकत सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी।
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एनडीटीवी से कहा कि "अपर्णा जिस तरह व्यवहार कर रही हैं शायद उससे मुलायम सिंह यादव को लगा कि कहीं वह बीजेपी में न चली जाएं। शायद इसी मजबूरी में उन्होंने अपर्णा को विधानसभा टिकट दिया है। "
यूपी कांग्रेस के महासचिव द्विजेन्द्र त्रिपाठी सवाल करते हैं, "क्या आपको लगता है कि अपर्णा अखिलेश यादव के नेतृत्व में सियासी काम करेंगी। भगवान मुलायम सिंह को लम्बी उम्र दे, लेकिन अपर्णा सिर्फ मुलायम की ज़िंदगी तक ही समाजवादी पार्टी में हैं। उनकी आखिरी मंजिल तो बीजेपी ही है। कोई शक नहीं अगर वह यादव परिवार की मेनका गांधी साबित हों।"टिप्पणियां
अपर्णा के टिकट का ऐलान होते ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तरह-तरह की टिप्पणियों की भरमार है। कई लोग मुलायम की बड़ी बहू डिंपल से भी उनकी तुलना कर रहे हैं जो सांसद होने के बावजूद सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं मानी जातीं। अपर्णा के टिकट के ऐलान के साथ ही मुलायम के परिवार के नेताओं की भी गिनती की जा रही है। मुलायम के परिवार में 6 एमपी , 3 एमएलए /एमएलसी, 2 जिला पंचायत अध्यक्ष, 2 ब्लॉक प्रमुख, 2 सरकारी बोर्डों के चेयरमैन, एक पार्टी के प्रदेश सचिव, एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और एक जिला पंचायत सदस्य हैं।
अपर्णा को जिस लखनऊ कैंट विधान सभा सीट से टिकट दिया गया है,उससे कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी एमएलए हैं। यहां समाजवादी पार्टी कभी चुनाव नहीं जीती है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि ,"कहीं यह नेता जी की रणनीति तो नहीं कि चुनाव भी लड़ा दो और जीतने भी न दो।" बहरहाल मुलायम की छोटी बहू की सियासत में एंट्री कुछ रंग जरूर दिखाएगी।
मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक हमेशा यही कहते रहे हैं कि सियासत में उनकी बिलकुल दिलचस्पी नहीं है, वह सिर्फ बिज़नेस करना चाहते हैं। लेकिन उनकी पत्नी अपर्णा अपना बहुत ज़्यादा प्रचार करती हैं। आए दिन किसी न किसी मौके पर शहर में उनकी तमाम होर्डिंग्स लगी रहती हैं। उन्हें बहुत महत्वाकांक्षी भी माना जाता है। उनके कामकाज और बयान भी अक्सर विवाद पैदा करते रहे हैं। मिसाल के लिए बीजेपी एमपी योगी आदित्यनाथ का यादव परिवार से छत्तीस का आंकड़ा है। यूपी में हुए उप चुनावों में बीजेपी ने योगी को अपना स्टार कैम्पेनर बनाया। अपने कैंपेन में उन्होंने मुलायम और अखिलेश के खिलाफ जमकर ज़हर उगला लेकिन मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव गोरखपुर में योगी के आश्रम गईं और उन्होंने उनके चरण छुए। पीएम मोदी की सियासत से मुलायम अखिलेश का चाहे जितना बैर हो लेकिन अपर्णा लखनऊ में मोदी के कार्यक्रम में शामिल हुईं। वहां उन्हें पहली वीआईपी लाइन में बिठाया गया। अपर्णा लखनऊ में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ चैनल का पुतला भी फूंक चुकी हैं। वह बीबीसी से "डॉटर ऑफ इंडिया" डाक्यूमेंट्री दिखाने से नाराज़ थीं। मुलायम की बहू की यह हरकत सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी।
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एनडीटीवी से कहा कि "अपर्णा जिस तरह व्यवहार कर रही हैं शायद उससे मुलायम सिंह यादव को लगा कि कहीं वह बीजेपी में न चली जाएं। शायद इसी मजबूरी में उन्होंने अपर्णा को विधानसभा टिकट दिया है। "
यूपी कांग्रेस के महासचिव द्विजेन्द्र त्रिपाठी सवाल करते हैं, "क्या आपको लगता है कि अपर्णा अखिलेश यादव के नेतृत्व में सियासी काम करेंगी। भगवान मुलायम सिंह को लम्बी उम्र दे, लेकिन अपर्णा सिर्फ मुलायम की ज़िंदगी तक ही समाजवादी पार्टी में हैं। उनकी आखिरी मंजिल तो बीजेपी ही है। कोई शक नहीं अगर वह यादव परिवार की मेनका गांधी साबित हों।"टिप्पणियां
अपर्णा के टिकट का ऐलान होते ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तरह-तरह की टिप्पणियों की भरमार है। कई लोग मुलायम की बड़ी बहू डिंपल से भी उनकी तुलना कर रहे हैं जो सांसद होने के बावजूद सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं मानी जातीं। अपर्णा के टिकट के ऐलान के साथ ही मुलायम के परिवार के नेताओं की भी गिनती की जा रही है। मुलायम के परिवार में 6 एमपी , 3 एमएलए /एमएलसी, 2 जिला पंचायत अध्यक्ष, 2 ब्लॉक प्रमुख, 2 सरकारी बोर्डों के चेयरमैन, एक पार्टी के प्रदेश सचिव, एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और एक जिला पंचायत सदस्य हैं।
अपर्णा को जिस लखनऊ कैंट विधान सभा सीट से टिकट दिया गया है,उससे कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी एमएलए हैं। यहां समाजवादी पार्टी कभी चुनाव नहीं जीती है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि ,"कहीं यह नेता जी की रणनीति तो नहीं कि चुनाव भी लड़ा दो और जीतने भी न दो।" बहरहाल मुलायम की छोटी बहू की सियासत में एंट्री कुछ रंग जरूर दिखाएगी।
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एनडीटीवी से कहा कि "अपर्णा जिस तरह व्यवहार कर रही हैं शायद उससे मुलायम सिंह यादव को लगा कि कहीं वह बीजेपी में न चली जाएं। शायद इसी मजबूरी में उन्होंने अपर्णा को विधानसभा टिकट दिया है। "
यूपी कांग्रेस के महासचिव द्विजेन्द्र त्रिपाठी सवाल करते हैं, "क्या आपको लगता है कि अपर्णा अखिलेश यादव के नेतृत्व में सियासी काम करेंगी। भगवान मुलायम सिंह को लम्बी उम्र दे, लेकिन अपर्णा सिर्फ मुलायम की ज़िंदगी तक ही समाजवादी पार्टी में हैं। उनकी आखिरी मंजिल तो बीजेपी ही है। कोई शक नहीं अगर वह यादव परिवार की मेनका गांधी साबित हों।"टिप्पणियां
अपर्णा के टिकट का ऐलान होते ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तरह-तरह की टिप्पणियों की भरमार है। कई लोग मुलायम की बड़ी बहू डिंपल से भी उनकी तुलना कर रहे हैं जो सांसद होने के बावजूद सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं मानी जातीं। अपर्णा के टिकट के ऐलान के साथ ही मुलायम के परिवार के नेताओं की भी गिनती की जा रही है। मुलायम के परिवार में 6 एमपी , 3 एमएलए /एमएलसी, 2 जिला पंचायत अध्यक्ष, 2 ब्लॉक प्रमुख, 2 सरकारी बोर्डों के चेयरमैन, एक पार्टी के प्रदेश सचिव, एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और एक जिला पंचायत सदस्य हैं।
अपर्णा को जिस लखनऊ कैंट विधान सभा सीट से टिकट दिया गया है,उससे कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी एमएलए हैं। यहां समाजवादी पार्टी कभी चुनाव नहीं जीती है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि ,"कहीं यह नेता जी की रणनीति तो नहीं कि चुनाव भी लड़ा दो और जीतने भी न दो।" बहरहाल मुलायम की छोटी बहू की सियासत में एंट्री कुछ रंग जरूर दिखाएगी।
यूपी कांग्रेस के महासचिव द्विजेन्द्र त्रिपाठी सवाल करते हैं, "क्या आपको लगता है कि अपर्णा अखिलेश यादव के नेतृत्व में सियासी काम करेंगी। भगवान मुलायम सिंह को लम्बी उम्र दे, लेकिन अपर्णा सिर्फ मुलायम की ज़िंदगी तक ही समाजवादी पार्टी में हैं। उनकी आखिरी मंजिल तो बीजेपी ही है। कोई शक नहीं अगर वह यादव परिवार की मेनका गांधी साबित हों।"टिप्पणियां
अपर्णा के टिकट का ऐलान होते ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तरह-तरह की टिप्पणियों की भरमार है। कई लोग मुलायम की बड़ी बहू डिंपल से भी उनकी तुलना कर रहे हैं जो सांसद होने के बावजूद सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं मानी जातीं। अपर्णा के टिकट के ऐलान के साथ ही मुलायम के परिवार के नेताओं की भी गिनती की जा रही है। मुलायम के परिवार में 6 एमपी , 3 एमएलए /एमएलसी, 2 जिला पंचायत अध्यक्ष, 2 ब्लॉक प्रमुख, 2 सरकारी बोर्डों के चेयरमैन, एक पार्टी के प्रदेश सचिव, एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और एक जिला पंचायत सदस्य हैं।
अपर्णा को जिस लखनऊ कैंट विधान सभा सीट से टिकट दिया गया है,उससे कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी एमएलए हैं। यहां समाजवादी पार्टी कभी चुनाव नहीं जीती है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि ,"कहीं यह नेता जी की रणनीति तो नहीं कि चुनाव भी लड़ा दो और जीतने भी न दो।" बहरहाल मुलायम की छोटी बहू की सियासत में एंट्री कुछ रंग जरूर दिखाएगी।
अपर्णा के टिकट का ऐलान होते ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तरह-तरह की टिप्पणियों की भरमार है। कई लोग मुलायम की बड़ी बहू डिंपल से भी उनकी तुलना कर रहे हैं जो सांसद होने के बावजूद सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं मानी जातीं। अपर्णा के टिकट के ऐलान के साथ ही मुलायम के परिवार के नेताओं की भी गिनती की जा रही है। मुलायम के परिवार में 6 एमपी , 3 एमएलए /एमएलसी, 2 जिला पंचायत अध्यक्ष, 2 ब्लॉक प्रमुख, 2 सरकारी बोर्डों के चेयरमैन, एक पार्टी के प्रदेश सचिव, एक पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और एक जिला पंचायत सदस्य हैं।
अपर्णा को जिस लखनऊ कैंट विधान सभा सीट से टिकट दिया गया है,उससे कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी एमएलए हैं। यहां समाजवादी पार्टी कभी चुनाव नहीं जीती है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि ,"कहीं यह नेता जी की रणनीति तो नहीं कि चुनाव भी लड़ा दो और जीतने भी न दो।" बहरहाल मुलायम की छोटी बहू की सियासत में एंट्री कुछ रंग जरूर दिखाएगी।
अपर्णा को जिस लखनऊ कैंट विधान सभा सीट से टिकट दिया गया है,उससे कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी एमएलए हैं। यहां समाजवादी पार्टी कभी चुनाव नहीं जीती है। यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि ,"कहीं यह नेता जी की रणनीति तो नहीं कि चुनाव भी लड़ा दो और जीतने भी न दो।" बहरहाल मुलायम की छोटी बहू की सियासत में एंट्री कुछ रंग जरूर दिखाएगी।
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यह भी पढ़ें: 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' ने विराट कोहली के बारे में दिया यह बड़ा बयान
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लवासा
ने
पर्यावरण मंत्रालय
से राहत मिलने के बाद पुणे के निकट स्थित तीन हजार करोड़ रुपये की लागत वाली अपनी हिल सिटी परियोजना के पहले चरण की पर्यावरण मंजूरी के लिये ताजा अर्जी दाखिल की है जिस पर एक उच्च स्तरीय समिति विचार कर रही है.
पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश
ने कहा कि लवासा ने पहले चरण की परियोजना के लिये पर्यावरण मंजूरी हासिल करने के मकसद से अर्जी दी है जिस पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर विशेषज्ञ आकलन समिति विचार कर रही है.
रमेश ने कहा कि पहले चरण की परियोजना दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र की है. दूसरे चरण में तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र आता है. अभी दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र वाले चरण पर विचार किया जा रहा है. दो से तीन हफ्ते बाद अगले चरण की अर्जी पर विचार किया जायेगा.
यह पूछने पर कि क्या इस पर फैसला जल्द ही संभव है, मंत्री ने कहा कि मैं नहीं जानता. समिति की बैठक हो रही है. मैं उसके कामकाज में दखल नहीं देता. समिति पहले चरण की मंजूरी पर फैसले के लिये बैठक कर रही है. रमेश ने कहा कि लवासा का मामला अदालत में गया था. अब कंपनी ने पर्यावरण मंजूरी के लिये आवेदन किया है. इस पर मंत्रालय आज और कल विचार करेगा. उचित प्रक्रिया अपनाने के बाद इस पर फैसला किया जायेगा.
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यह एक लेख है: सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसमें नोटों को अमान्य किए जाने, लक्षित हमले और तीन बार तलाक जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
एक सूत्र ने बताया, ‘‘सरकार ने 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं.’’ शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे या चौथे महीने में शुरू होता है लेकिन इस बार यह समयपूर्व 16 नवंबर को शुरू हो रहा है. सत्र के समयपूर्व आयोजन का उद्देश्य केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) को जल्द से जल्द पास करवाना है ताकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का रास्ता साफ हो सके.
इस सत्र के दौरान कुछ मुद्दे खासतौर पर हावी रहेंगे मसलन सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले और कुछ पार्टियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप कि सरकार इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है, दूसरा 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य करार दिया जाना.
सरकार अगले साल से बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है. इसे समय से एक महीने पहले या जनवरी से प्रारंभ किया जा सकता है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि जीएसटी से जुड़े कानूनों के अलावा 15 नए बिल भी पेश किए जा सकते हैं. सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित करने पर भी जोर देगी.टिप्पणियां
दिसंबर में केंद्र ने पचास साल पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए चौथी बार अध्यादेश को लागू किया था. यह कानून युद्ध के बाद पाकिस्तान जा चुके लोगों की संपत्तियों के स्थानांतरण और उत्तराधिकार से संबंधित है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक सूत्र ने बताया, ‘‘सरकार ने 15 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं.’’ शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे या चौथे महीने में शुरू होता है लेकिन इस बार यह समयपूर्व 16 नवंबर को शुरू हो रहा है. सत्र के समयपूर्व आयोजन का उद्देश्य केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) को जल्द से जल्द पास करवाना है ताकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का रास्ता साफ हो सके.
इस सत्र के दौरान कुछ मुद्दे खासतौर पर हावी रहेंगे मसलन सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले और कुछ पार्टियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप कि सरकार इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है, दूसरा 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य करार दिया जाना.
सरकार अगले साल से बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है. इसे समय से एक महीने पहले या जनवरी से प्रारंभ किया जा सकता है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि जीएसटी से जुड़े कानूनों के अलावा 15 नए बिल भी पेश किए जा सकते हैं. सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित करने पर भी जोर देगी.टिप्पणियां
दिसंबर में केंद्र ने पचास साल पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए चौथी बार अध्यादेश को लागू किया था. यह कानून युद्ध के बाद पाकिस्तान जा चुके लोगों की संपत्तियों के स्थानांतरण और उत्तराधिकार से संबंधित है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस सत्र के दौरान कुछ मुद्दे खासतौर पर हावी रहेंगे मसलन सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले और कुछ पार्टियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप कि सरकार इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है, दूसरा 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य करार दिया जाना.
सरकार अगले साल से बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है. इसे समय से एक महीने पहले या जनवरी से प्रारंभ किया जा सकता है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि जीएसटी से जुड़े कानूनों के अलावा 15 नए बिल भी पेश किए जा सकते हैं. सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित करने पर भी जोर देगी.टिप्पणियां
दिसंबर में केंद्र ने पचास साल पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए चौथी बार अध्यादेश को लागू किया था. यह कानून युद्ध के बाद पाकिस्तान जा चुके लोगों की संपत्तियों के स्थानांतरण और उत्तराधिकार से संबंधित है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकार अगले साल से बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है. इसे समय से एक महीने पहले या जनवरी से प्रारंभ किया जा सकता है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि जीएसटी से जुड़े कानूनों के अलावा 15 नए बिल भी पेश किए जा सकते हैं. सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित करने पर भी जोर देगी.टिप्पणियां
दिसंबर में केंद्र ने पचास साल पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए चौथी बार अध्यादेश को लागू किया था. यह कानून युद्ध के बाद पाकिस्तान जा चुके लोगों की संपत्तियों के स्थानांतरण और उत्तराधिकार से संबंधित है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकारी सूत्रों ने बताया कि जीएसटी से जुड़े कानूनों के अलावा 15 नए बिल भी पेश किए जा सकते हैं. सरकार शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश पारित करने पर भी जोर देगी.टिप्पणियां
दिसंबर में केंद्र ने पचास साल पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए चौथी बार अध्यादेश को लागू किया था. यह कानून युद्ध के बाद पाकिस्तान जा चुके लोगों की संपत्तियों के स्थानांतरण और उत्तराधिकार से संबंधित है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिसंबर में केंद्र ने पचास साल पुराने शत्रु संपत्ति कानून में संशोधन के लिए चौथी बार अध्यादेश को लागू किया था. यह कानून युद्ध के बाद पाकिस्तान जा चुके लोगों की संपत्तियों के स्थानांतरण और उत्तराधिकार से संबंधित है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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पोम्पेउ फबरा आई पोच (कैटलन उच्चारण: [pumˈpɛw ˈfaβɾə]; ग्रासिया, बार्सिलोना, 20 फरवरी 1868 - प्रादा डे कॉन्फ्लेंट, 25 दिसंबर 1948) एक कैटलन इंजीनियर और व्याकरणविद् थे। वह समकालीन कैटलन भाषा के मानक सुधार के मुख्य लेखक थे।
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Sunil gavaskar is also doing nagin dance
That was cute#INDvBAN#IndvsBan#BANvINDpic.twitter.com/GVdzCgbgWx
It’s nice to see Sunil Gavaskar joining the Cobra Dance #INDVBAN#NIDAHASTrophypic.twitter.com/0ahrMwUFXx
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लावरीन कॉक्स (अंग्रेज़ी: Laverne Cox, जन्म: मोबाइल, अलबामा रोथरिक लावरीन कॉक्स) अमेरिकी अभिनेत्री, टेलीविझ़न निर्माता तथा एल०जी०बी०टी कार्यकर्ता हैं।
परिचय
लावरीन कॉक्स को मोबाइल, अलबामा, संयुक्त राज्य अमेरिका में पैदा हुई थी। कॉक्स ने अपनी शिक्षा अलबामा स्कूल ऑफ़ फ़ाइन आर्ट और मैरिमाउट मैनहट्टन कॉलेज से हासिल की थी। अभिनेत्री के रूप से, कॉक्स ने फ़िल्म और टेलीविझ़न श्रृंखलों में कई भूमिकायें को निभाईं। 2008 को कॉक्स 'वीएच०1 रियलिटी शो' के उम्मीदवारों में से एक थी। 2010 में उसने रियलिटी शो 'ट्रांसफ़ॉर्म मी / TRANSform Me' में भूमिका निभाई।
फ़िल्मी सफ़र
2007: लॉ एंड ऑर्डर: स्पेशल विक्टिम्स यूनिट (टीवी श्रृंखला, प्रकरण 9x06)
2008: लॉ एंड ऑर्डर (टेलीविझ़न-श्रृंखला, प्रकरण 19x06)
2009: बोरड तो डेथ (टेलीविझ़न-श्रृंखला, प्रकरण 1x01)
2011: कार्ला
2011: म्यूज़िकल चेयर्ज़
2012: थे एक्सहिबिशनिस्ट्स
2013: 36 सेंटस
2013: ग्रैंड स्ट्रीट
2013: ऑरेंज इज़ द न्यू ब्लैक (वेब-श्रृंखला)
2014: फ़ैकिंग इट (टीवी श्रृंखला, प्रकरण 2x04)
बाहरी कड़ियाँ
लावरीन कॉक्स अधिकारिक जालपृष्ठ
सन्दर्भ
अमेरिकी अभिनेत्री
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लेख: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले नेपाल दौरे में कल एक विशेष मानवीय पहलु देखने को मिलेगा, जब एक युवक 16 वर्ष बाद अपने अभिभावकों से मिलेगा। करीब एक दशक पहले अहमदाबाद में मोदी के संपर्क में आया और तब से उनकी देखभाल में रह रहा 26 वर्षीय युवक जीत बहादुर प्रधानमंत्री के साथ काठमांडो की यात्रा पर जाएगा और प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से उसे उसकी मां और बड़े भाई को सौंपेंगे।
मोदी ने दो दिवसीय दौरे की पूर्व संध्या पर आज शाम कहा, 'व्यक्तिगत रूप से मेरी नेपाल यात्रा विशेष है.. इस दौरे से कुछ निजी भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं।' प्रधानमंत्री ने कई ट्विट जारी कर कहा कि कई वर्ष पहले बहादुर उन्हें असहाय स्थिति में मिला और उन्होंने इसके बाद की कुछ स्थितियों का जिक्र किया है।
मोदी ने ट्विट किया, 'कई वर्ष पहले जीत बहादुर असहाय स्थिति में मिला था। वह कुछ नहीं जानता था कि कहां जाना है, क्या करना है। वह किसी को नहीं जानता था न ही कोई भाषा समझता था।' उन्होंने कहा, 'मैंने उसके बारे में सोचना शुरू किया। धीरे-धीरे उसने पढ़ने और खेलने में रूचि दिखाई। उसने गुजराती भाषा भी सीखी।'
मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले उन्होंने बहादुर के अभिभावकों का पता लगाया। उन्होंने ट्विट किया, 'यह इसलिए संभव हो सका कि उसके पैर में छह अंगुलियां हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'शुक्र है, हम उसके अभिभावकों का पता लगा सके। मैं खुश हूं कि कल अभिभावक अपने बेटे से मिलेंगे।'
बहादुर का पूरा नाम जीत बहादुर मागर है और उसका परिवार पश्चिम नेपाल के नवलपारसी जिले के कवासोती नगर निगम इलाके की झुग्गियों में रहता है।
नेपाली मीडिया की खबरों के मुताबिक फिलहाल अहमदाबाद में बीबीए कर रहा बहादुर 1998 में नेपाल से आए कई अन्य प्रवासियों की तरह काम की तलाश में अपने भाई के साथ भारत आया था। कुछ समय तक उसने राजस्थान में काम किया। कुछ समय बाद उसने नेपाल लौटने का निर्णय किया क्योंकि वह अपने काम से खुश नहीं था।
मीडिया की खबरों में बताया गया है कि राजस्थान छोड़ते समय वह नेपाल की सीमा से लगते उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाने के बजाए गलती से अहमदाबाद जाने वाली रेलगाड़ी में सवार हो गया। अहमदाबाद पहुंचने पर एक महिला उसे मोदी के घर लेकर गई। उसे समय तक मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं बने थे। तब से बहादुर मोदी की देखभाल में था। मोदी के प्रधानमंत्री बनने और दिल्ली चले आने के बाद बहादुर विश्वविद्यालय के छात्रावास में चला गया।
मीडिया की खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री उसके परिवार के चार सदस्यों से मुलाकात करेंगे जो अपने गृह नगर कवासोती से काठमांडो आए हुए हैं। उसके परिवार के सदस्यों में उसकी मां खगीसारा, बड़ा भाई दशरथ, भाई की पत्नी और छोटी बहन प्रेम कुमारी हैं।
काठमांडो में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने पहले कवासोती में बहादुर के परिवार से मुलाकात की और उन्हें मोदी के दौरे एवं उनसे मिलने की इच्छा के बारे में बताया। मीडिया की खबरों में बताया गया है कि उनके फोटोग्राफ और नागरिकता के सर्टिफिकेट भी जुटा लिए गए हैं। दशरथ के मुताबिक, 'मोदी जीत बहादुर को अपनी मौजूदगी में उसके परिवार से मिलाना चाहते थे।'
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'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की दयाबेन यानी दिशा वकानी 30 नवंबर 2017 को एक बेटी की मां बनी थीं. दिशा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी बेटी स्तुति की पहली झलक दिखा दी है.
7 महीने की स्तुति पिंक कपड़े में लिपटी नजर आ रही हैं. कुछ समय पहले दिशा अपने परिवार के साथ तिरूपति बालाजी गई थीं. वहां से भी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें दिशा अपनी बेटी को अपने गोद में लिए हुए थीं. हालांकि उस तस्वीर में स्तुति का चेहरा नजर नहीं आ रहा था.
World ❤️
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Disha Vakani
(@disha.vakani) on
Jun 22, 2018 at 7:56am PDT
May god bless our child and protects her from every obstacle.❤
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Disha Vakani
(@disha.vakani) on
Jun 7, 2018 at 4:33am PDT
मार्च के अंतिम हफ्ते में दिशा ने 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में कमबैक किया था. दिशा ने अपनी प्रेग्नेंसी में इस शो को अलविदा कह दिया था. इस दौरान उनके फैंस ने उन्हें बहुत मिल किया था.
टीवी की बड़बोली दयाबेन रीयल लाइफ में हैं बिल्कुल अलग, कर चुकी हैं बी ग्रेड फिल्म
दिशा ने चार्टेड अकाउंटेंट मयूर पाडिया से 24 नवंबर 2015 को शादी की थी. यह उनका पहला बच्चा है.
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मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट पेश करते हुए शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार हर ग्रामीण घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. 'हर घर नल, हर नल जल' की योजना के तहत मोदी सरकार ने देश भर में जल पहुंचाने की जो योजना बनाई है, वह अपने आप में क्रांतिकारी है.
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा,' भारत में जल सुरक्षा सुनिश्चित करना और सभी देशवासियों के लिए शुद्ध एवं पर्याप्त जल उपलब्ध कराना हमारी सरकारी की प्राथमिकता है. जल जीवन मिशन के तहत साल 2024 तक देश के सभी ग्रामीण परिवारों को हर घर जल सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा.'
ये है योजना
अब सवाल यह है कि इतने महत्वाकांक्षी योजना को कैसे पूरा किया जाएगा. बजट दस्तावेज और मीडिया में आई जानकारियों के मुताबिक सरकार ने इसके लिए अनूठी योजना बनाई है. 'हर घर नल, हर नल जल' के नारे के साथ ऐसे सभी परिवारों तक पाइपलाइन से जल आपूर्ति की जाएगी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के इस मिशन में बारिश के जल के जमीन के भीतर स्टोरेज और घरों में इस्तेमाल किए जल का फिर से खेती में इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए ग्रामीण स्तर पर बुनियादी ढांचे का निर्माण और वाटर मैनेजमेंट का काम मजबूत किया जाएगा.
सरकार ने जलशक्ति अभियान के लिए 256 जिलों के ऐसे 1592 ब्लॉक की पहचान की है जहां जल का संकट है. वित्त मंत्री ने देश भर में पावर ग्रिड की ही तर्ज पर एक 'वाटर ग्रिड' के विकास के लिए एक खाका पेश करने का वायदा किया है. यह मोदी सरकार के 'एक देश, एक ग्रिड' की अवधारणा के मुताबिक ही होगा.
पहली बार होगा ऐसा
हालांकि वाटर ग्रिड की अवधारणा अभी बहुत शुरुआती स्तर पर है, लेकिन अपने आप में अनूठी सोच है. इसके तहत पानी की अधिकता वाले इलाकों से पाइपलाइन के द्वारा पानी उन इलाकों तक पहुंचाई जाएगा, जहां पानी की कमी, सूखा होता है. इसमें मोदी सरकार की नदियों को जोड़ने की योजना भी मददगार होगी. चीन जैसे कई देशों में इस तरह के प्रयोग किए गए हैं. अगर मोदी सरकार इसमें कामयाब हुई तो वास्तव में इससे देश में एक बड़ा बदलाव आएगा.
गौरतलब है कि मोदी सरकार जलमार्ग के विकास पर भी जोर दे रही है. जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी की नौवहन क्षमता बढ़ाने के लिए साहिबगंज और हल्दिया में 2 टर्मिनल तथा फरक्का में 1 नेवीगेशनल लॉक का कार्य 2019-20 में पूरा हो जाएगा. गंगा नदी पर कार्गो की आवाजाही अगले 4 वर्षों में लगभग 4 गुना बढ़ जाने का अनुमान है, जिससे माल और यात्रियों की आवाजाही सस्ती होगी और आयात बिल में कमी आएगी.
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उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में आज बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 49 अंक की गिरावट के साथ 19,732.76 अंक पर आ गया।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने आज चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। साथ ही परिषद का कहना है कि रुपये में स्थिरता आने तक कड़ी मौद्रिक नीति को जारी रखा जाना चाहिए।
पिछले सत्र में 216 अंक की गिरावट दर्ज करने के बाद आज सेंसेक्स 49.12 अंक या 0.25 फीसदी के नुकसान से 19,732.76 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह ऊपर में 19,899.37 और नीचे में 19,675.68 तक गया। इसी तरह का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.10 अंक की गिरावट के साथ 5,850.60 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह 5,822.90 से 5,884.30 अंक के दायरे में घूमता रहा।
एमसीएक्स एसएक्स का एसएक्स 40 सूचकांक भी 28.16 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,706.18 अंक पर आ गया।
पीएमईएसी के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रहेगी। पीएमईएसी ने अप्रैल में आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।टिप्पणियां
अगस्त माह में महंगाई की दर घटकर 9.52 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। डॉलर के मुकाबले रपया 63.7 प्रति डालर के स्तर पर चल रहा है।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी आई। इस सप्ताह यह कुल मिला कर 462.7 अंक या 2.40 प्रतिशत चढ़ा।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने आज चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। साथ ही परिषद का कहना है कि रुपये में स्थिरता आने तक कड़ी मौद्रिक नीति को जारी रखा जाना चाहिए।
पिछले सत्र में 216 अंक की गिरावट दर्ज करने के बाद आज सेंसेक्स 49.12 अंक या 0.25 फीसदी के नुकसान से 19,732.76 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह ऊपर में 19,899.37 और नीचे में 19,675.68 तक गया। इसी तरह का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.10 अंक की गिरावट के साथ 5,850.60 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह 5,822.90 से 5,884.30 अंक के दायरे में घूमता रहा।
एमसीएक्स एसएक्स का एसएक्स 40 सूचकांक भी 28.16 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,706.18 अंक पर आ गया।
पीएमईएसी के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रहेगी। पीएमईएसी ने अप्रैल में आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।टिप्पणियां
अगस्त माह में महंगाई की दर घटकर 9.52 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। डॉलर के मुकाबले रपया 63.7 प्रति डालर के स्तर पर चल रहा है।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी आई। इस सप्ताह यह कुल मिला कर 462.7 अंक या 2.40 प्रतिशत चढ़ा।
पिछले सत्र में 216 अंक की गिरावट दर्ज करने के बाद आज सेंसेक्स 49.12 अंक या 0.25 फीसदी के नुकसान से 19,732.76 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह ऊपर में 19,899.37 और नीचे में 19,675.68 तक गया। इसी तरह का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.10 अंक की गिरावट के साथ 5,850.60 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह 5,822.90 से 5,884.30 अंक के दायरे में घूमता रहा।
एमसीएक्स एसएक्स का एसएक्स 40 सूचकांक भी 28.16 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,706.18 अंक पर आ गया।
पीएमईएसी के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रहेगी। पीएमईएसी ने अप्रैल में आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।टिप्पणियां
अगस्त माह में महंगाई की दर घटकर 9.52 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। डॉलर के मुकाबले रपया 63.7 प्रति डालर के स्तर पर चल रहा है।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी आई। इस सप्ताह यह कुल मिला कर 462.7 अंक या 2.40 प्रतिशत चढ़ा।
एमसीएक्स एसएक्स का एसएक्स 40 सूचकांक भी 28.16 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,706.18 अंक पर आ गया।
पीएमईएसी के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रहेगी। पीएमईएसी ने अप्रैल में आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।टिप्पणियां
अगस्त माह में महंगाई की दर घटकर 9.52 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। डॉलर के मुकाबले रपया 63.7 प्रति डालर के स्तर पर चल रहा है।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी आई। इस सप्ताह यह कुल मिला कर 462.7 अंक या 2.40 प्रतिशत चढ़ा।
पीएमईएसी के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रहेगी। पीएमईएसी ने अप्रैल में आर्थिक वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।टिप्पणियां
अगस्त माह में महंगाई की दर घटकर 9.52 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। डॉलर के मुकाबले रपया 63.7 प्रति डालर के स्तर पर चल रहा है।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी आई। इस सप्ताह यह कुल मिला कर 462.7 अंक या 2.40 प्रतिशत चढ़ा।
अगस्त माह में महंगाई की दर घटकर 9.52 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। डॉलर के मुकाबले रपया 63.7 प्रति डालर के स्तर पर चल रहा है।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी आई। इस सप्ताह यह कुल मिला कर 462.7 अंक या 2.40 प्रतिशत चढ़ा।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी आई। इस सप्ताह यह कुल मिला कर 462.7 अंक या 2.40 प्रतिशत चढ़ा।
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झारखंड के एक गांव में आजादी के लगभग सात दशक के बाद बिजली आई है. सरकारी उदासीनता से त्रस्त होकर गांव के लोगों ने खुद चंदा इकट्ठा कर गांव में बिजली की व्यवस्था कर दी.
युवाओं का प्रयास
विश्वनाथडीह गांव
बोकारो
जिला मुख्यालय से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है. इस गांव के युवाओं ने
बिजली
लाने के लिए खुद से चंदा इकट्ठा कर पोल और तारों की खरीददारी की और उन्हें जमीन में गाड़ा. यहां तक की ट्रांसफार्मर से कनेक्शन जोड़ने का काम भी यहां के युवाओं ने ही किया.
नहीं बुलाया किसी नेता को
सरकारी उदासीनता के चलते इस गांव में बिजली नहीं पहुंच रही थी और जब गांव के लोग अधिकारियों और मंत्रियों के पास चक्कर लगाकर थक गए, तब अपने बुते यह संभव कर दिखाया और इसके उद्घाटन में किसी नेता और अधिकारी को फटकने तक नहीं दिया.
ऊर्जा मंत्री थे इसी क्षेत्र से
पिछली विधानसभा में राज्य के ऊर्जा
मंत्री
रहे राजेंद्र प्रसाद सिंह इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. इसके बावजूद जिला मुख्यालय से सटे इस गावं तक बिजली नहीं पहुंची थी.
जिले के उपायुक्त हैं अनजान
इस तथ्य से अनजान जिले के उपायुक्त मनोज कुमार का कहना है कि ऐसा है तो यह सरकारी उदासीनता है और ऐसा नहीं होना चाहिए.
झारखण्ड
में हजारों गांव हैं, जहां आज तक विकास की रौशनी नहीं पहुंची है.
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मशहूर कॉमेडियन तन्मय भट्ट (Tanmay Bhat) इस समय डिप्रेशन से जूझ रहे हैं. अपनी कॉमेडी टाइमिंग से सबको हंसाने वाले कॉमेडियन पिछले काफी समय से सोशल मीडिया से दूर हैं. पिछले साल अक्टूबर में मीटू कैंपेन के दौरान उत्सव चक्रवर्ती (Utsav Chakraborty) के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई एक्शन ना लेने की वजह से तन्मय भट्ट को सस्पेंड कर दिया गया था. कई महीनों बाद तन्मय ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है. इस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि वो इन दिनों काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं.
I'm a bit of a mess. I don't know when I'll stop being a bit of a mess. But when I'm less of a mess, I will owe it to everybody who has written in being supportive. Especially those who've seen this mess up close. You know who you are.
A post shared by Tanmay Bhat (@tanmaybhat) on Jun 29, 2019 at 10:38am PDT
मीटू कैंपेन (Metoo Campaign) के दौरान सस्पेंड होने को लेकर तन्मय ने वीडियो में बताया, 'अक्टूबर में ये सब होने के बाद, मैं मानसिक रूप से काफी परेशान महसूस कर रहा हूं. मैं खुद को पैरालाइज्ड महसूस कर रहा हूं, मैं ना तो सामाजिक तौर पर ना ही ऑनलाइन और ऑफलाइन अपनी भूमिका अदा कर पा रहा हूं.' तन्मय भट्ट ने आगे कहा, 'पिछले साल मुझे डॉक्टर्स ने कहा कि तुम क्लिनिकल डिप्रेशन से जूझ रहे हो और उन्होंने कहा कि इसके लिए तुम्हें कुछ करना चाहिए.'
अपने बारे में बताते हुए तन्मय भट्ट (Tanmay Bhat) ने कहा, 'आप में से कई लोग मुझे सही सवाल करते हैं- कि तुम मूव ऑन क्यों नहीं करते? तुम खुद को दूसरा मौका क्यों नहीं देते? ये सारी नसीहत किसी कारणवश हैं, मैंने बस कुछ देखा है, मैं अपनी पिछली जिंदगी को खत्म होने से पहले कुछ करना चाहता हूं. मुझे नहीं लगता मैं इतना सक्षम हूं कि खुद को संभाल सकूं. डॉक्टर्स ने कई महीने पहले कह दिया था कि मुझे अपनी दवाइयां शुरू कर देनी चाहिए. मैं कभी-कभी ये सोचता हूं कि कहीं मैं पैरालिसिस की स्थायी स्टेज पर ना पहुंच जांऊ. मैं सोचता हूं कि क्या कभी मैं वापसी कर पाऊंगा.'
जैसे ही तन्मय ने अपने डिप्रेशन के बारे में खुल के बात की तो ज्यादातर सेलेब्रिटीज ने भी कमेंट किया है. सिंगर विशाल ददलानी (Vishal Dadlani) ने लिखा, 'कोई ज्यादा प्रेशर मत लो, जितना तुम्हें समय लगता है लो. लेकिन हमेशा याद रखना कि यहां सब तुम्हें बहुत प्यार करते हैं.'
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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ( BHU) के संस्कृत विभाग में मुस्लिम शिक्षक फिरोज खान (Firoze Khan) की नियुक्ति मामले पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इसको लेकर छात्र धरने पर बैठे हुए हैं और पढ़ाई-लिखाई पिछले 12 दिनों से पूरी तरह ठप है. छात्रों के इस रवैये पर बॉलीवुड गलियारे से भी रिएक्शन आने शुरू हो गए हैं. बॉलीवुड एक्टर और पूर्व बीजेपी सांसद परेश रावल (Paresh Rawal) ने इस मामले पर अपनी राय रखी है. उन्होंने इस संबंध में कुछ ट्वीट किए हैं, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. परेश रावल के इस ट्वीट पर लोग भी खूब रिएक्शन दे रहे हैं.
Stunned by the protest against professor Feroz Khan !what language has to do with Religion!?!?!? Irony is professor Feroz has done his masters and PhD in Sanskrit !!! For Heavens sake stop this god damn idiocy !
परेश रावल (Paresh Rawal) ने अपने पहले ट्वीट में लिखा: "प्रोफेसर फिरोज खान (Firoze Khan) के विरोध से स्तब्ध हूं. किसी भाषा का धर्म से क्या लेना-देना है. प्रोफेसर फिरोज खान ने अपना मास्टर्स और पीएचडी संस्कृत में किया है तो इसमें अचंभा क्या है. उनका विरोध करना मूर्खता है." परेश रावल ने इस तरह इस मामले पर अपना रिएक्शन दिया. उन्होंने थोड़ी देर बाद इसको लेकर एक और ट्वीट किया.
By same logic great singer late Shri Mohammad Rafi ji should not have sung any BHAJANS and Naushad Saab should not have composed it !!!!
परेश रावल (Paresh Rawal) ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा: "इस हिसाब से महान गायक श्री मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) को कोई भजन नहीं गाना चाहिए था और नौशाद साहब को इसे कंपोज नहीं करना चाहिए था." परेश रावल अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और इस ट्वीट में उन्होंने उसी अंदाज में प्रोफेसर फिरोज खान (Firoze Khan) का समर्थन किया. अब परेश रावल के यह ट्वीट वायरल हो रहे हैं.
इससे पहले बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) ने संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्राध्यापक की नियुक्ति का शुक्रवार को बचाव किया था और कहा था कि वह धर्म, जाति, समुदाय अथवा लैंगिक भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. बीएचयू का यह स्पष्टीकरण तब आया जब आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संस्कृत साहित्य विभाग में फिरोज खान का सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति का विरोध किया था. बीएचयू ने एक बयान में कहा कि प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि चयन समिति ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार सर्वसम्मति से उक्त उम्मीदवार के चयन की अनुशंसा की है. इसमें कहा गया था कि कुलपति राकेश भटनागर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पांच नवंबर को मुलाकात की और साक्षात्कार में आवदेक के प्रदर्शन को देखते हुए इस पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार की अनुशंसा की.
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एक्ट्रेस और मॉडल माहिका शर्मा लंबे समय से एलजीबीटी कम्युनिटी का समर्थन कर रही हैं. उन्होंने एक बार फिर धारा 377 को खत्म करने की मांग की है.
जल्द ही फिल्म द मॉर्डन कल्चर में नजर आने वालीं माहिका शर्मा का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में पॉपुलर सुपरस्टार हैं, जो अपने पार्टनर के साथ होमो सेक्सुअलिटी को एंजॉय कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय पुरुषों में होमोसेक्सुअलिटी का चलन ज्यादा बढ़ रहा है. यह सब महिलाओं के लिए सहज नहीं है.
माहिका ने कहा कि इस देश में रेपिस्ट्स को गे समलैंगिकों से ज्यादा अधिकार प्राप्त हैं. देश में रेप करने वाले आजाद बिना भय के घूम रहे हैं और गे परेशानी का सामना कर रहे हैं. मेरे कई दोस्त हैं, जो गे हैं, वे ईश्वर की सर्वोत्तम रचना हैं. धारा 377 को तत्काल खत्म करना चाहिए.
'कास्टिंग काउच का शिकार होने से अच्छा एडल्ट फिल्म में काम करना'
माहिका पहले भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रही हैं. उन्होंने कहा था कि उनका शुरू से पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी और हॉलीवुड एक्टर रेयान रेनॉल्ड्स पर क्रश रहा है. आईबी टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक माहिका ने कहा था- मैं कभी भारतीय सेलेब्स के प्रति आकर्षित नहीं हुई. मुझे हमेशा पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी और रेयान रेनॉल्डस के प्रति आकर्षण महसूस होता था.
रिपोर्ट के मुताबिक माहिका ने बताया- उनके प्रति मेरे पागलपन ने ही मुझे डैनी डी से मिलाया. बता दें कि डैनी डी एडल्ट फिल्मों के कलाकार हैं और माहिका के साथ काम कर चुके हैं. माहिका ने कहा- जाहिर तौर पर शाहिद हर लड़की की ख्वाहिश हैं. माहिका ने यह भी कहा कि उन्हें डैनी के साथ किसी एडल्ट फिल्म में काम करने में कोई दिक्कत नहीं है.
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यह एक लेख है: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को आश्वासन दिया कि देश की रक्षा तैयारियों के साथ कोई समझौता नहीं होगा और बजट इसमें बाधा नहीं बनेगा. सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि सरकार कोष के कारण रक्षा तैयारियों के साथ समझौते की अनुमति नहीं देगी. उन्होंने कहा कि जहां तक देश की रक्षा तैयारियों का सवाल है, इस पर बजट के कारण कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
सिंह ने इस बात से इंकार किया कि रक्षा क्षेत्र में आवंटित बजट का पूरा उपयोग नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि वास्तव में आवंटित बजट से अधिक राशि व्यय की गयी है. उन्होंने कहा कि 2015-19 की अवधि के दौरान सरकार ने सामान्य और आकस्मिक खरीद, दोनों के लिए सेना मुख्यालय को दीर्घकालिक वित्तीय शक्तियां प्रदान की है. इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आयी है और आवंटित बजट का पूरा तथा अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हुआ है.
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लेख: सरकार जल्द ही एक महत्वाकांक्षी पैन गतिविधि निगरानी और विश्लेषण सॉफ्टवेयर टूल पेश करने जा रही है। इसके जरिये आयकर विभाग किसी व्यक्ति विशेष के देश भर में किए गए लेनदेन के बारे में जानकारी जुटा सकेगा। इससे अधिकारियों को प्रभावी तरीके से कालेधन के प्रवाह पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।टिप्पणियां
इस डिजिटल और स्मार्ट प्लेटफॉर्म का नाम 'आयकर कारोबार एप्लिकेशन-स्थायी खाता संख्या' (आईटीबीए-पैन) होगा। फिलहाल इसे टैक्स अधिकारियों की विशेष जांच टीम और व्यापार सॉफ्टवेयर विश्लेषकों के समक्ष राष्ट्रीय राजधानी में अंतिम परीक्षणों के लिए रखा गया है। इस नए सॉफ्टवेयर टूल से टैक्स अधिकारी पैन के पूरे जीवनकाल के दौरान किए गए उपयोग को देख सकेंगे। सीधे शब्दों में कहें तो देश के किसी भी हिस्से में किसी व्यक्ति द्वारा किए गए लेनदेन का ब्योरा जान सकेंगे।
वित्त मंत्रालय द्वारा परियोजना को इसी महीने के अंत तक चालू किए जाने की उम्मीद है। इसके जरिये टैक्स विभाग और उसके दो मध्यस्थ संगठनों एनएसडीएल तथा यूटीआईआईटीएसएल को नया पैन नंबर जारी करने और उसके बाद 48 घंटे में नया पैन कार्ड जारी करने में मदद मिलेगी। अभी इसमें 15 दिन का समय लगता है।
इस डिजिटल और स्मार्ट प्लेटफॉर्म का नाम 'आयकर कारोबार एप्लिकेशन-स्थायी खाता संख्या' (आईटीबीए-पैन) होगा। फिलहाल इसे टैक्स अधिकारियों की विशेष जांच टीम और व्यापार सॉफ्टवेयर विश्लेषकों के समक्ष राष्ट्रीय राजधानी में अंतिम परीक्षणों के लिए रखा गया है। इस नए सॉफ्टवेयर टूल से टैक्स अधिकारी पैन के पूरे जीवनकाल के दौरान किए गए उपयोग को देख सकेंगे। सीधे शब्दों में कहें तो देश के किसी भी हिस्से में किसी व्यक्ति द्वारा किए गए लेनदेन का ब्योरा जान सकेंगे।
वित्त मंत्रालय द्वारा परियोजना को इसी महीने के अंत तक चालू किए जाने की उम्मीद है। इसके जरिये टैक्स विभाग और उसके दो मध्यस्थ संगठनों एनएसडीएल तथा यूटीआईआईटीएसएल को नया पैन नंबर जारी करने और उसके बाद 48 घंटे में नया पैन कार्ड जारी करने में मदद मिलेगी। अभी इसमें 15 दिन का समय लगता है।
वित्त मंत्रालय द्वारा परियोजना को इसी महीने के अंत तक चालू किए जाने की उम्मीद है। इसके जरिये टैक्स विभाग और उसके दो मध्यस्थ संगठनों एनएसडीएल तथा यूटीआईआईटीएसएल को नया पैन नंबर जारी करने और उसके बाद 48 घंटे में नया पैन कार्ड जारी करने में मदद मिलेगी। अभी इसमें 15 दिन का समय लगता है।
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इराकी पुलिस ( आईपी ) इराक में नागरिक कानून के प्रवर्तन के लिए जिम्मेदार वर्दीधारी पुलिस बल है । इसके संगठन, संरचना और भर्ती को 2003 के ईराक के आक्रमण के बाद गठबंधन अनंतिम प्राधिकरण द्वारा निर्देशित किया गया था, और इसकी कमान इराकी आंतरिक मंत्रालय के सुधार द्वारा की गई है। "आईपी" इराकी पुलिस को संदर्भित करता है, और व्यापक इराकी सुरक्षा बलों को "आईएसएफ"। संघीय पुलिस बलों के वर्तमान कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राएद शकर जवादत हैं।
इतिहास
वर्तमान इराकी पुलिस के युद्ध पूर्व इराकी पुलिस सेवा से कुछ संबंध हैं। प्रीवार पुलिस सेवा दमन प्राथमिकता में कम थी और पेशेवर थी। इसलिए, पुलिस से यह अपेक्षा की जाती थी कि आक्रमण के बाद भी वह सामंजस्यपूर्ण रहे। नए इराक के पुलिस बल के लिए आधार बनाने का इरादा था, लेकिन नागरिक विकार के कारण इस परियोजना को छोड़ दिया गया। आपातकालीन वजीफे के भुगतान के बाद, विशेष रूप से बगदाद में कुछ पुलिस वापस आई और अमेरिकी सेना के सैन्य पुलिस ने आपातकालीन प्रशिक्षण आयोजित किया। उसी समय, दक्षिण में ब्रिटिश सेना ने शिया धर्म के नेताओं के साथ समन्वय में स्थानीय पुलिस बलों की स्थापना शुरू की। इस बीच, गठबंधन प्रोविजनल अथॉरिटी ने नए सिरे से आंतरिक मंत्रालय के साथ काम किया ताकि बाथर्ड अधिकारियों (केवल बगदाद में बर्नार्ड केरिक द्वारा फायर किए गए 7,000 पुलिस अधिकारियों) को कम करने के लिए और कम शब्दों में पुलिस बलों की स्थापना की जा सके। पहले चार महीनों में, पहला प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया गया था और 4,000 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया था। 2003 की भर्ती में, आवेदक ज्यादातर पूर्व सैनिक और पुलिस अधिकारी थे, जिन्होंने बैथिस्ट शासन के तहत सेवा की। 2003 के अंत में, इराकी पुलिस ने औपचारिक रूप से कुल 50,000 अधिकारियों को नियुक्त किया।
संगठन और निरीक्षण
2009 में इराकी पुलिस मेजर जनरल हुसैन जसीम अलावादी की कमान में था। मल्टी-नेशनल सिक्योरिटी ट्रांजिशन कमांड - इराक (MNSTC-I) एक संयुक्त राज्य मध्य कमान संगठन था जिसने सभी इराकी नागरिक सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित, संरक्षक और लैस करने का काम सौंपा था। लक्ष्य इराक की इराकी सरकार में अपने समकक्षों को प्रशिक्षित करना भी था, ताकि वे अपनी भूमिका का निर्वाह कर सकें।
सन्दर्भ
एशियाई माह प्रतियोगिता में निर्मित मशीनी अनुवाद वाले लेख
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ओडिशा तट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण
DRDO ने पिछले दिनों एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का किया था टेस्ट
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को ओडिशा तट से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इससे पहले DRDO ने आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में फायरिंग रेंज से मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया था.
Defence Research and Development Organisation (DRDO) successfully test fires land attack version of BrahMos supersonic cruise missile off the coast of Odisha.
— ANI (@ANI)
September 30, 2019
मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल प्रणाली का तीसरा सफल परीक्षण था, जिसे भारतीय सेना की तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की आवश्यकता के लिए विकसित किया जा रहा है.
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कश्मीर घाटी में एक ओर सेना के जवान बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री व सहायता मुहैया कराने में जुटे हैं, तो दूसरी ओर कुछ शरारती लोग उनके विमानों और नावों पर पत्थर बरसा रहे हैं.
बाढ़ से घिरे श्रीनगर में भारतीय वायुसेना के 80 विमानों में से कुछ को मामूली रूप से नुकसान पहुंचा है, क्योंकि उस पर पत्थरबाजी की गई. सुरक्षाकर्मियों ने कहा है कि सभी तक मदद पहुंचाने से पहले वे किसी भी हाल में दम नहीं लेंगे.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी घाटी में राहत व बचाव के काम में लगे सेना व वायुसेना कर्मियों को निशाना बनाये जाने की निंदा की और बाधा पैदा कर रहे तत्वों से इन अभियानों को चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘बाधा पैदा करने वाले ये तत्व मौके का लाभ उठाकर समस्याएं पैदा कर रहे हैं. उन्हें विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे अभियान में अड़चन नहीं डालना चाहिए.’ उमर ने कहा, ‘उन्हें बाद में पर्याप्त समय मिलेगा.’
वायुसेना के रोटरी विंग प्लेन को शहर में बचाव अभियान के दौरान उड़ान भरने के समय पथराव के कारण नुकसान हुआ है. वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ऐसी भी घटनाएं हुई हैं, जब कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमान को पत्थरों से निशाना बनाया गया. एक हेलिकॉप्टर पर कई पत्थर लगे, जिससे उसके बाहरी हिस्से और डैनों के करीब मामूली नुकसान हुआ है.’ अधिकारी ने बताया कि बहरहाल हेलिकॉप्टर वायुसेना केन्द्र तक सुरक्षित लौट गया. वहां नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
सेना ने भी बताया कि राहत व बचाव अभियानों में लगी उसकी नौकाओं में से कुछ को पथराव करने वालों ने निशाना बनाया. हवाई अभियान के महानिदेशक एयर मार्शल एसबी देव ने बताया, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग उन्हें बचा रहे हैं, उन्हीं पर हमला किया जा रहा है. लेकिन हम अपना काम नहीं छोड़ेंग. जब तब हर व्यक्ति तक मदद नहीं पहुंचेगी, हम अपना काम जारी रखेंगे.’
ऐसी भी खबरें हैं कि कुछ जगहों पर लोगों को अलगाववादी उकसा रहे हैं और वे सेना व वायुसेना द्वारा किए जा रहे बचाव कार्यों को बाधित कर रहे हैं.
एयर मार्शल एसबी देव ने कहा कि वे इस बात को समझ सकते हैं कि लोगों में गुस्सा है और उनकी उन लोगों के साथ सहानुभूति है, जिन्होंने बाढ़ में अपना सब कुछ गंवा दिया. उन्होंने कहा, ‘हम अपना दायित्व निभा रहे हैं और जिसके लिए हमने 80 से अधिक विमान लगा रखे हैं. आप देख सकते हैं कि प्रत्येक तीन मिनट में एक विमान उड़ान भर रहा है. हम पीछे नहीं हटेंगे.’
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रवीना टंडन (Raveena Tandon) ने इंस्टाग्राम पर बेटी राशा का एक वीडियो शेयर किया है, जिसे देखने के बाद उन्होंने अपनी बिटिया से होशियार रहने की सलाह दी है. इस वीडियो में रवीना टंडन (Raveena Tandon) की 13 साल की बिटिया अपने ट्रेनर के साथ बॉक्सिंग प्रैक्टिस कर रही है, और राशा के पंच इतने जबरदस्त पड़ते हैं कि ट्रेनर के भी होश गुम हो जाते है और उनके मुंह से ओह निकल जाता है. इस पर राशा ट्रेनर को सॉरी भी कहती है. लेकिन रवीना टंडन अपनी बिटिया के मुक्कों से काफी इम्प्रेस नजर आ रही हैं और उन्होंने जोरदार पोस्ट भी लिखी है.
A post shared by Raveena Tandon (@officialraveenatandon) on Jan 3, 2019 at 10:34pm PST
रवीना टंडन (Raveena Tandon) ने इस जानदार वीडियो के साथ कैप्शन दिया हैः "कोई भी नहीं, कोई भी मेरी बेबी के साथ पंगा मत लेना...मेरी नन्ही मैरी कौम..." वाकई रवीना टंडन की बिटिया के पंच बहुत ही जोरदार हैं और वे बहुत ही शिद्दत के साथ प्रैक्टिस भी कर रही हैं. रवीना टंडन (Raveena Tandon) के चार बच्चे हैं. रवीना टंडन ने 1995 में पूजा और छाया को गोद लिया था. फिर 2003 में उनकी शादी अनिल थडानी से हो गई और 2005 में बिटिया राशा ने जन्म लिया. रवीना टंडन के एक बेटा भी है.
A post shared by Raveena Tandon (@officialraveenatandon) on Dec 28, 2018 at 12:54pm PST
रवीना टंडन (Raveena Tandon) का जन्म 26 अक्टूबर, 1974 को मुंबई में हुआ था. फिल्ममेकर रवि टंडन और वीना टंडन की बेटी रवीना ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1991 में आई 'पत्थर के फूल' फिल्म से की थी. इस फिल्म में रवीना टंडन ने सलमान खान के साथ इश्क फरमाया था. सलमान और रवीना की जोड़ी बॉलीवुड के पर्दे पर पहली बार दिखी थी. 'कभी तू छैला लगता है...' गाना काफी हिट हुआ था. रवीना टंडन को 'मस्त मस्त गर्ल' भी कहा जाता है क्योंकि 'मोहरा' फिल्म का सॉन्ग 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' खूब वायरल हुआ था.
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यूपी के साहिबाबाद में एक विवाहिता की लाश पंखे से लटके हुए मिलने से सनसनी फैल गई. संदिग्ध हालत में हुई इस मौत को मृतका के परिजन हत्या बता रहे हैं. मृतका के परिजनों ने उसके ससुरालियों पर दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाया है.
दिल्ली के मंडावली की रहने वाली प्रियंका (27) की डेढ़ साल पहले साहिबाबाद निवासी रुपेश से शादी हुई थी. शादी से पहले रुपेश के बारे में बताया गया था कि वो कॉल सेंटर में मैनेजर है, लेकिन बाद में पता चला कि वह
कॉल सेंटर
में कर्मचारी है. बहरहाल शादी के समय प्रियंका के परिजनों ने दान दहेज भी खूब दिया था.
शादी में गाड़ी भी दी गई थी. शादी के कुछ महीनों बाद ही प्रियंका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा. ससुराल वाले उससे बड़ी गाड़ी की मांग करने लगे. प्रियंका ने अपने परिजनों को इस बारे में बताया भी था. सभी को लगा कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा, लेकिन प्रियंका के परिजन गलत थे.
शनिवार की शाम प्रियंका के परिजनों को फोन के जरिए पता चला कि प्रियंका की लाश घर में लटकी हुई है. प्रियंका की मौत की खबर सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई.
परिजनों की शिकायत
पर मृतका के पति और उसकी मां को हिरासत में ले लिया गया है. दोनों से पूछताछ जारी है.
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पवन हंस के एक हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरने के बाद तकनीकी दिक्कत पता चलने पर जम्मू कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाडियों पर रविवार को आपातकालीन लैंडिंग की जिससे इसमें सवार पायलट सहित सात लोग घायल हो गये.
उधमपुर रियासी रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जगजीत कुमार ने कहा कि पवन हंस का एक हेलीकॉप्टर छह वैष्णोदेवी श्रद्धालुओं को लेकर सांझीछत स्थित हैलीपैड से लौट रहा था. पायलट ने तकनीकी दिक्कत महसूस कर हेलीकॉप्टर को सलाल डबरी क्षेत्र में आपातकालीन स्थिति में उतारा.
डीआईजी ने कहा कि पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं होने के कारण हेलीकॉप्टर को उतारने में परेशानी हुई और छह श्रद्धालुओं सहित सात लोग घायल हो गए.
पवन हंस के एक अधिकारी ने कहा कि पायलट को इंजन में तकनीकी दिक्कत महसूस हुई जिसके बाद कटरा में ऐहतियातन लैंडिंग की गई. भवन और कटरा क्षेत्र से पुलिस दल मौके पर पहुंचा और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पायलट की पहचान कर्नल ए परमार के रूप में हुई है. कटरा कस्बा माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा के पास मौजूद है. हर साल एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं.
पवन हंस और ग्लोबल विक्ट्रा हेलीकाप्टर सेवाएं श्रद्धालुओं को सांझीछत स्थित हैलीपैड और कटरा शिविर के बीच सेवाएं देती हैं.
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लेख: उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर संसद में घिरी बीजेपी ने अगस्टावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे का मामला उठाकर कांग्रेस पर पलटवार किया है। सोमवार को बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में ये मामला उठाते हुए इस पर सदन में चर्चा और जांच की मांग की है।टिप्पणियां
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इटली की अदालत ने इस घोटाले में यूपीए की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इटली की सरकार ने अप्रैल 2013 में भारत सरकार से दस्तावेज़ मांगे थे लेकिन सरकार ने मार्च 2014 तक कोई जवाब नहीं दिया और फिर सिर्फ़ तीन दस्तावेज़ मुहैया करवाए।
ये मामला 2010 का है जब यूपीए सरकार ने VVIP के लिए इटली की कंपनी फ़िनमेकैनिका (Finmeccanica) से 3600 करोड़ में 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का फ़ैसला किया था, लेकिन घोटाले के आरोपों के बाद उसे रद्द कर दिया गया।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इटली की अदालत ने इस घोटाले में यूपीए की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इटली की सरकार ने अप्रैल 2013 में भारत सरकार से दस्तावेज़ मांगे थे लेकिन सरकार ने मार्च 2014 तक कोई जवाब नहीं दिया और फिर सिर्फ़ तीन दस्तावेज़ मुहैया करवाए।
ये मामला 2010 का है जब यूपीए सरकार ने VVIP के लिए इटली की कंपनी फ़िनमेकैनिका (Finmeccanica) से 3600 करोड़ में 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का फ़ैसला किया था, लेकिन घोटाले के आरोपों के बाद उसे रद्द कर दिया गया।
ये मामला 2010 का है जब यूपीए सरकार ने VVIP के लिए इटली की कंपनी फ़िनमेकैनिका (Finmeccanica) से 3600 करोड़ में 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का फ़ैसला किया था, लेकिन घोटाले के आरोपों के बाद उसे रद्द कर दिया गया।
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जिम्बाब्वे के हरारे स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर खेले गए बेहद रोमांचक पहले वनडे मुकाबले में भारत ने मेजबान टीम को चार रनों से हरा दिया है। भारतीय टीम के 255 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य के जवाब में खेलने उतरी जिम्बाब्वे टीम निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट गंवा कर 251 रन ही बना सकी। इसके साथ भारत ने तीन मैचों की इस सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। दूसरा मैच 12 जुलाई को इसी मैदान पर खेला जाएगा।
भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए मैन ऑफ द मैच चुने गए अंबाती रायडू (नाबाद 124) के शानदार शतक और स्टुअर्ट बिन्नी (77) के साथ छठे विकेट के लिए उनकी रिकार्ड साझेदारी की बदौलत जिम्बाब्वे के सामने 256 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। जवाब में खेलने उतरी मेजबान टीम कप्तान एल्टन चिगुम्बुरा (नाबाद 104) की साहसिक पारी के बावजूद निर्धारित 50 ओवरों के बाद सात विकेट खोकर 251 रन ही बना सकी।
अपने करियर का दूसरा शतक लगाने वाले चिगुम्बुरा के अलावा जिम्बाब्वे की ओर से हेमिल्टन मासाकाद्जा ने 34, सिकंदर रजा ने 37 और ग्रीम क्रेमर ने 27 रन बनाए। चिगुम्बुरा ने 101 गेंदों का सामना कर आठ चौके और एक छक्का लगाया। इन चारों ने उपयोगी साझेदारियां करते हुए अपनी टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया थ। चिगुम्बुरा ने मासाकाद्जा के साथ 42, रजा के साथ 45 और क्रेमर क साथ 68 गेंदों पर 86 रनों की साझेदारी की।
अंतिम ओवर में मेजबान टीम को जीत के लिए 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने अपनी सटीक गेंदबाजी से भारत के लिए मैच बचा लिया। भारत की ओर से अक्षर पटेल और स्टुअर्ट बिन्नी ने दो-दो विकेट लिए। कुमार और धवल कुलकर्णी को एक-एक सफलता मिली।
इससे पहले, अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रायडू और बन्नी की बदौलत भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 255 रन बनाए।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए मैन ऑफ द मैच चुने गए अंबाती रायडू (नाबाद 124) के शानदार शतक और स्टुअर्ट बिन्नी (77) के साथ छठे विकेट के लिए उनकी रिकार्ड साझेदारी की बदौलत जिम्बाब्वे के सामने 256 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। जवाब में खेलने उतरी मेजबान टीम कप्तान एल्टन चिगुम्बुरा (नाबाद 104) की साहसिक पारी के बावजूद निर्धारित 50 ओवरों के बाद सात विकेट खोकर 251 रन ही बना सकी।
अपने करियर का दूसरा शतक लगाने वाले चिगुम्बुरा के अलावा जिम्बाब्वे की ओर से हेमिल्टन मासाकाद्जा ने 34, सिकंदर रजा ने 37 और ग्रीम क्रेमर ने 27 रन बनाए। चिगुम्बुरा ने 101 गेंदों का सामना कर आठ चौके और एक छक्का लगाया। इन चारों ने उपयोगी साझेदारियां करते हुए अपनी टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया थ। चिगुम्बुरा ने मासाकाद्जा के साथ 42, रजा के साथ 45 और क्रेमर क साथ 68 गेंदों पर 86 रनों की साझेदारी की।
अंतिम ओवर में मेजबान टीम को जीत के लिए 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने अपनी सटीक गेंदबाजी से भारत के लिए मैच बचा लिया। भारत की ओर से अक्षर पटेल और स्टुअर्ट बिन्नी ने दो-दो विकेट लिए। कुमार और धवल कुलकर्णी को एक-एक सफलता मिली।
इससे पहले, अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रायडू और बन्नी की बदौलत भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 255 रन बनाए।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
अपने करियर का दूसरा शतक लगाने वाले चिगुम्बुरा के अलावा जिम्बाब्वे की ओर से हेमिल्टन मासाकाद्जा ने 34, सिकंदर रजा ने 37 और ग्रीम क्रेमर ने 27 रन बनाए। चिगुम्बुरा ने 101 गेंदों का सामना कर आठ चौके और एक छक्का लगाया। इन चारों ने उपयोगी साझेदारियां करते हुए अपनी टीम को जीत की स्थिति में पहुंचा दिया थ। चिगुम्बुरा ने मासाकाद्जा के साथ 42, रजा के साथ 45 और क्रेमर क साथ 68 गेंदों पर 86 रनों की साझेदारी की।
अंतिम ओवर में मेजबान टीम को जीत के लिए 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने अपनी सटीक गेंदबाजी से भारत के लिए मैच बचा लिया। भारत की ओर से अक्षर पटेल और स्टुअर्ट बिन्नी ने दो-दो विकेट लिए। कुमार और धवल कुलकर्णी को एक-एक सफलता मिली।
इससे पहले, अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रायडू और बन्नी की बदौलत भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 255 रन बनाए।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
अंतिम ओवर में मेजबान टीम को जीत के लिए 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन भुवनेश्वर कुमार ने अपनी सटीक गेंदबाजी से भारत के लिए मैच बचा लिया। भारत की ओर से अक्षर पटेल और स्टुअर्ट बिन्नी ने दो-दो विकेट लिए। कुमार और धवल कुलकर्णी को एक-एक सफलता मिली।
इससे पहले, अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रायडू और बन्नी की बदौलत भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 255 रन बनाए।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
इससे पहले, अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले रायडू और बन्नी की बदौलत भारत ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट पर 255 रन बनाए।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
रायडू ने बिन्नी के साथ छठे विकेट के लिए रिकार्ड 160 रनों का साझेदारी की। करियर का दूसरा शतक लगाने वाले रायडू ने 131 गेंदों का सामना कर 13 चौके और एक छक्का लगाया। बिन्नी ने 76 गेंदों पर छह चौके और दो छक्के जड़े।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
इसके अलावा कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 34 रनों का योगदान दिया। रहाणे ने 49 गेंदों पर पांच चौके लगाए। कप्तान ने रायडू के साथ दूसरे विकेट के लिए 51 रन जोड़े। जिम्बाब्वे की ओर से डोनाल्ड तिरिपानो और चामू चिभाबा ने दो-दो विकेट लिए।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
बिन्नी और रायडू ने जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की ओर से छठे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया। यह साझेदारी ऐसे वक्त में हुई, जब इसकी सबसे अधिक जरूरत थी।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
भारत 87 रनों पर पांच विकेट गंवा चुका था और उसका रन रेट भी रसातल में पहुंच गया था। ऐस में बिन्नी और रायडू ने असीम धैर्य का परिचय देते हुए एक उम्दा पारी खेली। इन दोनों ने युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के 158 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
बिन्नी ने वनडे क्रिकेट में अपना दूसरा अर्धशतक लगाया और खुद को साबित किया। रायडू के साथ उनकी साझेदारी टीम के लिए संजीवनी साबित हुई, क्योंकि एक वक्त ऐसा लग रहा था कि भारत 150 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगा।टिप्पणियां
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
नौ रनों के कुल योग पर मुरली विजय (1) का विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम दबाव में आ गई थी। रहाणे ने तो पहले रायडू के साथ मिलकर टीम को दबाव से निकालने का काम किया लेकिन बाद के बल्लेबाज अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर सके।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
मनोज तिवारी (2), रोबिन उथप्पा (0) और केदार जाधव (5) के सस्ते में आउट होने के बाद भारतीय टीम बहुत दबाव में थी और सस्ते में बिखरती नजर आ रही थी। एक छोर पर हालांकि रायडू टिके थे और फिर उन्हें बिन्नी का साथ मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने टीम को मजबूती प्रदान की।
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बांग्लादेश ने एंथ्रेक्स के खिलाफ राष्ट्रव्यापी ‘रेड अलर्ट’ जारी किया. देश में एंथ्रैक्स का पहला मामला दो हफ्ते पहले पता चला था जिसके बाद पशुओं के साथ साथ मनुष्य भी इसके संक्रमण के शिकार हो गए.
मत्स्य मंत्री अब्दुल लतीफ विश्वास ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने आज रेड अलर्ट जारी कर दिया.’’ उन्होंने बताया कि एंथ्रेक्स से पीड़ित पशुओं और इंसानों के उपचार के लिए वैक्सीन का पर्याप्त भंडार है. देशभर में सरकारी चिकित्सकों से हालात पर निगाह रखने के लिए कहा गया है.
महामारी नियंत्रण संस्थान के निदेशक महमुदुर रहमान ने बताया कि रविवार सुबह तक 298 लोगों को एंथ्रेक्स से संक्रमित पाया गया है लेकिन इनमें से किसी की हालत गंभीर नहीं है.
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Redmi 7A का अपग्रेड होगा
Redmi 8A
Redmi 8A में वॉटरड्रॉप स्टाइल नॉच दिया जाएगा
Xiaomi द्वारा आज भारत में Redmi 8A को लॉन्च किया जा रहा है. इसे Redmi 7A के अपग्रेड के तौर पर उतारा जाएगा. पिछले कुछ दिनों से कंपनी इसे अपने सोशल मीडिया चैनल्स के जरिये टीज़ कर रही थी. कंपनी इसकी लॉन्चिंग के लिए किसी फिजिकल इवेंट का आयोजन नहीं कर रही है. बल्कि लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये इसकी लॉन्चिंग की जाएगी. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इसमें वाटर ड्रॉप नॉच डिस्प्ले दिया जाएगा. साथ ही इसमें फ़ास्ट चार्जिंग सपोर्ट भी दिया जाएगा.
इसके अलावा इस फोन में बड़ी बैटरी दिए जाने की भी बात सामने आई है. लॉन्च से पहले TENAA लिस्टिंग में इसके कुछ स्पेसिफिकेशन्स भी सामने आए हैं. Redmi 8A के लॉन्च की लाइव स्ट्रीमिंग Xiaomi इंडिया यूट्यूब चैनल के जरिए होगी. लाइव इवेंट की शुरुआत दोपहर 12 बजे से की जाएगी. जहां तक कीमत की बात है तो Redmi 8A की कीमत Redmi 7A की कीमत के आसपास रखी जा सकती है. Redmi 7A के 2GB/16GB वेरिएंट की कीमत 5,999 रुपये है.
Redmi 8A के स्पेसिफिकेशन्स
Xiaomi ने पहले ही ये कंफर्म कर दिया है कि Redmi 8A में वॉटरड्रॉप स्टाइल नॉच दिया जाएगा. साथ ही ये ऑरा वेव ग्रिप डिजाइन के साथ आएगा. संभावना है कि इसमें फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 5,000mAh की बैटरी भी दी जाएगी.
एक हालिया टीजर में शाओमी इंडिया चीफ मनु कुमार जैन ने ट्वीट किया था कि Redmi 8A USB टाइप-C पोर्ट के साथ आएगा. जोकि इस सेगमेंट में कॉमन नहीं है.
TENAA लिस्टिंग के मुताबिक इस स्मार्टफोन में 6.2-इंच HD+ (720x1520 पिक्सल) TFT डिस्प्ले, ऑक्टा-कोर प्रोसेसर, 4GB रैम और 64GB स्टोरेज दी जाएगी. वहीं फोटोग्राफी के लिए रियर में 12MP प्राइमरी सेंसर और 8MP सेल्फी कैमरा दिया जाएगा.
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सत्य घटना पर बनी फिल्म टाइटैनिक फिर एक बार सिनेमाघरों में होगी. इसे अब 2डी और 3डी में रिलीज किया जाएगा. ये फिल्म 20 साल पहले 1997 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म को दुनियाभर में सराह गया था.
टाइटैनिक का नया ट्रेलर लॉन्च किया गया है, जिसमें फिल्म के निर्देशक जेम्स कैमरून इस बारे में बता रहे हैं. ये फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होगी. लेकिन इसे सिर्फ अमेरिका में ही देखा जा सकेगा. भारत में इसे ऑनलाइन ही देखा जा सकता है. अमेरिका के AMR थिएटर्स में यह फिल्म एक सप्ताह तक दिखाई जाएगी.
Never let go. For a limited time only relive the magic of
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— Titanic (@TitanicMovie)
November 15, 2017
'टाइटैनिक' के निर्देशक कैमरून ने कहा कि इसे दोबारा देखकर दर्शकों को पहली बार देखने जैसा अनुभव मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे अब डॉल्बी विजन के साथ रिलीज किया जा रहा है.
19 साल बाद 'टाइटैनिक' के क्लाइमैक्स को लेकर बोलीं विंसलेट
बता दें कि साल 1912 में के दुःखद हादसे की बैकग्राउंड पर बनी फिल्म 'टाइटैनिक' में 'जैक-रोज' की जोड़ी के रूप में काम करने के बाद लियोनार्डो डि कैप्रियो और केट रातों रात सुपरस्टार बन गए थे. आज भी सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले स्क्रीन कपल के रूप में उनकी चर्चा होती है.
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ये था टाइटैनिक का क्लाईमैक्स
फिल्म के क्लाईमैक्स में जब जहाज डूब रहा था, जैक और रोज को लकड़ी के एक दरवाजे का टुकड़ा मिलता है. जैक की मदद से रोज उस पर चढ़ जाती है, लेकिन जब जैक उस पर चढ़ने की कोशिश करता है, तो दरवाजा डूबने लगता है. उसके बाद जैक तय करता है कि वह पानी में ही रहकर रोज की जिन्दगी बचाएगा और आखिरकार जम जाने की वजह से उसकी मौत हो जाती है.
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जैक और रोज को लोग अभी भी करते हैं पसंद
केट विंसलेट ने जिमी किमेल के शो के दौरान कहा, 'लोग हमेशा मुझे और लियो को एक साथ देखकर बहुत खुश हो जाते हैं. जो सोचा जाए, तो बेहद खूबसूरत एहसास है. 20 साल हो गए हैं लोगों को आज भी हमें साथ देखकर अच्छा लगता है. हम इसे लेकर हंसते हैं. हम कल रात भी इसे लेकर हंस रहे थे. मैं सोच रही थी कि क्या आप यकीन कर सकते हैं कि लोग आज भी जैक और रोज के प्रति इतना ज्यादा मोहित हैं.'
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ओबैदुल्लाह खान आज़मी एक सुन्नी इस्लामी राजनीतिज्ञ हैं। वह 1990 से 2008 तक भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा के सदस्य रहे। उन्होंने 1990-96 के दौरान उत्तर प्रदेश का और 1996-2002 के दौरान झारखंड से जनता दल पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। 1992-96 के बीच वे जनता दल के महासचिव थे और बाद में इसके वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने। 2002 से 2008 तक उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी किया।
शाह बानो मामले का विरोध
यह सभी देखें
बाहरी संबंध
राज्यसभा की वेबसाइट पर प्रोफाइल पर संग्रहीत किया गया
संदर्भ
उत्तर प्रदेश के नेता
समाजवादी पार्टी के राजनीतिज्ञ
उत्तर प्रदेश के राज्यसभा सदस्य
1949 में जन्मे लोग
जीवित लोग
वेबग्रंथागार साँचा वेबैक कड़ियाँ
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देश के शेयर बाजारों में बुधवार को गिरावट देखी गई. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 77.03 अंकों की गिरावट के साथ 18,552.12 पर और निफ्टी 20.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,588.70 पर बंद हुआ.
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 33.22 अंकों की तेजी के साथ 18,662.37 पर खुला और 77.03 अंकों या 0.41 फीसदी की गिरावट के साथ 18,552.12 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,690.50 के ऊपरी और 18,514.35 के निचले स्तर को छुआ.
सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयरों में तेजी दर्ज की गई. हीरो मोटोकॉर्प (3.89 फीसदी), टीसीएस (2.84 फीसदी), गेल इंडिया (2.73 फीसदी), एनटीपीसी (2.13 फीसदी) और विप्रो (0.97 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई. सेंसेक्स के 18 शेयरों में गिरावट रही.
गिरावट वाले शेयरों में भारती एयरटेल (5.74 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.63 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.02 फीसदी), जिंदल स्टील (2.89 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.32 फीसदी) प्रमुख रहे. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 18.85 अंकों की तेजी के साथ 5,627.95 पर खुला और 20.40 अंकों या 0.36 फीसदी की गिरावट के साथ 5,588.70 पर बंद हुआ.
दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 5,635.25 के ऊपरी और 5,579.35 के निचले स्तर को छुआ. बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई. मिडकैप सूचकांक 39.41 अंकों की गिरावट के साथ 5,817.20 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 20.58 अंकों की गिरावट के साथ 5,549.67 पर बंद हुआ. बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों -सूचना प्रौद्योगिकी (1.69 फीसदी), बिजली (0.93 फीसदी), तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.66 फीसदी) और प्रौद्योगिकी (0.40 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई.
बीएसई के गिरावट वाले शेयरों में वाहन (1.79 फीसदी), धातु (1.31 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.12 फीसदी), स्वास्थ्य सेवाएं (1.12 फीसदी) और बैंकिंग (1.03 फीसदी) प्रमुख रहे. बीएसीई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा. कुल 952 शेयरों में तेजी और 1,360 में गिरावट दर्ज की गई, जबकि 144 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया केदारनाथ यात्रा की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि मोदी मंदिर प्रांगण के अंदर जूते पहन कर गए. तस्वीर में मोदी मंदिर के निकास द्वार पर हाथ जोड़ कर खड़े दिख रहे हैं.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है. मोदी मंदिर में ऊन से बने मोजे पहन कर गए थे. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन
यहां
देखा जा सकता है.
फेसबुक पेज "
माधुरी दीक्षित
" ने यह तस्वीर पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा: "बाबा के मंदिर में जूते पहनकर जाते हुए हिंदू हृदय सम्राट." खबर लिखे जाने तक यह पोस्ट 15000 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी थी.
वायरल पोस्ट का सच जानने के लिए हमने इंडिया टुडे के जर्नलिस्ट मंजीत नेगी से बात की. नेगी पीएम मोदी की केदारनाथ यात्रा कवर करने गए थे. उन्होंने बताया: "मंदिर के बाहर तक पीएम मोदी ने काले रंग के जूते पहने हुए थे, लेकिन मंदिर में जाने से पहले उन्होंने जूते उतार दिए थे. वे गहरे नीले रंग के ऊनी मोजे पहन कर मंदिर गए थे."
हमें उस वक्त का एक वीडियो भी मिला. मोदी की आधिकारिक
वेबसाइट
पर अपलोड किए गए इस वीडियो में 5 मिनट 35 सेकंड से देखा जा सकता है कि पीएम मोदी मंदिर के बाहर रुकते हैं, जहां एक तरफ काउच और उसके पास ऊन से बने दो जोड़ी मोजे रखे दिख रहे हैं. यहीं बैठ कर उन्होंने जूते उतारे और बिना सोल वाले ये ऊनी मोजे पहने.
मंदिर परिसर में चमड़े से बनी चीजें जैसे जूते, पर्स, बेल्ट आदि ले जाने की अनुमति नहीं होती, लेकिन ऊन से बने मोजे पहन कर अंदर जा सकते हैं.
पीएम मोदी ने इस दिन की कुछ तस्वीरें ट्वीट भी की थीं. इनमें से एक तस्वीर में उन्हें काले रंग के मोटे सोल वाले जूते पहने देखा जा सकता है, जबकि मंदिर परिसर के अंदर उन्होंने जिन मोजों में प्रवेश किया उनके नीचे इस तरह का सोल दिखाई नहीं देता.
पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि पीएम मोदी मंदिर के अंदर ऊनी मोजे पहन कर गए थे.
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राफेल जोस ओरोज्को मास्ट्रे (बेसेरिल, कोलम्बिया, 24 मार्च, 1954 - बैरेंक्विला, कोलम्बिया, 11 जून, 1992) एक कोलम्बियाई गायक हैं। वह कोलंबियाई लोकप्रिय लोक संगीत के मुख्य प्रतिनिधियों में से एक थे।
जीवनी
उनका जन्म 24 मार्च, 1954 को बेसेरिल में हुआ था।
राफेल ओरोज्को लुसियानो पोवेदा और उनके बैंड के गायक थे, लेकिन केवल निजी पार्टियों के एनीमेशन के लिए। उसके बाद, उन्होंने जूलियो डे ला ओसा के साथ भी रिकॉर्ड नहीं किया। ओरोज्को ने पहली बार 1975 में अकॉर्डियनिस्ट एमिलियो ओविएडो के साथ रिकॉर्ड किया था। राफेल संयोग से इज़राइल रोमेरो से मिले जिन्होंने संगीत समूह (बिनोमियो डी ओरो) पाया। उन्हें 16 स्वर्ण पुरस्कार और 2 प्लैटिनम पुरस्कार मिले।
राफेल ओरोज्को ने 5 मार्च 1976 को बैरेंक्विला में क्लारा एलेना कैबेलो सरमिएंटो से शादी की।
ओरोज्को को उसकी बेटी के 15वें जन्मदिन की पार्टी के दौरान बैरेंक्विला में उसके घर के सामने हथियारबंद लोगों ने मार डाला।
संदर्भ
1954 में जन्मे लोग
१९९२ में निधन
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यह लेख है: चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल मैच में भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के प्रदर्शन ने एक हद तक लीग मैच में भारत के ही खिलाफ पाकिस्तान के वहाब रियाज के प्रदर्शन की याद ताजा कर दी. फाइनल मैच के पहले अश्विन चोटग्रस्त थे और उनके खेलने को लेकर संशय बरकरार था. हालांकि फिट होकर अश्विन मैच में खेले लेकिन उनके लिए यह मैच गेंदबाजी के लिहाज से बेहद निराशाजक साबित हुआ. अश्विन ने अपने 10 ओवर के कोटे में बिना किसी मेडन के 70 रन खर्च किए और वे कोई विकेट लेने में नाकाम रहे.
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में यह किसी भी खिलाड़ी का सबसे महंगा गेंदबाजी विश्लेषण है. गौरतलब है कि इससे पहले भारत के खिलाफ ग्रुप मुकाबले में पाकिस्तान के वहाब रियाज की भी चार जून को खूब धुलाई हुई थी. इस मैच में वहाब ने 8.4 ओवर में 87 रन लुटाए थे और कोई विकेट उनके खाते में नहीं आया था. यही नहीं, इस मैच के दौरान बाएं हाथ के पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वहाब चोटग्रस्त होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे. बांग्लादेश के खिलाफ एक जून के मुकाबले में इंग्लैंड के जैक बॉल को भी ऐसे ही अनुभव से गुजरना पड़ा था. इस मैच में बॉल 10 ओवर में 82 रन खर्च किए थे और उन्हें एक विकेट मिला था. चैंपियंस ट्रॉफी में महंगी गेंदबाजी के मामले में न्यूजीलैंड के एडम मिल्ने तीसरे स्थान पर हैं. इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 10 ओवर में 79 रन दिए थे. हालांकि मिल्ने इस दौरान तीन विकेट भी लेने में कामयाब रहे थे.
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में यह किसी भी खिलाड़ी का सबसे महंगा गेंदबाजी विश्लेषण है. गौरतलब है कि इससे पहले भारत के खिलाफ ग्रुप मुकाबले में पाकिस्तान के वहाब रियाज की भी चार जून को खूब धुलाई हुई थी. इस मैच में वहाब ने 8.4 ओवर में 87 रन लुटाए थे और कोई विकेट उनके खाते में नहीं आया था. यही नहीं, इस मैच के दौरान बाएं हाथ के पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वहाब चोटग्रस्त होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे. बांग्लादेश के खिलाफ एक जून के मुकाबले में इंग्लैंड के जैक बॉल को भी ऐसे ही अनुभव से गुजरना पड़ा था. इस मैच में बॉल 10 ओवर में 82 रन खर्च किए थे और उन्हें एक विकेट मिला था. चैंपियंस ट्रॉफी में महंगी गेंदबाजी के मामले में न्यूजीलैंड के एडम मिल्ने तीसरे स्थान पर हैं. इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने 10 ओवर में 79 रन दिए थे. हालांकि मिल्ने इस दौरान तीन विकेट भी लेने में कामयाब रहे थे.
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यह लेख है: पाकिस्तान पर 2008 से ही शासन कर रही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को चुनाव में करारा झटका लगा है और पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के अपने पूर्ववर्ती युसूफ रजा गिलानी के दो बेटों के साथ चुनाव हारने से पार्टी के लिए और शर्मनाक स्थिति हो गई है।
अशरफ को एनए 51 (रावलपिंडी 2) सीट पर तगड़ी शिकस्त मिली है। जियो न्यूज ने यह समाचार दिया है।
अनधिकृत और शुरुआती परिणामों के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार राजा मोहम्मद जावेद इखलास ने अशरफ को इस सीट पर पछाड़ा। इखलास को 82,339 वोट जबकि राजा परवेज अशरफ को 23, 233 वोट मिले।
इसी प्रकार गिलानी के दो बेटे अली मूसा गिलानी तथा अब्दुल कादिर गिलानी अपनी मुल्तान सीटों से चुनाव हार गए हैं। अब्दुल का पिछले सप्ताह चुनाव प्रचार के दौरान संदिग्ध तालिबान आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। इससे पूर्व, पाकिस्तान की एक अदालत ने गिलानी को अयोग्य करार दिया था।
अनधिकृत चुनाव परिणामों को देखें तो पिछले पांच साल से देश पर शासन करने वाली पीपीपी को बड़ा झटका लगा है और यह सिंध तक सिमट कर रह गई है।
उपलब्ध रुझानों के अनुसार पीपीपी के तीसरे नंबर पर रहने की संभावना है लेकिन यदि पीएमएल-एन 342 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रहती है तो सरकार बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा समेत पीपीपी के शीर्ष नेता देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपनी सीटें गंवा बैठे हैं। इस समय संसद के उच्च सदन में पीपीपी के पास अगले कम से कम डेढ़ साल के लिए बहुमत है। ऐसे में नई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए पीपीपी की सहमति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा पाना मुश्किल होगा।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
अशरफ को एनए 51 (रावलपिंडी 2) सीट पर तगड़ी शिकस्त मिली है। जियो न्यूज ने यह समाचार दिया है।
अनधिकृत और शुरुआती परिणामों के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार राजा मोहम्मद जावेद इखलास ने अशरफ को इस सीट पर पछाड़ा। इखलास को 82,339 वोट जबकि राजा परवेज अशरफ को 23, 233 वोट मिले।
इसी प्रकार गिलानी के दो बेटे अली मूसा गिलानी तथा अब्दुल कादिर गिलानी अपनी मुल्तान सीटों से चुनाव हार गए हैं। अब्दुल का पिछले सप्ताह चुनाव प्रचार के दौरान संदिग्ध तालिबान आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। इससे पूर्व, पाकिस्तान की एक अदालत ने गिलानी को अयोग्य करार दिया था।
अनधिकृत चुनाव परिणामों को देखें तो पिछले पांच साल से देश पर शासन करने वाली पीपीपी को बड़ा झटका लगा है और यह सिंध तक सिमट कर रह गई है।
उपलब्ध रुझानों के अनुसार पीपीपी के तीसरे नंबर पर रहने की संभावना है लेकिन यदि पीएमएल-एन 342 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रहती है तो सरकार बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा समेत पीपीपी के शीर्ष नेता देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपनी सीटें गंवा बैठे हैं। इस समय संसद के उच्च सदन में पीपीपी के पास अगले कम से कम डेढ़ साल के लिए बहुमत है। ऐसे में नई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए पीपीपी की सहमति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा पाना मुश्किल होगा।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
अनधिकृत और शुरुआती परिणामों के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार राजा मोहम्मद जावेद इखलास ने अशरफ को इस सीट पर पछाड़ा। इखलास को 82,339 वोट जबकि राजा परवेज अशरफ को 23, 233 वोट मिले।
इसी प्रकार गिलानी के दो बेटे अली मूसा गिलानी तथा अब्दुल कादिर गिलानी अपनी मुल्तान सीटों से चुनाव हार गए हैं। अब्दुल का पिछले सप्ताह चुनाव प्रचार के दौरान संदिग्ध तालिबान आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। इससे पूर्व, पाकिस्तान की एक अदालत ने गिलानी को अयोग्य करार दिया था।
अनधिकृत चुनाव परिणामों को देखें तो पिछले पांच साल से देश पर शासन करने वाली पीपीपी को बड़ा झटका लगा है और यह सिंध तक सिमट कर रह गई है।
उपलब्ध रुझानों के अनुसार पीपीपी के तीसरे नंबर पर रहने की संभावना है लेकिन यदि पीएमएल-एन 342 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रहती है तो सरकार बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा समेत पीपीपी के शीर्ष नेता देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपनी सीटें गंवा बैठे हैं। इस समय संसद के उच्च सदन में पीपीपी के पास अगले कम से कम डेढ़ साल के लिए बहुमत है। ऐसे में नई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए पीपीपी की सहमति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा पाना मुश्किल होगा।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
इसी प्रकार गिलानी के दो बेटे अली मूसा गिलानी तथा अब्दुल कादिर गिलानी अपनी मुल्तान सीटों से चुनाव हार गए हैं। अब्दुल का पिछले सप्ताह चुनाव प्रचार के दौरान संदिग्ध तालिबान आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। इससे पूर्व, पाकिस्तान की एक अदालत ने गिलानी को अयोग्य करार दिया था।
अनधिकृत चुनाव परिणामों को देखें तो पिछले पांच साल से देश पर शासन करने वाली पीपीपी को बड़ा झटका लगा है और यह सिंध तक सिमट कर रह गई है।
उपलब्ध रुझानों के अनुसार पीपीपी के तीसरे नंबर पर रहने की संभावना है लेकिन यदि पीएमएल-एन 342 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रहती है तो सरकार बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा समेत पीपीपी के शीर्ष नेता देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपनी सीटें गंवा बैठे हैं। इस समय संसद के उच्च सदन में पीपीपी के पास अगले कम से कम डेढ़ साल के लिए बहुमत है। ऐसे में नई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए पीपीपी की सहमति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा पाना मुश्किल होगा।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
अनधिकृत चुनाव परिणामों को देखें तो पिछले पांच साल से देश पर शासन करने वाली पीपीपी को बड़ा झटका लगा है और यह सिंध तक सिमट कर रह गई है।
उपलब्ध रुझानों के अनुसार पीपीपी के तीसरे नंबर पर रहने की संभावना है लेकिन यदि पीएमएल-एन 342 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रहती है तो सरकार बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा समेत पीपीपी के शीर्ष नेता देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपनी सीटें गंवा बैठे हैं। इस समय संसद के उच्च सदन में पीपीपी के पास अगले कम से कम डेढ़ साल के लिए बहुमत है। ऐसे में नई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए पीपीपी की सहमति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा पाना मुश्किल होगा।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
उपलब्ध रुझानों के अनुसार पीपीपी के तीसरे नंबर पर रहने की संभावना है लेकिन यदि पीएमएल-एन 342 सदस्यीय नेशनल असेम्बली में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रहती है तो सरकार बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा समेत पीपीपी के शीर्ष नेता देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपनी सीटें गंवा बैठे हैं। इस समय संसद के उच्च सदन में पीपीपी के पास अगले कम से कम डेढ़ साल के लिए बहुमत है। ऐसे में नई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए पीपीपी की सहमति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा पाना मुश्किल होगा।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
पूर्व सूचना मंत्री कमर जमान कैरा समेत पीपीपी के शीर्ष नेता देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में अपनी सीटें गंवा बैठे हैं। इस समय संसद के उच्च सदन में पीपीपी के पास अगले कम से कम डेढ़ साल के लिए बहुमत है। ऐसे में नई सत्तारूढ़ पार्टी के लिए पीपीपी की सहमति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा पाना मुश्किल होगा।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
1970 के चुनाव में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो ने पंजाब को जीता था और इस शानदार जीत के बाद लाहौर को काफी समय तक पार्टी का गढ़ माना जाता रहा।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
लेकिन वर्ष 2013 के अनधिकृत परिणाम बताते हैं कि पार्टी एक बार फिर केवल सिंध तक सिमट गई है जैसा कि 1997 में हुआ था। उस समय बेनजीर भुट्टो की अगुवाई वाली पीपीपी को नेशनल असेम्बली में 20 से भी कम सीटें मिली थीं। एक्सप्रेस न्यूज में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।टिप्पणियां
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
पिछले पांच साल में पार्टी ने पंजाब में अपनी छवि को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन इसके खराब प्रदर्शन के चलते इस इलाके में इसके चुनावी सपने ध्वस्त हो गए। पीपीपी ने पंजाब को दो भागों में बांटने का भी वादा किया था लेकिन उसका यह नारा भी दक्षिणी पंजाब में उसे वोट दिलाने में कामयाब नहीं हुआ।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
वर्ष 2008 के चुनाव में आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी ने नेशनल असेम्बली की 97 सीटें हासिल की थीं। महिलाओं के लिए आरक्षित 24 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित चार सीटों को हासिल करने के बाद 340 सदस्यीय सदन में पीपीपी का आंकड़ा 124 तक पहुंच गया था और पार्टी ने एमक्यूएम, एएनपी तथा जेयूआई-एफ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी।
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अगर आप हिन्दू पंचांग पर जानकारी ढूंढ रहें हैं, तो हिन्दू पंचांग का लेख देखिए
पंचांग (यूनानी: ἐφημερίς) ऐसी तालिका को कहते हैं जो विभिन्न समयों या तिथियों पर आकाश में खगोलीय वस्तुओं की दशा या स्थिति का ब्यौरा दे। १) तिथि, २) वार, ३) नक्षत्र, ४) योग, तथा ५) करण यह पंचांग के पंच अंग हैं | खगोलशास्त्र और ज्योतिषी में विभिन्न पंचांगों का प्रयोग होता है। इतिहास में कई संस्कृतियों ने पंचांग बनाई हैं क्योंकि सूरज, चन्द्रमा, तारों, नक्षत्रों और तारामंडलों की दशाओं का उनके धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में गहरा महत्व होता था। सप्ताहों, महीनों और वर्षों का क्रम भी इन्ही पंचांगों पर आधारित होता था। उदाहरण के लिए रक्षा बंधन का त्यौहार श्रवण के महीने में पूर्णिमा (पूरे चंद की दशा) पर मनाया जाता था।
किसी भी विशेष कार्यक्रम को करने से पहले हिन्दू संस्कृति में प्राचीन काल से शुभ और अशुभ समय को देखने के लिए उस दिन के पंचांग यानि आज का पंचांग देखा जाता है इसलिए शादी-विवाह, नया व्यापार, घर प्रवेश और सभी विशेष कार्यक्रम के लिए पंचांग को महत्व दिया जाता है
पंचांगों का इतिहास
१००० ईपू - बैबिलोनियाई खगोलशास्त्र के पंचांग
दूसरी सदी ईसवी - टॉलमी की अल्मागेस्ट और आसान तालिकाएँ
८वीं सदी ईसवी - इब्राहीम अल-फ़ज़ारी की ज़ीज ('ज़ीज' का अर्थ तारों की तालिका होता है)
९वीं सदी ईसवी - मुहम्मद इब्न मूसा अल-ख़्वारिज़्मी की ज़ीज
१२वीं सदी ईसवी - क्रेमोना के जेरार्ड द्वारा अरबी ज़ीज पर आधारित 'तोलेदो की तालिकाएँ', जो यूरोप के प्रचलित पंचांग बन गए
१३वीं सदी ईसवी - मराग़ेह वेधशाला (ऑब्ज़रवेटरी) की ज़ीज-ए-इलख़ानी
१३वीं सदी ईसवी - 'तोलेदो की तालिकाओं' में कुछ ख़ामियाँ ठीक करने वाली 'अल्फ़ोंसीन तालिकाएँ', जो यूरोप का नया प्रमुख पंचांग बन गया
१४०८ ई - चीनी पंचांग
१४९६ ई - पुर्तगाल के अब्राऊं बेन सामुएल ज़ाकुतो का 'अल्मनाक पेरपेतूम'
१५०८ ई - यूरोपीय खोजयात्री क्रिस्टोफ़र कोलम्बस द्वारा जर्मन खगोलशास्त्री रेजियोमोंतानस के पंचांग का प्रयोग करके जमैका के आदिवासियों के लिए चाँद ग्रहण की भविष्यवाणी, जिस से वे अचम्भित रह गए
१५५१ ई - कोपरनिकस की अवधारणाओं पर आधारित एराज़मस राइनहोल्ड की 'प्रूटेनिक तालिकाएँ', जो यूरोप का नया मानक पंचांग बन गई
१५५४ ई - योहानेस स्टाडियस ने अपनी कृति में ग्रहों की स्थितियों की भविष्यवानियाँ करीं लेकिन उनमें कई ग़लतियाँ थी
१६२७ ई - योहानेस केप्लर की 'रूदोल्फ़ीन तालिकाएँ' नया यूरोपीय मानक बन गई
इन्हें भी देखें
युग (बुनियादी तिथि)
हिन्दू पंचांग
सन्दर्भ
समय मापन
कैलंडर
खगोलशास्त्र
खगोलमिति
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जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी ने दिल्ली हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत देने की मांग करते हुए कहा कि कैदियों को भी यौन संबंध बनाने और अपने साथी के साथ बच्चे पैदा करने का मौलिक अधिकार है.
हत्या के एक मामले में 2008 से जेल में बंद एक आरोपी के वकील ने न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता से कहा कि मुक्त आवागमन और पेशे के अधिकार को छोड़कर, जेल की सजा के दौरान किसी अन्य मौलिक अधिकार को निलंबित नहीं किया जा सकता. हालांकि जेल के बाहर मौजूद लोगों की तुलना में कैदियों के अन्य अधिकारों पर जेल के कारण कुछ हद तक ग्रहण लग जाता है.
आरोपी संदीप त्यागी के वकील विकास ने कैदियों के मौलिक अधिकारियों को लेकर विभिन्न मामलों को हवाला दिया. एक फैसले का हवाला देते हुए वकील ने कहा कि सेक्स किसी कैदी के जीवन का महत्वपूर्ण भाग होता है. यह समझा जाना चाहिए कि सामान्य वयस्क व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने की इच्छा महसूस करेगा और अगर कैदियों को थोड़ी सी स्वतंत्रता नहीं मिली तो वे जेल के अंदर अप्राकृतिक यौन संबंध जैसे अपराध कर सकते हैं.
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पत्नी की कथित रूप से अश्लील वीडियो बनाने और उसका इस्तेमाल दहेज के लिए करने वाले भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के एक अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गिट्टीखादन पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु निवासी आईआरएस अधिकारी निशवंत देवराजन कुल्लूलातिल और उसकी मां, बहन के खिलाफ बुधवार को घरेलू हिंसा, यौन अपराध और दहेज निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।टिप्पणियां
निशवंत की पत्नी आयकर अधिकारी है। उसने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि इस वर्ष 6 फरवरी और 3 सितंबर को उसके पति ने हॉस्टल के कमरे में उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और उसकी वीडियो फिल्म बना ली।
राजस्व अधिकारी ने कथित रूप से अपनी पत्नी को धमकी दी कि यदि उसने 10 लाख रुपये नहीं दिए, तो वह इस वीडियो को इंटरनेट पर डाल देगा। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी सास और ननद भी उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करती थीं। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच करने और निशवंत को पकड़ने के लिए पुलिस के एक दल को बेंगलुरु भेजा गया है।
गिट्टीखादन पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु निवासी आईआरएस अधिकारी निशवंत देवराजन कुल्लूलातिल और उसकी मां, बहन के खिलाफ बुधवार को घरेलू हिंसा, यौन अपराध और दहेज निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।टिप्पणियां
निशवंत की पत्नी आयकर अधिकारी है। उसने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि इस वर्ष 6 फरवरी और 3 सितंबर को उसके पति ने हॉस्टल के कमरे में उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और उसकी वीडियो फिल्म बना ली।
राजस्व अधिकारी ने कथित रूप से अपनी पत्नी को धमकी दी कि यदि उसने 10 लाख रुपये नहीं दिए, तो वह इस वीडियो को इंटरनेट पर डाल देगा। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी सास और ननद भी उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करती थीं। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच करने और निशवंत को पकड़ने के लिए पुलिस के एक दल को बेंगलुरु भेजा गया है।
निशवंत की पत्नी आयकर अधिकारी है। उसने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें कहा गया कि इस वर्ष 6 फरवरी और 3 सितंबर को उसके पति ने हॉस्टल के कमरे में उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और उसकी वीडियो फिल्म बना ली।
राजस्व अधिकारी ने कथित रूप से अपनी पत्नी को धमकी दी कि यदि उसने 10 लाख रुपये नहीं दिए, तो वह इस वीडियो को इंटरनेट पर डाल देगा। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी सास और ननद भी उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करती थीं। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच करने और निशवंत को पकड़ने के लिए पुलिस के एक दल को बेंगलुरु भेजा गया है।
राजस्व अधिकारी ने कथित रूप से अपनी पत्नी को धमकी दी कि यदि उसने 10 लाख रुपये नहीं दिए, तो वह इस वीडियो को इंटरनेट पर डाल देगा। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी सास और ननद भी उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करती थीं। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच करने और निशवंत को पकड़ने के लिए पुलिस के एक दल को बेंगलुरु भेजा गया है।
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यह एक लेख है: तकरीबन तीन हफ्ते पहले नरेंद्र मोदी पर नरम नजर आ रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को 2002 के गुजरात दंगों के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि देश ने देखा है कि गुजरात में किस तरह 'जनसंहार' हुआ।
पवार ने मोदी के विकास के मॉडल और देश की तस्वीर बदल कर रख देने के उनके दावे पर भी सवाल उठाए। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री अपने विकास के एजेंडे की बात करते हैं...पर विकास कहां है? क्या इससे गरीबों के जीवन में चहुंमुखी विकास हो रहा है? क्या इससे गरीबों के चेहरे पर मुस्कान आ रही है?
साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के सांप्रदायिक दंगों की तरफ इशारा करते हुए पवार ने कहा, वे देश की तस्वीर बदल कर रख देने की बात करते हैं...पर पूरे देश ने देखा कि जनसंहार किस तरह हुआ।
इस महीने की शुरुआत में पवार ने कहा था कि 2002 के दंगों के दौरान मोदी की भूमिका पर अदालत का फैसला आ जाने के बाद अब इस पर बहस करने की जरूरत नहीं है।
कोल्हापुर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा था, यदि अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है, तो इस पर बहस का सवाल ही पैदा नहीं होता। हम अदालत के आदेश को स्वीकार करते हैं। इस पर कोई बहस नहीं होगी। पवार की मोदी से मुलाकात की भी खबरें आई थीं, पर एनसीपी नेता ने इससे इनकार किया था।
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कर्नाटक में आखिरकार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई है. बी. एस. येदियुरप्पा ने गुरुवार सुबह करीब 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, अब उन्हें सिर्फ बहुमत साबित करना होगा. दूसरी ओर कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस अपने सभी विधायकों के साथ बेंगलुरु के इग्लटन रिजॉर्ट में डेरा डाले हुए है तो वहीं जेडीएस के विधायक होटल शंगरी-ला में रुके हुए हैं.
कर्नाटक की राजनीतिक हलचल का असर बेंगलुरु के इस 5 स्टार होटल में भी देखने को मिल रहा है. होटल के मेन गेट से लेकर लॉबी तक राजनेताओं की ही चहलकदमी दिख रही है, शायद इस होटल के लिए इस प्रकार का पहला मौका है. ना सिर्फ होटल बल्कि होटल के आसपास भी जेडीएस के कार्यकर्ता दिखाई दे रहे हैं. हर तरफ कार्यकर्ताओं का जमावड़ा है.
होटल में ही एक नीले रंग की टूरिस्ट बस खड़ी है, लेकिन इस बस में कोई पर्यटक नहीं बल्कि जेडीएस के विधायक सवार होकर आए हैं. होटल के स्टाफ का कहना है कि हम अपने सभी गेस्ट को काफी अच्छे तरीके से मैनेज कर रहे हैं.
होटल के स्टाफ का कहना है कि हमारे लिए ये अनुभव थोड़ा नया है, क्योंकि जैसे ही हम बाहर निकलते हैं तो काफी कैमरे अचानक से हमारी तरफ रुख करते हैं. और सवालों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है.
आपको बता दें कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने बुधवार शाम से ही अपने विधायकों के साथ इग्लटन रिजॉर्ट में डेरा डाला हुआ है. हालांकि, बताया जा रहा है कि कांग्रेस के तीन विधायक रिजॉर्ट से गायब हैं. कुछ विधायक गुरुवार को ही एक-एक कर रिजॉर्ट छोड़ कर जा रहे हैं.
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संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, आलिया भट्ट, वरुण धवन, सोनाक्षी सिन्हा और आदित्य रॉय कपूर स्टारर कलंक का टीजर रिलीज हो गया है. दो मिनट पांच सेकेंड के टीजर में फिल्म की कहानी के कुछ पन्ने खुलते नजर आ रहे हैं. हालांकि सही सही कहानी क्या है? इस बात का सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है. टीजर बहुत ही भव्य है, जिसे देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि फिल्म अधूरी मोहब्बत की दास्तां हैं. और इस कहानी का असली राज कहीं न कहीं इसके टाइटल "कलंक" में छिपा है.
कैसा है टीजर:
वरुण धवन की आवाज में पहले डायलॉग से टीजर की शुरुआत होती है. वरुण कहते हैं, "कुछ रिश्ते कर्जों की तरह होते हैं. जिन्हें निभाना नहीं, चुकाना पड़ता है." वरुण के किरदार का नाम जफ़र है. इसके बाद सबसे पहले सामने आता है बहार बेगम, माधुरी दीक्षित का चेहरा. उनके हाव-भाव और किरदार देखकर ये कयास लगाया जा रहा है कि एक बार फिर देवदास के बाद माधुरी तवायफ के रोल में नजर आने वाली हैं.
इसके बार एक स्ट्रांग बैकग्राउंड के साथ फिल्म के कई शानदार सीन नजर आते हैं. इसके बाद फिल्म में दूसरा डायलॉग बोलते नजर आती हैं रूप यानी आलिया भट्ट. वो कहती हैं, जब किसी और की बर्बादी अपनी जीत जैसे लगे तो हमसे ज्यादा बर्बाद कोई और नहीं है दुनिया में. टीजर में अधूरी मोहब्बत, हिंदू-मुस्लिम के बीच हुए दंगे, लव ट्रैंगल जैसी कई कहानियां है. 6 किरदारों के बीच बुनी गई कहानी दो पीढ़ियों के बीच की है. संभवत: पहली पीढ़ी की कहानी 1945 के दौर में बलराज चौधरी यानी संजय दत्त और बहार बेगम से होते हुए जफ़र और रूप तक पहुंचती है.
टीजर कुछ इस तरह बनाया गया है कि वो प्रभावी तो नजर आता है, लेकिन कहानी पर पर्दा डाले हुए है. फिलहाल माना जा सकता है कि ये इस साल की एक अच्छी कहानी है. प्रभावी टीजर में नजर आ रहे इनडोर और आउटडोर लोकेशन बहुत ही आकर्षक हैं. कहना गलत नहीं होगा कि करण जौहर ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को भव्यता के साथ बनाया है.
यहां देखें ट्रेलर
फिल्म का डायरेक्शन
अभिषेक वर्मन ने कियाहै. इसे 17 अप्रैल 2019को रिलीज किया जाएगा. ये इस साल रिलीज हो रही वरुण धवन की पहली और गली बॉय के बाद आलिया भट्ट की दूसरी फिल्म है.
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पोस्टर में पार्टी की सही जगह व तारीख का उल्लेख नहीं
पार्टी में 10-15 विदेशी के शामिल होने का है जिक्र
गोवा पुलिस ने न्यूड पार्टी को लेकर हुए वायरल पोस्टर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने दावा किया है ऐसी कोई पार्टी नहीं होने दी जाएगी. इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस अपने सभी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रही है.
सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि नार्थ गोवा में एक न्यूड पार्टी आयोजित की जाएगी. इस खबर के बाद पुलिस की नींद उड़ गई है. सोशल मीडिया पर इसका पोस्टर भी शेयर किया गया है. अब पुलिस ने इस पार्टी को रोकने के लिए मामले की जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस पार्टी की जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने मुखबिरों का इस्तेमाल कर रही है.
पुलिस के मुताबिक पोस्टर में दावा किया गया है कि पार्टी नार्थ गोवा में आयोजित की जाएगी. इसमें तीन सड़कों का जिक्र किया गया है. लेकिन पार्टी आयोजित होने की सही जगह की पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है और ना ही पार्टी की तारीख का कोई उल्लेख किया गया है. सोशल मीडिया पर जो पोस्टर शेयर किया गया है उसके मुताबिक पार्टी में 10 से 15 विदेशी लोगों और 10 लड़कियों के शामिल होने की संभावना है.
इस बीच, गोवा महिला कांग्रेस प्रमुख प्रतिमा कोटिन्हो ने कहा है कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पर्यटन मंत्री मनोहर अजगांवकर को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की कोई पार्टी गोवा में आयोजित नहीं हो.
गौरतलब है कि गोवा में पार्टियां होती रहती हैं. कई बार पुलिस ऐसी पार्टियों में छापेमारी भी करती है. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी ने सोशल मीडिया पर पार्टी करने के पहले ही जानकारी सार्वजनिक कर दी हो कि वह न्यूड पार्टी का आयोजन करेगा. ऐसे में पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है कि वह इस पार्टी को आयोजित होने से रोके. पुलिस ने दावा किया है कि वह सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले शख्स को जल्द गिरफ्तार कर लेगी.
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भारत प्रौद्योगिकी संस्थान या भारत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Bharat Institute of Technology) मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित एक निजी कॉलेज है जिसमें इंजीनियरिंग, फार्मेसी, कंप्यूटर अनुप्रयोग और प्रबंधन पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं।
शुल्क और पात्रता
खेल
खेलो में कॉलेज का काफी अच्छा प्रदर्शन रहता हैं! बीआईटी कॉलेज एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के जोनल लेवल खेलो में काफी अच्छा खेलते हैं! 2018 के जोनल खेलों में 105 मेडल हासिल किए थे! और 2019 के जोनल खेलो में कॉलेज ने 93में मेडल हासिल किए थे! जिसमे हमारे स्टार खिलाड़ी मयूर त्यागी, निकेश कश्यप, आशीष विश्वकर्मा, अविरल त्यागी, पुनीत गोयल,विख्यात, गर्ल्स टीम में शृष्टी बालियान, शिवानी शर्मा, रिया शर्मा, श्रेयांशी त्यागी, प्रियांशी गोयल आदि खिलाड़ियों ने काफी मेहनत की! फुटबॉल टीम के उभरते सितारे - मयूर त्यागी, आरव, मनुकांत, अविरल त्यागी, सिद्धार्थ, मुजम्मिल रेशी ओर विवेक शर्मा आदि! और एथेलेटिक्स के स्टार खिलाड़ी - निकेश कश्यप,विख्यात त्यागी, मयूर, अंशिका चौहान,महिमा चौधरी,आरती मौर्य, निकिता अग्रवाल आदि! बास्केटबॉल के खिलाड़ी - आशीष विश्वकर्मा, मयूर त्यागी, विख्यात त्यागी,विकास कुमार,विपिन, गरिमा सिंह,शिवानी शर्मा,रिया शर्मा, अंशिका आदि खिलाड़ियों का महत्वूर्ण योगदान है!
2019 खेल ओर खिलाड़ियों की सूची
कोरोना संक्रमण की वज़ह से 2020 में खेलों का आयोजन नहीं हो सका! इसके चलते खेलों में भी कोई इतनी रुचि नहीं दिखा रहा था! इसके बाद नवंबर 2021 में खेलों का आयोजन किया गया! जिसमें बीआईटी टीम ने मुख्य रूप से प्रतिभाग किया! निकेश कश्यप और विख्यात त्यागी के निर्देशन में टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया! फुटबॉल टीम में पदार्पण कर रहे नए खिलाड़ी विराट भटनागर, वैभव राजपूत, शारीक और आकाश रॉय ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था! लेकिन नॉक आउट मुकाबले में बीआईटी टीम रात्री प्रभाव के कारण पेनल्टी शूट में शिकस्त झेलनी पड़ी! एथलेटिक्स में गर्ल्स में सभी खिलाड़ियों ने पदार्पण किया था जिसमें काजल राघव, नेहा, शैली शर्मा और कनक राघवन ने काफी शानदार प्रदर्शन किया और राज्य स्तर के लिए क्वालीफाई किया! बॉय एथलेटिक्स में निकेश कश्यप, सत्यम चौधरी, अनुज तिवारी, सहाब हुसैन और विराट भटनागर ने भी राज्य स्तर के लिए क्वालीफाई किया था! बास्केटबॉल मे बॉय्स और गर्ल्स टीम द्वितीय स्थान पर रही थी!
2021 खेल ओर खिलाड़ियों की सूची
शिक्षालय
इंजीनियरिंग शिक्षालय
इंजीनियरिंग कार्यक्रमों की सूची
फार्मेसी शिक्षालय
शैक्षणिक कार्यक्रम
2-वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम: फार्मेसी स्कूल 2-वर्षीय डी.फार्मा प्रदान करता है। 2018 और उसके बाद से फार्मेसी में कार्यक्रम।
4-वर्षीय बी.फार्म। Programmmme: फार्मेसी स्कूल 4 वर्षीय बी.फार्मा प्रदान करता है। 2005 और उसके बाद से फार्मेसी में कार्यक्रम। 4 साल के पाठ्यक्रम को छात्रों को एक स्तरित सीखने का अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पहले सेमेस्टर में, छात्र फार्मेसी कोर के प्रारंभिक फाउंडेशन पाठ्यक्रमों के साथ-साथ बुनियादी विज्ञान और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों का अध्ययन करेगा और सातवें सेमेस्टर के दौरान एक रोमांचक खोजपूर्ण परियोजना को अंजाम देगा। बाद के सेमेस्टर में, छात्रों को उन्नत फार्मेसी कोर और स्ट्रीम पाठ्यक्रमों से अवगत कराया जाएगा।
एम.फार्म. कार्यक्रम- स्कूल ऑफ फार्मेसी दो विशेषज्ञता क्षेत्रों जैसे फार्मास्यूटिक्स, और फार्माकोलॉजी में 2-वर्षीय एम फार्म कार्यक्रम प्रदान करता है।
पीएचडी कार्यक्रम- पीएच.डी. कार्यक्रम चार अनुसंधान विशेषज्ञताओं में पेश किया जाता है। फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी और फार्माकोग्नॉसी।
कंप्यूटर अनुप्रयोग शिक्षालय
प्रबंधन शिक्षालय
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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यह लेख है: 'रामायण' धारावाहिक में विभीषण की भूमिका के लिए प्रख्यात हुए अनुभवी अभिनेता मुकेश रावल मुंबई के उपनगर कांदीवली में रेल पटरी पर मृत पाए गए. पुलिस ने कहा कि पटरी पार करने के दौरान 66-वर्षीय रावल ट्रेन की चपेट में आ गए.
रेलवे पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक ने बताया कि उनका शव मंगलवार सुबह 9:33 बजे पाया गया, लेकिन इस अभिनेता के परिजनों ने बुधवार सुबह शव की शिनाख्त की. रावल का शव बोरीवली और कांदीवली रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी पर पड़ा पाया गया.
उन्होंने कहा, 'शुरुआत में हमें शव पर ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान की जा सके. रेलवे ने सभी पुलिस थानों पर उनकी फोटो जारी की थी.' कौशिक ने कहा, 'रावल की तलाश में उनका दामाद कांदीवली रेलवे स्टेशन पर आया. अधिकारियों ने उन्हें एक अस्पताल भेजा, जहां उन्होंने शव की पहचान की.' पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया.टिप्पणियां
'रामायण' के अलावा रावल ने गुजराती फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया था. वर्तमान में वह गुजराती टीवी सीरियल 'नस नस में खुन्नस' में काम कर रहे थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रेलवे पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक ने बताया कि उनका शव मंगलवार सुबह 9:33 बजे पाया गया, लेकिन इस अभिनेता के परिजनों ने बुधवार सुबह शव की शिनाख्त की. रावल का शव बोरीवली और कांदीवली रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी पर पड़ा पाया गया.
उन्होंने कहा, 'शुरुआत में हमें शव पर ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान की जा सके. रेलवे ने सभी पुलिस थानों पर उनकी फोटो जारी की थी.' कौशिक ने कहा, 'रावल की तलाश में उनका दामाद कांदीवली रेलवे स्टेशन पर आया. अधिकारियों ने उन्हें एक अस्पताल भेजा, जहां उन्होंने शव की पहचान की.' पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया.टिप्पणियां
'रामायण' के अलावा रावल ने गुजराती फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया था. वर्तमान में वह गुजराती टीवी सीरियल 'नस नस में खुन्नस' में काम कर रहे थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, 'शुरुआत में हमें शव पर ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान की जा सके. रेलवे ने सभी पुलिस थानों पर उनकी फोटो जारी की थी.' कौशिक ने कहा, 'रावल की तलाश में उनका दामाद कांदीवली रेलवे स्टेशन पर आया. अधिकारियों ने उन्हें एक अस्पताल भेजा, जहां उन्होंने शव की पहचान की.' पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया.टिप्पणियां
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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ताइवान की कंपनी HTC ने एक नया स्मार्टफोन लॉन्च किया है जिसका नाम है डिजायर EYE और यह सेल्फी के शौकीनों को बेहद पसंद आएगा क्योंकि इसके फ्रंट में 13 मेगापिक्सल कैमरा है.
यह ऐंड्रॉयड 4.4 (किटकैट) आधारित स्मार्टफोन है और इसमें 4 जी सपोर्ट भी है. इसका रैम 2 जीबी का है और 16 जीबी इंटरनल स्टोरेज तथा 128 जीबी एक्सटर्नल कार्ड सपोर्ट है. इसका स्क्रीन 5.2 इंच का है जिसमें फुल एचडी रिजॉल्यूशन है.
यह वाटर और डस्ट प्रूफ फोन है और इसमें रियर कैमरा 13 मेगापिक्सल ऑटो फोकस कैमरा डुअल एलईडी लाइट के साथ है. दिलचस्प बात यह है कि इसका फ्रंट में भी ऑटो फोकस कैमरा है. इनसे फुल हाई डेफिनिशन वीडियो रिकॉर्डिंग संभव है.
यह स्मार्टफोन 2.3 जीएचजेड क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 801 कोर प्रोसेसर से लैस है. इसमें 4 जी के अलावा, 3 जी और 2 जी को भी सपोर्ट है. इसके अन्य फीचर्स हैं एनएफसी, जीपीएस, ब्लूटूथ 4.0 और वाई-फाई. इसकी बैटरी 2400 एमएएच की है और 20 घंटों का टॉक टाइम देती है.
इसकी मोटाई 8.5 मिमी है और इसका वजन 154 ग्राम है. यह मैट व्हाइट और सबमरीन ब्लू रंग में उपलब्ध होगा. इसमें 22 मिमी वाइड ऐंगल लेन्स है. इस कैमरे में कई खूबियां हैं मसलन फेस ट्रैकिंग, स्क्रीन शेयर, स्प्लिट कैप्चर, पेश फ्यूजन, लाइव मेकअप, ऑटो सेल्फी, वॉयस सेल्फी, फोटो बूथ वगैरह. यानी इससे खींचे गए फोटो को आप अच्छी तरह से एडिट कर सकते हैं.
कंपनी ने इसकी कीमत अभी घोषित नहीं की है.
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दुनियाभर में बहुत से आतंकी हमलों का हुक्म देने वाले और अपनी आतंकी गतिविधियों से पश्चिमी देशों की नाक में दम कर देने वाले अलकायदा सरगना पर जब अमेरिका के विशेष बलों ने हमला किया तो वह एक महिला के पीछे छिप गया जिसे उसकी बीवी माना जाता है। विश्व में सर्वाधिक वांछित यह खूंखार आतंकवादी पाकिस्तान के ऐबटाबाद में दस लाख डॉलर की लागत वाले एक मकान में छिपा हुआ था। आतंकवाद विरोधी एवं गृह सुरक्षा मामलों के राष्ट्रीय उप सलाहकार जॉन ब्रेनन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को बताया कि लादेन ने अमेरिकी हमले के समय एक महिला को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जो उसकी बीवी मानी जाती है। अमेरिका की इस कार्रवाई में अलकायदा के दो और सदस्य मारे गए जो लादेन के संदेशवाहक के रूप में काम कर रहे थे। इनमें से एक उसका बेटा खालिद और एक महिला शामिल है, जो ओसामा बिन लादेन की बीवी मानी जाती है। उन्होंने कहा मेरा मानना है कि उसने (महिला) लादेन की ढाल के रूप में काम किया। हम अब भी सही रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं कि उन खास क्षणों में क्या हुआ। उप सलाहकार ने कहा कि जब लादेन को पकड़ने का मौका आया तो उस महिला ने लड़ाई लड़ी। वह इस तरह तैनात थी जिससे पता चल रहा था कि उसे ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
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बोइंग 747 विमान एक विशाल व्यावसायिक विमान और कार्गो परिवहन विमान है, जिसे अक्सर जंबो जेट या आसमान की रानी के उपनाम से जाना जाता है। यह विमान विश्व का सर्वाधिक पहचाना जाने वाला वायुयान है तथा और बनाए गए विमानों में विशाल आकार का यह पहला विमान था। संयुक्त राज्य अमेरिका में बोइंग कॉमर्शियल एयरप्लेन इकाई द्वारा निर्मित 747 के मूल संस्करण का आकार, 1960 के दशक के आम बड़े व्यावसायिक विमानों में से एक, बोइंग 707 के आकार का ढाई गुना था। 747 ने सर्वप्रथम व्यावसायिक उड़ान 1970 में आरम्भ कर लगातार 37 वर्षों तक यात्री वहन क्षमता का कीर्तिमान बरकरार रखा
चार-इंजन वाला 747 अपनी लम्बाई के भाग के लिए अपने द्वितलीय विन्यास का उपयोग करता है। यह यात्री, मालवाही और अन्य संस्करणों में उपलब्ध है। बोइंग ने 747 के कूबड़ जैसे ऊपरी तल को प्रथम श्रेणी के लाउंज के रूप में उपयोग में लाने (जैसा कि आजकल सामान्य नियम है) या अतिरिक्त बैठकों के लिए और सीटें हटा कर तथा सामने एक कार्गो दरवाजा संस्थापित कर के विमान को आसानी से एक मालवाही में परिवर्तित कर सकने के अनुरूप डिजाइन किया है। बोइंग ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि कंपनी को उम्मीद थी कि पराध्वनिक विमान (सुपरसोनिक एयरलाइनर्स) (जिनके विकास की घोषणा 1960 के दशक के शुरू में की गई थी) 747 तथा अन्य अवध्वनिक विमानों (सबसोनिक) को चलन से बाहर कर देंगे; जबकि उन्हें विश्वास था कि भविष्य में अवध्वनिक मालवाही विमानों की मांग जबर्दस्त होगी. विशेष रूप से 400 के विक्रय के बाद 747 के अप्रचलित हो जाने की उम्मीद थी, लेकिन इसने 1993 में उत्पादन का 1000 का आंकड़ा पार कर अपने आलोचकों की अनुमानित अपेक्षाओं को पीछे छोड़ दिया। जून 2010 तक 1,418 विमान निर्मित किए जा चुके हैं तथा विभिन्न संरचनाओं के आदेश पर 109 और विमानों का निर्माण शेष है।
सेवारत नवीनतम संस्करण 747-400, 0.85 मैक (567 मी.प्र.घं. या 913 किमी/प्र.घ.) की उच्च-अवध्वनिक सामान्य गति के साथ सेवारत सर्वाधिक गति वाले विमानों में से एक है। इसकी अंतरमहाद्वीपीय उड़ान क्षमता 7,260 नॉटिकल मील (8,350 मील या 13,450 किमी) है। एक 747-400 यात्री संस्करण में, एक आम त्रि-श्रेणी अभिन्यास में 416 यात्री बैठ सकते हैं या एक आम द्वि-श्रेणी अभिन्यास में 524 यात्री आ सकते हैं। विमान का नवीनतम संस्करण, 747-8 निर्माणाधीन है तथा इसका उड़ान परीक्षण 2010 के अंत में होना है। मालवाही संस्करण 747-8F का वितरण 2011 के मध्य में शुरू होना है तथा यात्री संस्करण 747-8I इसके बाद 2011 के अंत तक वितरित होगा। भविष्य में 747 को बोइंग Y3 (बोइंग येलोस्टोन परियोजना का भाग) के द्वारा प्रतिस्थापित होना है।
विकास
पृष्ठभूमि
1963 में अमेरिकी वायुसेना ने एक बहुत बड़े सामरिक परिवहन विमान पर अध्ययन परियोजनाओं की श्रृंखला आरंभ की थी। हालांकि सी-141 स्टारलिफ्टर शुरू किया जा रहा था, तथापि उन्हें लगा कि विशेषकर किसी मौजूदा विमान में न समाने वाले अतिकाय माल के परिवहन की क्षमता वाले और अधिक बड़े एवं सक्षम विमान की आवश्यकता थी। इन अध्ययनों के फलस्वरूप मार्च 1964 में एक सीएक्स-भारी सैन्य तंत्र प्रणाली (CX-HLS) की आरंभिक आवश्यकता अनुभव की गई जिसकी भारवहन क्षमता , गति 0.75 मैक तथा पेलोड के साथ दुबारा ईंधन भरवाए बिना उड़ान क्षमता हो। पेलोड बे चौड़ी, ऊंची और सामने तथा पीछे के दरवाजों में से पहुंच हेतु लंबी होनी थी।
केवल चार इंजनों वाले डिजाइन को भी अत्यधिक वर्द्धित शक्ति तथा बेहतर ईंधन दक्षता वाले डिजाइन की आवश्यकता थी। 18 मई 1964 को बोइंग, डगलस, जनरल डायनेमिक्स, लॉकहीड और मार्टिन मैरिएटा से एयरफ्रेम प्रस्ताव प्राप्त हुए, जबकि इंजन प्रस्ताव जनरल इलेक्ट्रिक, कर्टिस-राइट और प्रैट एंड विटनी ने प्रस्तुत किए थे। एक प्रारंभिक चयन प्रक्रिया के बाद, बोइंग, डगलस और लॉकहीड को एयरफ्रेम के अतिरिक्त अध्ययन अनुबंध के साथ जनरल इलेक्ट्रिक और प्रैट एवं विटनी को इंजन का अनुबंध दिया गया।
एयरफ्रेम के सभी तीनों प्रस्तावों में अनेक सुविधाओं को साझा किया गया है। सीएक्स-एचएलएस (CX-HLS) की आवश्यकतानुसार सामने की तरफ से लदान के लिए सक्षम होने के लिए, जहां कॉकपिट हुआ करता था, वहां एक दरवाजा शामिल करना पड़ा. सभी कंपनियों ने कॉकपिट को कार्गो क्षेत्र के ऊपर लेजाकर इस समस्या का समाधान किया; डगलस ने पंख के ऊपर जरा सा आगे एक छोटी सी "पॉड" बनाई थी, लॉकहीड ने विमान की पूरी लंबाई में एक लंबी मेरूदंड का प्रयोग किया जिसमें से होकर पंखों की आधार संरचनाएं गुजरती थी, विमान की नाक के जरा पीछे से पंख के जरा पीछे तक जाने वाली लंबी पॉड के साथ, बोइंग ने इन दोनों का मिश्रण किया। 1965 में लॉकहीड के एयरक्राफ्ट डिजाइन और जनरल इलेक्ट्रिक के इंजन डिजाइन को, उस समय विश्व के सबसे बड़े सैनिक विमान, नए सी-5 गैलेक्सी के लिए चुना गया। सामने की ओर नाक पर दरवाजे और ऊंचे कॉकपिट की अवधारणा का उपयोग 747 के डिजाइन में किया गया।
विमान प्रस्ताव
1960 के दशक में जब हवाई यात्रा बढ़ रही थी, तब 747 के बारे में सोचा गया था। बोइंग 707 और डगलस डीसी-8 की अपार लोकप्रियता की अगुआई में, व्यावसायिक जेट परिवहन युग ने लंबी-दूरी की यात्रा में क्रांति ला दी। सीएक्स-एचएलएस (CX-HLS) का अनुबंध खो देने से भी पहले, बोइंग पर इसके सर्वाधिक महत्वपूर्ण एयरलाइन ग्राहक, पैन अमेरिकन वर्ल्ड एयरवेज (पैनऐम) के अध्यक्ष जुआन ट्रिपे ने 707 के दोगुने आकार का यात्री विमान बनाने के लिए दबाव डाला था। इस दौरान हवाई अड्डों पर भीड़ की स्थिति को, अपेक्षाकृत छोटे विमानों द्वारा ले जाये जाने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि ने बदतर बना दिया, इस समस्या को देख कर ट्रिपे ने सोचा था कि एक बड़ा नया विमान ही इसका समाधान हो सकता था।
1965 में एक नए विमान, जिसे पहले ही मॉडल संख्या 747 दे दी गई थी, के लिए अध्ययन के प्रबंधन हेतु बोइंग 737 के विकास दल से जो सटर (Joe Sutter) का स्थानांतरण किया गया। सटर ने पैन एम तथा अन्य एयरलाइनों के साथ, उनकी आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए, एक डिजाइन अध्ययन आरंभ किया। उस समय यह व्यापक धारणा थी कि 747 का स्थान अंततः एक सुपरसोनिक परिवहन विमान द्वारा लिया जाएगा. अपने यात्री संस्करण की बिक्री अस्वीकार हो जाने के बावजूद बोइंग ने 747 का डिजाइन करके अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, ताकि उसका आसानी से माल वहन के लिए अनुकूलन किया जा सके और यह उत्पादन में भी बना रह सके। मालवाहक की भूमिका में, कंटेनरीकृत परिवहन के तरीकों, जिनको लगभग उसी समय व्यापक रूप से शुरू किया जा रहा था, के समर्थन की स्पष्ट आवश्यकता थी। मानक कंटेनर सामने की ओर वर्ग होते हैं (संयोजन बिंदुओं के कारण कुछ अधिक) तथा लंबाइयों में उपलब्ध हैं। इसका मतलब हुआ कि पूर्व की सीएक्स-एचएलएस (CX-HLS) परियोजना के समान, वायुयान के धड़ के आकार जितनी गहरी 2-चौड़े 2-ऊंचे कंटेनरों के रैक की दो या तीन पंक्तियां संभव थी।
1966 अप्रैल में, पैन एम ने 52.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर में पच्चीस 747-100 विमान का आदेश दिया। 50वीं सालगिरह पर, सिएटल में 747 के अनुबंध पर हस्ताक्षर के औपचारिक भोज के दौरान, उस समय 747 अभियान के वरिष्ठ प्रबंधकों में से एक, मैल्कम टी. स्टैम्पर के अनुसार जुआन ट्रिप ने भविष्यवाणी की थी कि 747 "मानव जाति के भाग्य के लिए, अंतरमहाद्वीपीय प्रक्षेपास्त्रों के साथ प्रतिस्पर्द्धा करने वाला, शांति का एक महान हथियार.." होगा। शुरुआती ग्राहक होने तथा औपचारिक आदेश देने से पूर्व अपनी आरंभिक संलिप्तता के कारण पैन ऐम 747 के डिजाइन और विकास को इस हद तक प्रभावित करने में सफल रही कि पहले और बाद की किसी एक एयरलाइन के लिए वह बेजोड़ रहा।
डिजाइन के प्रयास
अंततः ऊंचे पंखों वाले सीएक्स-एचएलएस (CX-HLS) बोइंग डिजाइन का 747 के लिए उपयोग नहीं किया गया, हालांकि अपनी बोली के लिए विकसित की गई उनकी प्रौद्योगिकियों का प्रभाव हुआ था। मूल डिजाइन में वायुयान का पूर्ण-लंबाई का दो-मंजिला धड़ शामिल था, जिसकी निचली मंजिल पर आठ-आठ सीटों की पंक्तियां और दो गलियारे थे तथा ऊपरी मंजिल पर सात-सात सीटों की पंक्तियां और एक गलियारा था। हालांकि, निकासी मार्गों की समस्या और सीमित माल वहन क्षमता के कारण इस विचार को, 1966 में एक व्यापक एक मंजिला डिजाइन के पक्ष में त्याग दिया गया। इसलिए कॉकपिट को संक्षिप्त दूसरे तल पर रखा गया, ताकि सामने वली नाक या शंकु में माल के लदान के लिए दरवाजा शामिल किया जा सके; डिजाइन की इस विशेषता ने ही 747 के विशिष्ट "उभार" को जन्म दिया। आरंभिक मॉडलों में यह स्पष्ट नहीं था कि कॉकपिट के पीछे संदूकनुमा छोटे से स्थान का क्या किया जाए, इसलिए शुरू में इसे बिना स्थाई बैठक व्यवस्था के विश्राम कक्ष के रूप में "चिह्नित" किया गया।
एक विमान को 747 जितना बड़ा बनाने की कल्पना को संभव बनाने वाली प्रौद्योगिकियों में से एक थी, उच्च-उपमार्ग-टर्बोफैन-इंजन. इंजन प्रौद्योगिकी को पूर्व के टर्बोजेट की तुलना में एक तिहाई कम ईंधन की खपत करके दोगुनी शक्ति देने में समर्थ समझा गया था। जनरल इलेक्ट्रिक ने इस अवधारणा का बीड़ा उठाया था, लेकिन वह सी-5 गैलैक्सी के लिए इंजन के विकास के प्रति प्रतिबद्ध रही तथा बाद तक व्यावसायिक बाजार में नहीं उतरी. प्रैट एवं विटनी एवं भी इसी सिद्धांत पर काम कर रही थी, 1966 के अंत में, बोइंग, पैन-ऐम और प्रैट एवं विटनी 747 के लिए जेटी9डी (JT9D) नाम के नए इंजन के विकास के लिए सहमत हो गये।
परियोजना को दोष-वृक्ष विश्लेषण (फॉल्ट ट्री अनालिसिस) नामक एक नई कार्य पद्धति के साथ डिजाइन किया गया था जिसमें एक अकेले भाग के दोष का अध्ययन कर अन्य भागों पर उसके प्रभाव को निर्धारित किया जा सकता है। सुरक्षा एवं उड़ान-योज्ञता से संबंधित चिंताओं के निवारण हेतु 747 की डिजाइन में संरचनात्मक अतिरिक्तता, अतिरिक्त जलीय प्रणाली, चौगुने मुख्य लैंडिंग गियर और दोहरी नियंत्रण सतहों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, इसे वर्तमान हवाई अड्डों से ही संचालित करने के लिए, नई डिजाइन में उद्योग में प्रयुक्त सर्वाधिक उन्नत उच्च-उठान उपकरण शामिल किए गए हैं। इसमें पंख के अग्र भाग के किनारे इसकी लगभग पूरी लंबाई में लगे फ्लैप्स तथा इसी तरह से पार्श्व भाग के किनारे तीन भागों में बंटे जटिल खांचेदार फ्लैप्स शामिल हैं। पंख के जटिल त्रिभाजित फ्लैप्स जब अक्रियाशील संरचना में होते हैं, तब की तुलना में जब पूरी तरह से कार्यशील होते हैं, तो पंख के क्षेत्र में 21% की तथा उठान में 90% की वृद्ध करते हैं।
बोइंग 1969 के अंत तक पैन एम को पहला 747 देने पर सहमत हुई। वितरण तिथि से पूर्व मात्र 28 माह बचे थे विमान को डिजाइन करने के लिए, जो कि सामान्य समय का दो तिहाई था। कार्य सूची इतनी तीव्र रखी गई थी कि इस पर काम करने वाले लोगों को "अतुल्य" उपनाम दिया गया था विमान का विकास एक ऐसी तकनीकी और वित्तीय चुनौती थी कि जब यह परियोजना शुरू की गई तो कहा गया कि प्रबंधन ने "कंपनी के साथ शर्त" लगाई थी।
उत्पादन संयंत्र
चूंकि बोइंग के पास इस विशाल विमान का निर्माण करने लायक बड़ा संयंत्र नहीं था, उन्होंने एक नया संयंत्र बनाने का विचार किया। कंपनी ने स्थान के लिए लगभग 50 शहरों पर विचार किया और अंततः एवरेट, वॉशिंगटन के निकट सैनिक अड्डे पेन फील्ड के बगल में, सिएटल से लगभग 30 मील (48 किमी) उत्तर में नया संयंत्र बनाने का निर्णय किया। इसने 1966 में 780 एकड़ (316 हेक्टेयर) का यह स्थल खरीद लिया।
747 का विकास एक बड़ी चुनौती थी और उसके संयोजन संयंत्र का निर्माण भी एक विशाल उपक्रम था। बोइंग के अध्यक्ष विलियम एम. एलन ने उस समय कंपनी के टर्बाइन प्रभाग के प्रधान, मैल्कम टी. स्टैम्पर से एवरेट कारखाने के निर्माण की निगरानी करने और 747 का उत्पादन शुरू करने के लिए कहा. स्थल को समतल करने के लिए चालीस लाख घन गज (31 लाख घनमीटर) से अधिक मिट्टी हटानी पड़ी थी। समय इतना कम था कि इसके ऊपर कारखाने की छत पूर्ण होने से पहले ही 747 की पूर्ण आकार की प्रतिकृति बना ली गई थी। आकार के आधार पर संयंत्र आज तक निर्मित भवनों में सबसे बड़ा है और इसका अनेक बार, बोइंग वाइडबॉडी वाणिज्यिक जेट के अन्य मॉडलों के निर्माण हेतु काफी विस्तार किया गया है।
विकास और परीक्षण
747 के पूर्ण संयोजन से पूर्व इसके अनेक घटकों और प्रणालियों का परीक्षण शुरू हुआ। एक महत्वपूर्ण परीक्षण में विमान की प्रतिकृति के केबिन से आपात प्रवणिका के माध्यम से 560 स्वयंसेवकों की निकासी को शामिल किया गया। पहली पूर्ण पैमाने की निकासी ने संघीय उड्डयन प्रशासन द्वारा दिए गए अधिकतम समय 90 सेकंड की बजाय ढाई मिनट का समय लगा और कई स्वयंसेवक घायल हो गए। बाद के परीक्षणों में 90 सेकंड में निकासी का लक्ष्य तो प्राप्त कर लिया गया लेकिन अधिक लोग घायल हुए. विमान की ऊपरी मंजिल से निकासी सर्वाधिक समस्यापूर्ण थी; पारंपरिक फिसलन का उपयोग करने की बजाय स्वयंसेवक यात्री एक घिरनी के साथ जुड़ी जीन की सहायता से निकले. परीक्षणों में इतने बड़े विमान को जमीन पर चलाना भी शामिल था। बोइंग द्वारा वैडल्स वैगन (747 के परीक्षण चालक, जैक वैडल के लिए नाम रखा गया) नामक एक असामान्य प्रशिक्षण युक्ति का निर्माण किया गया जिसमें एक ट्रक की छत पर नकली कॉकपिट को स्थापित किया गया था, जबकि पहले 747 अभी बनाए ही जा रहे थे, इस युक्ति के कारण विमान चालकों को ऊपरी मंजिल से जमीन पर विमान का अभ्यास मिल गया।
30 सितम्बर 1968 को दुनिया की प्रेस और विमान का आदेश देने वाली 26 एयरलाइनों के प्रतिनिधियों के सामने पहला 747 एवरेट संयोजन भवन से बाहर निकला. आने वाले महीनों में पहली उड़ान के लिए तैयारियां की गई, जो परीक्षण चालक की सीट पर जैक वैडल, नियंत्रण पर ब्रायन वायगल तथा फ्लाइट इंजीनियर के स्टेशन पर जेस वॉलिक के साथ 9 फ़रवरी 1969 को हुई। एक फ्लैप के साथ एक छोटी सी समस्या के बावजूद, उड़ान से पुष्टि हुई कि 747 को बहुत अच्छी तरह संभाला गया। प्रारंभिक "स्वेप्ट-विंग" जेट के लिए एक बड़े खतरे "डच-रोल" की घटना से 747 को व्यापक रूप से निरापद पाया गया।
उड़ान परीक्षण कार्यक्रम के बाद के चरणों के दौरान, स्पंदन परीक्षण ने दर्शाया कि कुछ परिस्थितियों में
पंखों (डैनों) मेंदोलन पाया गया। इस कठिनाई को पंख के कुछ घटकों की कठोरता को कम कर के आंशिक रूप से हल कर किया गया था। हालांकि, आरंभिक 747 में विशेष रूप से गंभीर उच्च-गति स्पंदन की समस्या को बाह्य इंजन के खोल में निशेषित यूरेनियम संतुलन भार के रूप में प्रवेश करा कर हल कर लिया गया। यह उपाय तब चिंता का कारण बन गया जब ये विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जैसा कि 1991 में चीनी एयरलाइंस फ्लाइट 358 वान्ली में तथा 1862 में एम्सटर्डम में एल अल उड़ान 1862 के साथ हुआ।
747 के जेटी9डी (JT9D) इंजन के साथ समस्या होने से उड़ान परीक्षण कार्यक्रम में बाधा आ गई। कठिनाइयों में थ्रॉटल्स की तीव्र गति के कारण इंजन का बंद होना तथा कुछ समय की सेवा के बाद टरबाईन की बॉडी का विरूपण शामिल थे। समस्याओं के कारण 747 का वितरण कई महीनों के लिए विलंबित हुआ और 20 विमान तक एवरेट संयंत्र में इंजन की संस्थापना की प्रतीक्षा में अटके रहे। कार्यक्रम और आगे विलंबित हुआ जब पांच परीक्षण विमानों में से एक, बोइंग के रेंटन संयंत्र स्थल रेंटन नगरपालिका हवाई अड्डे पर उतरने के प्रयास में क्षतिग्रस्त हो गया। परीक्षण विमान इसके परीक्षण उपकरण हटाने तथा एक केबिन की संस्थापना के लिए ले जाया जा रहा था जब विमान चालक राल्फ सी कोकली ने छोटे रनवे पर निशाना पहले ले लिया और 747 का लैंडिंग गियर मुंडित हो गया। हालांकि, ये कठिनाइयां बोइंग को 1969 के मध्य में अपने परीक्षण विमान को 28वें पेरिस एयर शो में ले जाने से नहीं रोक सकीं, जहां इसे पहली बार आम जनता के सामने प्रदर्शित किया गया। दिसम्बर 1969 में 747 ने अपना एफएए (FAA) उड़ान योग्यता प्रमाण पत्र हासिल किया और सेवा की शुरुआत करले के लिए तैयार हो गया।
747 के विकास और एवरेट में कारखाने के निर्माण में आई भारी लागत का मतलब था कि बोइंग को एक बैंकिंग सिंडीकेट से भारी उधार लेना पड़ा. पहले विमान के वितरण से पूर्व के अंतिम महीनों के दौरान, कंपनी को परियोजना को पूरा करने के लिए बार-बार अतिरिक्त धन का अनुरोध करना पड़ा था। अगर यह अस्वीकार कर दिया गया होता, बोइंग का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाता. अंततः, जुआ सफल रहा और अनेक वर्षों तक बहुत बड़े यात्री विमानों के निर्माण में बोइंग ने एकाधिकार बना लिया।
सेवा में प्रवेश
15 जनवरी 1970 को संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रथम महिला, पैट निक्सन ने पैन ऐम के अध्यक्ष नजीब हलाबी की उपस्थिति में डलेस अंतर्राष्ट्रीय़ हवाई अड्डे (बाद में पुनः नाम रखा गया वॉशिंगटन डलेस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) पर पैन ऐम के पहले 747 का नाम रखा, क्लिपर विक्टर. शैंपेन के बजाय, लाल, सफेद और नीले पानी का विमान पर छिड़काव किया गया था। 22 जनवरी 1970 को पैन ऐम के न्यूयॉर्क-लंदन मार्ग पर 747 ने सेवा में प्रवेश किया; यह उड़ान 21 जनवरी की शाम के लिए निर्धारित की गई थी किंतु इंजन के गर्म हो जाने के कारण वह इस्तेमाल के लायक नहीं था। स्थानापन्न ढूंढने में उड़ान छह घंटे से अधिक अगले दिन के लिए विलंबित होगई थी।
इन चिंताओं पर कि कुछ हवाई अड्डों पर शायद इतना बड़ा विमान न समा सके, काबू पाते हुए 747 का सेवा में प्रवेश काफी सुगमता से हो गया। हालांकि तकनीकी समस्याएं सामने आईं, लेकिन वे अपेक्षाकृत छोटी थी और जल्दी हल की ली गई। पैन ऐम के साथ विमान की शुरुआत के बाद, जिन एयरलाइनों ने प्रतिस्पर्द्धा में बने रहने के लिए 747 खरीदे थे, उन्होंने अपने स्वयं के 747 को सेवा में उतारना आरंभ कर दिया था। बोइंग ने अनुमान लगाया था कि शुरू में बिके 747 में से आधे उन एयरलाइनों को बेचे गए थे जिन्हें विमान की भारवहन क्षमता की अपेक्षा लंबी दूरी की आवश्यकता थी। लेकिन हालांकि 747 की प्रति सीट परिचालन लागत निम्नतम संभावित थी, लेकिन इसे तभी हासिल किया जा सका जब विमान को पूरा भरा गया; प्रति सीट लागत तेजी से बढ़ने भी लगी क्योंकि यात्रियों की संख्या घटने लगी थी। एक सामान्य रूप से कम भरे हुए 747 में जिसकी सिर्फ 70% सीटें ही भरी हुई थी, पूर्ण क्षमता से भरे हुए 747 को आवश्यक ईंधन का 95 प्रतिशत से अधिक इस्तेमाल हो रहा था।
1973 के तेल संकट के बाद अमेरिका और अन्य देशों में आर्थिक समस्याओं के कारण जब यात्री यातायात में कमी आई, तो अनेक एयरलाइन्स ने पाया कि उनके पास 747 को किफायत से उड़ाने के लिए पर्याप्त यात्री नहीं थे और उन्होंने उनको छोटे और हाल ही में शुरू हुए मैकडॉनेल डगलस डीसी-10 तथा लॉकहीड एल-1011 ट्राईस्टार ट्राईजेट वाइड बॉडीज (और बाद में 767 और ए300 ट्विनजेट) से प्रतिस्थापित कर लिया। अपने 747 की कोच सीटों को पियानो बार से प्रतिस्थापित कर के अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास करने के बाद अमेरिकन एयरलाइन्स ने अंततः अपने 747 को कार्गो सेवा को हस्तांतरित कर दिया और 1983 में इनके बदले पैन ऐम से छोटे विमान ले लिए, डेल्टा एयरलाइन्स ने भी कई साल बाद अपने 747 को सेवा से हटा दिया।
पूरे 1980 के दशक में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों द्वारा पारंपरिक केंद्रीय हवाई अड्डों को नजरअंदाज कर अब छोटे शहरों में उतरना आम बात हो गई थी और इसने 747 को उसके मूल बाजार से विछिन्न कर दिया। हालांकि, कई अंतरराष्ट्रीय संवाहकों ने प्रशांत उड़ान मार्गों पर 747 का उपयोग जारी रखा. जापान में, 747 घरेलू मार्गों पर अधिकतम यात्री क्षमता वहन करने के लिए समानुरूपित किए गए हैं।
747 के संवर्द्धित संस्करण
प्रारंभिक 747-100 मॉडल के बाद, बोइंग ने एक उच्च अधिकतम टेकऑफ़ वजन (MTOW) संस्करण तथा (शॉर्ट रेंज), उच्च यात्री-क्षमता के साथ विकसित किया। बढ़े हुए अधिकतम टेकऑफ़ वजन से एक विमान अधिक ईंधन ले जाने और अधिक दूरी तक जाने में सफल होता है। मॉडल ने 1971 में सेवा में प्रवेश किया। इसमें और अधिक शक्तिशाली इंजन तथा उच्च टेकऑफ़ वजन था। यात्री, मालवाही और यात्री मालवाही संयोजन संस्करण निर्मित किए गए। 1970 के मध्य में लंबी दूरी सीमा के साथ एक छोटा 747एसपी (747SP) (विशेष प्रदर्शन) भी विकसित किया।
1980 में 747-300 की शुरूआत के साथ 747 श्रृंखला का आगे विकास किया गया। बोइंग के 747 की बैठक क्षमता में वृद्धि संबंधित अध्ययन का परिणाम था. हवाई जहाज़ के ढांचे को प्लग करने और धड़ की पूरी लंबाई पर ऊपरी मंजिल का विस्तार करने जैसे समाधानों को अस्वीकार कर दिया गया। -300 का प्रारंभिक नाम विस्तारित ऊपरी मंजिल के लिए 747एसयूडी (747SUD) था, उसके बाद 747-200 एसयूडी (747-200 SUD), और फिर 747-300 नाम के इस्तेमाल से पहले 747ईयूडी (747EUD) नाम रखा गया था। -300 मॉडल पहली बार 1983 में तैयार किया गया था। इसमें विस्तारित ऊपरी मंजिल, बढ़ी हुई सामान्य गति तथा बढ़ी हुई बैठक क्षमता शामिल थी। यात्री, कम दूरी के और मालवाही-यात्री संयोजन संस्करण बनाए गए।
1985 में, लंबी दूरी सीमा वाले 747-400 का विकास शुरू हुआ। नए संस्करण में शीशे का कॉकपिट था जिससे चालक दल में दो के स्थान पर तीन का बैठना संभव हुआ। जब एयरलाइनों के अनुरोध पर नई प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया तो विकास की लागत बढ़ गई तथा उत्पादन में देरी हुई। अपर्याप्त कार्यबल अनुभव और समयोपरि पर निर्भरता ने 747-400 की आरंभिक उत्पादन समस्याओं को बढ़ाया. -400 ने 1989 में सेवा में प्रवेश किया।
1991 में, ऑपरेशन सोलोमन के अंतर्गत रिकार्ड तोड़ 1087 यात्रियों को एक 747 पर इसराइल पहुंचाया गया। 1982 में एंटोनोव एएन-225 रुसलान के प्रयोग से पहले तक 747 नियमित सेवा का सर्वाधिक भारी विमान था। 747-400ईआर (747-400ER) मॉडल ने 2000 में वह विशिष्टता पुनः प्राप्त कर ली. एंटोनोव-225 (Antonov-225) माल परिवहन (अधिकतम टेकऑफ़ वजन और लंबाई के व्यापक रूप से स्वीकार्य उपायों के साथ) अनेक कारणों से विश्व का सबसे बड़ा विमान है, एक अभी पूर्ण हुआ है और सेवा में है। . पंख फैलाव के आधार पर H-4 हरक्यूलिस ह्यूजेस सबसे बड़ा विमान है, लेकिन इसने केवल एक बार उड़ान भरी थी।
कुछ 747 विमानों को विशेष उपयोगों के लिए बदल दिया गया है। दो 747-200बी (747-200B) को राष्ट्रपति के उपयोग के लिए बदला गया है और आमतौर पर एयर फोर्स वन के नाम से जाने जाते हैं। जनरल एलेक्ट्रिक अपने स्वामित्व वाले एक 747-100 का उपयोग अपने इंजनों के परीक्षण केंद्र के रूप में करती है, जैसे जनरल इलेक्ट्रिक जीईएनएक्स (GEnx). एवरग्रीन इंटरनेशनल द्वारा सदाबहार बनाया गया है।
भविष्य के घटनाक्रम
747-400 के आगमन के बाद, 747 के लिए अनेक विस्तार योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। 1996 में बोइंग ने अधिक बड़े 747-500एक्स (747-500X) तथा के प्रारंभिक डिजाइन की घोषणा की। नए संस्करण को विकसित करने में 5 अरब डॉलर से अधिक की लागत आती और इसे शुरू करने के लिए पर्याप्त रुचि भी नहीं थी। बोइंग ने 2000 में एयरबस ए3एक्सएक्स (A3XX) के विकल्प के रूप में अधिक मर्यादित 747एक्स (747X) और 747X विस्तार व्युत्पादों की पेशकश की। हालांकि, 747X परिवार उत्पादन के लिए पर्याप्त रुचि आकर्षित करने में असमर्थ कहा. 2001 में बोइंग ने सोनिक क्रूजर जारी रखने के लिए 747X के अध्ययन को छोड़ दिया, सोनिक क्रूजर कार्यक्रम स्थगित होने के बाद, 787. 747X के लिए विकसित कुछ विचारों का 747-400ER पर उपयोग किया गया।
कई संस्करणों को प्रस्तावित करने और बाद में उन्हें छोड़ देने के बाद, उद्योग के कुछ प्रेक्षक बोइंग के नए विमान के प्रस्तावों के प्रति शंकित हो गए। हालांकि, 2004 के आरंभ में बोइंग ने उन्नत 747 के लिए अस्थायी योजनाओं की घोषणा की जिन्हें अंततः अपनाया गया था। विस्तारित 747 उन्नत प्रकृति में 747-X के समान था तथा इसके डिजाइन और प्रणालियों को आधुनिक बनाने के लिए 787 की प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया। 2007 में एयरबस A380 द्वारा एयरलाइन सेवा शुरू करने तक 747 सबसे बड़ी सेवारत यात्री एयरलाइनर बनी रही.
14 नवम्बर 2005 को बोइंग ने घोषणा की कि वह 747 उन्नत को बोइंग 747-8 के रूप में शुरू करने जा रही थी। पिछले 747-400 वर्ष 2009 में पूरे किये गये। , 747-8 के अधिकतर आदेश मालवाही संस्करण के लिए दिये गये हैं। 8 फ़रवरी 2010 को 747-8 मालवाही ने अपनी पहली उड़ान भरी. 747-8 की पहली सुपुर्दगी कार्गोलक्स को 2010 के अंत में निर्धारित है।
आखिरकार, बोइंग की श्रृंखला में 747 को "वाई3 (Y3)" के नाम से नए डिजाइन द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
डिजाइन
बोइंग 747 के एक बड़ा, चौड़ा (दो गलियारे वाला) पंख में स्पथापित चार-इंजन वाला विमान है। संस्करण के अनुसार, मैक 0.84 से 0.88 की तीव्र, कुशल उड़ान गति के लिए पंखों (डैनों) का 37.5 अंश का उच्च घुमाव कोण है। इस घुमाव के साथ 747 वर्तमान हैंगरों का उपयोग कर सकते हैं। मुख्य डेक पर, इकॉनोमी श्रेणी में 3-4-3 बैठक व्यवस्था (एक पंक्ति में 3 सीट, एक गलियारा, 4 सीट, फिर एक गलियारा और 3 सीट) तथा प्रथम श्रेणी में 2-3-2 व्यवस्था के साथ बैठक क्षमता 366 से अधिक है। ऊपरी डेक पर इकॉनोमी श्रेणी में 3-3 की बैठक व्यवस्था तथा प्रथम श्रेणी में 2-2 की बैठक व्वस्था होती है।
मुख्य डेक के ऊपर उठा हुआ कॉकपिट एक कूबड़ बनाता है। कॉकपिट को मालवाही संस्करण में सामने की ओर से माल का लदान करने के लिए ऊंचा उठाया गया है। कॉकपिट के पीछे ऊपरी डेक पर एक लाउंज या बैठने के लिए अतिरिक्त जगह उपलब्ध होती है। "विस्तारित ऊपरी डेक" 747-100B संस्करण में एक विकल्प के रूप में उपलब्ध हुआ था 747-300 तथा बाद के संस्करणों में यह मानक के रूप में उपलब्ध है।
747 का अधिकतम टेकऑफ़ वजन -100 के लिए 7,35,000 पाउंड (3,33,400 किग्रा) से -8 के लिए 9,70,000 पाउंड (4,39,985 किग्रा) तक की सीमा में होता है। इसकी उड़ान दूरी सीमा -100 के लिए 5,300 नॉटिकल मील (6,100 मील, 9,800 किलोमीटर) से -8I के लिए 8000 नॉटिकल मील (9,200 मील, 14,815 किमी) तक बढ़ गई है।
747 में चार जलीय प्रणालियों और प्रत्येक पर 16 पहियों सहित चार मुख्य लैंडिंग गियर रूप में एकाधिक संरचनात्मक अतिरिक्तता उपलब्ध है, जो जमीन पर अच्छी व्यापक सहायता तथा टायर फटने की दशा में सुरक्षा प्रदान करते हैं। यदि अन्य गियर सुचारू काम न करें तो अतिरिक्त मुख्य गियर के कारण आमने-सामने के दो विरोधी लैंडिंग गियर पर लैंडिंग हो सकती है। इसके अलावा, 747 में विभाजित नियंत्रण सतहें और परिष्कृत त्रिभाजित फ्लैप्स होते हैं जो लैंडिंग गति को कम करते हैं और 747 को रनवे की पूरी लंबाई का उपयोग करने में सहायक होते है। अतिरिक्त इंजन के परिवहन के लिए, 747 में सबसे निकट के कार्यशील इंजन और विमान के धड़ के बीच में पोर्ट विंग के नीचे पांचवें अकार्यशील इंजन को समायोजित किया जा सकता है।
रूपांतरण
747-100 1966 में शुरू किया गया मूल रूपांतरण था। 747-200 रूपांतरण ने एक आदेश के साथ जल्दी ही 1968 में अनुसरण किया। 747-300 1980 में शुरू किया गया था और 747-400 द्वारा 1985 में अनुसरण किया गया। अन्त में, 2005 में 747-8 की घोषणा की गई। प्रत्येक रूपांतरण के कई संस्करणों का उत्पादन किया गया है। आरंभिक रूपांतरों में से कई एक साथ उत्पादन में थे।
747-100
पहले 747-100 को ऊपरी डेक पर ऊपर लाउंज क्षेत्र को समायोजित करने के लिए छह खिड़कियों के साथ बनाया गया था (प्रत्येक पक्ष में तीन). बाद में, जब एयरलाइनों ने प्रीमियम यात्रियों के बैठने के लिए लाउंज क्षेत्र की बजाय ऊपरी डेक का इस्तेमाल शुरू किया, बोइंग ने एक विकल्प के रूप में 10 खिड़कियों वाले ऊपरी डेक की पेशकश कर दी। कुछ -100 में नए विन्यास संस्थापित किए गए थे। -100 प्रैट एवं विटनी के जेटी9-एडी-3 (JT9D-3A) इंजन से सुसज्जित थे। इस मॉडल का कोई मालवाही संस्करण बोइंग द्वारा विकसित नहीं किया गया था। हालांकि, 747-100 को मालवाही में परिवर्तित कर दिया गया है। कुल मिला कर 167 747-100 का निर्माण किया गया।
747एसआर
प्रमुख शहरों के बीच घरेलू मार्गों की सेवा के लिए जापानी एयरलाइन्स की उच्च क्षमता वाले विमान की मांग की अनुक्रिया में बोइंग ने कम रेंज और कम ईंधन क्षमता तथा अधिक पेलोड क्षमता वाले 747-100 के रूपांतर 747SR का विकास किया। संवर्द्धित इकोनॉमी श्रेणी की बैठक व्यवस्था के साथ 498 यात्री तक ले जाए जा सकते थे तथा बाद के मॉडल्स में 550 से अधिक तक. मानक 747 संस्करण के 20 वर्षों में 20,000 उड़ानों की तुलना में 747SR का ऑपरेशन के 20 वर्षों के दौरान 52,000 उड़ानों का "आर्थिक डिजाइन टिकाऊ उद्देश्य था". प्रारंभिक 747SR मॉडल, -100SR, की बॉडी संरचना तथा निचला ढांचा मजबूत थे जिससे अधिक संख्या में टेकऑफ और लैंडिंग से जमा हुए अतिरिक्त दबाव को समायोजित कर सके। ईंधन क्षमता में 20% कटौती के साथ, डैनों, विमान के धड़ और लैंडिंग गियरों में अतिरिक्त संरचनात्मक समर्थन दिया गया था।
-100SR के लिए प्रारंभिक आदेश, जापान एयर लाइन्स के लिए चार विमान (जेएएल (JAL), बाद में जापान एयरलाइंस), की 30 अक्टूबर 1972 को घोषणा की गई, 3 अगस्त 1973 को बाहर आया और पहली उड़ान 31 अगस्त 1973 को हुई थी। 26 सितंबर 1973 को एफएए (FAA) द्वारा विमान के प्रकार को प्रमाणित किया गया था, उसी दिन उसकी सुपुर्दगी भी हो गई। -100SR ने, इस किस्म के एकमात्र ग्राहक जेएएल के साथ 7 अक्टूबर 1973 को सेवा में प्रवेश किया और आम तौर से जापानी घरेलू उड़ानों में संचालित हुआ। 1973 से 1975 तक सात -100SR का निर्माण हुआ, प्रत्येक एक एमटीओडब्लू (MTOW) के साथ तथा बल के तक कम किए गए प्रैट एवं विटनी जेटी9डी-7ए (JT9D-7A) इंजन के साथ.
-100SR के बाद, बढ़ी हुई टेकऑफ़ वजन क्षमता के साथ 747SR के रूपांतर बोइंग-100BSR का उत्पादन किया गया। 1978 में पहली बार आए -100BSR में भी एक चक्र और उड़ान घंटे के उच्च अनुपात, 1979 में पहली बार सामने आए मानक -100B से संबंधित मानक, के लिए संरचनात्मक संशोधन किए गए थे। 100BSR की पहली उड़ान 3 नवम्बर 1978 को हुई तथा 21 दिसम्बर 1978 को उसकी सुपुर्पदगी ऑल निप्पॉन एयरवेज को की गई। कुल बीस -100BSR एएनए (ANA) तथा जएएल (JAL) के लिए निर्मित किए गए। -100BSR का एमटीओडब्लू (MTOW) 600,000 पाउंड था और इसमें उसी जेटी9डी-7ए (JT9D-7A) इंजन का उपयोग किया गया था जिसका इस्तेमाल -100SR में किया गया था। एएनए (ANA) ने 10 मार्च 2006 को इसे सेवानीवृत्त करने से पूर्व तक इसे जापान के घरेलू मार्गों पर 455 या 456 बैठकों के साथ संचालित किया।
1986 में, जेएएल (JAL) के लिए विस्तारित ऊपरी डेक (एसयूडी (SUD)) की विशेषता सहित दो 100BSR SUD मॉडल का निर्माण किया गया। इस किस्म की पहली उड़ान 26 फ़रवरी 1986 को एफएए (FAA) के प्रमाणन के साथ हुई तथा पहला वितरण 24 मार्च 1986 को हुआ। जेएएल (JAL) ने 2006 की तीसरी तिमाही में उनकी सेवानिवृत्ति तक -100BSR SUD को 563 सीटों के साथ घरेलू मार्गों पर संचालित किया। जबकि केवल दो 100BSR SUD का उत्पादन किया गया था, सिद्धांत रूप में, मानक -100B को एसयूडी (SUD) प्रमाणन के साथ संशोधित किया जा सकता है। कुल मिलाकर, 29 747SR निर्मित किये गए, जिनमें सात -100SR, 20 -100BSR और दो -100BSR SUD शामिल थे।
747-100B
747-100B मॉडल-100SR के मजबूत बाहरी ढांचे और निचले ढांचे के डिजाइन का उपयोग करके विकसित किया गया था। इस मॉडल की बढ़ी हुई ईंधन क्षमता 48,070 अमेरिकी गैलन थी जिसकी वजह से की उड़ान सीमा के साथ 452 यात्रियों के पेलोड तथा बढे़ हुए के एमटीओडब्लू (MTOW) की पेशकश की गई। प्रथम 100B आदेश में ईरान एयर के लिए एक विमान की 1 जून 1978 को घोषणा की गई। यह विमान सबसे पहले 20 जून 1979 को उड़ा, 1 अगस्त 1979 को एफएए (FAA) प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ और अपले दिन सुपुर्द कर दिया गया। नौ 100B का निर्माण किया गया था, एक ईरान एयर के लिए तथा आठ साउदिया (अब सऊदी अरब एयरलाइंस) के लिए. मूल -100 के विपरीत, -100B की पेशकश प्रैट एवं विटनी के JT9D-7A, जनरल इलेक्ट्रिक के CF6-50 या रोल्स-रॉयस के RB211 इंजन के साथ की गई। हालाँकि, केवल-RB211-524 (साउदिया) और JT9D-7A (ईरान एयर) इंजन के आदेश दिए गए थे।
747SP
747SP का विचार पैन अमेरिकन वर्ल्ड एयरवेज तथा ईरान एयर के संयुक्त अनुरोध से आया, जो पर्याप्त उड़ान सीमा के साथ पैन ऐम के न्यू यॉर्क-मध्य पूर्व मार्ग तथा ईरान एयर के नियोजित तेहरान-न्यू यॉर्क मार्ग को कवर करने के लिए एक उच्च-क्षमता वाली वायुसेवा को खोज रहे थे। जब तेहरान-न्यू यॉर्क मार्ग शुरू किया गया था तो वह दुनिया की सबसे लंबी अविराम गैर-वाणिज्यिक उड़ान थी। 747SP, 747-100 से कम है। डैनों के सामने तथा पीछे, हवाई जहाज़ के ढांचे के भागों को साफ किया गया तथा ढांचे के केंद्रीय भाग को पुनः डिजाइन किया गया था। SP के फ्लैप में एक खांचे वाली सरल संरचना का उपयोग किया गया था। पूर्व के रूपांतरों की तुलना में 747SP में, धड़ का पिछला ऊपरी भाग, पार्श्व भाग की ओर ढलवां था, दोहरे कब्जे वाली पतवार तथा लंबी, ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज विमान-पतवार थी। शक्ति प्रैट एवं विटनी के JT9D-7(A/F/J/FW) या रोल्स-रोइस के RB211-524 इंजन द्वारा प्रदान की गई थी।
747SP को 4 फ़रवरी 1976 को पूरक प्रमाण पत्र दिया गया और इसने शुरुआती ग्राहक पैन ऐम तथा ईरान एयर के साथ उसी वर्ष सेवा में प्रवेश किया। छोटे रनवे वाले बड़े हवाई अड्डों को सेवा देने की इच्छा रखने वालों ने इस विमान को चुना।
कुल 45 747SP का निर्माण किया गया था। 44वें 747SP का 30 अगस्त 1982 को वितरण किया गया। संयुक्त अरब अमीरात सरकार के आदेश पर, पांच साल बाद 1987 में एक आखिरी 747SP का निर्माण करने के लिए, बोइंग ने अपनी उत्पादन लाईन को फिर से खोला. एयरलाइन उपयोग के अलावा, एक 747SP को नासा (NASA) ड्राइडन फ्लाइट रिसर्च सेंटर के सोफिया (SOFIA) प्रयोग के लिए संशोधित किया गया।
747-200
हालांकि 100 श्रृंखला को प्रैट एवं विटनी के JT9D-3A इंजनों द्वारा अमेरिकी घरेलू संचालनों के लिए काफी पेलोड और उड़ान सीमा प्रदान की गई थी, लेकिन लंबे अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर संचालन करने वाली एयरलाइन की आवश्यकताओं के लिए अपने सर्वोत्तम रूप में भी यह अपर्याप्त था। बढ़े हुए पेलोड के साथ लंबी उड़ान सीमा वाले विमान की मांग ने शीघ्र ही संवर्द्धित श्रृंखला 200 का मार्ग प्रशस्त किया। 747-200 में अधिक शक्तिशाली इंजन हैं, बढ़ा हुआ MTOW है तथा -100 से अधिक उड़ान सीमा है। इसके उत्पादन के शुरू के तीन वर्षों में, 200 श्रृंखला प्रैट एवं विटनी के JT9D-7 इंजनों का ही उपयोग हुआ (शुरू में यही एक इंजन उपलब्ध था). कुछ शुरुआती 200 में ऊपरी डेक पर -100 के तीन खिड़की विन्यास को बरकरार रखा, लेकिन अधिकांश दोनों ओर 10 खिड़की विन्यास के साथ बनाए गए थे।
-200 के कई रूपातरों का उत्पादन किया गया। 747-200B बुनियादी यात्री संस्करण था जिसमें बढ़ी हुई ईंधन क्षमता और अधिक शक्तिशाली इंजन थे, इसने पहली बार फरवरी 1971 में सेवा में प्रवेश किया था। -200B विमान की पूर्ण लोड सीमा 6,857 नॉटिकल मील (12,700 किमी) है। 747-200F -200 मॉडल का मालवाही संस्करण है। इसमें बगल वाला कार्गो दरवाजा लगाया या नहीं लगाया जा सकता है। इस की क्षमता 105 अमेरिकी टन (95.3 टन) और अधिकतम टेकऑफ वजन (MTOW) 8,33,000 पाउंड (3,78,000 किग्रा) तक है। इसने पहली बार लुफ्थांसा के साथ 1972 में सेवा में प्रवेश किया। 747-200C परिवर्तनीय. एक ऐसा संस्करण है जिसे यात्री या मालवाही में परिवर्तित किया जा सकता है अथवा मिश्रित विन्यास में प्रयोग किया जाता है। सीटें हटाई जा सकती हैं और इस मॉडल में नाक पर कार्गो दरवाजा है। -200C में मुख्य डेक पर एक वैकल्पिक बगल का कार्गो दरवाजा सज्जित किया जा सकता है।
747-200M एक संयोजन संस्करण है जिसमें मुख्य डेक पर एक बगली माल दरवाजा है जो मुख्य डेक के पिछले भाग में माल ले जा सकता है। मुख्य डेक पर एक हटाने योग्य विभाजन आगे के यात्रियों को पीछे के कार्गो क्षेत्र से अलग करता है। इस मॉडल में 3 श्रेणियों के विन्यास में 238 यात्रियों को ले जाया जा सकता है अगर कार्गो मुख्य डेक पर ले जाया जाता है। इस मॉडल को 747-200Combi के रूप में भी जाना जाता है। जैसा कि -100 पर है, एक विस्तारित ऊपरी डेक (SUD) संशोधन बाद में पेश किया गया था। कुल 10 परिवर्तित 747-200 KLM द्वारा संचालित किये गये थे। Union des Transports Aériens (UTA) ने भी दो ऐसे विमानों को परिवर्तित करवाया था।
1 अगस्त 1972 को प्रैट एवं विटनी के JT9D-7 इंजन के साथ 200 श्रृंखला शुरू करने के बाद, बोइंग ने घोषणा की कि उसने विमान की बाजार संभावनाओं में वृद्धि करने के लिए जनरल इलेक्ट्रिक के साथ CF6-50 श्रृंखला इंजन के साथ 747 को प्रमाणित करने के लिए एक समझौता किया था। इसके बाद रोल्स रॉयस ने ब्रिटिश एयरवेज के शुरुआती चार विमानों के आदेश के साथ 747 के इंजन का उत्पादन शुरू कर दिया। 200 श्रृंखला पहली ऐसी श्रृंखला थी जिसमें 747 इंजन निर्माता के विकल्प के साथ उपलब्ध था, जिसे बोइंग ने 747-8 शुरू करने तक बनाए रखा.
जब 1991 में उत्पादन बंद हुआ तो 747-200 संस्करण के कुल 393 विमान बनाए जा चुके थे। इनमें से, 225, 747-200 थे, 73 747-200F थे, 13 747-200C थे, 78 747-200M थे और 4 सैनिक विमान थे। कई 747-200 संचालन में रहते हैं, हालांकि अधिकतर बड़ी परिवहन कंपनियों ने उन्हें अपने बेड़े से सेवानिवृत्त करके छोटे ऑपरेटरों को बेच दिया था। 11 सितम्बर के हमलों और परवर्ती हवाई यात्रा की मांग में गिरावट के बाद बड़ी कंपनियों ने कुछ को अप्रयुक्त करके या अन्य को मालवाही में परिवर्तित करके, बेड़े को सेवामुक्त करने की प्रक्रिया तेज कर दी थी।
747-300
-300 और पिछले मॉडल के बीच सबसे अधिक दिखाई देने वाला अंतर था, दो नए आपातकालीन निकास द्वारों के साथ एक विस्तारित ऊपरी डेक और उड़ान डेक के बिलकुल पीछे के क्षेत्र में मानक के रूप में. एक वैकल्पिक उड़ान क्रू विश्राम क्षेत्र. -200 की तुलना में, ऊपरी डेक लंबा है। पूर्व में प्रदान किया गया विस्तारित ऊपरी डेक, बाद में जोड़ा गया था और सबसे पहले दो जापानी 747-100SR विमानों पर दिखाई दिया।
-300 में पूर्ववर्ती संस्करणों की घुमावदार सीढ़ियों की बजाय ऊपरी डेक के लिए नई सीधी सीढ़ियां होती थीं। सीढ़ियों से नीचे और ऊपर अधिक सीटों के लिए स्थान सृजित होता है। मामूली वायुगतिकीय परिवर्तन के साथ, बोइंग ने -200 और -100 मॉडलों की 0.84 मैक से बढ़ा कर, -300 की उड़ान गति 0.85 मैक कर दी थी। -300 का टेकऑफ़ वजन उतना ही है। -300 पर उपलब्ध इंजनों में, प्रैट एवं विटनी तथा रोल्स रोइस के इंजन संस्करण -200 से अपरिवर्तित रहे, लेकिन जनरल इलेक्ट्रिक इंजन बदल कर CF6-80C2B1 संस्करण हो गया।
747-300 नाम, का पहली बार उपयोग एक डिजाइन अध्ययन के रूप में किया गया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया था, 1980 में शुरू किये गये इस संस्करण के लिए इसे पुनर्जीवित किया गया था। स्विसएयर ने 11 जून 1980 को पहले 747-300 का आदेश दिया। पहले 747-300 ने 5 अक्टूबर 1982 को उड़ान भरी. स्व्सएयर ने 23 मार्च 1983 को पहले ग्राहक के रूप में इसका वितरण स्वीकार किया।
यात्री संस्करण के अलावा, अन्य संस्करण भी उपलब्ध थे। 747-300M में 200M के समान मुख्य डेक के पिछले भाग में कार्गो क्षमता है, लेकिन विस्तारित ऊपरी डेक के साथ यह अधिक यात्रियों को ले जा सकता है। 747-300SR छोटी दूरी के लिए एक उच्च क्षमता घरेलू मॉडल की जरूरत को पूरा करने वाला संस्करण है। जापान एयरलाइंस ने ओकिनावा-टोक्यो मार्ग और अन्य जगहों पर 600 से अधिक सीटों के साथ इस तरह के विमान का संचालन किया था। बोइंग ने कभी 747-300 का नया बना मालवाही संस्करण जारी नहीं किया, लेकिन इसने 2000 में प्रयुक्त यात्री -300 मॉडल को मालवाही में परिवर्तित किया।
कुल 81 विमान वितरित किए गए, जिनमें 56 यात्री उपयोग, 21 -300M और 4 300SR संस्करण थे। 1985 में -300 के सेवा में प्रवेश करने के दो वर्ष बाद जल्दी ही 747-300 का स्थान अधिक उन्नत 747-400 ने ले लिया। अंतिम 747-300 की सुपुर्दगी सितम्बर 1990 में सबेना को की गई।
आज, कई बड़े वाहकों द्वारा अपने 747-300 को 747-400 से प्रतिस्थापित कर देने के बावजूद कई -300 विमान अभी भी सक्रिय हैं। 747-300 का संचालन करने वाले अंतिम बड़े वाहकों में से कुछ वाहक हैं, एयर फ्रांस, एयर इंडिया, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस और क्वांटास. 29 दिसम्बर 2008 को क्वांटास ने 747-300 को अंतिम निर्धारित सेवा पर ऑकलैंड होकर मेलबोर्न से लॉस एंजिल्स तक उड़ाया था।
747-400
747-400 बढ़ी हुई उड़ान सीमा के साथ एक संवर्द्धित मॉडल है। इसमं पंख की नोक विस्तारित तथा के विंगलेट्स जो पूर्व संस्करणों की तुलना में 747-400 की ईंधन दक्षता को 4% बढ़ा देते हैं। इस में तीन की बजाय दो व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया गया शीशे का कॉकपिट है। इलेक्ट्रॉनिक्स के उपयोग ने डायलों, मापकों और घुंडियों की संख्या 971 से घटा कर 365 कर दी थी। इसकी पूंछ में ईंधन टैंक हैं, संशोधित इंजन और नया अभ्यंतर है। स्थिरण (एंकरेज) जैसे पारंपरिक ईंधन ठहरावों से बचने के लिए कुछ एयरलाइनों द्वारा लंबी दूरी के लिए इस्तेमाल किया गया। इसके पॉवरप्लांट्स में शामिल हैं, प्रैट एवं विटनी PW4062, जनरल इलेक्ट्रिक CF6-80C2 तथा रोल्स रॉयस RB211-524.
की पेशकश यात्री (-400), मालवाही (-400F), कॉम्बी (-400C), घरेलू (400D-), विस्तारित सीमा यात्री (-400ER) और विस्तारित सीमा मालवाही (-400ERF) संस्करणों में की गई थी। मालवाही संस्करण में विस्डतारित ऊपरी डेक नहीं होता है। 747-400D छोटी दूरी के संचालनों के लिए बनाया गया था, इसमें विंगलेट्स नहीं होते, बाद में जोड़े जा सकते हैं।
पहले ग्राहक नॉर्थवेस्ट एयरलाइन्स के साथ मिनिआपोलिस से फीनिक्स मार्ग पर 1989 में यात्री संस्करण पहले सेवा में आया। कॉम्बी संस्करण ने केएलएम (KLM) के साथ सितम्बर 1989 में सेवा में प्रवेश किया। मालवाही संस्करण ने कार्गोलक्स के साथ नवम्बर 1993 में सेवा में प्रवेश किया। 747-400ERF ने अक्टूबर 2002 में सेवा में प्रवेश किया और 747-400ER ने अगले महीने यात्री संस्करण का आदेश देने वाली अकेली एयरलाइन, क्वांटास के साथ सेवा में प्रवेश किया। अंतिम निर्मित बोइंग 747-400 में से कुछ को ड्रीमलाइनर पोशाक तथा बोइंग 777 की ओर से आधुनिक सिगनेचर अभ्यंतर के साथ वितरित किया गया था।
जनवरी 2004 में बोइंग और कैथे पेसीफिक ने बोइंग 747-400 स्पेशल फ्रेटर प्रोग्राम आरंभ किया,<ref name="747-400 Special Freighter">"न्यू रिलीज़." ' द बोइंग कंपनी. 10 दिसम्बर 2008 को पुनःप्राप्त.</ref> जिसे बाद में बोइंग कन्वर्टेड फ्रेटर (BCF) के नाम से जाना गया। पहले 747-400BCF को दिसम्बर 2005 में पुनः वितरित किया गया था।
747-400 का आखिरी यात्री संस्करण अप्रैल 2005 में चीन एयरलाइंस को दिया गया था। बोइंग ने मार्च 2007 में घोषणा की कि उसकी और आगे -400 के यात्री संस्करणों के निर्माण की कोई योजना नहीं थी। हालांकि इस घोषणा के समय, 36 मालवाहियों 400F और 400ERF के आदेश पहले से दिए हुए थे। 747-400 श्रृंखला के कुल 694 विमानों का वितरण किया गया था। विभिन्न समयों पर 747-400 के सबसे बड़े ऑपरेटर सिंगापुर एयरलाइंस, जापान एयरलाइंस या ब्रिटिश एयरवेज रहे थे।
747 एससीएफ ड्रीमलिफ्टर (LCF Dreamlifter)
747-400 ड्रीमलिफ्टर (मूल रूप से लार्ज कार्गो फ्रेटर या एलसीएफ (LCF)) एक बोइंग का डिजाइन किया हुआ, बोइंग 787 के उप-संयोजनों को अंतिम संयोजन के लिए एवरेट, वॉशिंगटन स्थित बोइंग संयंत्र तक ले जाने के लिए, मौजूदा 747-400 का बड़ा विन्यास है। ताइवान के एवरग्रीन एविएशन टेक्नोलॉजीज ने 747-400 को ताइवान में ड्रीमलिफ्टर में संशोधित करने का अनुबंध किया। विमान ने, 9 सितंबर 2006 को पहली बार उड़ान भरी. ड्रीमलिफ्टर का एक मात्र इच्छित उद्देश्य बोइंग 787 के लिए उप-संयोजनों का परिवहन करना है। विमान केवल आवश्यक चालक दल को ही ले जाने के लिए प्रमाणित है, यात्रियों के लिए नहीं. फरवरी 2010 तक चार विमानों में संशोधन का काम पूरा कर लिया गया था।
747-8
बोइंग ने 14 नवम्बर 2005 को 747 के एक नए रूपांतर 747-8 (शुरू होने से पूर्व इसे 747 उन्नत कहा गया था) है। रूपांतर 787 वाले उसी इंजन और उसी कॉकपिट प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा, इसलिए "8" का उपयोग किया गया है। योजनाएं बताती हैं कि नया डिजाइन अधिक निःशब्द, अधिक किफायती तथा पर्यावरण के अधिक अनुकूल होगा। 747-8 के धड़ को 232 से बढ़ा कर 251 फीट (70.8 मीटर से 76.4 मी) कर दिया गया था। जब 747-8 सेवा में प्रवेश करेगा तो यह एयरबस ए340-600 को पीछे छोड़ कर दुनिया का सबसे लंबा विमान बन जाएगा. 747-8 जनरल इलेक्ट्रिक के इंजन GEnx-2B67 से सुसज्जित है।
यात्री संस्करण, जिसे 747-8 इंटरकाँटीनेंटल या 747-8I नाम दिया गया है, 3 श्रेणियों के विन्यास में 467 तक यात्रियों को ले जाने में समर्थ होगा और 0.855 मैक की गति से तक उड़ान भर सकेगा. पहले से प्रचलित 747-400 के व्युत्पाद के रूप में 747-8 को समान प्रशिक्षण एवं विनिमेय भागों के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त है। 747-8I की सपुर्दगी 2011 के अंत में होनी है।
747-8 फ्रेटर या 747-8F की पेशकश भी की गई है, जो 747-400ERF से व्युत्पन्न हुआ है। 747-8F में 154 अमेरिकी टन (140 टन) माल समा सकता है। माल की लदाई और उतराई में सहायता के लिए इसमें नाक के ऊपर दरवाजे की सुविधा है। इसमें 747-400F की अपेक्षा 16 प्रतिशत अधिक पेलोड क्षमता है तथा इस पर सात अतिरिक्त मानक एयर कार्गो कंटेनर और रखे जा सकते हैं। पहले 747-8F विमान को इसके प्रथम ग्राहक को 2011 के मध्य में सुपुर्द किया जाना है।
बोइंग के एवरेट संयंत्र में कई इकाइयां निर्माणाधीन हैं। जून 2010 तक 747-8 के कुल 109 आदेश प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 76 -8F के लिए, 32 -8I के लिए तथा 1 -8VIP के लिए.
सरकारी, सैन्य और अन्य रूपांतर
C-19 - कुछ अमेरिकी एयरलाइनों द्वारा प्रयुक्त 747-100 को अमेरिकी वायु सेना द्वारा यह नाम दिया गया और सिविल रिजर्व एयरलिफ्ट फ्लीट के उपयोग हेतु उसमें संशोधन किये गये।
VC-25 - यह विमान 747-200B का अमेरिकी वायु सेना का बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी (VIP)) संस्करण है। अमेरिकी वायु सेना इन में से दो को वीआईपी विन्यास में VC-25A के रूप में संचालित करती है। दुम संख्या (टेल नम्बर्स) 28000 तथा 29000 लोकप्रिय रूप में एयर फोर्स वन के नाम से जाने जाते हैं, जो तकनीकी रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति को ले जाने वाले किसी संयुक्त राज्य अमेरिकी वायु सेना के विमान का वायु-यातायात परिचायक चिह्न है। हालांकि यह 747-200B के डिजाइन पर आधारित है, इसमें 747-400 पर किए गए कई नवाचार शामिल हैं। एवरेट, वाशिंगटन से, आंशिक रूप से पूर्ण विमानों को अंतिम साज-सज्जा के लिए विचिता, कंसास के लिए भेजा गया था।
E-4B - पूर्व में नेशनल इमरजेंसी एयरबॉर्न कमांड पोस्ट के रीप में जाना जाता था (बोलचाल की भाषा में "नीकैप (kneecap)" कहा जाता था) इस विमान को अब नेशनल एयरबॉर्न ऑपरेशन्स सेंटर (NAOC) कहा जाता है।
YAL-1 - यह नेशनल मिसाइल डिफेंस योजना का एक घटक, एक प्रयोगात्मक एयरबोर्न लेजर है।
शटल कैरियर एयरक्राफ्ट - अंतरिक्ष शटल को ले जाने के लिए दो 747 को संशोधित किया गया था। एक 747-100 (N905NA) है और दूसरा 747-100SR (N911NA) है। एक SCA 1970 के दशक में अंतरिक्ष शटल उद्यम को ले गया था और तब से सभी स्पेस शटल को ले जा रहा है।
अनेक अन्य सरकारें भी 747 को वीआईपी परिवहन की तरह उपयोग करती हैं, जिनमें शामिल हैं, बहरीन, ब्रूनेई, भारत, ईरान, जापान, कुवैत, ओमान, पाकिस्तान, कतर, साउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात. अज्ञात ग्राहकों के लिए वीआईपी परिवहन में रूपांतरण हेतु बोइंग बिजनेस जेट द्वारा अनेक नए बोइंग 747-8 के आदेश दिए गए हैं।
C-33 - यह विमान, C-17 बेड़े में वृद्धि के उद्देश्य से 747-400 का प्रस्तावित अमेरिकी सैन्य संस्करण था। इस योजना को अतिरिक्त C-17 सैन्य परिवहन के पक्ष में रद्द कर दिया गया।
KC-33A - एक प्रस्तावित 747 को भी ईंधन भरने वाले हवाई टैंकर के रूप में अनुकूलित किया गया था और 1970 के एडवांस्ड कार्गो ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (ACTA) कार्यक्रम के दौरान इसे डीसी-10-30 (DC-10-30) के सामने रखा गया था, जिसने KC-10A एक्सटेंडर निर्मित किया था। खुमैनी के नेतृत्व में क्रांति से पहले, ईरान ने F-4 फैंटम बेड़े के समर्थन के लिए चार 747-100 विमान हवा में ईंधन भरने के संवर्द्धित रूपांतरण के साथ खरीदे थे।हैमिल्टन, एस. " बोइंग एडवांस्ड 747 एस टैंकर (पीडीएफ (PDF))." लीहम कंपनी, 11 सितंबर 2007. 17 दिसम्बर 2007 को पुनःप्राप्त. यह अज्ञात है कि क्या ये विमान टैंकरों के रूप में प्रयोग करने योग्य रहे होंगे. तब से, इस भूमिका के लिए अन्य प्रस्ताव, बाद के 747-400 विमान के अनुकूलन के लिए सामने आए.
747 CMCA - B-1 लांसर सामरिक बमवर्षक के विकास के दौरान अमेरिकी वायुसेना द्वारा इस रूपांतर पर क्रूज मिसाइल कैरियर एयरक्राफ्ट के रूप में विचार किया था। रोटरी लांचर पर 50 से 100 AGM-86 ALCM क्रूज मिसाइल से यह विमान सुसज्जित होता. अधिक परंपरागत सामरिक बमवर्षकों के पक्ष में इस योजना को त्याग दिया गया।
747 AAC - बोइंग ने दस माइक्रोफाइटर्स ("microfighters") तक के लिए, 747 को एक हवाई विमान वाहक के रूप में विकसित करने पर भी विचार किया था। एक दो मंजिला हैंगर और दो लांचिंग खण्डों के साथ, यह माना जाता था कि योजना वास्तव में एक अल्पकालिक स्थलीय अड्डे की स्थापना की तुलना में सस्ती हो सकती थी। हालांकि इस योजना या उसके पूरक 747 अवाक्स (AWACS) संस्करण, जो टोह लेने के लिए ऐसे दो माइक्रोफाइटर्स ("microfighters") को ले जा सकता था, का कोई परिणाम नहीं निकला,
एवरग्रीन 747 सुपरटैंकर - अग्निशामक रसायनों के का उपयोग करके अग्निशमन के लिए एक हवाई अनुप्रयोग मंच के रूप में संशोधित एक बोइंग 747-200 विमान.
अविकसित रूपांतर
बोइंग ने विभिन्न 747 रूपांतरों का अध्ययन किया है जो अवधारणा के चरण से आगे नहीं जा सके थे।
747 ट्राईजेट
1960 के दशक के अंत में और 1970 के आरंभ में, बोइंग ने छोटे एल-1011 ट्राईस्टार (L-1011 TriStar) और डीसी-10 (DC-10) का मुकाबला करने के लिए तीन इंजन वाले छोटे 747 के विकास का अध्ययन किया था। 747 ट्राइजेट के पेलोड, रेंज और यात्री क्षमता अधिक रहे होते. एल-1011 के समान एस-वाहिनी के साथ केंद्रीय इंजन दुम में सज्जित किया गया होता. हालांकि, इंजीनियरिंग अध्ययनों से पता चला कि 747 विंग को पूरी तरह से दुबारा डिजाइन करना आवश्यक हो जाता. 747 की उन्हीं संचालन विशेषताओं को बनाए रखना, विमान चालकों के पुनर्प्रशिक्षण को न्यूनतम करने के लिए महत्वपूर्ण होता. इसके बजाय बोइंग ने एक छोटा चार-इंजन 747 खरीदने का फैसला किया, जिसका परिणाम 747SP के रूप में निकला. 1990 के दशक में, 747-400 से छोटा एक लंबी उड़ान-सीमा वाला ट्विनजेट विमान, बोइंग 777 ने सेवा में प्रवेश किया जहां 747-300 को लक्ष्य किया गया था।
747-500x, -600X और -700X
1996 के फार्नबरो एयरशो में बोइंग ने 747-500x और -600X की घोषणा की। प्रस्तावित मॉडल ने 747 के धड़ का 777 से व्युत्पन्न नए 251 फीट (77 मी) विस्तार वाले पंख के साथ संयोजन किया होता. अन्य परिवर्तनों में शामिल थे अधिक शक्तिशाली इंजन जोड़ना, नोज लैंडिंग गियर पर टायरों की संख्या दो से बढ़ा कर चार करना तथा मुख्य लैंडिंग गियर पर 16 से बढ़ा कर 20 करना।
747-500x अवधारणा की विशेषता थी, बढ़ी हुई धड़ की लंबाई 18 फीट (5.5 मी) से 250 फीट (76.2 मी) लंबी और विमान को, 10 लाख पाउंड (4.5 लाख किग्रा) से अधिक कुल वजन के साथ, 462 यात्रियों को 8,700 नॉटीकल मील (10,000 मील, 16,000 किमी) की सीमा तक ले जाना था। 747-600X अवधारणा की विशेषता थी, 548 यात्रियों की बैठक क्षमता के साथ 279 फीट (85 मी) तक बड़ा विस्तार, 7,700 नॉटीकल मील (8,900 मील, 14,300 किमी) की उड़ान सीमा तथा 1.2 मिलियन पाउंड (540 मिलियन ग्राम) का कुल वजन. तीसरी अध्ययन अवधारणा, 747-700X, 747-600X के पंख को एक चौड़े धड़ के साथ संयुक्त करता ताकि 650 यात्रियों को 747-400 के समान सीमा तक ले जाता. पिछले 747 मॉडल से परिवर्तन, विशेषकर 747-500x और -600X के लिए नए पंख की लागत 5 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान लगाया गया था। विमान की शुरुआत करने के लिए बोइंग पर्याप्त रुचि को आकर्षित करने में सक्षम नहीं रही.
747X और 747X विस्तार
जैसे एयरबस ने अपने A3XX अध्ययन के साथ प्रगति की, बोइंग ने 2000 में बाजार को विकल्प के रूप में 747 के व्युत्पाद की पेशकश की। यह पिछले -500x और -600X की तुलना में अधिक विनम्र प्रस्ताव था, जो 747 की संपूर्ण विंग डिजाइन को बरकरार रखता और फैलाव को बढ़ा कर करते हुए, जड़ में एक खंड जोड़ता. शक्ति की आपूर्ति या तो इंजन अलायंस GP7172 या रोल्स रॉयस ट्रेंट 600 द्वारा की जाती जिन्हें 747-400ERX के लिए भी प्रस्तावित किया गया था। 777 के डेक के आधार पर एक नए उड़ान डेक का उपयोग किया जाता. 747X विमान को 430 यात्रियों को 8,700 नॉटीकल मील (10,000 मील, 16100 किमी) सीमा तक ले जाना था। 747X के विस्तार को तक बढ़ाया जाता, ताकि वह 500 यात्रियों को 7,800 नॉटीकल मील (9,000 मील, 14,500 किमी) की सामा तक ले जाता. दोनों का अभ्यंतर 777 की परिचायक संरचना पर आधारित होता. 747X 747X विस्तार के मालवाही संस्करणों का भी अध्ययन किया गया था।
अपने पूर्ववर्ती की तरह, 747X परिवार उत्पादन का औचित्य सिद्ध करने के लिए पर्याप्त रुचि उत्पन्न करने में असमर्थ रहा और इसे मार्च 2001 में जब बोइंग ने सोनिक क्रूजर की अवधारणा की घोषणा की तो, 767-400ERX के साथ इसे ताक पर रख दिया गया। हालांकि 747X डिजाइन 747-500x और -600X की तुलना में किफायती था, इसकी मौजूदा 747-400 से पर्याप्त उन्नति नहीं करने के लिए आलोचना की गई थी। 747X ड्राइंग बोर्ड से आगे नहीं बढ़ पाया, लेकिन 747-400x साथ-साथ विकसित होकर उत्पादन में गया और 747-400ER बना.
747-400XQLR
747X कार्यक्रम के अंत के बाद, बोइंग ने 747 में किए जा सकने वाले सुधारों का अध्ययन जारी रखा. 747-400XQLR (क्वाइट लांग रेंज) का लक्ष्य बढ़ी हुई सीमा 7,980 नॉटीकल मील (9,200 मील, 14,800 किमी) हासिल करना, सुधारों के साथ कुशलता बढ़ाना और शोर को कम करना था।"जीई का CF6 इंजन मॉडल टेलर्ड फॉर बोइंग 747-400XQLR वाइड-बॉडी." जीई एविएशन, 25 मार्च 2002. जिन सुधारों का अध्ययन किया गया, उनमें शामिल थे, 767-400ER पर प्रयुक्त विंगटिप्स के समान ढलवां विंगटिप्स और शोर कम करने के लिए सॉटूथ इंजन. हालांकि 747-400XQLR उत्पादन तक नहीं पहुंच पाया, इसकी कई विशेषताओं को 747 उन्नत में उपयोग किया गया, जिसे 747-8 के रूप में शुरू किया जा चुका है।
संचालक
747-400
एयर इंडिया
एयर चाइना
चाइना एयरलाइंस
कोरिया एयर
एशियाना एयरलाइंस
सऊदी अरब एयरलाइंस
ब्रिटिश एयरवेज़
लुफ़्थान्सा
केएलएम
थाई एयरवेज़ इंटरनेशनल
वर्जिन एटलान्टिक
क्वांटास
2010, डेटा के माध्यम से 9 अगस्त 2010 तालिका अद्यतन, सितम्बर.
दुर्घटनाएं और घटनाएं
सितम्बर 2010 तक, 49 पतवार के नुकसान वाली दुर्घटनाओं सहित, 747 124 दुर्घटनाओं या घटनाओं में शामिल रहा, जिसके परिणामस्वरूप 2852 जन हानि हुई। 747 के 31 अपहरण हुए जिनमें 25 लोगों की मृत्यु हुई।
कुछ दुर्घटनाओं के लिए 747 की डिजाइन खामियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। टेनेराइफ दुर्घटना पायलट की गलती, हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) की गलती और संचार विफलता का परिणाम थी, जबकि जापान एयरलाइंस उड़ान 123 और चीनी एयरलाइंस की उड़ान 611 विमान की अनुचित मरम्मत के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुई थीं। 24 फ़रवरी 1989 को यूनाइटेड एयरलाइंस उड़ान 811 को उड़ान के बीच में विस्फोटक विसंपीडन का सामना करना पड़ा, जिलके परिणामस्वरूप नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) को यह सिफारिश जारी करनी पड़ी कि उड़ान 811 के समान, 747-200 के माल दरवाजे संशोधित किये जाएं. कोरियाई एयर लाइन्स उड़ान 007 को 1983 में सोवियत क्षेत्र में भटक जाने के बाद सोवियत संघ ने गोली मार दी थी, जिसकी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने उस समय सख्ती से सैन्य, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) का नागरिक उपयोग करने के लिए प्राधिकृत किया। TWA 800 उड़ान एक 747-100 जिसका 17 जुलाई 1996 को हवा में विस्फोट हो गया था, ने संघीय उड्डयन प्रशासन को सभी बड़े विमानों के केंद्रीय ईंधन टैंकों में निष्क्रियकरण प्रणाली की संस्थापना की आवश्यकता का प्रस्ताव करने के लिए प्रेरित किया, जिसे वर्षों के अनुसंधानों के हल के बाद, जुलाई 2008 में स्वीकार किया गया। यह उम्मीद है कि नई सुरक्षा प्रणाली पर एक लाख डॉलर से 4.5 लाख डॉलर प्रति विमान खर्च होंगे, जिसका वजन लगभग होगा।
प्रदर्शन के लिए विमान
"क्लासिक" 747-100 और 747-200 श्रृंखला के विमान बढ़ती हुई संख्या में सेवानिवृत्त हुए हैं, कुछ संग्रहालयों में पहुंच गए हैं, कुछ का अन्य उपयोग हो रहा है। पहला 747 और प्रोटोटाइप द सिटी ऑफ एवरेट, उड़ान संग्रहालय, सिएटल, वॉशिंगटन, संयुक्त राज्य अमेरिका में है, जहां इसे कभी-कभी बोइंग को परीक्षण के उद्देश्य के लिए पट्टे पर दिया जाता है।
अन्य 747 जो संग्रहालयों में हैं, उनमें शामिल हैं राष्ट्रीय विमानन थीम पार्क एविओड्रोम, लेलिस्टाड, नीदरलैंड; क्वांटास स्थापक आउटबैक संग्रहालय, लोंगरीच, क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया; रेंड हवाई अड्डा, जोहानसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका; टेकनीक संग्रहालय स्पेयर, स्पेयर, जर्मनी; Musée de l'Air et de l'Espace, पेरिस, फ्रांस; तेहरान एयरोस्पेस प्रदर्शनी, तेहरान, ईरान; जियोंगसियोक विमानन केंद्र, जेजू, दक्षिण कोरिया, एवरग्रीन विमानन और अंतरिक्ष संग्रहालय, मैक्मिनविले ओरेगन और राष्ट्रीय वायु और अंतरिक्ष संग्रहालय, वाशिंगटन, डीसी.
सेवा से निवृत्ति के बाद, 747 नंबर दो अपने पर, में लाइन उत्पादन दो को खोल कर अलग-अलग किया गया और नामयांग्जू ग्योंगी-दो दक्षिण कोरिया भेज दिया गया था, जहाँ उसका पुनः संयोजन किया गया और मोकपो, दक्षिण कोरिया में एक रेस्तरां में परिवर्तित कर दिया गया। मूलतः पैन ऐम द्वारा वाणिज्यिक रूप से N747PA "क्लिपर जुआन टी ट्रिपे" के रूप में उड़ाया गया था और दुम टकरा जाने के बाद मरम्मत की गई थी, यह कंपनी के दिवालिया होने तक उसके पास रहा। अप्रैल 2009 में, 747 रेस्तरां बंद कर दिया गया और छोड़ दिया गया। 15 जनवरी 2009 को अरलांडा एयरपोर्ट, स्टॉकहोम में एक परिवर्तित 747-200 का उपयोग करके जम्बोहोस्टल खोला गया।
विनिर्देश स्रोत' : बोइंग 747 विनिर्देश, 747 हवाई अड्डे योजना रिपोर्ट, 747-8 हवाई अड्डे विवरणिका
747 परजीवी खींचें, CDP 0.022 है और विंग क्षेत्र है , ताकि च m² के बारे में बराबर होती है 121 वर्ग फुट या 11.2. परजीवी खींचें ² बनाम हवा दी है द्वारा साढ़े च ρ जिसमें च क्षेत्र गुणांक सी खींच रहा है उत्पाद के डी पी और पंख.
"जरूरी रनवे" लंबाई आपात कारकों के लिए अनुमति देता है। वास्तविक टेकऑफ़ दूरी सामान्य रूप से, जो यहाँ सूचीबद्ध हैं, उन से भी काफी कम हो जाएगी. टेकऑफ़ देखें संतुलित क्षेत्र.
मीडिया में उल्लेखनीय उपस्थिति
अपनी शुरुआत के बाद, एयरपोर्ट श्रृंखला की आपदा फिल्मों, एयर फोर्स वन और एक्जीक्यूटिव डिसीजन जैसी विभिन्न फिल्मों के निर्माण में प्रकट होकर 747 ने एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त कर लिया।"एयर फ़ोर्स वन." रॉटेन टोमैटोज़. 17 दिसम्बर 2007 को पुनःप्राप्त. अर्थ, विंड और फायर के गीत लेट्स ग्रूव में भी 747 को संदर्भित किया गया था।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
नोट्स
ग्रंथ सूची
बोवर्स, पीटर एम. 1916 से बोइंग विमान . लंदन: पटनम वैमानिकी बुक्स, 1989. ISBN 0-85177-804-6.
इरविंग, क्लाइव. वाइड बॉडी: द मेकिंग ऑफ़ बोइंग 747 . फिलाडेल्फिया: कोरोनेट, 1994. ISBN 0-340-59983-9.
जेनकींस, डेनिस आर. बोइंग 747-100/200/300/SP (एयरलाइनरटेक सीरीज, खंड 6.). उत्तर शाखा, मिनेसोटा: स्पैशल्टी प्रेस, 2000. ISBN 1-58007-026-4.
केन, रॉबर्ट एम. एयर ट्रांसपोर्टेशन . द्युबुक, आइए: केंडल हंट प्रकाशन कंपनी, 2003. ISBN 0-7575-3180-6.
लॉरेंस, फिलिप के. और डेविड वेल्डन एच. थोर्नटन. डीप स्टाल: द टर्ब्युलेंट स्टोरी ऑफ़ बोइंग कमर्शियल एयरप्लेन्स . बर्लिंगटन, वीटी: ऐशगेट प्रकाशन कंपनी, 2005, ISBN 0-7546-4626-2.
नौरिस, गाए और मार्क वैगनर. बोइंग 747: डिजाइन एंड डेवेलपमेंट सिंस 1969 . सेंट पॉल, मिनेसोटा: एमबीआई (MBI) प्रकाशन कंपनी, 1997. ISBN 0-7603-0280-4.
नोर्टन, बिल. लॉकहीड मार्टिन C-5 गैलेक्सी. उत्तर शाखा, मिनेसोटा: स्पैशल्टी प्रेस, 2003. ISBN 1-58007-061-2.
ओर्लेबर, क्रिस्टोफर. कॉनकॉर्ड की कहानी. ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन: ओस्प्री प्रकाशन, पांचवीं संस्करण, 2002. ISBN 1-85532-667-1.
शॉ, रॉबी. बोइंग 747 (ओस्प्री सिविल विमान श्रृंखला). लंदन: ओस्प्री, 1994. ISBN 1-85532-420-2.
सूटर, जो. 747: क्रिएटिंग द वर्ल्ड फर्स्ट जम्बो जेट एंड अदर एडवेंचर्स फ्रॉम अ लाइफ इन एविएशन. वॉशिंगटन, डीसी: स्मिथसोनियन बुक्स, 2006. ISBN 978-0-06-088241-9.
विल्सन, स्टीवर्ट. एयरलाइनर्स ऑफ़ द वर्ल्ड.'' फिश्विक, ऑस्ट्रेलिया: एयरोस्पेस प्रकाशन टाई लिमिटेड, 1999. ISBN 1-875671-44-7.
बाहरी कड़ियाँ
बोइंग 747 उत्पाद पृष्ठ
बोइंग के newairplane.com साइट पर बोइंग 747-8 पृष्ठ
FlightGlobal.com पर बोइंग 747 प्रोफ़ाइल
बोइंग 747 पुरालेख
ब्रिटिश मूवीटोन डिजिटल पुरालेख से 747 के 1968 रोलआउट के वीडियो
बोइंग विमान
संयुक्त राज्य अमेरिका एयरलाइनर्स 1960-1969
संयुक्त राज्य अमेरिका कार्गो एयरक्राफ्ट 1960-1969
1970 परिचय
गूगल परियोजना
विमान
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उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के एरवाकटरा इलाके में एक निजी बस पर बिजली का तार गिर जाने से उसमें आग लग गई, जिससे दो महिलाओं सहित तीन लोग झुलसकर मर गए. हादसे में आठ अन्य घायल हो गए.
पुलिस क्षेत्राधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि एरवाकटरा इलाके में रविवार सुबह 10 बजे पीछे की तरफ मुड़ रही एक बस बिजली के खम्भे से टकरा गई, जिससे बिजली का तार बस पर गिर गया. इसके बाद बस में आग लग गई, जिसमें 50 वर्षीया जीवनीदेवी, 40 वर्षीया कमलादेवी और अब तक अज्ञात एक अन्य व्यक्ति की झुलसकर मौत हो गई. उन्होंने बताया कि इस हादसे में आठ लोग बुरी तरह झुलस गए और उन्हें इलाज के लिए सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया है.
हादसे की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली. इस दौरान लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और अधिकारियों की गाड़ियों पर पथराव कर दिया, जिसमें सीओ और एसडीएम की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं.
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फिल्म का नाम:
मिशन इम्पॉसिबल फॉल आउट
रेटिंगः
3.5 स्टार
डायरेक्टरः
क्रिस्टोफर मैक्वेरी
कलाकारः
टॉम क्रूज, रबेका फर्ग्यूसन, हेनरी केविल, साइमन पेग, एलक बाल्डविन, सेन हैरिस
साल 1996 में 'मिशन इम्पॉसिबल' का पहला पार्ट आते ही दर्शकों में टॉम क्रूज का क्रेज अचानक से बढ़ गया था. इसकी सिग्नेचर धुन भी बहुत फेमस हुई थी. सिनेमा के चहेतों के लिए इथन हंट नया और प्रचलित नाम हो गया था. उस फिल्म में ईथन पर अपने साथी आईएमएफ एजेंटों की हत्या के साथ ही सरकारी रहस्यों को एक अंतर्राष्ट्रीय गुनहगार मैक्स को बेचने का आरोप लगाकर फंसाया जाता है.
उसके बाद साल 2000 में 'मिशन इम्पॉसिबल 2' आई, जिसमें इथन हंट न्यह नोर्दोफ-हाल को एक पूर्व आईएमएफ एजेंट की जानलेवा वायरस छोड़ने की योजना नाकाम करने के लिए उसके पीछे भेजता है.
'फिर मिशन इम्पॉसिबल 3', 'मिशन इम्पॉसिबल: गोस्ट प्रोटोकॉल' और 'मिशन इम्पॉसिबल: रोग नेशन' फिल्में आईं, जिन्हें सराहना उनकी कहानी के आधार पर मिलती रही और अब इसी सीरीज की छठवीं फिल्म 'मिशन इम्पॉसिबल: फॉलआउट' रिलीज की गयी है. इस फिल्म को भारत में इंग्लिश, हिन्दी, तमिल और तेलुगू में रिलीज किया जा रहा है. अद्भुत एक्शन और अपने अलग स्टाइल से लैश टॉम क्रूज की फिल्म कैसी बनी है,आइए जानते हैं.
Review: निराश करती है 'साहेब बीवी और गैंगस्टर 3', कहानी और डायरेक्शन बेअसर
कहानी:
फिल्म की कहानी एक सपनेन से शुरू होती है, जहां टॉम क्रूज (ईथन हंट) खुद को मझधार में पाते हैं. ईथन को खबर मिलती है कि एटॉमिक बम बनाने वाले हथियारों की चोरी हो गई है, जिसका इस्तेमाल दुनिया के विनाश के लिए किया जा सकता है. साथ ही आईएमएफ मिशन बुरी तरह से समाप्त हो जाता है और सोलोमॉन लेन (सीन हैरिस ) हिरासत से बच निकलता है तो दुनिया को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता है.
ईथन हंट इस विफलता को अपने ऊपर ले लेता है और अपने काम को पूरा करने के लिए निकल पड़ता है. उसकी ये हरकतें देख सीआईए ईथन के ऊपर सवाल उठाना शुरू करती है. इसी के साथ ईथन मिशन पर निकल पड़ते हैं और अपने सभी दोस्तों के साथ अलग-अलग देशों में जाकर दुश्मनों का पीछा करते हैं. दुनिया को बचाने के इस रास्ते में उसे हत्यारों के साथ-साथ अपने पुराने साथियों से भी लड़ना पड़ता है और हमेशा की तरह इस बार भी ऐसे मोड़ पर कहानी खत्म होती है. सरप्राइज एलिमेंट बरकरार रहते हैं.
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क्यों देखें फिल्म:
यह फिल्म रोमांचकारी एक्शन और ताबड़तोड़ स्टंट से लबरेज फिल्म है. एक बहुत ही रोमांचक स्टंट फिल्माया गया है, जिसका नाम लॉन्ग लाइन है. ये स्टंट न्यूजीलैंड में शूट किया गया है, जिसमें टॉम क्रूज को एक रस्सी के सहारे जमीन से 2,000 फीट ऊपर उड़ रहे हेलीकॉप्टर पर चढ़ना था और फिर इसके बाद उन्हें रस्सी छोड़कर 40 फीट ऊपर से पेलोड के सहारे कूदना था. वो फिल्म में जबरदस्त तरीके से दर्शाया गया है. हालांकि फिल्म का पहला हिस्सा काफी धीमे धीमे चलता है, लेकिन सेकंड हाफ बहुत ही बेहतरीन है और खास तौर पर आखिर के 20 मिनट.
फिल्म में आपको समय-समय पर इसकी सिग्नेचर धुन भी सुनाई पड़ती है जो कहानी को और भी दिलचस्प बना देती है. टॉम क्रूज एक बार फिर से कार, हेलीकॉप्टर, जहाज के अलावा बाइक पर जबरदस्त और हैरतअंगेज कारनामे करते हुए नजर आते हैं. इसके अलावा बाकी किरदारों ने भी बढ़िया काम किया है. डायरेक्शन के साथ साथ सिनेमेटोग्राफी उम्दा है. वीकेंड पर आपके पास एक ऐसी फिल्म है जो पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है.
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कहा जा सकता है कि श्रीलंकाई सलामी बल्लेबाज ने जोर तो पूरा लगाया, लेकिन वह रोहित शर्मा और विराट कोहली के आस-पास भी नहीं पहुंच सके. कोहली का प्रदर्शन इस साल बहुत ही विराट रहा! और यह प्रदर्शन उन्हें कुछ दिन बाद घोषित होने वाले आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द वनडे ईयर 2017 का विजेता बनाने में बहुत ज्यादा मदद करेगा.
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पटहेरवा (Patherwa) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कुशीनगर ज़िले में स्थित एक गाँव है। 2020 में यहां बिजनेस चाचा की स्थापना हुई है बिजनेस चाचा एक वेबसाइट और लोकल सर्च इंजन है जो पूरे भारत वर्ष के लोगों के लिए बिजनेस चाचा ने अपना एप्लीकेशन जुलाई 2021 में लांच किया है। उम्मीद है आने वााले दिनों में पटहेरवा गांव को बिजनेस चाचाा के यहा स्थापित होने पर गर्व महसूस होगा। बिजनेस चाचा के फाउंडर व CEO अर्जुन गुप्ता जी हैं। बिजनेस चाचा एप्लीकेशन व वेबसाइट पर कार, बोलेरो, राजमिस्त्री, हलवाई, टेंट हाउस, मैरिज हाउस, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर ड्राइवर, आदि के अलावा लोकल बिजनेस जैसे गारमेंट्स सिंगार वस्त्रालय बिल्डिंग मटेरियल आदि को सर्च कर सकते है। पटहेरवा से 2 किलोमीटर की दूरी पर 1 ग्राम सभा बभनौली है जोकि बहुत ही विकसित है और वहां के लोग कट्टर हिंदू हैं यह पूरा क्षेत्र एक हिंदू बाहुल्य क्षेत्र हैं
Yahan
यह गांव राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर स्थित है, फाजिलनगर से 4 किमी की दूरी पर और बिहार राज्य (समौर बाजार) गांव से 9 किमी दूर है। गांव में 2 इंटर कॉलेज, श्री नेहरू इंटर कॉलेज और नवजीवन इंटर कॉलेज हैं। इसके अलावा योग शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (युवा विकास कल्याण समिति कुशीनगर द्वारा), कन्या हाई स्कूल और कई प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय, एक पुलिस स्टेशन और पंजाब नेशनल बैंक भी है। एक सरकारी होम्योपैथिक अस्पताल और कई अन्य निजी अस्पताल गांव की सेवा करते हैं। इस जगह पर ज्यादातर लोग खेती करते हैं। यह गाँव भारत में NH 28 के ठीक किनारे पर है।
इन्हें भी देखें
कुशीनगर ज़िला
सन्दर्भ
उत्तर प्रदेश के गाँव
कुशीनगर ज़िला
कुशीनगर ज़िले के गाँव
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यह लेख है: सोमालियाई दस्युओं ने एक जहाज को रिहा करने के बदले लाखों डॉलरों की फिरौती वसूल ली और चालक दल के कुछ सदस्यों को रिहा कर दिया, लेकिन सभी भारतीय सदस्यों को बंधक बनाए रखा है। एक दस्यु ने बताया कि भारतीय नौसेना द्वारा 100 से ज्यादा सोमाली दस्युओं के गिरफ्तारी के प्रतिशोध के तौर पर भारतीय सदस्यों की रिहाई नहीं की गई है। हसन फराह नाम के दस्यु ने शुक्रवार को बताया, हमने भारतीयों को बंधक रखने का फैसला किया, क्योंकि भारत हमारे साथियों को पकड़े हुए है। उसने कहा, हमने अन्य सदस्यों को रिहा कर दिया और वे हमारे तट से दूर चले गए। हम भारतीयों को तब तक बंधक बनाए रखेंगे, जब तक वे हमारे साथियों को छोड़ नहीं देते। मुंबई के एक जहाज अल्फाल्ट वेंचर की रिहाई के बदले लाखों रुपये की फिरौती दी गई। दस्युओं को जहाज और चालक दल की रिहाई के बदले 50 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि मिली है और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार को ही यह राशि चुकाई गई। यह तत्काल साफ नहीं हो पाया कि जहाज में सवार 15 सदस्यों में कितने भारतीय थे। जहाज का अपहरण पिछले सितंबर को किया गया था। दस्युओं द्वारा शुक्रवार की गई कार्रवाई अपहरण और फिरौती के चल रहे मॉडल से भिन्न थी और यह समुद्री दस्युओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सैन्य प्रयासों को और ज्यादा जटिल कर सकती है।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली के यमुना खादर में होने वाली सब्जी की खेती पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी है। बीते तीन दिन से दिल्ली विकास प्राधिकरण के बुलडोजरों ने किसानों की बहुत सारी झुग्गियों को नेस्तनाबूत कर दिया है और खेतों को रौंद रही है।
यमुना के किनारे की 22 किलोमीटर जमीन पर किसानी कर रहे करीब 30 हज़ार किसानों के चेहरे पर हवाईयां उड़ी हुई हैं। किसान लामबंद होना शुरू हो गए हैं और आसपास के किसान नेता भी इनका साथ देने के लिए जुट गए हैं। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन भी शुक्रवार को किसानों को समर्थन देने पहुंचेंगे।
लेकिन लोगों की सेहत और किसानों के हित में टकराव साफ नजर आ रहा है। ज्यादातर रिपोर्ट में यमुना के पानी से उगाई जा रही सब्जियों को खतरनाक बताया है। एनडीटीवी ने जब खुद यमुना के किनारे जाकर जायजा लिया तो पाया कि बहुत सारे पंपिंग सेट सीधे यमुना से पानी पंप करके खेतों तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे में गंदे पानी से होने वाली इस खेती को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता है।
हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करने वाले जाने-माने पर्यायवरणविद मनोज मिश्रा बताते हैं कि एनजीटी ने किसानी पर रोक नहीं लगाई है बल्कि यहां उगाई जा रही सब्जियों और फलों की खेती पर पाबंदी लगाई है, जब तक की यमुना साफ नहीं होती है। वो ये भी कहते हैं कि टेरी ने एक विस्तृत रिपोर्ट 2012 में दी थी, जिसमें कहा गया है कि यमुना खादर में रहने वाले बच्चों के खून में लेड की मात्रा ज्यादा पाई गई। साथ ही सब्जियों में भी मर्करी जैसे खतरनाक रसायन तय मात्रा से ज्यादा पाए गए हैं। इसी के चलते एनजीटी ने यहां फूलों की खेती करने को कहा है।
एनजीटी के इसी आदेश का हवाला देकर डीडीए अब ये कार्रवाई कर रहा है। डीडीए की प्रवक्ता नीमो धर का कहना है कि डीडीए की जमीन पर अवैध कब्जा करके यहां खेती हो रही है। इन्हीं पर डीडीए कार्रवाई कर रही है।टिप्पणियां
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये कार्रवाई अभी क्यों हो रही है जब एनजीटी ने जनवरी में भी ये आदेश दिए थे। हालांकि किसानों के नेता निर्भय सिंह के पास पूसा की एक जवाबी रिपोर्ट भी है।
उनका कहना है कि पूसा ने उनके खेत से जमीन, पानी और सब्जियों के सैंपल लिए थे। सभी ठीक पाए गए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या से सैंपल एक खेत से या एक जगह से लिए गए या फिर अलग-अलग जगहों से है। पर ये साफ है कि जब तक इस मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं होगा तब तक सब्जियों की खेती पर इस तरह की रोक लगना मुश्किल है।
यमुना के किनारे की 22 किलोमीटर जमीन पर किसानी कर रहे करीब 30 हज़ार किसानों के चेहरे पर हवाईयां उड़ी हुई हैं। किसान लामबंद होना शुरू हो गए हैं और आसपास के किसान नेता भी इनका साथ देने के लिए जुट गए हैं। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन भी शुक्रवार को किसानों को समर्थन देने पहुंचेंगे।
लेकिन लोगों की सेहत और किसानों के हित में टकराव साफ नजर आ रहा है। ज्यादातर रिपोर्ट में यमुना के पानी से उगाई जा रही सब्जियों को खतरनाक बताया है। एनडीटीवी ने जब खुद यमुना के किनारे जाकर जायजा लिया तो पाया कि बहुत सारे पंपिंग सेट सीधे यमुना से पानी पंप करके खेतों तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे में गंदे पानी से होने वाली इस खेती को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता है।
हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करने वाले जाने-माने पर्यायवरणविद मनोज मिश्रा बताते हैं कि एनजीटी ने किसानी पर रोक नहीं लगाई है बल्कि यहां उगाई जा रही सब्जियों और फलों की खेती पर पाबंदी लगाई है, जब तक की यमुना साफ नहीं होती है। वो ये भी कहते हैं कि टेरी ने एक विस्तृत रिपोर्ट 2012 में दी थी, जिसमें कहा गया है कि यमुना खादर में रहने वाले बच्चों के खून में लेड की मात्रा ज्यादा पाई गई। साथ ही सब्जियों में भी मर्करी जैसे खतरनाक रसायन तय मात्रा से ज्यादा पाए गए हैं। इसी के चलते एनजीटी ने यहां फूलों की खेती करने को कहा है।
एनजीटी के इसी आदेश का हवाला देकर डीडीए अब ये कार्रवाई कर रहा है। डीडीए की प्रवक्ता नीमो धर का कहना है कि डीडीए की जमीन पर अवैध कब्जा करके यहां खेती हो रही है। इन्हीं पर डीडीए कार्रवाई कर रही है।टिप्पणियां
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये कार्रवाई अभी क्यों हो रही है जब एनजीटी ने जनवरी में भी ये आदेश दिए थे। हालांकि किसानों के नेता निर्भय सिंह के पास पूसा की एक जवाबी रिपोर्ट भी है।
उनका कहना है कि पूसा ने उनके खेत से जमीन, पानी और सब्जियों के सैंपल लिए थे। सभी ठीक पाए गए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या से सैंपल एक खेत से या एक जगह से लिए गए या फिर अलग-अलग जगहों से है। पर ये साफ है कि जब तक इस मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं होगा तब तक सब्जियों की खेती पर इस तरह की रोक लगना मुश्किल है।
लेकिन लोगों की सेहत और किसानों के हित में टकराव साफ नजर आ रहा है। ज्यादातर रिपोर्ट में यमुना के पानी से उगाई जा रही सब्जियों को खतरनाक बताया है। एनडीटीवी ने जब खुद यमुना के किनारे जाकर जायजा लिया तो पाया कि बहुत सारे पंपिंग सेट सीधे यमुना से पानी पंप करके खेतों तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे में गंदे पानी से होने वाली इस खेती को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता है।
हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करने वाले जाने-माने पर्यायवरणविद मनोज मिश्रा बताते हैं कि एनजीटी ने किसानी पर रोक नहीं लगाई है बल्कि यहां उगाई जा रही सब्जियों और फलों की खेती पर पाबंदी लगाई है, जब तक की यमुना साफ नहीं होती है। वो ये भी कहते हैं कि टेरी ने एक विस्तृत रिपोर्ट 2012 में दी थी, जिसमें कहा गया है कि यमुना खादर में रहने वाले बच्चों के खून में लेड की मात्रा ज्यादा पाई गई। साथ ही सब्जियों में भी मर्करी जैसे खतरनाक रसायन तय मात्रा से ज्यादा पाए गए हैं। इसी के चलते एनजीटी ने यहां फूलों की खेती करने को कहा है।
एनजीटी के इसी आदेश का हवाला देकर डीडीए अब ये कार्रवाई कर रहा है। डीडीए की प्रवक्ता नीमो धर का कहना है कि डीडीए की जमीन पर अवैध कब्जा करके यहां खेती हो रही है। इन्हीं पर डीडीए कार्रवाई कर रही है।टिप्पणियां
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये कार्रवाई अभी क्यों हो रही है जब एनजीटी ने जनवरी में भी ये आदेश दिए थे। हालांकि किसानों के नेता निर्भय सिंह के पास पूसा की एक जवाबी रिपोर्ट भी है।
उनका कहना है कि पूसा ने उनके खेत से जमीन, पानी और सब्जियों के सैंपल लिए थे। सभी ठीक पाए गए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या से सैंपल एक खेत से या एक जगह से लिए गए या फिर अलग-अलग जगहों से है। पर ये साफ है कि जब तक इस मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं होगा तब तक सब्जियों की खेती पर इस तरह की रोक लगना मुश्किल है।
हालांकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करने वाले जाने-माने पर्यायवरणविद मनोज मिश्रा बताते हैं कि एनजीटी ने किसानी पर रोक नहीं लगाई है बल्कि यहां उगाई जा रही सब्जियों और फलों की खेती पर पाबंदी लगाई है, जब तक की यमुना साफ नहीं होती है। वो ये भी कहते हैं कि टेरी ने एक विस्तृत रिपोर्ट 2012 में दी थी, जिसमें कहा गया है कि यमुना खादर में रहने वाले बच्चों के खून में लेड की मात्रा ज्यादा पाई गई। साथ ही सब्जियों में भी मर्करी जैसे खतरनाक रसायन तय मात्रा से ज्यादा पाए गए हैं। इसी के चलते एनजीटी ने यहां फूलों की खेती करने को कहा है।
एनजीटी के इसी आदेश का हवाला देकर डीडीए अब ये कार्रवाई कर रहा है। डीडीए की प्रवक्ता नीमो धर का कहना है कि डीडीए की जमीन पर अवैध कब्जा करके यहां खेती हो रही है। इन्हीं पर डीडीए कार्रवाई कर रही है।टिप्पणियां
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये कार्रवाई अभी क्यों हो रही है जब एनजीटी ने जनवरी में भी ये आदेश दिए थे। हालांकि किसानों के नेता निर्भय सिंह के पास पूसा की एक जवाबी रिपोर्ट भी है।
उनका कहना है कि पूसा ने उनके खेत से जमीन, पानी और सब्जियों के सैंपल लिए थे। सभी ठीक पाए गए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या से सैंपल एक खेत से या एक जगह से लिए गए या फिर अलग-अलग जगहों से है। पर ये साफ है कि जब तक इस मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं होगा तब तक सब्जियों की खेती पर इस तरह की रोक लगना मुश्किल है।
एनजीटी के इसी आदेश का हवाला देकर डीडीए अब ये कार्रवाई कर रहा है। डीडीए की प्रवक्ता नीमो धर का कहना है कि डीडीए की जमीन पर अवैध कब्जा करके यहां खेती हो रही है। इन्हीं पर डीडीए कार्रवाई कर रही है।टिप्पणियां
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये कार्रवाई अभी क्यों हो रही है जब एनजीटी ने जनवरी में भी ये आदेश दिए थे। हालांकि किसानों के नेता निर्भय सिंह के पास पूसा की एक जवाबी रिपोर्ट भी है।
उनका कहना है कि पूसा ने उनके खेत से जमीन, पानी और सब्जियों के सैंपल लिए थे। सभी ठीक पाए गए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या से सैंपल एक खेत से या एक जगह से लिए गए या फिर अलग-अलग जगहों से है। पर ये साफ है कि जब तक इस मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं होगा तब तक सब्जियों की खेती पर इस तरह की रोक लगना मुश्किल है।
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये कार्रवाई अभी क्यों हो रही है जब एनजीटी ने जनवरी में भी ये आदेश दिए थे। हालांकि किसानों के नेता निर्भय सिंह के पास पूसा की एक जवाबी रिपोर्ट भी है।
उनका कहना है कि पूसा ने उनके खेत से जमीन, पानी और सब्जियों के सैंपल लिए थे। सभी ठीक पाए गए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या से सैंपल एक खेत से या एक जगह से लिए गए या फिर अलग-अलग जगहों से है। पर ये साफ है कि जब तक इस मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं होगा तब तक सब्जियों की खेती पर इस तरह की रोक लगना मुश्किल है।
उनका कहना है कि पूसा ने उनके खेत से जमीन, पानी और सब्जियों के सैंपल लिए थे। सभी ठीक पाए गए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या से सैंपल एक खेत से या एक जगह से लिए गए या फिर अलग-अलग जगहों से है। पर ये साफ है कि जब तक इस मामले में सरकार का रवैया स्पष्ट नहीं होगा तब तक सब्जियों की खेती पर इस तरह की रोक लगना मुश्किल है।
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इल्हाम हेदर ओग्लू अलीयेव (अज़रबैजानी: इल्हाम हेयडोर ओग्लू अलीयेव, [ilhɑm hɛjdær ɔɣlu ælijɪv]; जन्म 24 दिसंबर 1961) एक अज़रबैजानी राजनेता हैं जो 2003 से कार्यालय में अज़रबैजान के चौथे राष्ट्रपति हैं। वह नए के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं। अज़रबैजान पार्टी और राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख।
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हरियाणा में जाट आरक्षण पर बीजेपी सांसद और जाट आरक्षण संघर्ष समिति आमने-सामने आ गए हैं. आज इस मसले पर दो बड़ी जनसभाएं होने वाली हैं. एक तरफ अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने रोहतक में रैली बुलाई है, वहीं दूसरी तरफ आरक्षण के विरोध में कुरक्षेत्र से बीजेपी के सांसद राजकुमार सैनी जींद में 'समानता महासम्मेलन' कर रहे हैं.
जाटों ने राजकुमार सैनी के महासम्मेलन का कड़ा विरोध किया है. शुक्रवार को जींद में काफी तनाव देखने को मिला था. यहां जाटों ने राजकुमार सैनी की प्रस्तावित रैली का जमकर विरोध किया. जींद-कैथल मार्ग पर जाटों ने जमा लगा दिया था, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था.
आरक्षण पर बीजेपी सांसद
और जाट नेताओं के बीच टकराव को देखते हुए पूरे सूबे में अलर्ट जारी किया गया है. राज्य सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 25 कंपनियां मांगी हैं. हरियाणा पुलिस के मुताबिक, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के लगभग 13 जिलों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.
वहीं पुलिस ने एहतियातन गिरफ्तारियां भी की हैं. शनिवार शाम कई सरपंच और जेल में बंद रहे युवाओं को किया गिरफ्तार किया गया. वहीं तनाव को देखते हुए पुलिस ने जगह जगह नाकेबंदी की है.
मधुबन पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से अतिरिक्त जवान बुलाए गए हैं. वहीं रोहतक-पानीपत हाईवे से वाहनों के रूट डाइवर्ट किए गए हैं.
इंटरनेट पर बैन
सरकार ने पहले ही सूबे के 13 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. सरकार की तरफ से तीन दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं निरस्त की गई हैं, जो 26 नवंबर की आधी रात तक बंद रहेंगे.
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख यशपाल मलिक रोहतक जिले के जसिया गांव में रैली करेंगे. इस दौरान जाट सेवा संघ द्वारा जसिया में सर छोटूराम के नाम से कोचिंग एकेडमी के लिए भूमि पूजन किया जाएगा. रैली में तमाम बड़े जाट नेताओं को निमंत्रण दिया गया है.
इनमें केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह और इनेलो के नेता अभय चौटाला भी हिस्सा लेंगे. वहीं सूबे के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और कृषि मंत्री ओपी धनखड़ को रैली में नहीं बुलाया गया है.
इन जिलों में इंटरनेट बंद
सरकार के आदेश पर हरियाणा के जींद, हांसी, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, करनाल, पानीपत, कैथल, रोहतक, सोनीपत, झज्जर, भिवानी और चरखी दादरी जिलों के क्षेत्राधिकार में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्कों पर उपलब्ध कराए जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 26 नवंबर की मध्यरात्रि तक निलंबित रहेंगी.
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सौर प्रणाली के पिंडों के पर्यवेक्षक के रूप में स्क्यापारेल्ली ने युग्म नक्षत्रों पर काम करते हुए, अप्रैल 26, 1861 को क्षुद्र ग्रह 69 हेस्पेरिया की खोज की और प्रदर्शित किया कि पेर्सीड्स और लेओनिड्स उल्कापात धूमकेतु से जुड़े हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने साबित किया कि लेओनिड्स उल्कापात का परिक्रमा-पथ, धूमकेतु टेम्पल-टटल से मेल खाता है। उनके इस प्रेक्षण ने खगोल वैज्ञानिकों की इस परिकल्पना में मुख्य भूमिका निभाई कि उल्कापात धूमकेतु के निशान हो सकते हैं, जो बाद में बहुत सटीक साबित हुआ।
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श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने अपने पूर्व साथी तिलकरत्ने दिलशान से अनुरोध किया है कि वह 1992 से लेकर इस साल विश्व कप फाइनल में टीम संयोजन में लगाए गए फिक्सिंग के आरोपों के पुख्ता सबूत पेश करें। जयवर्धने ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, लोग कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन इन आरोपों को साबित करना होगा। जयवर्धने ने इस मामले में तफ्सील से कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा कि पहले तिलकरत्ने को इन आरोपों पर सबूत देने होंगे। उन्होंने कहा, मैं कुछ नहीं कहूंगा। मैंने अभी-अभी समाचार देखा है। हमें इंतजार करना चाहिए कि वह क्या कहना चाहता है।
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उमर खय्याम एक जाने माने पारसी कवि तो थे ही, साथ ही एक दार्शनिक, गणितज्ञ और ज्योतिर्विद भी थे. उनका दर्शन खाओ, पियो और मौज करो की विचारधारा पर आधारित था. आज यानी 18 मई को उमर खय्याम की 971वीं जयंती हैं. उनका जन्म 18 मई 1048 को उत्तर पूर्वी ईरान के निशाबुर (अब निशापुर) में हुआ था. खय्याम को कई गणितीय और विज्ञान की खोज के लिये भी जाना जाता है.
खय्याम की रुबाइयों के लिए मशहूर है 12वीं सदी
मशहूर कवि निदा फाजली के खय्याम पर छपे बीबीसी के एक लेख में वह उनकी रुबाइयों पर बात करते हैं. वह बताते हैं कि रुबाई की विधा को शोहरत ईरान में मिली. ईरान में 12वीं सदी, उमर खय्याम की रुबाइयों के लिए मशहूर है. खय्याम के पिता इब्राहीम ख़ेमे (तंबू) बनाने का काम करते थे और खय्याम को फारसी में 'ख़ेमा' के अर्थ में इस्तेमाल किया जाता है.
उमर ख़ैयाम की रूबाइयों की शोहरत में, अंग्रेज़ी भाषा के कवि एडवर्ड फिट्ज जेराल्ड (1809-1883) का बड़ा हाथ है. जेराल्ड ख़ुद भी अच्छे कवि थे लेकिन कविता के पाठकों में वह अपनी कविताओं से अधिक ख़ैयाम की रुबाइयों के अनुवादक के रूप में अधिक पहचाने जाते हैं. जीवन की अर्थहीनता में व्यक्तिगत अर्थ की खोज, खैयाम की रूबाइयों का केंद्रीय विषय है. इस एक विषय को अलग-अलग प्रतीकों और बिम्बों के ज़रिए उन्होंने बार-बार दोहराया है
आनंदी जीव था खय्याम- हरिवंश राय बच्चन
मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन ने खय्याम की मधुशाला अपनी किताब में खय्याम के बारे में जो खाका खींचा है, वह उनके नजरिये से एक कवि और दार्शनिक को समझने का सबसे बेहतर जरिया है. वह लिखते हैं कि पिता जी ने उमर खय्याम के बारे में केवल इतना बतलाया था कि यह फरसी का एक कवि है. इसने अपनी कविता रुबाइयों में लिखी है जैसे तुलसीदास ने चौपाइयों में. रुबाई का शाब्दिक अर्थ ही चौपाई है. पिता जी ने कितनी बारीकी से यह बात बता दी थी, अब समझ में आता है. साधारण जनता के बीच, और इसमें प्रायः ऐसे लोग अधिक हैं जिन्होंने उमर खय्याम की कविता स्वयं नहीं पढ़ी, बस यदा-कदा दूसरों से उसकी चर्चा सुनी है, या कभी उसके भावों को व्यक्त करने वाले चित्रों को उड़ती नजर से देखा है, कवि की एक और ही तसवीर घर किए हुए है.
उनके ख़याल में उमर खय्याम आनन्दी जीव है, प्याली और प्यारी का दीवाना है, मस्ती का गाना गाता है, सुखवादी है या जिसे अंग्रेज़ी में ‘हिडोनिस्ट’ या ‘एपीक्योर’ कहेंगे. इतिहासी व्यक्ति उमर खय्याम ऐसा ही था या इससे विपरीत, इस पर मुंह खोलने का मुझे हक नहीं है. फारसी की रुबाइयों में उमर खय्याम का जो व्यक्तित्व झलका है, उस पर अपनी राय देने का मैं अधिकारी नहीं हूं क्योंकि फारसी का मेरा ज्ञान बहुत कम है, लेकिन, एडवर्ड ने उन्नीसवीं सदी के मध्य में अपने अंग्रेजी अनुवाद में जो खाका खींचा है उसके बारे में बिना किसी संकोच या सन्देह के मैं कह सकता हूँ कि वह किसी सुखवादी आनन्दी जीवन अथवा किसी हिडोनिस्ट या ‘एपीक्योर’ का नहीं है.
जलाली कैलेंडर की शुरुआत
उमर खय्याम ने जलाली कैलेंडर शुरू किया था. सौर कैलेंडर को जलाली संवत या सेल्जुक संवत भी कहा जाता है. कहा जाता है कि यही कैलेंडर आज के कैलेंडरों का आधार बना. ये जलाली कैलेंडर आज भी ईरान और अफगानिस्तान में इस्तेमाल किया जाता है.
सौर वर्ष की दूरी का पता लगाया
खय्याम को क्यूबिक इक्वेशन्स के वर्गीकरण और उन्हें हल करने पर अपने काम के लिए जाना जाता है. खय्याम क्यूबिक इक्वेशन्स का आसान हल निकालने वाले पहले व्यक्ति थे. उमर खय्याम का अंतरिक्ष और ज्योतिष से खास जुड़ाव रहा. इसी के चलते उन्होंने इन क्षेत्रों में भी काफी काम किया उन्होंने इसी दिशा में काम करते हुए एक सौर वर्ष (लाइट ईयर) की दूरी दशमलव के छह बिन्दुओं तक पता लगाई
गूगल ने किया याद
गूगल ने खय्याम की जयंती के मौके पर उन्हें डूडल समर्पित किया है. यह डूडल भारत के अलावा, रूस, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीकी देशों, अमेरिका व चिली में गूगल के यूजर्स को नजर आएगा.
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दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा की ओर से अदालत में दी गयी दलीलों को सरकार के खिलाफ सबूत नहीं माना जा सकता.
उन्होंने राजा के बयान के आधार पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी चिदंबरम के इस्तीफे की मांग को खारिज किया. इससे पहले भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा था कि राजा ने अदालत में दलील दी है कि सरकार के शीर्ष नेतृत्व को 2जी से संबंधित सभी बातों की जानकारी थी. इस आधार पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.
राजा ने 2जी मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत में अपने बचाव में कहा कि तत्कालीन वित्त मत्री चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा था कि 2जी लाइसेंसधारकों द्वारा नए शेयरों के जरिये हिस्सेदारी घटाना लाइसेंस की बिक्री के तहत नहीं आता है.
सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष राजा द्वारा अदालत में दिए गए बयान के आधार पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं. ‘उन्हें अरुण जेटली (भाजपा नेता) या किसी अन्य वकील से विचार-विमर्श कर लेना चाहिए था.’
इस आरोप पर कि दो नई दूरसंचार कंपनियों यूनिटेक और स्वान ने अपनी हिस्सेदारी महंगे मूल्य पर बेची, सिब्बल ने कहा, ‘यह कोई विनिवेश नहीं था. सिर्फ नए शेयर जारी कर इन कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी कम की थी.’ यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री को यूनिटेक और स्वान द्वारा हिस्सेदारी घटाने के बारे में जानकारी दी, सिब्बल ने हां में जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इसके बारे में जानते थे कि यह नए शेयर जारी कर हिस्सेदारी घटाने का मुद्दा है.
उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लिया. सिब्बल ने कहा, ‘भाजपा जिस तरह संसद सत्र से पहले यह मुद्दा उठा रही है उससे लगता है कि उनके पास कोई और मुद्दा नहीं है. यह आगामी संसद सत्र को बाधित करने के लिए उनका हथकंडा है.
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ई-लर्निंग यानी शिक्षा देने का इलेक्ट्रानिक तरीका. ई-लर्निंग के बढ़ते साधनों से अब सीखना-सिखाना काफी आसान हो गया है. स्कूल, कॉलेज, दफ्तर हो या घर, इन नए साधनों से लोग सीखने या अपने कौशल को बेहतर बनाने में मदद ले रहे हैं.
आइए जानते हैं ई- लर्निंग के बारे में विस्तार से:
टेक्सट बुक से लेकर टैबलेट तकः
शिक्षा को सुविधाजनक बनाने के लिए संस्थान छात्रों को टैबलेट का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि वे ई-टेक्स्टबुक्स को आसानी से हासिल कर सकें. वे अपने टैबलेटों के जरिए डिजिटल लाइब्रेरी और वीडियो ट्यूटोरियल उपलब्ध करा रहे हैं.
एम-लर्निंग और माइक्रो लर्निंगः
नई टेक्नोलॉजी की बदौलत कई तरह के लर्निंग मोबाइल बन रहे हैं. टिन कैन जैसे ई-लर्निंग ऐप्स के साथ अब छात्रों को फटाफट पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए माइक्रो-स्लाइसेज के रूप में पढ़ाई की सामग्री भेजी जा सकती है.
ओपन एजुकेशन रिसोर्सेज़ः
ओपन एजुकेशन रिसोर्सेज (ओईआर) टीचिंग और लर्निंग के मकसद से विकसित किया जाता है और मुफ्त में उपलब्ध कराया जाता है. यह डिजिटाइज्ड सामग्री ओपन डेवलपमेंट की सुविधा देती है. ओईआर में विशेष एजुकेशन कोर्स और विषय, डिजिटाइज्ड टेक्स्टबुक, वीडियो और अन्य सामग्री शामिल हैं जिनका इस्तेमाल पढ़ाई के लिए किया जा सकता है.
सोशल लर्निंगः
यह छात्रों को आपस में लर्निंग की सुविधा देता है, जिसे एमओओसी (मैसिवली ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) ने लोकप्रिय बनाया है. इस तरह की लर्निंग सोशल लर्निंग का मार्ग प्रशस्त कर रही है, जहां विषयों को लेकर कम्युनिटीज बना ली जाती हैं. छात्र दुनिया भर में दूसरे छात्रों के साथ संबंधित विषय पर चर्चा करते हैं और अपनी जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं.
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मोटापे और डायबिटीज की वजह से दिल का दौरा, दिमागी दौरा, अंधापन, फेफड़े का खराब होना, शरीर की नसों को नुकसान होने का खतरा हो सकता है. तंबाकू के बाद कैंसर की दूसरी वजह मोटापा ही है. लेकिन मोटापे और डायबिटीज पर कंट्रोल करना अब आसान हो गया है.
54 वर्षीय विनोद गुप्ता 123 किलोग्राम वजन के साथ डायबिटीज और मोटापे की बीमारी से परेशान थे. उनका (बीएमआई) सामान्य स्तर से बढ़कर 39.4 तक पहुंच गया था. लेकिन अब बॅरिएट्रिक सर्जरी से वह इन बीमारियों से ठीक हो चुके हैं. इससे उन्होंने छह माह में 26.7 किलोग्राम वजन कम कर लिया और आज दो साल बाद भी विनोद का वजन 80 किलोग्राम है.
फोर्टिस हॉस्पिटल में मेटाबोलिक एंड बॅरिएट्रिक सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. अतुल पीटर्स ने बताया, अगर डायबिटीज और मोटापे पर कंट्रोल न होने से कई बड़े खतरे जैसे-दिल का दौरा, दिमागी दौरा, अंधापन, फेफड़े का खराब होना, शरीर की नसों को हानि जैसी बीमारियां पैदा कर सकती हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर महिला की कमर का आकार 35 और पुरुष की कमर का आकार 40 से ज्यादा है तो डायबिटीज की जांच करानी चाहिए. ऐसे मामले में बांझपन होना एक आम बात है. ऐसा पाया गया है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा बांझपन के मामले मोटापे और डायबिटीज की वजह से होते हैं.
विनोद गुप्ता की सर्जरी के दो महीने के बाद उनके पुत्र वैभव को भी बॅरिएट्रिक सर्जरी करानी पड़ी. दरअसल 30 वर्ष की उम्र में 138 किलोग्राम के वजन के साथ उनका (बीएमआई ) 41.1 के स्तर पर जा पंहुचा था. अपने पिता की तरह वो भी 'डायबिटीज', 'डाइस्लिपीमेडिया' और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से परेशान थे.
छह महीने में उन्होंने 27 किलोग्राम वजन कम किया और अब वैभव का वजन 93 किलोग्राम है. विनोद गुप्ता का ऑपरेशन 16 अगस्त 2012 को हुआ था, वहीं वैभव का ऑपरेशन अपने पिता की सर्जरी के दो महीने बाद 11 अक्टूबर 2012 को हुआ.
मोटापा कई बीमारियों की जड़ है, ऐसे में इससे बचाव से ही बीमारियों से दूर रहा जा सकता है. डॉ. अतुल पीटर्स के मुताबिक दवाओं के जरिए इलाज कराने वाले मरीजों के मुकाबले में बॅरिएट्रिक सर्जरी अपनाने वाले मरीज ज्यादा मात्रा में वजन कम कर लेते हैं.
लक्षण:
- असाधारण तोंद
- रक्तप्रवाह का स्तर अनुरूप न होना
- ब्लड शुगर में बढ़ोतरी
- सूजन और जलन का होना
- मीठा खाने की ख्वाहिश, खासकर खाने के बाद
- खाना खाने के बाद थकान हो जाना
- बार-बार पेशाब आना
- लैंगिक रूप से परेशानियों का होना
ऐसा माना जाता है कि इसमें बॅरिएट्रिक सर्जरी एक सफल और आशा जनक उपचार के रुप में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है. सर्जरी जोड़ों के दर्द, डायबिटीज, नींद का ना आना, रक्तप्रवाह जैसी बीमारियों से भी छुटकारा दिलाती है.
- इनपुट IANS
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'रईस' में शाहरुख खान की बीवी का किरदार निभाने वाली पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान ने भारतीय मीडिया से बात की है. उन्होंने कई सवालों के खुलकर जवाब दिए.
पढ़िए, सवाल-जवाब-
फिल्म के बाद
किस तरह की प्रतिक्रिया मिली है आपको?
बहुत ही बढ़िया रिस्पॉन्स मिला है. लोगों का कॉम्पलिमेंट बहुत ही अच्छा है. लोग कह रहे हैं कि उन्हें ऐसा लगता है कि वे 'रईस' की कहानी और उसके आसपास के लोगों को देख रहे हैं.
प्रमोशन पर आपने सबको मिस किया?
जी, मैंने बहुत मिस किया. खासतौर से
फिल्म की स्टार कास्ट
और क्रू को. लेकिन मैं यहां पकिस्तान में बैठकर सबकुछ देख रही थी, मुझे फिल्म की सफलता को देखकर बड़ा अच्छा लगा.
आपको दुःख है कि फिल्म पाकिस्तान में रिलीज नहीं हुई है?
फिल्म पाकिस्तान में अब रिलीज होने जा रही है. यहां सब इन्तजार कर रहे थे. जब मैंने यह फिल्म अपनी मां के साथ देखी तो उन्हें शाहरुख खान बेहद पसंद आए.
शाहरुख के साथ काम करना कैसा रहा?
ये एक सपने के सच होने जैसा था. लोग मुझसे कहते हैं कि मैंने शाहरुख के साथ कैसे काम कर लिया. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान 2 साल तक सभी लोगों ने कड़ी मेहनत की है और बहुत ही दिल से फिल्म बनाई है. मैं शाहरुख की फिल्मों को देखते हुए बड़ी हुई हूं, लेकिन वे आज और ज्यादा हैंडसम लगते हैं. जब मैं मुम्बई आई थी तो मुझे लगा कि तेज हवा चलेगी और शाहरुख मेरी तरफ दौड़ते हुए आएंगे.
शाहरुख से पहली मीटिंग कैसी रही?
मैंने 'रईस' साइन की थी और फोटोशूट कर रही थी. तभी मेरी वैनिटी वैन के भीतर अरुणिमा आई और उसने कहा कि 'वो यहां हैं और आप बाहर आइए.' मैं उन्हें (शाहरुख को) 'हेलो' कहा और उन्होंने 'सलाम वालेकुम.' फिर उन्होंने मेरा हाल-चाल पूछा.
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श्वेता शेट्टी (उपनाम श्वेता के नाम से भी जानी जाती हैं ) एक भारतीय मूल की जर्मन गायिका हैं, जो अपने एल्बमों और बॉलीवुड फिल्म साउंडट्रैक में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं। उनका सर्वाधिक रीमिक्स हिट गीत 1995 में ऊर्जा एल्बम का " क्यू-फंक " है।
प्रारंभिक जीवन व करियर
शेट्टी का एल्बम जॉनी जोकर सफल रहा था। उन्हें 1998 के स्क्रीन अवार्ड्स में एल्बम "दीवाने तो दीवाने" हैं में उनके काम के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पॉप कलाकार से सम्मानित किया गया था।
शेट्टी ने 1997 में एक जर्मन व्यक्ति, क्लेमेंस ब्रांट से शादी की और हैम्बर्ग चली गए। उन्होंने पांच साल बाद तलाक ले लिया, लेकिन वह 2015 तक पब्लिक नहीं था और जब शेट्टी हमेशा के लिए भारत वापस चली गई, तब पता चला।
वह भारतीय अभिनेत्रियों शिल्पा शेट्टी और शमिता शेट्टी की चचेरी बहन हैं।
शेट्टी ने एक नया सिंगल "दारो ना करतब" लॉन्च किया जिसे महामारी के दौरान दिल्ली स्थित संगीत निर्माता एडी एस ने घर पर शूट और संपादित किया गया था।
शेट्टी ने 2021 में सोनी म्यूजिक इंडिया पर हाउस म्यूजिक प्रोड्यूसर एडी एस के साथ सलीम-सुलेमान के ओरिजिनल सॉन्ग "जलने में है मजा" (1993) का रीमिक्स लॉन्च किया। इसके वीडियो को गोवा में शूट किया गया था और दर्शकों और समीक्षकों द्वारा 90 के दशक के डिस्को रिवाइवलिस्ट नंबर के रूप में समान रूप से सराहा गया था।
सन्दर्भ
भारत के लोग
जीवित लोग
1969 में जन्मे लोग
संगीतकार
गायिका
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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने प्रस्ताव पारित कर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को केवल यूएई में सीरीज खेलने की अनुमति दी है. इसके अलावा किसी भी देश में खेलने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से अनुमति लेनी होगी. गौरतलब है कि नवाज शरीफ पीसीबी के संरक्षक भी हैं. शरीफ ने कल पीसीबी से कहा था कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम को
भारत जाकर खेलने की जरूरत नहीं
है.
इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने दिसंबर में प्रस्तावित द्विपक्षीय श्रृंखला भारत में खेलने के प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए पहले ही अनिश्चतता के बादलों से घिरे
टूर्नामेंट को पहले ही खतरे में डाल दिया
. पिछले कुछ दिनों से श्रृंखला होने की संभावना को बल मिला था लेकिन पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान ने साफ किया कि पाकिस्तानी टीम का श्रृंखला के लिये भारत का दौरा करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने पिछले शनिवार को शहरयार को फोन करके टूर्नामेंट का आयोजन भारत में करने का प्रस्ताव रखकर उनसे
सरकार से अनुमति लेने के लिए कहा था
. लेकिन शहरयार ने स्पष्ट किया कि यह श्रृंखला तभी संभव है अगर भारत यूएई में आकर खेले जहां लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर आतंकी हमले के बाद 2009 से पाकिस्तान अपने घरेलू मैच खेल रहा है.
शहरयार ने क्रिकइंफो से कहा, ‘भारत में खेलने का सवाल ही नहीं उठता. मुझे अब भी यूएई में नहीं खेलने के कारण का इंतजार है.’ उन्होंने कहा, ‘हम 2007 और 2012 में वहां गए. इस बार फिर ऐसा नहीं होगा. यह हमारी श्रृंखला है और हम अपने घरेलू स्थल पर खेलेंगे जो यूएई है. यूएई में खेलने में क्या समस्या है. उन्होंने अपना आईपीएल भी वहां खेला था तो फिर पाकिस्तान श्रृंखला क्यों नहीं.’ बीसीसीआई ने अभी इस ताजा घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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दीपिका पल्लिकल और जोशना चिनप्पा ने स्क्वाश में शनिवार को स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा, लेकिन मुक्केबाज सरिता देवी और देवेंद्रो सिंह को 20वें राष्ट्रमंडल खेलों के दसवें दिन आज यहां रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा.
दीपिका और जोशना ने स्क्वाश के महिला युगल के फाइनल में इंग्लैंड की जैनी डंनकाफ और लौरा मासैरो को 11-6, 11-6 से हराकर इतिहास रचा. यह राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का स्क्वाश में पहला पदक है. मुक्केबाजी में सरिता महिलाओं के लाइटवेट (57 से 60 किग्रा) भार वर्ग में आस्ट्रेलिया की शैली वाट्स से संघषर्पूर्ण मुकाबले में हारी, जबकि उनके छोटे भाई देवेंद्रो को लाइट फ्लाइवेट (46 से 49 किग्रा) में उत्तरी आयरलैंड के पैडी बर्न्स से हार का सामना करना पड़ा.
भारत के अब कुल पदकों की संख्या 55 हो गई है, जिसमें 14 स्वर्ण, 25 रजत और 156 कांस्य पदक शामिल हैं. भारत ने अपना पांचवां स्थान बरकरार रखा है. इंग्लैंड 145 पदक लेकर शीर्ष पर है. उसके बाद आस्ट्रेलिया (125), कनाडा (75) और स्काटलैंड (49) का नंबर आता है.
भारत की सकीना खातून ने पावरलिफ्टिंग स्पर्धा के महिला लाइटवेट (61 किग्रा तक) वर्ग में कांस्य पदक जीता. बेंगलूर में जन्मीं यह पावरलिफ्टर नाईजीरिया की इस्थर ओयेमा (स्वर्ण पदक) और इंग्लैंड की नटाली ब्लेक (रजत पदक) के बाद तीसरे स्थान पर रहीं. भारतीय पावरलिफ्टर ने कुल 88.2 किग्रा का वजन उठाया, जबकि इस्थर ने 136 किग्रा और नटाली ने 100.2 किग्रा का भार उठाया.
बैडमिंटन में भी भारत ऐतिहासिक स्वर्ण पदक की दौड़ में बना हुआ. पी कश्यप अब इससे केवल एक जीत दूर है, जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा अपने खिताब के बचाव के लिए उतरेंगी. युवा पी वी सिंधु हालांकि सेमीफाइनल में हार गई. ज्वाला और अश्विनी की दिल्ली खेलों की स्वर्ण पदकधारी जोड़ी ने महिला युगल सेमीफाइनल में लाई पेई जिंग और लू यिन लिम पर 21-7, 21-12 से आसान जीत दर्ज की.
अब फाइनल में इस जोड़ी का सामना विवियान काह मुन हू और खे वेई वून की दुनिया की 18वें नंबर की मलेशियाई जोड़ी से होगी. हालांकि अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रही सिंधू महिला एकल में आगे नहीं बढ़ सकीं और वह अंतिम चार के मुकाबले में कनाडा की मिशेल ली से 20-22, 20-22 से हार गईं.
आरएमवी गुरूसाईदत्त भी सेमीफाइनल में सिंगापुर के डेरेक वोंग से 21-16, 19-21, 15-21 से हार गए. इस बीच भारतीय हाकी टीम ने दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना 2010 की तरह आस्ट्रेलिया से होगा. भारत 18वें मिनट तक 0-2 से पीछे चल रहा था. इसके बाद कप्तान रूपिंदर पाल सिंह, रमनदीप सिंह और आकाशदीप सिंह ने गोल करके भारत का कम से कम रजत पदक पक्का कर दिया.
न्यूजीलैंड ने दूसरे ही मिनट में बढत बना ली जब साइमन चाइल्ड ने बेहतरीन क्रास पर गेंद को गोल के भीतर डाला. उसके लिए दूसरा गोल 18वें मिनट में निक हेग ने किया. टेबल टेनिस में भारत के शीर्ष खिलाड़ी अचंता शरत कमल पुरुष एकल के एकतरफा सेमीफाइनल में सिंगापुर के सिंगापुर के जियान झान से 0-4 से हार गए. उन्हें इस मुकाबले में 6-11, 6-11, 6-11, 8-11 से पराजय का मुंह देखना पड़ा.
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आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है. रविवार को दिल्ली के आईजी स्टेडियम में बीजेपी बूथ सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि 2019 का चुनाव आम चुनाव नहीं होने जा रहा है, ये चुनाव युग को बदलने वाला चुनाव है, जैसे 1977 का चुनाव हुआ था. 2019 का चुनाव वंशवाद, जातिवाद, तुष्टिकरण के कफन पर आखिरी कील ठोंकने वाला चुनाव होगा. दिल्ली में 7 की 7 सीट बीजेपी जीते ये कार्यकर्ता सुनिश्चित करें.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में तीन पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच मुकाबला होगा. केजरीवाल, राहुल गांधी से ज्यादा झूठ किसी ने नहीं बोले हैं. अभी तक 1984 सिख दंगा पीड़ितों को न्याय नहीं मिला. मोदी सरकार बनते ही हमने एसआईटी बनाई और तब जांच हुई. आखिर में दंगा पीड़ितों को न्याय मिल रहा है. दिल्ली विधानसभा में जो घटना हुई, वो दंगा पीड़ितों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा था. आम आदमी पार्टी को शर्म आनी चाहिए. केजरीवाल की पार्टी ने इतने वादे किए और वो सब वादे विफल हो गए हैं. दिल्ली की जनता केजरीवाल से त्रस्त है. आज आम आदमी कहलाने वाले जेड प्लस सुरक्षा लेकर घूम रहे हैं.
शाह ने पूछा- वादों का क्या हुआ
शाह ने पूछा कि 500 नए विद्यालय कहां हैं बताएं केजरीवाल? हर लोकसभा में नए अस्पताल कहां हैं? मोहल्ला क्लिनिक में न डॉक्टर हैं, न टेस्ट होते हैं. मोहल्ला क्लिनिक में कुत्ते, बिल्ली बैठे रहते हैं. दिल्ली का युवा वाईफाई के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रहा है. अबतक डीटीसी की बस में मार्शल तैनात नहीं हो सके. अबतक कहीं भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. दिल्ली में 50 फीसदी जनता दुर्गंध वाला पानी पी रही है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में किया हर वादा पूरा किया है. हम अपने काम को लेकर जनता के बीच जाने वाले हैं. दिल्ली हाइकोर्ट ने 15 दिन में नेशनल हेराल्ड की इमारत खाली करने को कहा है. कांग्रेस नेतृत्व ने इसके जरिए करोड़ो की संपत्ति बना ली है. इनकम टैक्स ने कांग्रेस नेतृत्व को 600 करोड़ की आय छिपाने के लिए नोटिस दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल-राफेल करके महज हल्ला किया. सुप्रीम कोर्ट ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया.
अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी निर्लज्ज होकर रोज ये बात दोहराते हैं. अरबों का घोटाला करने वाला कांग्रेस नेतृव आज हमपर आरोप लगा रहा है. जब मौनी बाबा प्रधानमंत्री थे, तब पाकिस्तान रोज जवानों का अपमान करता था. उरी घटना के बाद मोदी जी ने सेना को हुक्म दिया और हमने पाक के घर में घुसकर बदला लिया. अमेरिका और इजराइल के बाद भारत का नाम उस सूची में जुड़ गया जिसमें जवानों की मौत का बदला लिया जाता है. असम में घुसपैठियों पर लगाम कसी तो राहुल बाबा और उनकी बी टीम हल्ला करने लगी . ये घुसपठिये देश में धमाके करते हैं तब राहुल गांधी को नागरिकों की फिक्र नहीं होती है. कश्मीर से कन्याकुमारी और कोहिमा से कच्छ तक एक एक घुसपैठिये को बाहर निकालेंगे.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केरल के एलडीएफ नीत सरकार पर घोटालों एवं भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट (माकपा) की विचारधारा और सिद्धांतों में गिरावट आई है। उन्होंने हरिपद में आयोजित चुनाव सभा में कहा कि एलडीएफ के शासनकाल के दौरान माकपा द्वारा सदैव आधुनिकीकरण एवं विकास की ओर अग्रसर होने का विरोध करने के चलते केरल सभी क्षेत्रों में पिछड़ गया है। गौरतलब है कि यहां से केरल प्रदेश समिति के अध्यक्ष रमेश चेन्नीथाला चुनाव लड़ रहे हैं। गांधी ने कहा, पिछले पांच सालों के एलडीएफ शासनकाल के दौरान केरल पीछे रह गया। यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है। यहां घोटाले पर घोटाले हुए, शराब, भूमि और लॉटरी के माफियाओं को सरकार का संरक्षण प्राप्त है, जो ग्रामीण इलाकों में अपनी सत्ता चला रहे हैं। गांधी ने कहा कि माकपा भी सभी प्रकार के आधुनिकीकरण का विरोध करती रही है। उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह से माकपा ट्रैक्टर और कम्प्यूटर के प्रयोग का पूर्व में विरोध कर चुका है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में आर्थिक मंदी के बावजूद भी भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के के जद में नहीं आया, लेकिन केरल को एलडीएफ शासनकाल के दौरान काफी झेलना पड़ा। गांधी ने कहा कि 2004 में सुनामी से प्रभावित क्षेत्रों की एलडीएफ सरकार ने पूरी तरह से उपेक्षा की। आपदा राहत को लेकर केंद्र द्वारा मुहैया कराई गई मदद का भी एलडीएफ सरकार सही तरह से प्रयोग नहीं कर पाई। उन्होंने कहा, क्या एलडीएफ आपकी परवाह कर सकता है? इसका उत्तर आपको ही देना है।
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पिछले दिनों पाकिस्तान में एक दूल्हे ने अपनी शादी में कुछ ऐसा कर दिया, जिससे उसे सोशल मीडिया पर लोगों की काफी नाराजगी झेलनी पड़ी. मुल्तान के शेख मोहम्मद ने शादी समारोह में पहुंचने के लिए पारंपरिक रूप से घोड़ी की सवारी करने की बजाय शेर पर सवार होना बेहतर समझा. हालांकि यह शेर पिंजरे में बंद था, लेकिन इसके बावजूद दूल्हा अपनी इस अनोखी अदा से सबका ध्यान खींचने में सफल रहा. उत्साहित दूल्हे ने कहा, मेरे पिता ने मेरी इच्छा पूरी कर दी. मैं बेहद शुक्रगुजार हूं. इस वीडियो को पाकिस्तान के ARY न्यूज ने अपलोड किया, जिसे लेकर अधिकांश कमेंट काफी आलोचनात्मक थे. लोगों ने इसे संपत्ति का सार्वजनिक तौर पर बेजा प्रदर्शन करार दिया. इतना ही नहीं दूल्हा सोने के गहनों से लदा हुआ था और शादी के दावत में करीब 15,000 मेहमान शरीक हुए. दुल्हन के घर वालों ने 5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये दहेज के रूप में दिए थे, जिसे शादी के दौरान प्रदर्शित किया गया.
इतना ही नहीं दूल्हा सोने के गहनों से लदा हुआ था और शादी के दावत में करीब 15,000 मेहमान शरीक हुए. दुल्हन के घर वालों ने 5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये दहेज के रूप में दिए थे, जिसे शादी के दौरान प्रदर्शित किया गया.
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सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति (सलेक्ट कमेटी) ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था. इसके बाद नागेश्वर राव को शीर्ष जांच एजेंसी की दोबारा कमान दी गई थी.
बता दें, अक्टूबर 2018 में सीबीआई में विवाद के बाद सरकार ने निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. इसके बाद नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा कोर्ट पहुंच गए थे. बीती 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को निदेशक के पद पर बहाल करते हुए कहा था कि सरकार सीबीआई निदेशक को नहीं हटा सकती है, सिर्फ सेलेक्ट कमेटी ही हटा सकती है.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि के रूप में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी थे, ने 2-1 के बहुमत से आलोक वर्मा को पद से हटा दिया था. सरकार ने अभी तक कोई नया निदेशक नियुक्त नहीं किया है, इसलिए नागेश्वर राव ही अंतरिम निदेशक बने रहेंगे. यानी कि लगभग 3 हफ्ते तक वह इस पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन प्रशांत भूषण को इस फैसले से आपत्ति है, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
कोर्ट ने अस्थाना मामले में खारिज कर दी थी याचिका
इससे पहले प्रशांत भूषण ने राकेश अस्थाना को विशेष निदेशक के रूप में नियुक्त करने के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने पुनर्विचार याचिका दायर की, पर इसे भी न्यायालय ने खारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की, लेकिन दिसंबर, 2018 में न्यायालय ने यह याचिका भी खारिज करते हुए प्रशांत भूषण को फटकार लगाई थी.
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यह लेख है: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और एलजी नजीब जंग के बीच चल रही लड़ाई में अब एक नया हथियार दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की तरफ से एलजी पर चलाया गया है।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी नजीब जंग पर आरोप लगाए है कि उन्होंने स्कूल के लिए प्रस्तावित ज़मीन बीजेपी को दफ्तर बनाने को क्यों आवंटित की?
एलजी को लिखी चिट्ठी के मुताबिक, 'जिस राज्य में बच्चे क्लास रूम के लिए तरस रहे है, जहां एक-एक कक्षा में 150-150 बच्चे तक पढ़ने को मजबूर हों, जिस राज्य में राज्य सरकार स्कूल बनाने के लिए एक-एक कोने में ज़मीन तलाश रही हो, ऐसे राज्य का उपराज्यपाल होते हुए स्कूल के लिए आवंटित ज़मीन आपने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को देने का निर्णय किया। इसमें कौन सा जनता हित नज़र आया?'
मनीष सिसोदिया के मुताबिक़ उपराज्यपाल ने दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्कूल के लिए प्रस्तावित 809 वर्ग मीटर का लैंड यूज़ बदलकर बीजेपी कार्यालय को देने का फैसला किया। टिप्पणियां
ख़त में सिसोदिया ने माना है कि दिल्ली में ज़मीन पर फैसला लेने का हक़ निर्विवाद रूप से एलजी के पास ही है, लेकिन दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का शिक्षा मंत्री होने के नाते मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं आपके इस शिक्षा विरोधी कदम के खिलाफ आवाज़ उठाऊं।
सिसोदिया ने एलजी से निवेदन किया है कि वो अगली पीढ़ी के भविष्य के हिस्से की ज़मीन उनको वापस लौटा दें।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी नजीब जंग पर आरोप लगाए है कि उन्होंने स्कूल के लिए प्रस्तावित ज़मीन बीजेपी को दफ्तर बनाने को क्यों आवंटित की?
एलजी को लिखी चिट्ठी के मुताबिक, 'जिस राज्य में बच्चे क्लास रूम के लिए तरस रहे है, जहां एक-एक कक्षा में 150-150 बच्चे तक पढ़ने को मजबूर हों, जिस राज्य में राज्य सरकार स्कूल बनाने के लिए एक-एक कोने में ज़मीन तलाश रही हो, ऐसे राज्य का उपराज्यपाल होते हुए स्कूल के लिए आवंटित ज़मीन आपने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को देने का निर्णय किया। इसमें कौन सा जनता हित नज़र आया?'
मनीष सिसोदिया के मुताबिक़ उपराज्यपाल ने दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्कूल के लिए प्रस्तावित 809 वर्ग मीटर का लैंड यूज़ बदलकर बीजेपी कार्यालय को देने का फैसला किया। टिप्पणियां
ख़त में सिसोदिया ने माना है कि दिल्ली में ज़मीन पर फैसला लेने का हक़ निर्विवाद रूप से एलजी के पास ही है, लेकिन दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का शिक्षा मंत्री होने के नाते मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं आपके इस शिक्षा विरोधी कदम के खिलाफ आवाज़ उठाऊं।
सिसोदिया ने एलजी से निवेदन किया है कि वो अगली पीढ़ी के भविष्य के हिस्से की ज़मीन उनको वापस लौटा दें।
एलजी को लिखी चिट्ठी के मुताबिक, 'जिस राज्य में बच्चे क्लास रूम के लिए तरस रहे है, जहां एक-एक कक्षा में 150-150 बच्चे तक पढ़ने को मजबूर हों, जिस राज्य में राज्य सरकार स्कूल बनाने के लिए एक-एक कोने में ज़मीन तलाश रही हो, ऐसे राज्य का उपराज्यपाल होते हुए स्कूल के लिए आवंटित ज़मीन आपने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को देने का निर्णय किया। इसमें कौन सा जनता हित नज़र आया?'
मनीष सिसोदिया के मुताबिक़ उपराज्यपाल ने दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्कूल के लिए प्रस्तावित 809 वर्ग मीटर का लैंड यूज़ बदलकर बीजेपी कार्यालय को देने का फैसला किया। टिप्पणियां
ख़त में सिसोदिया ने माना है कि दिल्ली में ज़मीन पर फैसला लेने का हक़ निर्विवाद रूप से एलजी के पास ही है, लेकिन दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का शिक्षा मंत्री होने के नाते मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं आपके इस शिक्षा विरोधी कदम के खिलाफ आवाज़ उठाऊं।
सिसोदिया ने एलजी से निवेदन किया है कि वो अगली पीढ़ी के भविष्य के हिस्से की ज़मीन उनको वापस लौटा दें।
मनीष सिसोदिया के मुताबिक़ उपराज्यपाल ने दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्कूल के लिए प्रस्तावित 809 वर्ग मीटर का लैंड यूज़ बदलकर बीजेपी कार्यालय को देने का फैसला किया। टिप्पणियां
ख़त में सिसोदिया ने माना है कि दिल्ली में ज़मीन पर फैसला लेने का हक़ निर्विवाद रूप से एलजी के पास ही है, लेकिन दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का शिक्षा मंत्री होने के नाते मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं आपके इस शिक्षा विरोधी कदम के खिलाफ आवाज़ उठाऊं।
सिसोदिया ने एलजी से निवेदन किया है कि वो अगली पीढ़ी के भविष्य के हिस्से की ज़मीन उनको वापस लौटा दें।
ख़त में सिसोदिया ने माना है कि दिल्ली में ज़मीन पर फैसला लेने का हक़ निर्विवाद रूप से एलजी के पास ही है, लेकिन दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का शिक्षा मंत्री होने के नाते मेरी ये ज़िम्मेदारी है कि मैं आपके इस शिक्षा विरोधी कदम के खिलाफ आवाज़ उठाऊं।
सिसोदिया ने एलजी से निवेदन किया है कि वो अगली पीढ़ी के भविष्य के हिस्से की ज़मीन उनको वापस लौटा दें।
सिसोदिया ने एलजी से निवेदन किया है कि वो अगली पीढ़ी के भविष्य के हिस्से की ज़मीन उनको वापस लौटा दें।
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केंद्रीय गृहमंत्री एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि भारत मंदी का सामना नहीं कर रहा है, बल्कि यहां सिर्फ नरमी है.
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट के लांच के मौके पर उन्होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को तेज गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. गृहमंत्री ने कहा कि हमें इसे रोकने और कई बार सुधारात्मक कदम उठाने हैं ताकि घरेलू मांग में बढ़ोतरी हो. सरकार राजकोषीय कदम उठा रही है, जबकि आरबीआई मौद्रिक कदम उठा रहा है.
चिदंबरम ने गैर बैंकिंग, ऋण और विदेशी स्रोतों के सूखने को मौद्रिक झटका करार देते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ज्यादातर ऋण की व्यवस्था की. उन्होंने कहा कि हमें घरेलू मांग को प्रोत्साहित करना है और अधिक प्रोत्साहन पैकेज के लिए आरबीआई सरकार के साथ मिलकर काम कर सकता है और करेगा.
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यह लेख है: इंटरनेट उपयोग को लेकर किए गए एक ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि देश के 95 फीसदी किशोर (13-17 आयुवर्ग) इंटरनेट का उपयोग करते हैं, जबकि 13 वर्ष से कम आयु के बच्चे प्रतिदिन यूट्यूब का उपयोग करते हैं। यह सर्वेक्षण सोमवार को जारी किया गया।
यूट्यूब पर अपना अकाउंट बनाने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित है। देश के अग्रणी वाणिज्यिक संगठन एसोचैम द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार, किशोरों की बात करें तो देश के 81 फीसदी किशोर किसी न किसी सोशल नेटवर्किं ग साइट पर सक्रिय हैं, जिनमें से कम से कम 72 फीसदी किशोर दिन में एक बार से अधिक इसका उपयोग करते हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइटों का उपयोग करने वाले किशोरों में 65 फीसदी की आयु 13 वर्ष से कम है और 13 वर्ष से कम आयु के 76 फीसदी बच्चों के यूट्यूब पर अपने अकाउंट हैं और उनमें भी 51 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत का कहना है कि देश के करीब एकतिहाई बच्चे (35 फीसदी) लैपटॉप का उपयोग करते हैं और 32 फीसदी बच्चे अपनी पसंददीदा वेबसाइट का उपयोग करने के लिए टैबलेट का उपयोग करते हैं।
रावत ने बताया, "सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़े दुखद और चिंताजनक हैं। यूट्यूब पर अकाउंट खोलने के लिए 18 वर्ष न्यूनतम आयु निर्धारित है, लेकिन परिजनों की अनुमति से पांच वर्ष का छोटा बच्चा भी इसका उपयोग कर सकता है। चूंकि आयु सीमा के बारे में कहीं स्पष्ट उल्लेख नहीं होता, सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर सात से 13 आयुवर्ग के बच्चों की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है और वे बिना परिजनों की अनुमति या जानकारी के यूट्यूब का उपयोग करते हैं।" एसोचैम से संबद्ध सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन (एएसडीएफ) द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में भारत के विभिन्न शहरों में 6-13 आयुवर्ग के बच्चों के 4,750 परिजनों को शामिल किया गया। टिप्पणियां
इस सर्वेक्षण में यूट्यूब का इस्तेमाल करने के मामले में लखनऊ सबसे ऊपर और दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) दूसरे स्थान पर रहा, जबकि इसके बाद मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चंडीगढ़ और देहरादून आते हैं। एसोचैम स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष बी. के. राव ने कहा, "सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल करने के बारे में बच्चे सही निर्णय नहीं ले पाते, जिसके कारण बच्चों के साइबर उत्पीड़न का शिकार होने का खतरा होता है।"
इस सर्वेक्षण में एक और अहम तथ्य सामने आया कि कामकाजी माता-पिता के बच्चों के प्रौद्योगिकी का लती होने का खतरा अधिक होता है। उल्लेखनीय है कि यूट्यूब दुनिया की तीसरी सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली वेबसाइट है और पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग करने वाले 3.2 अरब लोगों में एक अरब लोग यूट्यूब का उपयोग करते हैं।
यूट्यूब पर अपना अकाउंट बनाने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित है। देश के अग्रणी वाणिज्यिक संगठन एसोचैम द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार, किशोरों की बात करें तो देश के 81 फीसदी किशोर किसी न किसी सोशल नेटवर्किं ग साइट पर सक्रिय हैं, जिनमें से कम से कम 72 फीसदी किशोर दिन में एक बार से अधिक इसका उपयोग करते हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइटों का उपयोग करने वाले किशोरों में 65 फीसदी की आयु 13 वर्ष से कम है और 13 वर्ष से कम आयु के 76 फीसदी बच्चों के यूट्यूब पर अपने अकाउंट हैं और उनमें भी 51 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत का कहना है कि देश के करीब एकतिहाई बच्चे (35 फीसदी) लैपटॉप का उपयोग करते हैं और 32 फीसदी बच्चे अपनी पसंददीदा वेबसाइट का उपयोग करने के लिए टैबलेट का उपयोग करते हैं।
रावत ने बताया, "सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़े दुखद और चिंताजनक हैं। यूट्यूब पर अकाउंट खोलने के लिए 18 वर्ष न्यूनतम आयु निर्धारित है, लेकिन परिजनों की अनुमति से पांच वर्ष का छोटा बच्चा भी इसका उपयोग कर सकता है। चूंकि आयु सीमा के बारे में कहीं स्पष्ट उल्लेख नहीं होता, सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर सात से 13 आयुवर्ग के बच्चों की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है और वे बिना परिजनों की अनुमति या जानकारी के यूट्यूब का उपयोग करते हैं।" एसोचैम से संबद्ध सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन (एएसडीएफ) द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में भारत के विभिन्न शहरों में 6-13 आयुवर्ग के बच्चों के 4,750 परिजनों को शामिल किया गया। टिप्पणियां
इस सर्वेक्षण में यूट्यूब का इस्तेमाल करने के मामले में लखनऊ सबसे ऊपर और दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) दूसरे स्थान पर रहा, जबकि इसके बाद मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चंडीगढ़ और देहरादून आते हैं। एसोचैम स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष बी. के. राव ने कहा, "सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल करने के बारे में बच्चे सही निर्णय नहीं ले पाते, जिसके कारण बच्चों के साइबर उत्पीड़न का शिकार होने का खतरा होता है।"
इस सर्वेक्षण में एक और अहम तथ्य सामने आया कि कामकाजी माता-पिता के बच्चों के प्रौद्योगिकी का लती होने का खतरा अधिक होता है। उल्लेखनीय है कि यूट्यूब दुनिया की तीसरी सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली वेबसाइट है और पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग करने वाले 3.2 अरब लोगों में एक अरब लोग यूट्यूब का उपयोग करते हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइटों का उपयोग करने वाले किशोरों में 65 फीसदी की आयु 13 वर्ष से कम है और 13 वर्ष से कम आयु के 76 फीसदी बच्चों के यूट्यूब पर अपने अकाउंट हैं और उनमें भी 51 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत का कहना है कि देश के करीब एकतिहाई बच्चे (35 फीसदी) लैपटॉप का उपयोग करते हैं और 32 फीसदी बच्चे अपनी पसंददीदा वेबसाइट का उपयोग करने के लिए टैबलेट का उपयोग करते हैं।
रावत ने बताया, "सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़े दुखद और चिंताजनक हैं। यूट्यूब पर अकाउंट खोलने के लिए 18 वर्ष न्यूनतम आयु निर्धारित है, लेकिन परिजनों की अनुमति से पांच वर्ष का छोटा बच्चा भी इसका उपयोग कर सकता है। चूंकि आयु सीमा के बारे में कहीं स्पष्ट उल्लेख नहीं होता, सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर सात से 13 आयुवर्ग के बच्चों की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है और वे बिना परिजनों की अनुमति या जानकारी के यूट्यूब का उपयोग करते हैं।" एसोचैम से संबद्ध सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन (एएसडीएफ) द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में भारत के विभिन्न शहरों में 6-13 आयुवर्ग के बच्चों के 4,750 परिजनों को शामिल किया गया। टिप्पणियां
इस सर्वेक्षण में यूट्यूब का इस्तेमाल करने के मामले में लखनऊ सबसे ऊपर और दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) दूसरे स्थान पर रहा, जबकि इसके बाद मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चंडीगढ़ और देहरादून आते हैं। एसोचैम स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष बी. के. राव ने कहा, "सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल करने के बारे में बच्चे सही निर्णय नहीं ले पाते, जिसके कारण बच्चों के साइबर उत्पीड़न का शिकार होने का खतरा होता है।"
इस सर्वेक्षण में एक और अहम तथ्य सामने आया कि कामकाजी माता-पिता के बच्चों के प्रौद्योगिकी का लती होने का खतरा अधिक होता है। उल्लेखनीय है कि यूट्यूब दुनिया की तीसरी सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली वेबसाइट है और पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग करने वाले 3.2 अरब लोगों में एक अरब लोग यूट्यूब का उपयोग करते हैं।
रावत ने बताया, "सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़े दुखद और चिंताजनक हैं। यूट्यूब पर अकाउंट खोलने के लिए 18 वर्ष न्यूनतम आयु निर्धारित है, लेकिन परिजनों की अनुमति से पांच वर्ष का छोटा बच्चा भी इसका उपयोग कर सकता है। चूंकि आयु सीमा के बारे में कहीं स्पष्ट उल्लेख नहीं होता, सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर सात से 13 आयुवर्ग के बच्चों की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है और वे बिना परिजनों की अनुमति या जानकारी के यूट्यूब का उपयोग करते हैं।" एसोचैम से संबद्ध सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन (एएसडीएफ) द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में भारत के विभिन्न शहरों में 6-13 आयुवर्ग के बच्चों के 4,750 परिजनों को शामिल किया गया। टिप्पणियां
इस सर्वेक्षण में यूट्यूब का इस्तेमाल करने के मामले में लखनऊ सबसे ऊपर और दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) दूसरे स्थान पर रहा, जबकि इसके बाद मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चंडीगढ़ और देहरादून आते हैं। एसोचैम स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष बी. के. राव ने कहा, "सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल करने के बारे में बच्चे सही निर्णय नहीं ले पाते, जिसके कारण बच्चों के साइबर उत्पीड़न का शिकार होने का खतरा होता है।"
इस सर्वेक्षण में एक और अहम तथ्य सामने आया कि कामकाजी माता-पिता के बच्चों के प्रौद्योगिकी का लती होने का खतरा अधिक होता है। उल्लेखनीय है कि यूट्यूब दुनिया की तीसरी सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली वेबसाइट है और पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग करने वाले 3.2 अरब लोगों में एक अरब लोग यूट्यूब का उपयोग करते हैं।
इस सर्वेक्षण में यूट्यूब का इस्तेमाल करने के मामले में लखनऊ सबसे ऊपर और दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) दूसरे स्थान पर रहा, जबकि इसके बाद मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चंडीगढ़ और देहरादून आते हैं। एसोचैम स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष बी. के. राव ने कहा, "सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल करने के बारे में बच्चे सही निर्णय नहीं ले पाते, जिसके कारण बच्चों के साइबर उत्पीड़न का शिकार होने का खतरा होता है।"
इस सर्वेक्षण में एक और अहम तथ्य सामने आया कि कामकाजी माता-पिता के बच्चों के प्रौद्योगिकी का लती होने का खतरा अधिक होता है। उल्लेखनीय है कि यूट्यूब दुनिया की तीसरी सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली वेबसाइट है और पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग करने वाले 3.2 अरब लोगों में एक अरब लोग यूट्यूब का उपयोग करते हैं।
इस सर्वेक्षण में एक और अहम तथ्य सामने आया कि कामकाजी माता-पिता के बच्चों के प्रौद्योगिकी का लती होने का खतरा अधिक होता है। उल्लेखनीय है कि यूट्यूब दुनिया की तीसरी सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली वेबसाइट है और पूरी दुनिया में इंटरनेट का उपयोग करने वाले 3.2 अरब लोगों में एक अरब लोग यूट्यूब का उपयोग करते हैं।
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युद्ध के समय में, युद्धपोतों और व्यापारिक जहाज़ों के बीच का अंतर अक्सर अस्पष्ट हो जाता है। युद्ध के समय में व्यापारिक जहाज़ अक्सर सशस्त्र रहते हैं तथा सहायक युद्धपोतों के रूप में प्रयोग किये जाते हैं, उदाहरण के लिए प्रथम विश्व युद्ध के क्यू-शिप्स तथा द्वितीय विश्व युद्ध के सशस्त्र व्यापारिक क्रूज़र्स. 17वीं शताब्दी तक यह आम था कि व्यापारिक जलयानों को नौसैनिक सेवा में प्रयोग किया जाये तथा यह भी असामान्य नहीं था कि नौसैनिक बेड़े में आधे से अधिक व्यापारिक जलयान शामिल हों. 19वीं सदी में समुद्री डकैतों के खतरे के समाप्त होने तक बड़े व्यापारिक जलयानों, जैसे गैलियंस को सशस्त्र रखना एक आम प्रथा थी। युद्धपोतों का प्रयोग सैन्य टुकड़ियों के वाहक अथवा रसद सामग्री पहुंचाने वाले जलयान के रूप में भी किया जाता था, जैसा कि फ्रांसीसी नौसेना 18वीं सदी में अथवा जापानी नौसेना द्वितीय विश्वयुद्ध के समय करती थीं।
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Redmi K20 बेहतर गेमिंग एक्सपीरियंस के लिए गेम टर्बो 2.0 के साथ आता है। इस संबंध में Xiaomi ने Redmi सब-ब्रांड ने Weibo पोस्ट के ज़रिए जानकारी दी। नए फ्लैगशिप फोन को इस महीने ही चीनी मार्केट में लॉन्च किया जाना है। इस फोन में डीसी डिमिंग टेक्नोलॉजी होने का भी टीज़र ज़ारी किया गया है। हाल ही में इस फीचर को OnePlus 7 Pro का भी हिस्सा बनाया गया था। अलग टीज़र में रेडमी के जनरल मैनेजर लू विबिंग ने खुलासा किया कि Redmi K20 में 3.5 एमएम हेडफोन जैक होगा। बता दें कि रेडमी के20 को 28 मई को बीजिंग में लॉन्च किया जाना है।
Weibo पर रेडमी अकाउंट से खुलासा हुआ है कि Redmi K20 में गेम टर्बो 2.0 टेक्नोलॉजी होगी। यह गेम टर्बो फीचर का नया अवतार होगा। इस फीचर को नए मीयूआई ग्लोबल बीटा अपडेट के ज़रिए Poco F1 का हिस्सा बनाया गया था। इसके बारे में नए Redmi फोन में बेहतर गेमिंग अनुभव का दावा किया गया है।
Weibo पर Redmi के जनरल मैनेजर लू विबिंग ने रेडमी के20 में डीसी डिमिंग फीचर दिए जाने की दावा किया है। इस फीचर को सॉफ्टवेयर अपडेट के ज़रिए हाल ही में OnePlus 7 Pro का हिस्सा बनाया गया था। यह तकनीक डीसी वोल्टेज इस्तेमाल करके स्क्रीन की ब्राइटनेस नियंत्रित करती है।
लू विबिंग ने अलग से यह भी ऐलान किया कि Redmi K20 हाइ-रेज़ ऑडियो सपोर्ट के साथ आएगा। इसमें 3.5 एमएम हेडफोन जैक होगा। स्मार्टफोन के बारे में एडवांस्ड ऑडियो एक्सपीरियंस देने का दावा है।
इसके अलावा Redmi ने चीनी मार्केट में इस फोन की प्रीबुकिंग शुरू करने की जानकारी दी है। लेकिन इसकी कीमत का ऐलान अभी नहीं किया गया है। Redmi K20 में पहले ही 4,000 एमएएच की बैटरी दिए जाने की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा फोन में 48 मेगापिक्सल का प्राइमरी Sony IMX586 सेंसर होगा।
हाल ही में इस बात का भी पता चला था कि Redmi K20 सातवें जेनरेशन वाले इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ आएगा। यह जानकारी Xiaomi के सब-ब्रांड Redmi ने Weibo पर एक पोस्ट ज़ारी करके दी। सामने आई तस्वीर में ग्रेडिएंट फिनिश के साथ रेडमी के20 के बैक पैनल पर ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप की झलक देखने को मिली। एक सेंसर को अलग प्लेस किया गया है और यह मेटालिक रिंग से कवर है।
जैसा कि हमने आपको पहले बताया, Redmi K20 को चीनी मार्केट में 28 मई को लॉन्च किया जाएगा। उम्मीद है कि लॉन्च इवेंट से पहले कंपनी फोन के और स्पेसिफिकेशन सार्वजनिक करेगी। चीनी मार्केट में बाद रेडमी के20 को भारत में लाया जाना तय है। इस संबंध में शाओमी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनु कुमार जैन ने पहले ही जानकारी दी थी।
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली जीत से अतिउत्साहित कुमार विश्वास राहुल गांधी को टक्कर देने अमेठी पहुंच चुके हैं. अमेठी में आज तक की संवाददाता रीमा पराशर के सवालों पर कुमार विश्वास ने दिए ये जवाब:
सवाल: राहुल गांधी यदि प्रधानमंत्री पद के दावेदार बने तो मुकाबला मोदी वर्सेज राहुल हो जाएगा. आप खुद को कहां देखते हैं?
जवाब: मैं तो आम आदमी हूं. ये तो बड़े आदमी हैं. मोदी बहुत लोकप्रिय नेता हैं. राहुल गांधी तो एक खानदान के चश्मे चिराग हैं, जहां पैदा होना ही प्रधानमंत्री पद की योग्यता हो जाता है. उनका अगर विवाह हो गया होता और अगर कोई नौनिहाल आ गया होता तो वो भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो जाता 2040 या 2050 का. मैं तो सामान्य आदमी हूं. एक छोटे से अध्यापक के घर में पैदा हुआ हूं. कवि हूं, 100 रुपये से काम शुरू किया है.
मेरे लिए लड़ाई इसलिए महत्वूपर्ण है कि क्या किसी खानदान विशेष में पैदा हो जाने से आपको ये अनुमति मिल जाती है कि आप दामिनी पर, गुडि़या पर, लोकपाल पर, टूजी पर, कॉमनवेल्थ पर, सब पर शांत रहो और स्पेन चले जाओ या कहीं घूमने चले जाओ. क्या आपको इस बात की अनुमति मिल जाती है कि क्या आप जिस पार्टी के उपाध्यक्ष हैं, प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, वहां लगातार भ्रष्टाचार होता रहे और आप उस पर टिप्पणी न करो, क्या आपको इस बात की अनुमति मिल जाती है कि आपके क्षेत्र में चुनौती देने मात्र से आपके गुंडे गुंडई पर उतर आएं और एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि रैली को तंग करने की कोशिश की जाएगी.
ये अमेठी एक प्रस्ताव देना चाहती है. मैं लड़ने जा रहा हूं. मेरे हारने जीतने का कोई सवाल ही नहीं है. अमेठी की जनता के हारने जीतने का सवाल है.
सवाल: कल आपका स्वागत अंडों से हुआ. वे समाजवादी पार्टी के लोग थे. समाजवादी पार्टी से आपको क्या उम्मीद है.
जवाब: प्रदेश को ही कोई उम्मीद नहीं बची तो मुझे क्या उम्मीद बचेगी. वो 32 नौनिहाल शिशु, जिन्होंने मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में दम तोड़ दिया, उनको दम तोड़ते हुए देख कर जब एसपी के मुखिया और समाजवाद के बड़े प्रणेता सैफई में विदेशी वारंगनाओं का नृत्य देखने में मशगूल थे तो मुझे क्या उम्मीद बचेगी.
मेरी सुरक्षा तो इन (समर्थकों की तरफ इशारा करते हुए) हजारों करोड़ों हाथों के साथ है, और नहीं भी है तो क्या है. एक आदमी के जीवित रहने और जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. अन्ना बार-बार कहते थे, अन्ना रहे न रहे, आग जलती रहनी चाहिए. अगर उनको लगता है कि अरविंद पर स्याही फेंककर, विश्वास पर अंडे फेंककर, रैली में विरोध कराकर, वो कुछ ऐसा कर लेंगे कि हम अपने कर्त्वय पथ से विचलित हो जाएंगे और हम उन लोगों की तरफ राजनीति करने लगेंगे कि कन्नौज में तुम मत लड़ाना, रायबरेली में हम नहीं भेजेंगे. हम ऐसी राजनीति के लोग नहीं हैं. हम तो सीधे-सीधे टक्कर देते हैं भ्रष्टाचार और वंशवाद को.
सवाल: जब प्रियंका गांधी कैंपेन करने आएंगी तब क्या होगा, क्योंकि जब वो आती हैं तो वोटों की लहर बदल जाती है.
जवाब: पिछली बार वो आईं थी तो सारी विधानसभा सीट हार गए थे रायबरेली और अमेठी में. मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार भी वो आएं, क्योंकि मेरी व आम आदमी की सफलता बहुत आवश्यक है. और वो हमारी बहन हैं. अभी तक उन्होंने एक ऐसे भाई के लिए वोट मांगे थे, जो संसद में अपनी उपस्थिति नहीं देता है, जो सवाल ही नहीं पूछता है, जिसके केवल उसके ब्रांड अंबेसडर बताते हैं कि बाहें इस तरह चढ़ाओ और कागज इस तरह फाड़ो.
एक बार एक ऐसे भाई के लिए भी जरा दुआएं मांग लें, जो दामिनी के लिए, छह साल की गुडि़या के लिए सड़क पर लाठी खाता है और जनलोकपाल के लिए 13-14 दिन जेल में रहता है. ऐसे एक भाई के लिए भी वे लोगों से कहें कि वे वोट दे दें. मुझे उम्मीद है प्रियंका जी ऐसा कहेंगी.
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जियोस्पेस पृथ्वी के निकट बाहरी अंतरिक्ष का क्षेत्र है, जिसमें ऊपरी वायुमंडल और मैग्नेटोस्फीयर शामिल हैं। वैन एलन विकिरण बेल्ट भू-स्थान के भीतर स्थित हैं। भू-स्थान की बाहरी सीमा मैग्नेटोपॉज़ है, जो पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर और सौर हवा के बीच एक इंटरफ़ेस बनाती है। आंतरिक सीमा आयनमंडल है। भू-स्थान की परिवर्तनशील अंतरिक्ष-मौसम स्थितियां सूर्य और सौर हवा के व्यवहार से प्रभावित होती हैं; भू-स्थान का विषय हेलियोफिजिक्स से जुड़ा हुआ है - सूर्य का अध्ययन और सौर मंडल के ग्रहों पर इसका प्रभाव। दिन-पक्ष मैग्नेटोपॉज़ सौर-हवा के दबाव से संपीड़ित होता है - पृथ्वी के केंद्र से उपसौर दूरी आमतौर पर 10 होती है पृथ्वी त्रिज्या. रात की ओर, सौर हवा मैग्नेटोस्फेयर को खींचकर एक मैग्नेटोटेल बनाती है जो कभी-कभी 100-200 पृथ्वी त्रिज्या से अधिक तक फैल जाती है। प्रत्येक महीने के लगभग चार दिनों के लिए, चंद्रमा की सतह को सौर हवा से बचाया जाता है क्योंकि चंद्रमा मैग्नेटोटेल से गुजरता है। जियोस्पेस बहुत कम घनत्व पर विद्युत चार्ज कणों से भरा होता है, जिनकी गति पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होती है। ये प्लाज़्मा एक माध्यम बनाते हैं जिससे सौर हवा द्वारा संचालित तूफान जैसी गड़बड़ी पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में विद्युत धाराओं को चला सकती है। भू-चुंबकीय तूफान भू-स्थान के दो क्षेत्रों, विकिरण बेल्ट और आयनमंडल को परेशान कर सकते हैं। ये तूफान ऊर्जावान इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को बढ़ाते हैं जो उपग्रह इलेक्ट्रॉनिक्स को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं, शॉर्टवेव रेडियो संचार और जीपीएस स्थान और समय में हस्तक्षेप कर सकते हैं। पृथ्वी की निचली कक्षा में भी चुंबकीय तूफान अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरा हो सकते हैं। वे भू-चुंबकीय ध्रुवों के आसपास एक अंडाकार में उच्च अक्षांशों पर देखे जाने वाले अरोरा भी बनाते हैं। हालांकि यह बाहरी अंतरिक्ष की परिभाषा को पूरा करता है, कार्मन रेखा के ऊपर पहले कुछ सौ किलोमीटर के भीतर वायुमंडलीय घनत्व अभी भी उपग्रहों पर महत्वपूर्ण खिंचाव पैदा करने के लिए पर्याप्त है। इस क्षेत्र में पिछले मानवयुक्त और मानवरहित प्रक्षेपणों से बची हुई सामग्री शामिल है जो अंतरिक्ष यान के लिए संभावित खतरा है। इस मलबे का कुछ हिस्सा समय-समय पर पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करता है।
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Print Allotment Letter / Check Allot Status For Second Round (General)Print Allotment Letter / Check Allot Status For Second Round (Sanskrit)Print Allotment Letter / Check Allot Status For Second Round (L.M, Bhasha)
स्टेप 1: उम्मीदवार वेबसाइट bstc2019.org पर जाएं.
स्टेप 2: वेबसाइट पर दिए गए Print Allotment Letter / Check Allot Status For Second Round के लिंक पर क्लिक करें.
स्टेप 3: नया पेज खुलने पर मांगी गई जानकारी भरकर सबमिट करें.
स्टेप 4: रिजल्ट आपकी स्क्रीन पर दिखने लगेगा.
स्टेप 5: रिजल्ट का प्रिंट ऑउट ले लें.
आपको बता दें कि बीएसटीसी के नाम से जानी जाने वाली प्री.डी.एल.एड. परीक्षा का रिजल्ट 3 जुलाई को घोषित किया गया था. इस परीक्षा में 80.47 फीसदी अंकों के साथ प्रवीण कुमार ने टॉप किया था. बीएसटीसी परीक्षा 2019 राज्य के सभी 33 जिलों के 2212 परीक्षा केंद्रों पर 26 मई को आयोजित की गई थी. बीएसटीसी परीक्षा के माध्यम से राजस्थान के प्रमुख संस्थानों में डीएलएड कोर्स में एडमिशन होता है.
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नाम
: डॉ. अब्दुल गफूर
पिता
: मोहम्मद जमाल
पार्टी
: आरजेडी
विधानसभा सीट
: महिषी
शिक्षा
: एम.ए पीएचडी
जन्मतिथिः
05 मई 1959
राजनीति में प्रवेश
: 1974
विधानसभा सदस्य
: 1995, 2000, 2010
अब तक का सफर
: 1995 में जेडीयू की तरफ से पहली बार विधानसभा चुनाव में महिषी सीट से खड़े हुए. 1997 में आरजेडी से जुड़े, 2000 में आरजेडी के टिकट पर महिषी में फिर विधानसभा सीट जीते. 2005 में चुनाव हारे, 2010 में फिर से महिषी सीट पर जीत दर्ज करके विधानसभा के सदस्य बने.
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सनसनीखेज आरुषि हत्याकांड के आरोपी राज कुमार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है.
गाजियाबाद के पुलिस उप महानिरीक्षक अखिल कुमार ने कहा कि राजकुमार ने अपने वकील नरेश यादव के जरिये सुरक्षा की मांग की थी. यादव ने दावा किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो उससे पूछताछ करना चाहता है. उल्लेखनीय है कि 14 वर्षीया आरुषि की नोएडा स्थित उसके घर में 16 मई, 2008 को हत्या कर दी गयी थी.
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जल्द न्याय दिलाने के लिए भारत में न्याय प्रदान एवं कानून सुधार राष्ट्रीय मिशन २३ जून २०११ को कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही लागू हो गया है। इसका मकसद है निचली अदालतों में लटके लगभग ढाई करोड़ मामलों को पांच गुना तेजी से निपटाना। इस मिशन का लक्ष्य वर्ष 2015 तक मुकदमों के लंबित रहने की अवधि को 3 वर्ष कर देना है। फिलहाल यह 15 वर्ष है।
इस पर अगले पांच साल में 5,510 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें से 75 प्रतिशत का वहन केंद्र और शेष का संबंधित राज्य करेंगे। पूवरेत्तर राज्यों के मामलों में केंद्र 90 प्रतिशत खर्च उठाएगा।
यह मिशन गुरुवार से लागू हो गया है, हालांकि कैबिनेट ने दिसंबर, 2009 में इसे सिद्धांत रूप से मंजूरी दे दी थी। हालांकि पूर्व में इस मिशन की समय सीमा 2012 तक रखी गई थी लेकिन अब इस अब बढ़ाकर वर्ष 2015 कर दिया गया।
सन्दर्भ
भारतीय मिशन
न्याय व्यवस्था
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यह एक लेख है: वर्ल्डकप में टीम इंडिया का दारोमदार जिस खिलाड़ी पर सबसे ज़्यादा रहने वाला है वह है विराट कोहली। नए जमाने का स्टार। बिंदास और बेपरवाह। कामयाबी पर अपनी गर्लफ़्रेंड को "किस ब्लो" करने में कोई हिचक नहीं।
एक शब्द जो विराट कोहली की समूची शख्सियत बयान करती है वो है "ज़िद"। दोस्तों का कहना है कि चीकू बचपन से ही अपने मन का मालिक रहा है। आक्रामकता स्वभाव में भी है और खेल में भी। उन्हें स्लेज़ कर गेंदबाज़ बचकर यूं ही आगे नहीं निकल सकता।
खुद पर भरोसा और कभी न हार मानने वाला ज़ज्बे ने विराट को कम समय में ही उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां दुनिया उन्हें वन-डे के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में देख रही है। भारत के लिए 52 गेंद पर सबसे तेज़ शतक। सबसे तेज़ 6000 रन। सबसे तेज़ 21 शतक। 21 में से 19 शतक ने टीम इंडिया को जीत दिलाई।
26 साल के विराट का बल्ला यूं बोलता रहा तो कोई भी रिकॉर्ड बच नहीं पाएगा। तभी वे वर्ल्डकप के सबसे अहम खिलाड़ियों में गिने जा रहे हैं। करियर ज़्यादा लंबा नहीं है। साल 2008 में ही उनकी कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्डकप जीता। ये एक स्टार के आने की दस्तक थी।
आईपीएल के पहले सीज़न की पार्टियों में विराट भटकते नज़र आए। टीम से भी निकाल दिए गए। जल्दी ही संभले और 7 घरेलू मैचों में 4 शतक ठोक वापसी की। साल 2012 में होबार्ट में ट्राई सीरीज़ के दौरान विराट ने 86 गेंदों पर 133 रन ठोक कर दिखा दिया था कि ऑस्ट्रेलिया की पिच पर भी वे क्या कर सकते हैं। पिछले साल नेपियर की तेज़ और बाउंसी पिच पर कोहली ने 123 रनों की पारी खेली।
वर्ल्डकप के ठीक पहले सर विवियन रिचर्ड्स ने विराट कोहली को लिजेंड का तमगा दे दिया है। विराट पर अब उम्मीदों पर खरे उतरने की चुनौती है।
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केंद्रीय कैबिनेट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है. वहीं आम्रपाली ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से जोरदार झटका लगा है. कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते और प्रॉपर्टीज अटैच करने के आदेश दिए हैं. पढ़ें, बुधवार शाम की पांच बड़ी खबरें........
1- SC/ST बिल में संशोधन को मंजूरी, इसी हफ्ते संसद में पेश करेगी सरकार
केंद्रीय कैबिनेट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद मोदी सरकार संशोधित बिल को मौजूदा संसद सत्र में ही पेश करेगी.
2- SC ने किए आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते सील, निदेशकों की निजी संपत्ति अटैच
आम्रपाली ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से जोरदार झटका लगा है. कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते और प्रॉपर्टीज अटैच करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने 2008 के बाद से तमाम खातों के लेन-देन की जानकारी मांगी है और कंपनी के फंड डायवर्जन को गंभीरता से लिया है.
3- IND vs ENG: जो रूट और जेनिंग्स क्रीज पर, लंच ब्रेक तक इंग्लैंड 83/1
टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला जा रहा है. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम ने 28 ओवर में 1 विकेट गंवा कर 83 रन बना लिए हैं. जो रूट (31 रन) और कीटन जेनिंग्स (38 रन) क्रीज पर हैं.
4- FB ने हटाए हजारों ऐप, यूजर इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी का दिया हवाला
सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म से हजारों ऐप्स को यूजर डेटा ऐक्सेस करने से ब्लॉक किया है. आपको बता दें कि कैंब्रिज अनालिटिका डेटा स्कैंडल के बाद से फेसबुक ने सावधानी बरतना शुरू कर दिया है और फेसबुक पर दूसरे ऐप को यूजर ऐक्सेस देने में भी कई शर्तें रखी हैं.
5- NRC पर फिर भड़कीं ममता बनर्जी, बोलीं -आग से खेल रही बीजेपी
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) में 40 लाख लोगों को अवैध नागरिक घोषित किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आक्रामक तेवर जारी है. ममता ने बुधवार को बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आग से खेल रही हैं.
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रोजाना की लाइफ में कई बार अपने काम को बेहतर ढ़ग से करने के बाद भी हम उसे दमदार तरीके से प्रेजेंट नहीं कर पाते. जिसकी एक अहम वजह है हमारी बॉडी लैंग्वेज. थकी हुई बॉडी लैंग्वेज के साथ आपके बॉस और साथ काम करने वाले भी आपको एक थका हुआ इंसान मान बैठते हैं. लेकिन परफेक्ट बॉडी लैंग्वेज को अपनाकर आप खुद को बूस्ट करने के साथ एक अलग पहचान बना सकते हैं. पेश हैं ऐसे ही 10 टिप्स :
(1)
जब भी किसी से खड़े होकर बात करें तो हमेशा अपने कंधे सीधे रखे, लेकिन यह याद रखें कि आपकी बॉडी लैंग्वेज में किसी किस्म की अकड़ नहीं होनी चाहिए. क्योंकि अकड़ लोगों को आपके प्रति सकारात्मक बनाने की जगह नकारात्मक बना देगी.
(2)
हमेशा खड़े रहने पर पंजों को आपस में जोड़ कर रखें और शरीर का भार निचले हिस्से में रहे. यह अवस्था सामने वाले को आपके प्रति बेहद कम्फर्ट जोन में ले आती है.
(3)
बोलते समय अपनी भाषा पर संयम बनाने के साथ उसकी पिच का भी बेहद ध्यान रखें. हमेशा तेज बोलना लोगों में आपकी नकारात्मक छवि बनाता है.
(4)
बोलते हुए स्पष्टता का ध्यान रखें,रुक-रुक कर बोलना आपकी छवि को कमजोर बनाता है.
(5)
किसी से रूबरू होते समय आई कॉन्टेक्ट बनाए रखें, लेकिन यह जरूर ध्यान रहे कि सामने वाला उस दौरान असहज न महसूस करे .
(6)
किसी से मिलने के दौरान बोलते हुए अपनी बात समझाने के लिए अपने हाथों का भी प्रयोग करें, क्योंकि ऐसा करना आपके विचारों में स्पष्टता लाता है .
(7)
हाथों की हथेली को बांधने के बजाय खुला रखें. बंद मुट्ठी सामने वाले को यह फील देती है जैसे कि आपने कोई चीज छिपा रखी है .
(8)
किसी मीटिंग, इंटरव्यू के दौरान बात करते हुए हाथों को आपस में रब नहीं करें, पैरों को भी लगातार नहीं हिलाएं. यह सारी चीजें आपके नर्वस होने का संकेत देती हैं.
(9)
हाथ मिलाने के दौरान पूरी गर्मजोशी के साथ मिले यह आपके आत्मविश्वास का सबसे बड़ा परिचायक है .
(10)
सबसे जरूरी बात जिससे भी मिलें मुस्कुराकर मिलें , एक मुस्कुराहट आस-पास के माहौल को भी खुशनुमा बना देती है.
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जम्मू-कश्मीर पुलिस औऱ सेना ने एक साझा अभियान में दो खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया. पुलिस को खबर मिली थी कि डोडा के प्रेम नगर में दो आतंकवादी एक महिला के घर छिपे हुए हैं. जैसे ही पुलिस और सेना के जवान इस घर की तरफ बढ़े आतंकवादियों ने उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी.
पुलिस और सेना के जवानों ने भी आतंकवादियों पर जवाबी फायरिग की. जिसमें दो आतंकवादी मारे गए. इनमें से एक सरताज की पहचान हिजबुल मुजाहीद्दीन के कमांडर के तौर पर हुई है.
दूसरे आतंकवादी का नाम इशाक खान बताया जाता है. इस गोलीबारी में आतंकवादियों की सहयोगी शकीला नाम की महिला बुरी तरह घायल हो गई. पुलिस को आतंकवादियों के पास से एक एके-56 राइफल, चाइनीज पिस्टल औऱ भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद मिले हैं.
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बंगबंधु राष्ट्रिय स्टेडियम ( ), जिसे ढाका स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है ,(और पहले डेका स्टेडियम के रूप में जाना जाता था), , ढाका, बांग्लादेश में राष्ट्रीय स्टेडियम और एक बहुउद्देशीय खेल क्षेत्र है। यह शहर के मध्य में मोतीझील क्षेत्र में स्थित है। 2011 के क्रिकेट विश्व कप के उद्घाटन समारोह के लिए स्टेडियम को कई बार पुनर्निर्मित किया गया है। सबसे हाल के नवीकरण से पहले इसकी क्षमता 55,000 के करीब थी, लेकिन 36,000 की नई क्षमता के साथ यह अभी भी बांग्लादेश का सबसे बड़ा स्टेडियम है।
इसका वर्तमान नाम राष्ट्र के पिता शेख मुजीबुर रहमान के सम्मान में रखा गया है। उन्हें "बंगबंधु" या "बंगाल का मित्र" के रूप में जाना जाता है।
इतिहास
बंगबंधु राष्ट्रीय स्टेडियम दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थल है, जिसने दो टेस्ट देशों: पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए उद्घाटन घर की मेजबानी की है। दोनों अवसरों पर भारत के आगंतुक थे: १ ९ ५४-५५ में, जब डेका पूर्वी पाकिस्तान की राजधानी थी, और १ ९ ,६- and में, जब इंग्लैंड के दौरे वाले एमसीसी के खिलाफ बांग्लादेश के बीच पहला अनौपचारिक टेस्ट मैच आयोजित किया गया था। और अगले वर्ष श्रीलंकाई राष्ट्रीय टीम ने BCCB XI और बांग्लादेश नेशनल टीम के खिलाफ कुछ एक दिवसीय, दो दिवसीय और तीन दिवसीय अनौपचारिक मैच खेलghjhbjhhb बीबी लनेके लिए बांग्लादेश का दौरा किया। उसके बाद भारत और एमसीसी जैसी टीमों ने क्रमशः BCCB XI और बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम के खिलाफ खेलने के लिए कई बार बांग्लादेश का दौरा किया। बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम 1979 में इंग्लैंड में पहली बार आईसीसी टूर्नामेंट में खेलने गई थी। उन्होंने 1982, 1986 और 1990 में एक ही टूर्नामेंट में भाग लिया और आखिरकार 1997 के दौरान ICC टूर्नामेंट में चैंपियन बने। उसके बाद टेस्ट दर्जा पाने वाला बांग्लादेश दसवां देश बन गया। शहर के बाहरी इलाके में एक उद्देश्य से निर्मित क्रिकेट स्टेडियम के साथ, मैदान को 2004-05 के सत्र के अंत में कमीशन से बाहर कर दिया गया, और बांग्लादेश की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के एकमात्र उपयोग के लिए सौंप दिया गया।
वर्तमान उपयोग
वर्तमान में, स्टेडियम का उपयोग फुटबॉल और एथलेटिक्स के लिए किया जाता है। बैठने की कुल क्षमता लगभग 36,000 है। यह 1 मार्च 2005 तक बांग्लादेशी क्रिकेट टीम का घर भी था।
स्टेडियम नेशनल हॉकी स्टेडियम के बगल में स्थित है। स्टेडियम का उपयोग फुटबॉल और एथलेटिक्स सहित 2010 के दक्षिण एशियाई खेलों की प्रतियोगिताओं के लिए किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच
2018 SAFF सुजुकी कप
क्रिकेट के आँकड़े और रिकॉर्ड
इस स्टेडियम ने 1 मार्च 2005 को अपने अंतिम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच की मेजबानी की थी। 2005 के बाद, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में स्थानांतरित कर दी गई, जो मीरपुर में स्थित है।
आयोजन स्थल ने सन् २००५ तक निम्न खेलों की मेजबानी की:
टेस्ट मैच - 17
वन डे इंटरनेशनल - 58
T20I - 0
नवीकरण: 2011 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप, उद्घाटन समारोह
बंगबंधु नेशनल स्टेडियम ने 17 फरवरी 2011 को बांग्लादेश, श्रीलंका और भारत द्वारा सह- क्रिकेट क्रिकेट विश्व कप 2011 के उद्घाटन समारोह की मेजबानी की। उद्घाटन समारोह की मेजबानी के लिए स्टेडियम को विशेष रूप से आधुनिक बनाया गया था और इसे विश्व स्तरीय स्टेडियम में बदल दिया गया था। स्टेडियम की क्षमता 36,000 तक बढ़ा दी गई थी, एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी, प्रेस बॉक्स के ऊपर एक आधुनिक छत भी लगाई गई थी। भव्य पर्व उद्घाटन समारोह की मेजबानी के लिए प्रवेश द्वार और वीआईपी बॉक्स को भी अपग्रेड किया गया है। रिफ्रेशमेंट स्टैंड और वीआईपी बॉक्स के साथ प्रेस बॉक्स को नया रूप दिया गया है। स्टेडियम में अब अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त अत्याधुनिक सुविधाएं हैं।
यह सभी देखें
बांग्लादेश में स्टेडियम
टेस्ट क्रिकेट मैदानों की सूची
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
BanglaFootball.net पर BNS
विवरण
विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक
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हैदराबाद का एक कुख्यात गैंगस्टर मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पकड़ा गया. इस गैंगस्टर पर 72 से ज्यादा आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप है. कुख्यात गैंगस्टर अयूब खान को पुलिस काफी समय से तलाश कर रही थी.
हैदराबाद के पुलिस उपायुक्त (दक्षिण जोन) वी. सत्यनारायण ने बताया कि
गैंगस्टर
मोहम्मद अयूब खान उर्फ अयूब पहलवान को आव्रजन अधिकारियों ने 25 दिसंबर को मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया. वो देश से बाहर जाने की फिराक में था.
पुलिस उपायुक्त के मुताबिक हैदराबाद के शालीबंदा पुलिस थाना के अंतर्गत जमीन हथियाने के एक मामले को लेकर उसके खिलाफ लुक आउट सकरुलर (एलओसी) निकाला गया था. उनके मुताबिक गैंगस्टर खान ने लूट का पहला
अपराध
1989 में किया था और वह 1990 में हत्या के एक मामले में कथित तौर पर शामिल था.
डीसीपी ने बताया कि वर्ष 1990 के दौरान वह अपने साथियों के साथ शहर में सांप्रदायिक दंगों में शामिल रहा था और 30 अप्रैल, 1991 को उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए राउडी (हिस्ट्री) शीट खोली गई थी.
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Subsets and Splits
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